नमस्कार दोस्तों मेरा नाम निशा गुप्ता है। मैं 25 साल की हूँ और दिल्ली में रहती हूँ। मैं देखने में बहुत खूबसूरत हूँ। मेरा रंग गोरा है और फिगर 32-30-36 है। मेरे पति अमन गुप्ता एक मल्टी नेशनल कम्पनी में साप्टवेयर इंजीनियर हैं। इसलिए अक्सर वो इण्डिया से बाहर आते जाते रहते हैं। मैं भी एक डॉमेस्टिक साफ्टवेयर कम्पनी में काम करती हूँ। जहाँ मेरा काम साफ्टवेयर टेस्टिंग और बैक-एण्ड सपोर्ट का है। हमारी शादी को 3 साल हो गए हैं। पर अभी तक हमने कोई बच्चा प्लान नहीं किया है और ना ही फिलहाल ऐसा कोई इरादा है। बैसे तो मुझे सेक्स करना पसंद है पर मेरे पति अक्सर इण्डिया से बाहर ही रहते हैं। जिस कारण हम कम ही सेक्स कर पाते हैं।
करीब एक महिने पहले की बात है। मेरे पति अमन कम्पनी के काम से 3 महिने के लिए लंदन गए हुए थे। मेरी कम्पनी डॉमेस्टिक साफ्टवेयर का काम करती है। जहाँ मैं टीम लीडर की पोस्ट पर हूँ। एक दिन मध्यप्रदेश के एक गवर्मेंट डिपार्टमेंट से हमारे साफ्टवेयर की कम्प्लेंट आई। उस समय हमारी कम्पनी के ज्यादातर फील्ड ऑफिसर आउट ऑफ सिटी थे। इसलिए मेरे मैंनेजर ने उस कम्प्लेंट को हैंडिल करने का काम मुझे सौंप दिया था। गवर्मेंट का काम था और उस साफ्टवेयर से हमारी कम्पनी को बहुत ज्यादा प्रॉफिट भी होने बाला था। इसलिए मैं मध्यप्रदेश की कैपिटल भोपाल जाने के लिए तैयार हो गई।
बैसे भी मेरे पति पिछले 1 महिने से लंदन में थे और उनके वापिस आने में अभी 2 महिनों का समय और लगने बाला था। जिस कारण बैसे भी मैं घर पर बोर होती रहती थी। कम्पनी ने मेरा 1 हफ्ते का टूर फिक्स कर दिया था। इसलिए मैं उसी दिन रात की ट्रेन से भोपाल निकल गई। अलगे दिन सुबह करीब 6 बजे मैं भोपाल पहूँच गई। भोपाल में कम्पनी ने मेरे लिए पहले से ही होटल में एक रूम बुक कर दिया था। इसलिए स्टेशन से मैं सीधा होटल पहूँची और फ्रेस होकर अपने काम पर निकल गई।
जब में कम्प्लेंट बाली जगह पर पहूँची तो पता चला कि वो लोग काफी ओल्ड मॉडल के कम्प्यूटर सिस्टम पर साफ्टवेयर चला रहे थे। जिसे देखकर मुझे सारी बात समझ में आ गई। मैंने तुरंत वहाँ एक इमरजेंसी मीटिंग अरेंज्ड करने की रिक्वेस्ट की। जिसके बाद मैंने मीटिंग में सभी लोगों को प्राब्लम समझाई और उसे दूर करने का तरीका भी बताया। वहाँ के सीनियर आफिसर को मेरी बात समझ में आ गई थी। इसलिए उन्होंने उसी दिन मेरी देखरेख में सारे सिस्टम अपग्रेड करवा दिए। जिसके बाद जब उस साफ्वेयर को चलाया गया तो कोई प्राब्लम नहीं हुई।
ये सब काम खत्म होते होते शाम के 4 बज गए थे। ऑफिस का काम 6 बजे तक चलना था। इसलिए मैं 2 घंटे और वहाँ पर रुकी ताकि अगर कोई और प्राब्लम आती है तो उसे दूर कर सकूँ पर कोई प्राब्लम नहीं आई। जिसके बाद मैं सीधा अपने होटल बापिस आ गई। मेरा काम पूरा हो गया था। इसलिए मेरा भोपाल रुकने का कोई मतलब नहीं रह गया था। जिस कारण मैंने उसी दिन रात की ट्रेन से बापिस दिल्ली जाने का फैसला कर लिया। मैंने ऑनलाईन चैक किया तो पता चला कि भोपाल से दिल्ली के लिए रात 9 बजे की एक ट्रेन है। इसलिए मैंने तुरंत ऑनलाईन टिकिट बुक कर लिया और अपना सामान पैक कर के अपना खाना रूम में ही मंगा लिया था।
चूंकि रेलवे स्टेशन मेरे होटल के पास में ही था, इसलिए मैं रात करीब 8:30 बजे होटल से चेक आउट कर के स्टेशन के लिए निकल गई। सर्दी का समय था और चारों तरफ हल्का कोहरा भी छाया हुआ था। इसलिए मैं रेलवे स्टेशन के वेटिंग ऐरिया में काफी देर तक अपनी ट्रेन आने का इंतजार करती रही। लेकिन जब रात 9:30 बजे तक ट्रेन नहीं आई तो मैंने इंक्वारी काऊँटर पर जाकर पूछताछ की। तब मुझे पता चला कि कोहरा ज्यादा होने के कारण ट्रेन कैंसिल हो गई है। इसलिए टिकिट के पैसे मेरे अकॉऊंट में रिटर्न हो जाऐंगे। अब उस स्टेशन से सुबह 9 बजे के बाद ही दिल्ली के लिए कोई ट्रेन मिलेगी। यह सब जानकर मेरा पूरा मूड ही खराब हो गया था। अब इतनी रात को मैं कहाँ जाऊँ होटल से भी मैंने चैक आऊट कर दिया था। इसलिए मैं स्टेशन से बाहर आकर खडी हो गई।
तभी मैंने देखा कि स्टेशन के बाहर थोडी दूर सुनसान जगह पर 3-4 लडकियाँ भडकीले कपडे पहने खडीं हैं। मैं उनकी तरफ ध्यान से देखने लगी। कुछ देर बाद एक आदमी उनके पास आया और उनसे बातें करने लगा। फिर अचानक से उस आदमी ने एक लड़की के सीने पार हाथ रख दिया और उसके बूब्स को सहलाने लगा। यह सब देखकर तो मैं हैरान ही रह गई। पहले तो मुझे लगा कि वो आदमी अब पक्का पिटने बाला है। पर उस आदमी ने जिस लड़की के सीने पर हाथ रखा था वो अब भी मुस्कुरा रही थी।
यह सब देखकर मैं कुछ रियेक्ट कर पाती उससे पहले ही उस आदमी ने अपने पर्स में से कुछ पैसे निकाले और उस लड़की को दे दिए। फिर वो आदमी उस लड़की के साथ स्टेशन के यार्ड की तरफ चला गया। जहाँ ट्रेन और मालगाडी के पुराने डिब्बे रखे हुए थे। ये सब देखकर मैं समझ गई कि वो लडकियाँ कालगर्ल हैं। थोडी ही देर बाद एक एक कर के सारी लडकियाँ वहाँ से चलीं गई थीं। मेरे पास अब कोई काम तो था नहीं और ना ही रुकने की कोई जगह थी। इसलिए मैंने सोचा क्यों ना होटल बापिस जाकर देखा जाऐ। हो सकता है मुझे अपने रूम की चावी बापिस मिल जाऐ। बैसे भी होटल का रूम मेरे नाम से पूरे 7 दिन के लिए बुक था।
आज मेरी किस्मत काफी अच्छी थी, क्योंकि होटल स्टॉफ ड्यूटी अब तक चेंज नहीं हुई थी। इसलिए रिसेप्शनिस्ट ने मुझे पहचानकर रूम की चाबियाँ मुझे बापिस कर दीं थी। मैं अपने रूम में जाकर कपडे चेंज करके लेट गई और सोने की कोशिश करने लगी पर मुझे नींद ही नहीं आ रही थी। मेरी आँखों के सामने बार बार स्टेशन के बाहर खडीं उन कॉलगर्लस का चेहरा आ रहा था। पिछले 2 महिने से मेरे पति लंदन में थे। जिस कारण मैंने 2 महिने से बिल्कुल भी सेक्स नहीं किया था। ऊपर से मेरे पति की सेक्स परफॉरमेंश भी कुछ खास नहीं थी। कई बार तो मैं सैटिसफाई भी नहीं हो पाती थी। पर मैंने आज तक उनसे कोई शिकायत नहीं की थी।
मैं पिछले 2 महिने से सेक्स के लिए उताबली थी। पर मेरे पति को बापिस आने में अभी समय लगने बाला था। अक्सर मेरे साथ ऐसा ही होता था। जिस कारण मैं काम में अपने आप को बिजी कर लेती थी। पर यहाँ भोपाल में आकर मेरे पास अब कोई काम ही नहीं था। ऊपर से रेलवे स्टेशन की घटना ने मुझे और भी ज्यादा उत्तेजित कर दिया था। जिस कारण मेरे मन में कई सारी बातें एक साथ चल रहीं थीं
“साले अमन कमीने तू इतने दिनों के लिए क्यों जाता है... पक्का तेरा किसी और के साथ चक्कर है या फिर तू विदेश में जाकर गोरी लडकियों को चोदता होगा है। तभी तो तूझे कोई फर्क नहीं पडता। पर मैं क्या करूँ। अपनी आग कैसे बुझाऊँ मैं... “
“क्या करूँ… क्या मैं भी उन लडकियों की तरह स्टेशन के बाहर जाकर खडी हो जाऊं। कोई ना कोई मिल ही जाऐगा जो मेरी आग बुझा सके“
“नहीं नहीं ये ठीक नहीं है.... ये तो अमन के साथ धोखा होगा और फिर मैं ऐसी बैसी लड़की नहीं हूँ जो अपना जिस्म बेचती फिरूँ.... “
“पर मैं जिस्म कहाँ बेच रही हूँ। मैं तो ये सब बस मजे के लिए कर रही है। रही बात अमन की तो जब उसे मेरी कोई फिक्र नहीं है तो फिर मैं क्यों उसके बारे में इतना सोच रही हूँ। मैंने कितनी बार कहा है उससे की ये फॉरेन ट्रिप बंद कर दो। पर वो मानता ही नहीं है।“
“पर वो ये सब हमारे भविष्य के लिए ही तो कर रहा है।“
“अरे भाड में जाऐ ऐसा भविष्य... किस चीज की कमी है हमारे पास। सब कुछ तो है। फिर भी उसकी पैसों की भूख कभी खत्म ही नहीं होती है। उसके इस भविष्य के चक्कर में अपना वर्तमान क्यों खराब करना, और फिर जब मेरी सारी जबानी निकल जाऐगी तो फिर उसके यहाँ रुकने से क्या फायदा होगा। कुछ सालों बाद तो बैसे भी मुझे बच्चा पैदा करना ही पडेगा। एक बार बच्चा हो गया तो समझो सेक्स लाईफ खत्म। तो फिर ये सती सवित्री होने का नाटक बंद कर और मजे कर। बैसे भी कौन सा रोज रोज ये सब करना है। आज मौका मिला है तो मजे कर ले।“
“लेकिन अगर किसी को पता चल गया तो...“
“तो क्या होगा। अरे तू दिल्ली की है, यहाँ भोपाल ऑफिस के काम से आई है... अगर यहाँ किसी अंजान आदमी के साथ थोडा बहुत मजा कर भी लिया तो कौन सा वो दिल्ली जाकर तेरे पति से बोलने बाला है। किसी को कुछ पता नहीं चलेगा। मजे भी ले लेगी और एक रात के लिए कालगर्ल बनने की फैंटसी भी पूरी हो जाऐगी“
इतना सोचते ही मैं उठकर खडी हो गई और अपना बैग खोलकर उसमें कपडे चैक करने लगी। कॉलगर्ल की तरह दिखने के लिए मेरे पास ज्यादा ऑप्शन नहीं थे, क्योंकि मैं ऑफिस टूर पर थी। जिस कारण मेरे पास इस वक्त केवल प्रोफेशनल कपडे ही थीे। इसलिए मैंने नीले रंग का स्किन टाईट बूटी जींस निकला, जो काफी पतले कपडे का था और स्ट्रेचेबल भी था। इसकी सबसे बडी खासियत ये थी कि इसे पहनने पर इसका पिछला हिस्सा मेरी दोनों गांड के थोडा अंदर की तरफ चला जाता था। जिस कारण मेरी दोनों गाँड अलग अलग उभरी हुईं दिखाई देतीं थी। इसके बाद मैंने एक शार्ट जैकेट और पुश-अप ब्रा सेट निकाला। ब्रा के ऊपर टॉप पहने का इस वक्त मेरा कोई ईरादा नहीं था।
थोडी देर बाद मैं तैयार होकर आईने में अपने आप को निहार रही थी। मैं इस वक्त बहुत ज्यादा सैक्सी बिल्कुल किसी मॉडल की तरह दिखाई दे रही थी। खुले बाल होँठो पर डार्क रेड लिपिस्टिक। ब्लैक कलर की शार्ट जैकेट जो मेरे कमर से ऊपर तक थी। जिस कारण मेरी पतली कमर साफ साफ दिखाई दे रही थी। जैकेट के अंदर पुश-अप ब्रा। जिससे मेरे बूब्स सीधे तने हुए दिखाई दे रहे थे और ऊपर से मेरी क्लीवेज भी साफ साफ दिखाई दे रही थी, नीचे टाईट फिटिंग जींस। मैंने चारों तरफ से अपने आप को देखा और फिर अपना मंगलसूत्र और बाकी सुहाग कि निशानी निकली और संभाल कर रख दीं।
अब मैं 22-23 साल की कुँवारी लड़की की तरह दिखाई दे रही थी, ना कि किसी शादीसुदा औरत की तरह। तैयार होने के बाद मैं अपने छोटे से कैरी बैग में कुछ पैसे और मोबाईल रख कर रूम लॉक करके बाहर आ गई। थोडी देर बाद में स्टेशन के बाहर खडी कॉलगर्ल के पास जाकर खडी हो गई। मैं नई थी और वहां पहली बार आई थी। इसलिए वहाँ खडी लडकियों ने मुझे अपना कॉम्पटीशन समझकर मुझसे बिल्कुल भी बात करने की कोशिश नहीं की थी। खैर मुझे भी इससे कोई फर्क नहीं पडा। मैंने अभी जैकेट बंद की हुई थी। क्योंकि मैं किसी ग्राहक को वहाँ खडी कॉलगर्ल से बात करते हुए सुनना चाहती थी। असल में मुझे नहीं पता था कि ग्राहक से कैसे बात करनी है और पैसे कितने माँगने हैं। थोडी ही देर इंतजार करने बाद वहाँ एक आदमी आया और लडकियों के पास खड़ा हो गया। उनमें से एक लड़की बोली
लड़की- चलता है क्या
लड़का- क्या लोगी
लड़की- एक राऊँड के 2
लड़का- ज्यादा हैं
लड़की- मंगता है तो बोल बर्ना फूट ले... दो से कम में कोई नहीं देगी यहाँ
लड़का- पूरी रात का क्या लोगी
लड़की- 20 हजार
लड़का- साली राँड तेरा तो भाव बडता ही जा रहा है। खुद को ऐश्वर्या समझ रही है क्या.. साला एक रात का 20 हजार। मैं अकेला कितनी बार कर लूँगा तेरी
लड़की- मेरे को क्या पता कि तू अकेला है या 10 लोंडे हैं। मैं तो तेरे साथ जायेगी तब पता चलेगा ना। पूरी रात का तो यही लगेगा। चाहे तू अकेला सारी रात कर या 10 लोंडे के साथ मिलकर कर। बस मैं सुबह 5 बजे से पहले निकल आऊँगी।
लड़का- 10 दूँगा बोल चलती है क्या
लड़की- 15 आखरी है... देता है तो बोल बर्ना टाईम खोटी मत कर
उस लडकी की बात सुनकर लडका थोडा सोचते हुए बोला
लड़का- चल ठीक है 15 दूँगा, पर पीछे भी लूँगा
उस लडके की बात सुनकर वो कॉलगर्ल थोडो झल्लाते हुए बोली
लड़की- चल हट साले.... 15 चोदने का है। पीछे करने के और मूँह में लेने के 5-5 हजार अलग से लगेंगे
लडकी की बात सुनकर अब वो लडका भी थोडा चिढ गया था। इसलिए वो भी थोडा गुस्से में बोला
लड़का- ये तो गलत बात है.... जब 15 में बात तय हो गई है, तो अब फिर से पैसे बड़ा रही हो...
लड़की- चोदने की बात हुई है गाँड मारने की नहीं
लड़का- 15 में सब कुछ बोलती है तो चल, बर्ना यहाँ और भी हैं
लडके की बात सुनकर उस लड़की ने उस लडके का एक हाथ पकडकर अपने बूब्स पर रख दिया और उसे सि़ड्यूज करते हुए बोली
लड़की- अरे सेठ पैसा क्या देखता है... माल देख ना माल, एक दम कडक माल है
वो लड़का उस कॉलगर्ल के बूब्स को सहलाते हुए बोला
लड़का- माल तो बाकई कडक है, पर पैसे ज्यादा हैं... कुछ कम करो तो बात बने
लड़की- चल ठीक है एक काम कर ना तेरे ना मेरे 20 फाईनल करते हैं। मैं तेरा अपनी चूत गाँड और मूँह तीनों में लूँगी। अगर चाहो तो 1-2 दोस्तों को भी बुला लेना
उस कॉलगर्ल की बात सुनकर लडका थोडा सोचते हुए बोला
लड़का- ठीक है बैठ जा गाडी पर
लड़की- पहले रोकडा फिर चलूँगी
उस लड़की की बात सुनकर लडके ने अपनी जेब से 100-100 रूपये की दो गडियाँ निकालकर उस लड़की को दे दीं। लड़की ने वो पैसे तुरंत अपने पर्स में रख लिए और उस लडके की बाईक पर जाकर बैठ गई। जिसके बाद वो दोनों वहाँ से निकल गए। मैं उन लोगों की बातें बडे ध्यान से सुन रही थी। एक ही बार में मैं समझ गई कि क्या बात करनी है और कितने पैसे माँगने हैं। इसके बाद मैं उन लडकियों से थोडा दूर जाकर खडी हो गई और अपनी जैकेट आगे से खोल दी। अब में पूरी तरह से तैयार थी। मुझे ज्यादा इंतजार नहीं करना पडा। थोडी ही देर में एक आदमी मेरे पास आया और बोला
आदमी- कितना लोगी
निशा- 5 हजार एक शॉट का
आदमी- बहुत ज्यादा हैं... कुछ कम करो
निशा- आगे जो लडकियाँ खडीं हैं ना, उनको ले जा... 2 हजार में चली जाऐंगी। तेरा काम भी हो जाऐगा और पैसे भी बच जाऐंगे। मेरी लेनी है तो पूरे 5 हजार देने होंगे।
मेरी बात सुनकर वो आदमी बाकई में आगे चला गया। जिसे देखकर मैं तो हैरान ही रह गई। मैं तो बस यूँ ही बारगेनिंग कर रही थी। कौन सा मुझे सच में पैसे चाहिए थे। ये तो सब मैं मजे लेने के लिए कर रही थी। सोचा था थोडी सी बारगेनिंग करूँगी तो सच में कॉलगर्ल लगूँगी। इतनी देर खडे रहने के बाद एक ग्राहक मिला था और वो भी मेरी बेबकूफी से चला गया। वो आदमी उन लडकियों के पास जाकर कुछ देर खड़ा रहा और फिर बापिस मेरे पास आने लगा। उसे बापिस आता देख मेरे चेहरे पर मुस्कान आ गई। मेरे पास आकर वो आदमी बोला
आदमी- चल ठीक है 5 दूँगा तेरे को
निशा- क्या हुआ सेठ वहाँ भी पैसे कम नहीं हुए क्या
मेरी बात सुनकर वो आदमी अपनी मोटर साईकिल से उतर कर मेरे एकदम पास आ गया और मेरे एक बूब्स को बेरहमी से दवाते हुए बोला
आदमी- पैसे तो कम ही थे पर माल तेरे जैसा नहीं था जानेमन
उस आदमी के छूते ही मेरे पूरे बदन में एक सनसनी दौड गई। जिंदगी में पहली बार मेरे पति के अलावा किसी दूसरे इंसान ने मेरे सीने पर हाथ लगाया था। एक पल को तो मेरे मन में ख्याल आया कि मैं मना कर दूँ। क्योंकि मैं एक शरीफ औरत हूँ और कभी भी गैर मर्द के बारे में कभी सोचा भी नहीं था, पर आज पता नहीं कैसे मैंने इतना बड़ा फैसला कर लिया। ऊपर से मैं ये सब पहली बार कर रही थी।
पर अगले ही पल मेरे ऊपर वासना फिर हावी हो गई। उस आदमी के बेरहमी से मेरे बूब्स को मसलने से मुझे दर्द तो हुआ, पर मजा भी आया था। अमन ने कभी भी मेरे साथ बाईल्ड सेक्स नहीं किया था। पर मेरी फ्रेंड अपने बाईल्ड सेक्स का एक्सपीरियंस मेरे साथ अक्सर शेयर करती थी। अलग अलग लोगों के सेक्स एक्सीरियंस सुन कर मुझे बड़ा मजा आता था। इसलिए जब अमन बाहर जाता तो मैं घर पर खाली समय में नेट पर सेक्स स्टोरी भी पढती थी, और फिर उन्हें अक्सर मन ही मन अपने साथ फैंटसाईज भी करती थी। जिस कारण मैंने अपनी कुछ बाईल्ड फैंटसी की एक लिस्ट बना रखी थी। जिसके बारे में मैंने आज तक किसी को भी नहीं बाताया था। मेरी उस लिस्ट में से कॉलगर्ल बनने की एक इच्छा आज पूरी होने बाली थी। स्टेशन के बाहर सबके सामने ही उस आदमी के मेरे बूब्स को एक बार फिर से बेरहमी से मसला तो मैं अपने ख्यालों से बाहर आकर हल्के से चीखते हुए बोली
निशा- आआआहहहह…. सेठ थोडा धीरे से दर्द होता है... चलो कहाँ चलना है
आदमी- तू बता कहाँ चलना है... लगता है नई नई है धंधे पर.. अरे तेरा कोई अड्डा तो होगा ही आस पास
निशा- वाहर की हूँ सेठ... आज पहली बार यहाँ आई हूँ
वो आदमी कुछ सोचते हुए बोला
आदमी- चल ठीक है रेलवे यार्ड में चलते हैं। वहाँ वहूत सारे पुरानी ट्रेन के डिब्बे रखे हुए हैं। यहाँ कि ज्यादातर धंधे बाली वहीं जाती हैं।
इतना बोलकर उस आदमी ने अपनी जेब से 5 हजार रूपये निकाल कर मुझे दे दिये। मैंने वो पैसे अपने कैरी बैग में रखे और फिर उस आदमी के साथ रेलवे यार्ड की तरफ चली गई।