7 years ago#21
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उसने पैन्ट निकाल कर उसको भी एक कोने मे फेंक दिया। मैंने अन्डर वीयर पहन रखा था। रीमा का मुँह बिल्कुल मेरे लंड के सामने था। मेरा लंड पूरी तरह से खडा था जो कि मेरे अन्डर वीयर के उभार से पता चल रहा था। उसने मेरी तरफ़ देखा और अपनी जीभ बाहर निकाल कर अपने होठों पर फिराने लगी। जैसे कोई बहुत ही स्वादिष्ठ चीज देख ली हो। और फिर एक दम से आगे बढ कर मेरे लंड को उन्डर वीयर के उपर से किस करने लगी उन्डर वीयर की इलास्टिक से लेकर नीचे जाँघो के जोड तक। फिर रीमा ने मेरे उन्डर वीयर की को कमर से पकड कर एक ही झटके मैं खीच कर उतार दिया।

मेरा लंड उत्तेजना के कारण मस्त होकर बुरी तरह से खडा हो गया थ। जैसे ही रीमा ने मेरा उन्डर वीयर उतारा मेरा लंड उसके मुँह के सामने एक लम्बे साँप की तरह फुँकार मारते हुये नाचने लगा। मेरा लंड देख कर रीमा बोली हाय रे इतना बडा लंड है मेरे बेटे का। फिर उसने मेरे लंड को अपने हाथ मे पकड लिया। जैसे ही उसने मेरे लंड को अपने कोमल हाथो मे पकडा मुझे ऐसा लगा ४४० वोल्ट का करंट लगा हो। मेरे लंड का हाल तब था जबकी उसने अभी तक एक भी कपडा अपने बदन से नही उतारा था। मैं सोचने लगा कि जब मैं उसको नंगा देखुँगा तो मेरा क्या हाल होगा।

रीमा मेरे लंड को अपनी एक हथेली मे रख कर दूसरे हाथ से उसको सहला रही थी जैसे किसी बच्चे को प्यार से पुचकारते हैं। थोडी देर तक इसी तरह मेरे लंड को पुचकारने के बाद रीमा उठ कर खडी हो गयी और बोली लो निकाल दिया मैंने तुम्हारे लंड को बाहर। अब हम चल कर बैठते हैं और थोडी प्यार भरी बातें करते हैं। फिर मैं सोफे पर बेठ गया और रीमा से बोला आओ माँ मेरी गोदी मैं बैठ जाओ। हम लोग जब चाट किया करते थे तब भी सबसे पहले मैं रीमा को अपनी गोदी मे बिठा लेता था। रीमा थोडी सी मुस्कुरायी और आ कर मेरी गोदी मे बैठ गयी।

रीमा इस तरह से मेरी गोदी मे बेठी थी की मेरा लंड उसकी गाँड की दरार मे फंसा था। जैसा की मुझको मेरे लंड पर महसूस हो रहा था। उसने अपनी पीठ मेरे कंधे से लगा ली थी और अपनी गोरी दाँयी बाँह मेरे गले के पीछे से निकाल कर दुसरे हाथ से पकड ली। ओर मैंने पीछे से अपने हाथ उसके कमर मे डाल कर उसके नंगे पेट को पकड लिया। उसके इस तरह से बैठने के कारण उसकी भारी भरकम चूचियाँ मेरे मुँह के सामने आ गयी। साथ ही साथ उसके मस्ताने चुतडो का दवाब मेरे लंड पर पड रहा था। मैं अपने आप को बडा ही खुशकिस्मत समझ रहा था इतनी मस्तानी औरत मेरी गोद मे बैठी थी।

मेरी नजर उसकी बडी बडी गोलाईयो की तरफ़ थी। चुचियो के बीच की दरार ऐसी थी जैसे कि निमंत्रण दे रही हो कि आओ और घुसा दो अपना मुँह इस खायी के अन्दर। फिर रीमा ने पूछा अब बताओ बेटा कैसी लगी तुमको अपनी ये बेशर्म माँ। मैंने कहा बहुत ही मस्तानी सेक्सी महा चुदक्कड चुदासी और रस से भरपूर। इस पर रीमा मुस्कुरा दी और बोली ऐसे शब्द कोई भी औरत किसी मर्द से अपने बारे मे सुने तो बस निहाल हो जाये। और तुमने तो ये सब मेरे लिये कहा अपनी माँ के लिये, सुनकर मेरा दिल गदगद हो गया। इसका मतलब है की मैं तुमको रिझाने मे सफ़ल रही।


तुमने मुझको बताया था की तुम्हारी उम्र ४८ साल है पर देखने से तुम उससे दस साल छोटी दिखती हो। ये तो तुम्हारी मुझे देखने की नजर है बेटा नही तो उम्र तो मेरी ४८ ही है। लेकिन तुम्हारे मुँह से अपनी तारीफ सुन कर मुझे बडा अच्छा लगा। फिर मैं बोला माँ तुमसे एक बात पूछना चाहता हूँ। रीमा बोली पूछो। मैं जब से आया हूँ मैंने गौर किया हे की तुम्हारा ब्लाउस काफी तंग है। जिसकी वजह से तुम्हारी चुचियाँ ब्लाउस को फाड कर बाहर आने को तैयार है। लगता है कि एक हफ़्ते बोम्बे मे रह कर चुचियाँ मसलवाने से बडी हो गयी है जिसकी वजह से तुम्हारा ब्लाउस छोटा हो गया है।मेरी बात सुनकर रीमा खिलखिला कर हँस पडी और बोली नही बेटा ब्लाउस तो मेरा एक दम नया है। बोम्बे आने से पहले सिलवाया है। मैंने जानबूझ कर एक इन्च छोटा बनवाया था जिससे मैं इस तुमको रिझाने के लिये इस्तमाल कर सकूँ। जिससे मेरी चुचियाँ और भी बडी बडी लगे। मुझे पता है की तुमको ब्लाउस मे से छाँकती चुचियाँ कितनी पंसन्द है। इसीलिये गले का कट भी नोर्मल गहरे कट से थोडा ज्यादा रखा है। इस ब्लाउस को पहन कर मैं बाहर तो जा ही नही सकती नही तो लोग मेरा सडक पर ही बालात्कार कर देगें। ये तो स्पेशल ब्लाउस है जोकि मैने अपने बेटे के मस्ती बढाने के लिये बनवाया है।

ओह माँ तुम अपने बेटे का कितना ख्याल रखती हो। रीमा ने कहा अगर माँ अपने बेटे का ख्याल नही रखेगी तो कौन रखेगा। फिर मैंने कहा कि तुम ठीक कह रही हो माँ। मैंने तुम्हारे काँख के बाल भी देखे ऐसा लग रहा है कि जैसा तुम १ महिने पहले छोटे कराने को कह रही थी पर तुमने छोटे किये नही। रीमा बोली बेटा मैं छोटे करना तो चाहती थी पर २-३ दिन मेरे बॉस के कुछ कलाइन्ट आ रहे थे तो मुझे उन को खुश करना था। इसलिये काट नही पायी फिर मेरे बॉस ने बोला कि बोम्बे जाने का प्रोगाम बन सकता है । तो मैंने सोचा कि फिर तुमसे भी मिलना हो सकता है तो क्यो ना और बढा लेती हूँ। वैसे भी तुम्को मेरे काँख के बाल बहुत पंसन्द है और इतने बडे बाल देख कर तो तुम बहुत खुश होगे। हाँ माँ मैं बहुत ही खुश हूँ कि तुमने बाल नही काटे।

माँ तुम्हारे होंठ भी बडे सुन्दर हैं तुमने कभी बताया नही कि तुम्हारे होंठ बडे बडे और इतने उभार दार हैं। मुझको इस तरह कि होंठ बहुत पंसन्द हैं। रीमा बोली मैं सोचती थी सब मर्दो को पतले होंठ पंसन्द होते है। अगर मैं तुम को बता दूंगी तो शायद तुम मुझसे बात करना पंसन्द करो या नही। तुम जैसे बेटे कहाँ मिलते हैं। मैं तुमको खोना नही चाहती थी इसलिये नही बताया। मैंने पुछा की यह भी तो हो सकता था कि मैं यहाँ आकर तुम्हारे होठ पंसन्द नही करता और चला जाता। रीमा ने कहा मुझे उसका थोडा सा डर था इसलिये ही मैंने तुमको लुभाने के लिये कसा हुआ ब्लाउस बनवाया था। तुमको बुरा लगा क्या बेटा आई एम सोरी बेटा।

ऐसा कह कर उसने अपनी आँखे नीची कर ली और उसका चेहरा उदास हो गया। मैंने कहा माँ इसमे इतना उदास होने की बात क्या है। तुमको तो खुश होना चाहिये कि मुझे तुम्हारे होंठ पंसन्द आये। उसने मेरी तरफ़ देखा और मुस्कुरा दी और मुझको गले से लगा लिया। और बोली बेटा तुम्हारी माँ अपनी असली जिन्दगी मैं चाहे जितनी भी बडी रंडी हो पर तुमको बहुत प्यार करती है। मेरे अपना तो कोई बेटा है नही लेकिन मैंने तुमको ही अपना बेटा माना है। अपनी माँ से कभी भी नफ़रत मत करना बेटा। नही माँ कभी नही कह कर मैंने भी रीमा को अपनी बाँहो मे जकड लिया। और उसकी पीठ पर हाथ फेरने लगा।

7 years ago#22
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अब तक मैं यही सोच रहा था कि हम दोनो के बीच सिर्फ वासना का रिश्ता पनप रहा है। लेकिन मुझे आज पता चला कि चाहे हम दोनो एक दूसरे के पास वासना कि वजह से आये हों पर रीमा सच मे मुझे एक बेटे कि तरह प्यार करने लगी थी। और असली जिन्दगी मे वह बहुत ही अकेली थी। और अकेली होने कि वजह से ही शायद इस समाज से लडने के लिये वोह अपने बॉस की रंडी बनी हुयी थी। मैंने भी सोच लिया था की इन चार दिन मैं उसको इतना प्यार दूंगा कि वोह इन दिनो को कभी भी नही भूल पायेगी।

फिर रीमा पहले कि तरह बैठ गयी और बोली मैं भी क्या बात ले कर बैठ गयी तुमको मेरे होंठ पंसन्द आये मैं बहुत खुश हूँ। और बतओ मेरे शरीर के बारे मैं और क्या क्या तुमको अच्छा लगता है। मैंने कहा माँ मुझे तुम उपर बाल से लेकर पैरो तक पूरी की पूरी अच्छी लगती हो। रीमा बोली तो फिर बताओ हर अंग के बारे मे तुम्हारे मुँह से मुझको अपनी तारीफ अच्छी लग रही है। तुम्हारी ये गोरी गोरी माँसल बाँहे मुझे अच्छी लगती हैं इतना कह कर मैंने उसकी बाँहो हो कोहनी के उपर से चूम लिया। ऐसा ही मैंने दुसरी बाँह के साथ भी किया।

मुझे तुम्हारी ये बडी बडी आँखे अच्छी लगती है। कितनी गहरी है। और इन आँखो मे मेरे लिये प्यार और वासना झलकती है। माँ के प्यार के साथ छुपी हुयी एक अधेड उम्र की औरत की वासना इनको और भी रहस्यमयी बना देती है। और मेरा मन करता है कि इनको प्यार करू। रीमा ने कहा तो कर लो प्यार कौन मना कर रहा है। यह कह उसने अपनी आँखे बंद कर ली फिर मैंने पहले दाँयी आँख पर किस किया फिर बाँयी आँख पर। और फिर रीमा ने अपनी आँखे खोली और मेरे गाल पर किस कर लिया और बोली की तुम बहुत ही प्यार बेटे हो।

फिर मैंने कहा मुझे तुम्हारा ये नंगा पेट भी अच्छा लगा क्योकी तुमने साडी नाभी के नीचे पहनी है और तुम्हारी बडी गहरी नाभी दिखायी दे रही है जो मेरी मस्ती को और भी बढा रही है। और मेरा लंड तुम्हारी गाँड के बीच मे फंसा तडप रहा जैसे मछली पानी के बाहर तडपती है। इस पर रीमा ने कहा ओह मेरे प्यारे बेटे मैं तुम्हारे लंड को इस तरह से तडपाना तो नही चाहती पर क्या करू अभी उसके मजा लेने का वक्त आया नही है। उसे तो अभी तडपना होगा मेरे लिये क्योकी मेरे को तो अभी अभी ही थोडा थोडा मजा आना शुरू हुआ है। लेकिन अगर तुम कहोगे तो मैं तुम्हारे लंड को तडपाँगी नही। लेकिन अगर तुम मेरे कहे अनुसार चलोगे तो मैं तुमसे वादा करती हूँ कि तुमको बहुत मजा आयेगा।

मैंने कहा की माँ तुमको वादा करने की जरुरत ही नही है मुझको पता है कि तुम मुझको बहुत मजा दोगी और मुझे उस मे कोई शक नही है। मेरी बात सुनकर वोह बहुत खुश हुयी। और बोली मुझे खुशी है की तुम इस बात को समझते हो कि जल्दबाजी से ज्यादा मजा देर तक धीरे धीरे प्यार करने मे आता है। चलो शुरू हो जओ फिर से। मैं धीरे से मुस्कुराया और बोला मुझे तुम्हारा इस तरह बेशर्मी से गंदी गंदी बातें करना भी अच्छा लगता है। इस पर रीमा ने कहा मेरे बेटे ये बाते गंदी कहाँ है ये तो दुनिया कि सबसे अच्छी बातें है। अगर दुनिया मे सब लोग सबकुछ भूल कर सिर्फ सेक्स की बात करे तो ये दुनिया कितनी सुखी हो जाये

पर बेटा तुम चिन्ता मत करो तुम्हारी ये माँ तुम्को बेशर्म बनना सिखा देगी तब तुम भी ऐसी ही गंदी गंदी बाते कर सकते हो। माँ मुझे चुदायी करते वक्त गलियाँ देना और सुनना पंसन्द है। रीमा बोली बेटा ये तो बहुत ही अच्छी बात है क्योकी गलियाँ तो मस्ती मे हम उसी को देते है जिससे सबसे ज्यादा प्यार करते है। जितनी बडी और गंदी गाली उतना ही ज्यादा प्यार झलकता है। समझ गया रंडी की औलाद। उसके मुहँ से गली सुन कर मेरे लंड ने एक झटका सा लगा जोकी उसकी चूतडो की दरार के बीच फंसा हुआ था।

फिर मैंने कहा माँ मुझको तुम्हारे शरीर के सारे कपडे भी अच्छे लगते है। रीमा ने कहा अच्छा बता इनमे भला तुझे क्या अच्छा लगता है। मैंने कहा इनकी मादक खुशबु। इन कपडो से निकलने वाली मस्तानी सुगंध। इस सुगंध मे कपडो की गंध के साथ साथ तुम्हारे बदन और तुम्हारे पसीने की सोंधी गंध भी शामिल है। जोकी इसको और भी मादक बना देती है।

फिर मैंने कहा मुझे तुम्हारे पैरो मे ये उँची ऐडी के सैडंल भी बहुत अच्छे लगते है। जब तुम इनको पहन कर चल रही थी तो तुम्हारे भारी भरकम चूतड क्या मस्त मटक रहे थे और ५ इन्च हील की वजह से चूतड और भी उभर कर शरीर के बाहर की और निकल आये हैं जो कि इन बडे बडे चूतडो और भी मस्त बना देते है। जिसकी वजह से ये और भी बडे लगते है। और ऊँची हील कि वजह से चाल और भी मस्तनी हो जाती है। क्योकी तुम्हारे मम्मे इतने बडे है इस लिये ये हर कदम के साथ उछलते है। और ये दर्शय देख कर किसी मुर्दे का लंड भी खडा होने को मजबूर हो जाये।

तुमसे चाट रूम मे मिलने से पहले मैं उँची ऐडी के सैडंल नही पहना करती थी। जब तुमने मुझे बताया था की तुमको उँची ऐडी के सैडंल पंसन्द है और अगर ऐडी करीब ५ या ६ इन्च हो तो क्या कहने। तब पहले तो कुछ दिन तक मैंने सोचा की इनका सेक्स मैं क्या काम। लेकिन मैं एक बार एक शाप पर गयी और सैडंल देख कर सोचा क्यो न मैं ट्र्यी करके देखूँ और जब मैंने शीशे मे अपने चूतड देखे तो मैंने कहा तुम गलत नही हो। मेरे मस्त चूतड और भी बाहर निकल आये थे और आस पास के कई मर्द मेरे चूतडो को घूर घूर कर देख रहे थे। तब से मैंने कई जोडी सैडंल खरीदे है। और मैं कयी सारे जोडी ले कर आयी हूँ।

फिर मैं बोला माँ सबसे अच्छा अंग तो मुझे तुम्हारे चूतड लगते है। औरत के चूतड मेरा सबसे पंसन्दीदा अंग है। और तुम्हारे चूतडो के तो क्या कहने। इतने बडे बडे है और तुम्हारी कमर पतली होने की वजह से औरे भी बडे लगते है। तुमने पेटीकोट भी इतना नीचे पहना है की तुम्हारे चूतडो की दरार कहाँ से शुरू होती है वो भी दिखायी देती है। और क्या तारीफ करु इन चूतडो की ये इतने सेक्सी है कि मेरे पास कोई शब्द ही नही है। मेरी बात सुन कर रीमा ने कहा की तुम सही बोल रहे हो या मेरे को रीझाने के लिये ऐसा कह रहे हो मुझे नही पता पर तुम तारीफ करना खूब जानते हो। मैने कहा मै कोई झूठी तारीफ नही कर रहा हूँ माँ तुम हो ही इतनी सुन्दर मैने जितना भी तुम्हारे रूप के बारे मे कहा है वह तो तुम्हारी सुन्दरता का सिर्फ़ १० प्रतिशत ही है। रीमा ने कहा चल झूठा कही का। माँ के साथ खेल करता है।

और ऐसा कह कर रीमा ने एक हल्की सी चपत मेरे गाल पर लगा दी। और बोली चल बता और क्या क्या अच्छा लगा तुझे तेरी माँ मे। मैं बोला मैंने सब कुछ तो बता दिया। और तो कुछ नही बचा। बोली कैसे नही मेरी सबसे कीमती चीज तो अभी बची है। मैं बोला पर वह तो तुम्हारे कपडो से ढकी है। तो फिर ऐसे देख क्या रहा है उतार दे मेरे कपडे मैंने तुझे मना थोडी किया है। तूने ही नही उतारे मेरे कपडे मैंने तो सोचा था जैसे ही आयेगा वैसे ही मेरे रूप को देख कर मेरे कपडे फाड देगा। माँ की बात सुन कर मैंने कहा नही माँ पहले मैं तुम्हारे होंठो का रस पियूगां फ़िर तुम्हारे कपडे उतारूगाँ।

7 years ago#23
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रीमा बोली की अरे पहले कपडे उतार के मुझे नंगा कर दे फिर मेरे होठों का रस पी लेना मैं भागी थोडी ही जा रही हूँ। मैने कहा नही माँ चाहे थोडी देर ही सही पर मैं पहले तुम्हारे होंठो कर रस पीयूगाँ। इस पर रीमा ने कहा ठीक है पी ले मेरे होंठ। माँ हूँ क्या करू बेटे की बात माननी ही पडेगी। मैं बोला ओह माँ तुम कितनी अच्छी हो। इस पर रीमा बोली के बस ५ मिनट ही। मैंने कहा ठीक है। फिर मैंने अपने होठं रीमा के होठ से लगा दिये और एक किस ले लिया। फिर मैं अपने हाथ उसकी गर्दन के पीछे ले गया और उसके मुँह को अपनी तरफ खीचा और अपनी जीभ निकाल कर उसके होंठो पर जीभ फिराने लगा। थोडी देर इसी तरह से जीभ फिराने के बाद मैंने उसका निचला होंठ अपने होंठो के बीच पकड लिया और फिर उस पर जीभ फिराने लगा।

उसके होंठो को चुसने से पहले मै गीला कर देना चाहता था। थोडी देर तक इसी तरह उसके होंठो को गिला करने के बाद मैने उसके होंठ चुसने शुरू कर दिये। मैं बहुत जोर जोर से उसके होंठो को चूस रहा था। रीमा भी अपनी जीभ निकाल कर मेरे उपरी होंठ के उपर फिरा रही थी और साथ ही साथ अपना बहुत सा थूक अपने नीचले होंठ के पास जमा कर रही थी जिस से मैं ज्यादा से ज्यादा उसके स्वादिष्ट थूक को पी सकूँ। मैं भी हर थोडी देर मे नीचले होंठ को छोड कर उसका थूक अपनी जीभ की मदद से उसके होंठो पर मलने लगता और अच्छी तरह से मल कर फिर से उसके होंठ को चुसने लगता करीब २ मिनट तक मैं ऐसा ही उसके साथ करता रहा। मैं इतनी जल्दी नही छोडना चाहता था पर क्या करता मेरे पास सिर्फ़ ५ मिनट थे और मैं भी रीमा को जल्दी से जल्दी नंगा कर देना चाहता था।

फिर मैंने उसका निचला होंठ छोड कर उसका उपरी होंठ अपने दोनो होंठो के बीच पकड लिया। और उसको भी अपने थूक से गीला कर दिया। रीम ने भी मेरा नीचला होंठ अपने थूक से गिला कर दिया था। थोडी देर तक मैं उसके होंठ को गीला करता रहा और और चुसता रहा फिर एक दम से मैंने अपनी जीभ को नुकीला कर के उसके दाँतों और होंठो के बीच डाल दी और उसके दाँतों पर फिराने लगा। वोह भी अपनी जीभ को नुकीली बना कर मेरे जीभ के नीचे गोल गोल घुमाने लगी। जिससे उसकी जीभ से लार निकल कर मेरे मुहँ मे गिरने लगी और मेरी जीभ के नीचे जमा होने लगी।

थोडी देर इसी तरह से उसके दाँत और होंठ के बीच की और उसके जीभ से टपकती लार मेरे मुँह मे जमा हो गयी। फिर मैंने रीमा के होंठ मुँह मे लेकर चूसने लगा तथा साथ ही साथ मुँह के अन्दर जमी स्वादिष्ट लार को भी मैं पी गया। ये लार मेरे लिये अम्रत थी। फिर थोडी देर तक इसी तरह मैं उसका होंठ चुसता और लार पीता रहा। और जैसे ही करीब ५ मिनट हुये मैंने आखरी बार उसके होंठो पर अपने होठ रखे और एक गहरा चुम्बन लेकर उससे अलग हो गया। फिर मैंने पूछा मजा आया माँ। तो रीमा बोली हाँ बेटा बहुत मजा आया।

तुम तो बहुत ही अच्छी किस करते हो बेटा। मैं तो सोच रही थी तुमको किस करने की भी ट्रेनिग देनी पडेगी लेकिन ऐसा लगता तो नही है। मैंने कहा माँ ट्रेनिग कि जरूरत तो मुझे है क्योकि चाहे जितना भी अच्छा किस मैं करता हूँ पर तुमसे अच्छा तो नही हो सकता। रीमा बोली वोह तो तुम ठीक ही कह रहे हो मेरे राजा बेटा ठीक है मैं तुम को पुरी तरह ट्रेन कर दूँगी ठीक है मैंने कहा हाँ माँ। फिर रीमा बोली चल अब जल्दी से मेरे कपडो को उतार कर फेंक दे। मेरी मस्ती होंठ चूसायी के कारण बढ चुकी है और अब मुझे ये कपडे अपने बदन पर बहुत ही बुरे लग रहे है। इस पर मैने कहा माँ तुम मुझको उसी तरह नंगा नाच कर के दिखाओ जैसा तुमने एक बार बताया था चाट पर। करुँगी बेटा वोह भी करुँगी लेकिन सबसे पहले मै तेरे हाथो से नंगी होना चाहती हूँ। जिससे तुझे धीरे धीरे मेरे नंगे होते शरीर को देखने का नजारा जिन्दगी भर याद रहे।बात तो तुम ठीक कह रही हो माँ। मैं जब तुम्हारे कपडे धीरे धीरे उतारुगाँ और तुम्हारे बदन का एक एक हिस्सा नग्न हो कर मेरी आँखो के सामने प्रकट होगा तो पहली बार उस नग्न हिस्से को देखने मे जो मजा आयेगा उसकी छवि तो कभी भी मेरी आँखो से नही जा सकती। रीमा तू बहुत ही समझदार है बेटा तेरे जैसा बेटा पा कर कोई भी माँ धन्य हो जाये। उसकी बात सुनकर मैं थोडा सा शर्मा गया। इसपर रीमा ने कहा हाय देखूँ तो ऐसे शर्मा रहा है जैसे कोई लोडिंया हो। चल अब लग जा काम पर और कर दे अपनी माँ को नंगी। तेरी इस रंडी माँ को कितने ही ग्राहको ने नंगा किया है तू भी कर दे नंगा।

अपनी रंडी माँ का नंगा बदन। तेरी इस रंडी माँ का कोई भी दल्ला नही है। तेरी माँ को खुद ही मेहनत करनी पडती है ग्राहको को ढूढने मे। अखिर रंडी हूँ एक दिन धंधा ना करू तो चूत की खुजली रात भर सोने नही देती। तो मेरा दल्ला बनेगा बेटा। मेरी दलाली करेगा। हाय रे क्या मस्त जोडी होगी हमारी रंडी माँ और दलाल बेटा। तेरी ये माँ तुझको दलाली के सारे गुण सिखा देगी। और तुझको अपनी कमायी का आधा हिस्सा भी दूँगी। और तेरे को और नयी नयी रंडीयो की चूत भी दिलवाऊगी उनकी भी दलाली तू ही करना बेटा। बोल बेटा बोल करेगा अपनी माँ की दलाली।

रीमा की इतनी गंदी गंदी बाते सुनकर मेरा लंड मचल उठा था। रीमा फिर बोली बोल रंडी की औलाद भोसडे के पेदायीश हरामी साले तेरी माँ को दस कुत्तो ने चोदा तो तु पैदा हुआ बोलता क्यो नही करेगा अपनी इस रंडी माँ की दलाली। ये सुनकर मेरी हालत बिल्कुल ही खराब हो गयी पुरा बदन मस्ती मे गरम हो गया मेरा लंड मस्त हो कर प्रीकम बहाने लगा। और मैंने बोला हाँ माँ मैं करूगाँ तेरी दलाली। सुनकर रीमा बहुत ही खुश हुयी और मुझको अपने गले से लगा लिया और बोली तू सही मे मेरा बेटा होता तो अब तक मैं तुझसे अपनी दलाली करवा रही होती पर तू चिन्ता मत कर अगर मुझे मौका मिला तो तुझसे अपनी दलाली जरूर करूँगी। फिर वोह मुझसे अलग हो गयी और बोली चल अब खडा खडा क्या देख रहा है उतार मेरे कपडे साले रंडी की औलाद।

मैंने सोचा अब माँ के भरपूर बदन को नंगा देखने का वक्त आ गया है। मैंने सोचा रीमा के कपडे उतारने से पहले आखरी बार उसको गर्म कर दूँ। और यही सोच कर मैंने रीमा से कहा माँ तुम वह पहली औरत होगी जिसको मैं नंगा देखूँगा। तुम्हारे भारी चूचियाँ पहली चूचियाँ होगी जिनको मैं मसलूगाँ। तुम्हारी घुडियाँ(निप्पल्स) पहली घुडियाँ होंगी जिनको मैं चूसूगाँ और खीचूगाँ। तुम्हारे चूतड वह पहले चूतड होंगे जिन को मैं प्यार करूगाँ। तुम्हारी गाँड वह पहली गाँड होगी जिसको मारने से पहले मैं चाट चाट कर गीली कर दूगाँ। और तुम्हारी चूत पहली चूत होगी जिसको मैं चाट चाट कर झडाऊगाँ और फिर उसमे अपना लम्बा लंड डाल कर चोदूगाँ। और तुम ही वह पहली औरत होगी जो मेरा कुवाँरापन ले लोगी।

हाय रे मेरे लाल तुने तो मुझको इतना गरम कर दिया है की अगर और कुछ पल ये कपडे मेरे शरीर पर रहे तो इनमे आग लग जायेगी। बेटा अपनी माँ को और मत तडपा पहले ही वह तुझसे इतने सालो दूर रह कर तडपी है। बेटा अब उतार दे मेरे कपडे। मैंने सोचा अब रीमा के कपडे उतार ही देने चाहिये ज्यादा तडपाना ठीक नही है। कही माँ अपने कपडे उतार कर खुद ही न फेक दे जो की मैं नही चाहता था। और अब मेरा लंड भी रीमा को नंगा देखने के लिये बेताब हुआ जा रहा था। पर साथ ही साथ मुझको ये भी डर था रीमा बहुत ही मस्तानी औरत है। कही उसके मस्ताने नंगे बदन को देख कर मेरा लंड बिना छुये ही झड जाये। और मुझे पता था कि इसके लिये मुझे बहुत मेहनत करनी पडेगी।

7 years ago#24
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फिर मैं आगे बढा और रीमा के हाथ पकड लिये और उठा कर चूम लिये। और बोल थीक है लाओ माँ उतार देता हूँ मैं तुम्हारे कपडे। ये सुन रीमा ने अपना पल्लू जो कि उसने शुरू मैं अपने पेटीकोट मे खोसं लिया था निकाला और मुस्कुराते हुये मेरे हाथ मैं पकडा और शर्माते हुये बोली लो बेटा। वोह कुछ इस तरह से शर्मायी थी जैसे की नयी नवेली दुल्हन हो जो कि सेक्स के बारे बिल्कुल अंजान है। रीमा सही मे एक खेली खायी औरत थी उसे सब पता था कब और कैसे मर्द के साथ बर्ताव किया जाना चहिये। उसके इस शर्माने ने मेरे शरीर मे मस्ती भरा जोश भर दिया।

वैसे भी अब मेरा हाल भी बुरा हो चुका। मुझको इस कमरे मे आये हुये करीब एक घंटा हो चुका था और तभी से मेरा लंड खडा था। और मेरे आने के थोडी देर बाद ही रीमा ने मेरे कपडे उतार दिये थे। मैंने उसका पल्लू पकडा और मन मे यह निश्चय कर लिया था की उसके बदन के साथ पूरा न्याय करूँगा और धीरे धीरे उसका एक एक अंग निवस्त्र करूगाँ। सबसे पहले मैंने उसका पल्लू पकड कर सूघं लिया। जैसे की मैं रीमा को बता चुका था कि मुझे कपडो कि गंध सूंघना पंसन्द है। मैं उसके हर कपडे को उतारते हुये उसकी खुशबु सूंघना चाहाता था।

उसकी साडी मे से बहुत मादक गंध आ रही थी। इस गंध मे उसकी बदन की खुशबु और पसीने कि गंध मिली हुयी थी। और फिर मैंने उसका पल्लू चूम लिया। जब मैं उसका पल्लू चूम रहा था तो उसकी आँखो मैं आँखो डाल कर देख रहा था। उसकी आँखो मे वासना के लाल डोरे दिखायी दे रहे थे। फिर मैने उसका पल्लू छोड दिया और उसके सामने अपने घुटनो के बल बैठ गया और आगे बढ कर उसकी नाभी का चुम्बन ले लिया। मेरे इस तरह से अचानक चुम्बन ले लेने से उसके मुँह से एक सिस्कारी निकल गयी। उसका पल्लू कालीन पर पडा था और उसके पेटीकोट से जुडा हुआ हिस्से को मैंने अपने हाथ मे पकड लिया।

उसने साडी मे करीब ८ प्लेट डाल रखी थी। मैंने उसका पल्लू पकड कर अपने बदन के उपर डाल लिया। उसकी साडी नायलॉन की थी मेरे नंगे बदन पर उसका स्पर्श काफ़ी अच्छा लग रहा था। रीमा खडी हुयी मेरे हरकतो को देख रही थी। फिर मैंने धीरे से उसकी साडी को खीचा जिससे उसकी एक प्लेट निकल कर बाहर आ गयी मैंने साडी के उस छोटे हिस्से को अपने चहरे पर रखा और सबसे पहले एक गहरी साँस ले कर उसे सुंधा फिर उसके ३-४ चुम्बन ले लिये। रीमा मुझको अपने कपडे उतारते हुये देख रही थी। उसके चहरे मे मेरे लिये वासना और मातृ प्रेम के मिले जुले भाव थे। अब मेरा लंड भी उसकी साडी से टकरा रहा था जिसकी वजह से प्रीकम से भीगा हुआ मेरा लंड उसकी साडी को गिला कर रहा था।

मुझको इस तरह कपडे उतरते देख कर रीमा के अन्दर की मस्ती उबाल मार रही थी और वोह बोली हाय रे मेरे मस्ताने बेटे उतार दे मेरे कपडे मेरी साडी भी तेरे रस से गीली हो रही है। इस साडी को तो अब पूरी तरह सम्भाल कर रखना पडेगा क्योकी इसमे अब तुम्हारे लंड का रस मिल गया है। और ये साडी हमेशा मेरे पास हमारे पहले मिलन की यादगार बन कर रहेगी। रीमा की बात सुनकर मेरी मस्ती और बढ गयी और मैंने इसी तरह उसकी साडी को खीचना और प्यार करना जारी रखा और रीमा भी मुझे गंदी गंदी गालियाँ देती हुयी साडी उतारने के लिये प्रोत्साहित करती रही। और इसतरह उसकी साडी की ८ प्लेटे निकालने मैं मुझे १० मिनट लग गये। और रीमा की साडी कयी जगह से मेरे लंड रस और मेरे चुमने के करण लगे थूक से गीली हो गयी थी।

साडी की सारी प्लेटे निकाल देने के बाद मैंने साडी को धीरे धीरे खीचना चालू किया और रीमा से बोला माँ तुम धीरे धीरे घूमो जिस से मैं तुम्हारी साडी तुम्हारे बदन से अलग कर सकु। रीमा बोली ठीक है बेटा। और उसकी साडी को खीचते हुये अभी भी मैंने साडी को सूंघना और चूमना जारी रखा था। इसतरह घूमते घूमते वोह पलट गयी। और मेरी आँखो के सामने उसके चूतड आ गये। उसके चूतड देख कर मुझसे रहा नही गया और मैं उसके चूतडो पर टूट पडा। और उस पर जोर जोर से किस करने लगा। इस पर रीमा बोली अरे ओ गाँडू साले मैं कही भागी थोडी ही जा रही हूँ पहले मुझे नंगा कर फिर प्यार करना समझा रंडी की औलाद।

उसकी बात सुनकर मैं फिर से उसकी साडी उतारने मे जुट गया। और उसी तरह सुघंते चुमते और साडी को अपने लंड रस से गीला करते हुये मैंने उसकी साडी उतार दी। उसकी साडी उतारने मे मुझे पूरे २० मिनट लगे। साडी पूरी उतर चुकी थी और मेरे शरीर से लिपट गयी थी। मैंने अपने हाथों से साडी का एक गोला बना कर सोफे पर डाल दी। साडी को सोफे पर रखने के बाद मेरी नजर उसके पेटीकोट पर गयी। उसका पेटीकोट भी गुलाबी रंग का था। पर पेटीकोट जहाँ पर कमर से बंधा था वहाँ पर फटा हुआ था। उसके छेद का आकार त्रिकोन था और साईज कमर पर एक फुट और कमर से पैरो की तरफ १/२ फुट था। और उस छेद मे से उसकी पैन्टी साफ़ झलक रही थी।

रीमा ने काले रंग की पैन्टी पहन रखी थी और वह पैन्टी देखने मैं नायलान की लग रही थी। और उस पर जाहां पैन्टी चूत के सामने होती है उस जगह पर लाल रंग का दिल बना हुआ था। वह लाल रंग का दिल वास्तव मैं काली पैन्टी के उपर अलग से सिला गया था। काले रंग की पैन्टी और उस पर लाल रंग का दिल ठीक चूत के सामने किसी भी मर्द को उत्तेजित करने के लिये काफ़ी था और इसका असर मुझ पर भी हो रहा था। पर इस के अलावा लाल रंग के दिल पर सफ़ेद रंग से कढा हुआ था फ़ोर यू इस तरह से लग रहा था जैसे उसको पहनने वाली औरत कह रही हो ओ मेरे दिल के राजा मेरे प्रीतम मेरी ये लाल लपलपाती चूत तुम्हारे लिये है। मैं चाहती हूँ की तुम इसको भोग कर चरम सुख को प्राप्त करो।

पहले से ही मेरी हालत खराब थी और इसको देख कर तो मेरे लंड ने १-२ झटके लगाये। और मेरा मन किया की आगे बढ कर इस चूत को खा जाऊ। रीमा की हालत भी मस्ती मे बहुत खराब हो रही थी। क्योकी उसकि पैन्टी उसके चूत से निकलते रस की वजह से पूरी तरह गीली हो चुकी थी। शायद बहुत देर से उसकी चूत मस्ती भरा रस बहा रही थी। और फिर मुझसे बिल्कुल भी रुका नही गया और मैंने अपने हाथ उसकी जाँघो के दोनो तरफ़ रखे और उसकी जाँघो को पकड कर अपना मुँह आगे बढा कर उसकी पैन्टी पर एक गहरा किस ले लिया। शायद रीमा इस किस के लिये तैयार नही थी। क्योकी मेरे किस लेते ही उसके मुँह से एक सिस्कारी निकल पडी। मैं भी बहुत मस्त था मैंने भी उत्तेजना मे २-४ किस और ले लिये।

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मेरे इस तरह से किस लेने से वह सी सी करने लगी उसका इसतरह से सिस्कारना मेरे लिये किसी मधुर संगीत के समान था। कुछ सैकंड किस करने के बाद मैं रुक गया और और इसी तरह उसकी जाँघो को पकडे पकडे मैंने रीमा की तरफ देखने लगा रीमा भी मेरी तरफ मस्ती भरी निगाहो से देखकर मुस्कुरा रही थी पर उसके चहरे के भाव देख कर लग रहा था जैसे पूछ रही हो कैसी लगी मेरी इस सेक्सी पैन्टी से छुपी हुयी चूत। उसको इस तरह से मेरी ओर देखाते देख कर मैं रीमा से बोला माँ तुम्हारा पेटीकोट फटा हुआ था और उसमे से तुम्हारी पैन्टी झाँक रही थी जैसे निमंत्रण दे रही हो कि आओ और मुझे प्यार करो और मुझसे रहा नही गया और मैंने तुम्हारी चूत को किस कर लिया।

कोई बात नही बेटा मैंने तो बहुत खुश हूँ जिस तरह से तुम मेरी पैन्टी पर टूट पडे मुझे बहुत अच्छा लगा। मैंने रीमा से कहा माँ तब तो तुमने बहुत अच्छा किया जो फटा हुआ पेटीकोट पहना। इस पर रीमा बोली अरे मेरे बुध्दु बेटे तू अभी तक नही समझा मैं तो सोच रही थी की तू समझ गया होगा। मेरा यह पेटीकोट तुझको कही पुराना दिखायी देता है। मैंने पेटीकोट को गोर से देखा और बोला नही ये तो बिल्कुल नया दिख रहा है तो फिर ये फट कैसे गया माँ। इस पर रीमा ने कहा मेरे नादान बेटे ये पेटीकोट तो मैंने जानबूझ कर फाडा था जिस से की तू मेरी पैन्टी देख सके। मुझे पता है कि मर्द औरत की पैन्टी देख कर कितने मस्त हो जाते है। इसीलिये मैं तुमको अपनी पैन्टी दिखाना चाहती थी। और तुमहारे चहरे के भाव देख कर मैं बहुत खुश हूँ कि मैंने ठीक ही किया जो अपना पेटीकोट फाड लिया।

मैं रीमा की बात सुनकर बोला माँ तुम सचमुच जानती हो कि मर्द को कैसे अपने वश मे किया जाता है। तुम चाहो तो किसी को भी अपना गुलाम बना लो। इसपर रीमा मुस्कुरा दी और बोली चल झूठा कही का। मेरे हाथ अभी भी रीमा की जाँघो पर थे। फिर मैं बोल माँ तुमने पैन्टी भी बहुत मस्त पहनी है। इसका डिजाईन इस तरह का है की किसी को भी अपनी तरफ आकर्षित कर ले जाहे वह मर्द हो या औरत। इस पर बना यह दिल और लिखा हुआ फ़ोर यू इसको पहनने वाले की सुन्दरता को और बढा देता है और साथ हि साथ पैन्टी मे एक शरारत भर देता है। इसको बनाने वाला अगर मुझे मिल जाये तो मैं उसके हाथ चूम लूँ।

यह सुनकर रीमा ने अपने हाथ आगे बढा दिये और बोली लो चूम लो मेरे हाथ। इसको बनाने वाली मैं ही हूँ। मैंने ही अपने हाथो से सबसे पहले इस पर लाल रंग का दिल बनाया और फिर इस पर फ़ोर यू कढा। मुझे अहसास था की अगर मैं ऐसा करुँगी तो तुमको बहुत पंसन्द आयेगा। उसकी बात सुनकर मैं रीमा की और देखने लगा मैं मन ही मन उसके चुदक्कड दिमाग को सलामी दे रहा था। मेरे को इस तरह देखते हुये रीमा ने मुस्कुराते हुये अपने चहरे को उपर नीचे हिलाया और बोली हाँ बेटा ये तेरी इस माँ का ही कारनामा है। ये सुनकर मैंने रीमा के दोनो हाथ अपने हाथो मे लेकर चुम्बनो की बोछार कर दी। पुच पुच पुच की आवाज पूरे रुम मे गूँजने लगी। और कफ़ी देर तक मैं उसके हाथो को चूमता रहाफिर मैंने अपने हाथो से उसके चुतडो को अपनी बाँहो मे भर लिया और उसकी पैन्टी का एक चुम्बन लेकर अपना गाल उसकी पैन्टी पर रख दिया। मेरा गाल गीला हो गया क्योकी उसकी चूत बराबर रस बहा रही थी। मैने रीमा से कहा माँ मेरे को अभी यहाँ आये हुये २ घंटे भी नही हुये तो और इस समय मे तुमने जो अपनी बातो और बदन से जो मुझे मजा दिया है ऐसा मजा मुझे कभी नही मिला। और जबकी मैंने तुमको अभी तक नंगा भी नही देखा पर तुम मेरे दिल मे बहुत गहरायी तक बस गयी हो। मुझे लगता है कि मैं तुम्हारे बिना नही रह सकता। इन चार दिनो बाद जब हम अलग होंगे तो मेरा क्या होगा। मैं तुम्हारे बिना कैसे रहूँगा माँ।

इसपर रीमा मेरे बालो मे हाथ फेरने लगी और बोली मेरे प्यारे बेटे मैं तुमसे अलग कहाँ होगी। आज तुम मुझको नंगा करने के बाद मेरे पुरे बदन को अपने हाथ से छुओगे और प्यार करोगे फिर मुझको अपने इस बडे मुसल जैसे लंड से चोदोगे तो उसके बाद मेरा अंग अंग तुम्हारे अन्दर बस जायेगा तब हम अलग कहाँ होगें बोलो। मैंने कहा तुम ठीक कहती हो माँ। इस पर रीमा बोली चल फिर लग जा अपने काम पर उतार मेरे कपडे साले मुझे पता है तू जल्दी से जल्दी मुझे चोदना चाहता है इसलिये ये सब नाटक कर रहा है। पर मैं भी तेरी माँ हूँ पुरा मजा लिये बिना तुझको चोदने नही दुँगी समझा। मैंने कहा हाँ माँ। और फिर दुबार उसकी पैन्टी का एक लम्बा किस ले कर खडा हो गया।


फिर मैंने अपना हाथ उसके पेटीकोट के तरफ़ बढाया मैंने पैन्टी कि झलक देख ली थी अब मैं उसका पेटीकोट उतार कर जल्दी से जल्दी उसकी पूरी पैन्टी देखना चाहता था। पर जैसे ही मेरा हाथ उसके पेटीकोट पर पडा उसने अपनी गोरी कलाईयो से मेरा हाथ पकड लिया और बोली नही बेटा पेटीकोट नही पहले अपनी माँ का ब्लाउस उतारो तुमने माँ की पैन्टी तो देख ली है अब उसकी ब्रा नही देखोगे क्या बोलो। पहले ब्रा देख लो फिर पेटीकोट उतारना समझे मेरे राजा बेटे। रीमा का मस्ती भरा आग्रह सुन कर मैंने कहा तुम ठीक कहती हो माँ पहले मैं तुम्हारी ब्रा को देखने का मजा लेता हूँ फिर तुम्हारी पैन्टी देखगाँ। यह सुनकर रीमा ने अपने हाथ आगे बढा कर मेरी बलाये ले ली और बोली हाय रे मैं वारी जाऊ क्या आज्ञाकारी बेटा मिला है मुझको।

उसकी बात सुनकर मैं थोडा सा शर्मा गया। मुझको शर्माता देख कर रीमा बोली हाय रे फिर से शर्माया लडकियो की तरह तुझे तो अपने कपडे पहना कर लडकी बनाना पडेगा उसकी बात सुनकर मैं सिर्फ मुस्कुरा कर रहा गया। और मैंने अपने काम पर ध्यान देना उचित समझा। फिर मेरी नजर उसके ब्लाउस की तरफ गयी वह ब्लाउस सही मे किसी को मस्त करने के लिये ही बनाया गया था।

उस ब्लाउस के हुक आगे से लगते थे। आगे और पीछे दोनो तरफ़ का कट काफी बडा था। पीछे का कट कफी बडा था आगे के कट के मुकाबले। पीछे का कट इतना बडा था की जैसे करीब करीब पूरी पीठ नंगी हो। नीचे से इतना भाग ही जुडा हुआ था की ब्रा का स्ट्रेप बडी मुशकिल से ब्लाउस से छिपा हुआ था। कंधे पर भी ब्लाउस की चौडायी कुछ इसी तरह थी बहुत छोटी पर ब्रा के स्ट्रेप उसके नीचे आसानी छुप गये थे। उस ब्लाउस के आगे सिर्फ ३ हुक थे जबकी साधारण ब्लाउस मे करीब ४-५ हुक होते हैं। इसी कारण उसका कट भी काफी था। साथ ही साथ ब्लाउस थोडा उसके साईज से छोटा भी था। जिसकी वजह से उसके मम्मे आपस मे चिपट कर एक बहुत गहरी और लम्बी खाई बना रहे थे। इतनी गहरायी का कट होने के कारण उसका एक एक मम्मा १/४ से भी ज्यादा ब्लाउस से बाहर छाँक रहा था।

उस जन्नत के नजारे को देख कर मैं जल्दी से जल्दी उस ब्लाउस को उतार कर फेंक देना चहाता था। मैंने अपने हाथ सबसे पहले ब्लाउस के उपर से उसके मम्मो पर रखे और उनको महसूस करने लगा। उसके मम्मे दुनिया के सबसे पहले मम्मे थे जिन को मैंने महसूस किया था। मेरा मन उन बडे बडे मम्मो को मसलने का कर रहा था मैं इस बात का अंदाजा लगाना चाहता था की उसके मम्मे कितने कडे है। पर मैंने सोचा पहले इसके मम्मो को पूरा नंगा करुगाँ फिर उनको मसल कर उनकी कडायी का पता करुगाँ। जब मैं उसके मम्मो पर हाथ फेर रहा था तो जब मेरा हाथ उसके मम्मो के बीच मे गया तो मुझे उसकी घुंडी का अहसास मेरी हथेली पर हुआ।

उसका ब्लाउस बहुत ही पतले कपडे का बना था जिसकी वजह से मुझे पता चल गया था की उसने ब्रा पहन रखी है। और उसके मम्मो पर हाथ फेरने से मुझे यह भी लग रहा था की उसकी ब्रा कॉटन की हो सकती है। पर फिर भी मैं उसकी घुंडीयो को अपनी हथेली पर महसूस कर सकता था। मैने सोचा की शायद मेरे हाथो के स्पर्श से रीमा की उत्तेजना बढ गयी है जिसकी वजह से उसकी घुंडियाँ इतनी कडी हो गयी हैं। मेरे इस तरह हाथ फेरने की वजह से रीमा उत्तेजना मे सिस्कारीयाँ भर रही थी। उसके मुँह से आह ओह सी सी की आवाजें निकल रही थी।

थोडी देर उसके मम्मो पर इसी तरह हाथ फेरने के बाद मैंने अपना बाँया हाथ उसके मम्मे पर से हटा लिया और अपना मुँह पास ला कर उसका ब्लाउस सुंघने लगा। उसके ब्लाउस के कपडे की गंघ उसके पसीने के साथ मिल कर बडी ही मादक हो गयी थी। उसके गर्म हो चुके मम्मो के कारण उसकी ये मादक गंघ भाप बन कर हवा मे मिल रही थी। मैं जब उसके ब्लाउस की गंध ले रहा था तो मेरी नाक उसके ब्लाउस को छू रही थी और जैसे ही सुंघता हुआ मैं आगे बढा मेरी नाक उसकी मम्मे पर चलने लगी मेरी इससे उसके शरीर मे गुदगुदी फैलने लगी। और रीमा कुछ कुछ बकने लगी आह ओह ये क्या कर रहे हो बेटे सी सऽ ऽऽ ऽऽ सी ओहऽऽऽ सीऽऽऽऽ बहुत गुदगुदी हो रही है। हाय रे इतनी देर क्यो सीऽऽऽ लगा रहा है तू आहऽऽऽ उतार क्यो नही देता मेरा ब्लाउस ओहऽऽऽऽ और मत तडपा अपनी माँ को मेरे लाडले। इन ब्लाउस मे कैद मम्मो की गर्मी मेरे सीऽऽऽऽ तनबदन मे आग लगा रही है।

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सोच ले अगर तू मुझे इसी तरह तडपायेगा तो मैं आहऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽ भी तुझे बहुत तडपाऊगी समझा। मैंने कहा माँ मैं तो तुम्हारे ब्लाउस को सुंघ रहा था तुमको तो पता है की मुझे तुम्हारे कपडो को सुंघने का सोच कर ही इतना मजा आता है। इस पर रीमा बोली ओह मेरे प्यारे बेटे अगर तुझे मेरे ब्लाउस की गंध का मजा लेना ही है तो पहले इसे उतार दे फिर अपने मुहँ पर रख कर सुंघ लेना मैं मना थोडी कर रही हूँ। पहले मेरे इन कबूतरो को इन ब्लाउस के बंधन से तो आजाद कर दे जाने कितनी देर से ये इसमे कैद है। तेरी माँ तुझसे विनती करती है बेटा मेरे को इनसे आजाद कर दे।

रीमा की बात सुनकर मैंने कहा ठीक है माँ पहले मैं तुम्हारा ये ब्लाउस तुम्हारे बदन से अलग कर के तुम्हारी चुचीयो को ब्लाउस की कैद से आजाद कर देता हूँ। फिर मैंने आखरी बार उसके दोनो मम्मो पर हाथ फेरा और और दोनो मम्मो पर एक एक किस लिया। उसके बाद मैंने अपने हाथ उसके ब्लाउस के हुक पर रख दिये और रीमा की आँखो मैं आँखे डाल कर देखने लगा। रीमा मुझसे लम्बाई मे छोटी थी पर उसने ५ इन्च की हील वाली सैडंल पहन रखी थी जिस की वजह से वह करीब करीब मेरे बराबर आ रही थी। मैंने मुस्कुराते हुये उसके ब्लाउस का एक हुक खोल दिया। उसका ब्लाउस खोलते वक्त उत्तेजना के कारण मेरे हाथ काँप रहे थे।

मेर लंड पूरी तरह से मस्त खडा था और उसके पेटीकोट से टकरा रहा था। जिस की वजह से उसका पेटीकोट मेरे रस से भीग गया था और उसके पेटीकोट पर मेरे लंड के प्यार के निशान बना रहा था। जैसे ही मैंने उसके ब्लाउस का एक हुक खोल दिया मेरा लंड बुरी तरह से मस्त खडा था और उसके पेटीकोट से टकरा रहा था। रीमा बोली हाँ बेटा उतार बेटा उतार अपनी माँ का ब्लाउस कर दे अपनी माँ के जौबन नंगे उठा दे अपनी माँ की लाज का पर्दा मेरे बेशर्म बेटे। ब्लाउस मे छिपी इन गोलाईयो को आजाद कर दे इनको भी कुछ हवा लगने दे। रीमा का खुला निमंत्रण सुनकर मैं और भी जोश मे आ गया और रीमा के मम्मो से बनी गहरी लम्बी खायी को देखने लगा। उसको देखते देखते मैंने दुसरा हुक भी खोल दिया। दुसरा हुक खोलते ही मुझे उसकी ब्रा का वह भाग जहाँ पर ब्रा के दोनो कप नीचे आ कर मिलते हैं दिखायी देने लगा। ब्रा काले रंग की थी।

अब सिर्फ़ एक हुक बचा था मेरे और मम्मो को देखने बीच। मेरे हाथ उसके तीसरे हुक पर जमे हुये थे। फिर मैंने सोचा की अगर मैंने ऐसे ही रीमा के सामेने खडे हुक खोला तो ब्लाउस खुलते ही मेरी सबसे पहली नजर उसके मम्मो पर जायेगी और मैं अपने आप को रोक नही पाऊगा उसके बडे बडे मम्मो को प्यार करने से। और अगर मैं उसके मम्मो को प्यार करने लगा तो उसके ब्लाउस को प्यार नही कर पाऊगा जोकी मैं नही खोना चहाता था। यह सोच कर एक विचार मेरे मन मे आया कि क्यो ना मैं उसके पीछे जा कर अपने हाथ आगे ला कर उसके ब्लाउस का हुक खोलूं जिससे मैं उसका ब्लाउस उतार के पहले उसके ब्लाउस से प्यार भी कर सकता हूँ और फिर उसके मम्मो को देखने का मजा उठा सकता हूँ।

फिर मैं रीमा से बोला माँ तुम्हारा ब्लाउस मैं पीछे से खोलूगाँ। रीमा बोली क्यो बेटा आगे से क्यो नही। इसपर मैंने अपनी इच्छा उसको बता दी। इसपर रीमा बोली तू भी बडा हटी है। अपने मजे को कभी भी नही छोडता ठीक है जैसी तेरी मर्जी पर तू मुझको बहुत तडपा रहा है। देख बेटा अब तू मैं भी तुझे मजे के लिये कितना तडपाती हूँ। जब मेरे हाथो तडपेगा तब तुझको पता चलेगा की मेरे उपर क्या गुजर रही है। फिर मैं रीमा के पीछे चला गया। और पीछे जाते ही मेरी नजर सबसे पहले उसकी गोरी नंगी पीठ पर गयी जो ब्लाउस के सेक्सी डिजाईन के कारण बिना ब्लाउस उतरे पूरी नंगी लग रही थी। और पूरी बेशर्मी के साथ अपनी नग्नता की नुमाईश कर रही थी।

मैंने सबसे पहले उसकी पीठ को किस किया फिर अपने दोनो हाथ उसकी बगल से नीचे ले जाकर उसके ब्लाउस का हुक ढूढने लगा। जब मैं उसके हुक ढुढने की कोशिश कर रहा था तो मेरे हाथ उसके मम्मो के नंगे हिस्से से टकरा रहे थे। नंगे बदन के स्पर्श से ही मेरे बदन मे करंट दोड गया मेरा लंड तो बराबर रस की वर्षा कर रहा था। और अब पीछे से भी उसके पेटीकोट को गिला कर रहा था। थोडी देर हुक ढूढने के बाद मुझको उसका हुक मिला गया। इसतरह से उसके ब्लाउस का हुक पकडने के कारण मैं पहली बार उसके बदन के इतने करीब था। उसकी बदन से निकलती वासना की गर्मी को मैं महसूस कर रहा था। मेरी कलाईयाँ बगल से उसके मम्मो को छू रही थी।

मैं थोडी देर इसी तरह उसके ब्लाउस के हुक को हाथ मैं लिये हुये खडा रहा। रीमा भी मेरे बदन की गर्मी महसूस कर रही थी और वह बोली एक आह भर के बोली मेरे प्रेमी इतने पास तुम मेरे बदन के पहली बारे आये हो तुम्हारे बदन की गर्मी से मेरा बदन जलने लगा है प्रीतम। मैंने उसके कंधे पर एक किस करते हुये उसका तीसरा हुक भी खोल दिया। जिसकी वजह से उसके दोनो मम्मो पर ब्लाउस का दवाब कुछ कम हो गया क्योकी एक तो ब्लाउस उसके साईज से छोटा था दूसरा इतनी मस्ती के कारण उसके मम्मे और फुल गये थे। एक तो मेरे किस करने की उत्तेजना दूसरी ब्लाउस के की कैद से आजाद हुये कबुतरो को मिली ठंडी हवा से मिली राहत की वजह से पहले रीमा का बदन कडा हुआ फिर उसने एक झटका मारा और रीमा ने आँखे बंद कर ली और अपना सर पीछे करके मेरे कंधे पर रख दिया। और एक गहरी साँस ली जिस से उमऽऽऽऽऽऽ कि ध्वनी कफ़ी देर तक उसके मुँह से निकलती रही।

थोडी देर दोनो ऐसे ही खडे रहे करीब १५ सैंकड बाद उसने अपना सर सीधा किया। फिर मैंने कहा लो माँ मैंने तुम्हारे ब्लाउस के सारे हुक खोल दिये हैं और तुम्हारे मम्मो को ब्लाउस की कैद से मुक्ती मिल गयी है। अब तो तुमको थोडा आराम मिला होगा बेटा। इसपर रीमा ने कहा हाँ बेटा मुझे बहुत कि राहत मिली है। लेकिन अगर तुम आगे से ही मेरे ब्लाउस को खोलते तो मुझको ये राहत नही मिलती। मैंने आश्चर्य से पुछा ऐसा क्यो माँ। रीमा बोली बेटा तुमने इतनी देर से अपनी बातों और हरकतो से मुझको इतना गर्म कर दिया था की मुझसे बिल्कुल भी रुका नही जा रहा था और मैं चुदाने के लिये तडप रही थी। और तुमको बार बार ताना दे रही थी कि मुझे इतना क्यो तडपा रहे हो। मेरे पुरा बदन प्यार की मस्ती मे जल रहा था।

और मेरे शरीर की अग्नि मुझको पागल बना रही थी मैं चुदना चाहती थी झडना चाहती थी चरम सुख पाना चाहती थी। पर जिस तरह से तुम मेरे बदन से खेल रहे थे मुझे लगा अगर मैं जल्दबाजी मे अभी तुमसे चुदा लुँगी तो तुम अभी जल्दी झड जाओगे तो जो मैं तुमको अपने पहले मिलन का मजा देना चाहती हूँ वह नही दे पाऊगी। और तुम्हारी पहली औरत भोगने का सुख मैं तुमको देना चाहती हूँ ऐसा मजा जो तुमको जिंदगी भर याद रहे नही मिल पायेगा। और मैं तुमसे अपने बेटे से वह सुख नही छीन सकती थी। आखिर मैं तुम्हारी माँ अपने बेटे से उसका सुख कैसे छीन सकती हूँ।

इसीलिये मैंने अपने आप को बडी मुशकिल से रोका हुआ था। फिर जब तुमने मेरे पीछे से आ कर मेरा ब्लाउस खोलने की बात की तो सुनकर मेरे अन्दर मस्ती का तूफान आ गया। क्योकी मुझे पता था कि इस तरह अगर तुम मेरे ब्लाउस को खोलने की कोशिश करोगे तो तुम्हारे हाथ मेरे मम्मो से छुयेंगे और मुझे अपने आपको रोकना बहुत मुशकिल हो जायेगा। पर मुझे माँ होने के नाते अपने साथ साथ तुम्हारे मजे का भी ख्याल रखना था मुझे तुम्हारी आँखो मे दिख रहा था कि तुम किस तरह मेरे मम्मो से पहले मेरे ब्लाउस को प्यार करने के लिये लालायित थे। इसी कारण मैंने तुमको पीछे से ब्लाउस खोलने की इज्जात दे दी।

और जैसे ही तुमने मेरी पीठ पर किस किया मैंने अपने होश खो दिये बडी मुशकिल से मेरा हाथ अपनी चूत तक जाते जाते रुका। पर जब तुमने अपने हाथ मेरी बाहो के नीचे से निकाल कर मेरा ब्लाउस पकडने की कोशिश की मुझसे रहा नही गया और मैंने अपना हाथ अपनी चूत पर अपनी पैन्टी के उपर से रख दिया और अपनी चूत के दाने पर अपने हाथ फिराने लगी मुझे लगा इसतरह करने से मेरी चूत कुछ रस और बहायेगी तो मुझे कुछ देर के लिये राहत मिल जायेगी। तुम्हारे हाथ मेरे नंगे मम्मो को छू रहे थे। मम्मो को छुते वक्त तुम्हारे नाखूँन भी मेरे मम्मो पर लगे। पर जैसे ही तुमने मेरा ब्लाउस पकडा और हुक खोलने के लिये जोर लगाया तुम्हारे कालाईयो से मेरे मम्मे थोडे दब गये। जिसकी वजह से मैंने मस्ती मैं आकर अपनी चूत के दाने को जोर से दबा दिया। जिसे मेरी चूत सहन नही कर सकी और उसके सब्र का बाँध टूट गया और रस की नदी मेरी चूत से बह चली। और मैं ना चाहते हुये भी कचकचा कर झड गयी।इसी लिये तुम्हारे इस तरह से मेरा ब्लाउस खोलने से मेरे बडे बडे मम्मो, मेरी चूत और मेरे बदन तीनो को राहत मिल गयी। इस पर मैंने कहा इसका मतलब तुमको बहुत मजा आ रहा है मेरे साथ। उसने मुँह घुमा कर मेरी तरफ देखा और अपना सर हिला दिया। और बोली तुम सुघंना चाहते हो मेरे ताजे निकले रस की महक। मैंने कहा क्यो नही माँ। मेरे हाथ अभी भी उसकी बाहो के नीचे से जा कर उसकी कमर के ईर्दर्गीद लिपटे हुये थे। फिर रीमा ने अपने हाथ नीचे ले जाकर अपनी पैन्टी की तरफ देखते हुये अपनी दो उगलीयो को अपनी गिली हो चुकी पैन्टी से गिला किया और और फिर मेरी आँखो मे आँखे डाल कर अपनी दोनो उगलीयाँ मेरी नाक के नीचे रख दी।

7 years ago#27
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जैसे ही उसकी उगलीयाँ मेरे नाक के पास आयी रीमा के चूत रस की तीखी गंध मेरी नाक मे घुस गयी। उसके चूत रस की महक बहुत ही मादक थी। इतनी मादक के कुछ पल तो मैं उसमे ही खो गया। सोचने लगा की मैं अपने घुटनो के बल बैठ कर अपनी नाक उसकी पैन्टी पर रखकर सीधे रस के सोत्र से उसकी गंध को सूंध रहा हूँ। मेरे को इसतरह खोये हुये देखकर रीमा ने पूछा कहाँ खो गये मेरे राजा। मैंने कहा तुम्हारे चूत रस मे मेरी रानी। कैसी लगी मेरे चूत रस की गंध। मैंने कहा माँ मेरे लिये तो तुम्हारे बदन की गंध बदन से निकलने वाले सारे पर्दाथो के गंध जीवन वायु के समान है। और चूत रस की गंध तो उनमे सबसे उपर है। बहुत ही मादक मस्ताने सेक्स से भरपूर।

सुनकर रीमा बहुत खुश हुयी। खुशी के भाव उसके चहरे पर साफ झलक रहे थे। मैंने कहा माँ तुमने अपना मदन रस मुझे सुंघा तो दिया अब क्या इसका स्वाद मुझको नही चखाओगी मेरी रानी। रीमा मुस्कुराते हुये बोली क्यो नही राजा। हम दोनो के खडे होने मैं अभी भी कुछ अंतर नही आया था। मेरे हाथ अभी भी उसके कमर के ईर्दर्गिद लिपटे थे। और मेरा लंड मदमस्त होकर बराबर रस बहाते हुये उसके पेटीकोट को गिला कर रहा था। मैं सोच रहा था की अगर मैं इसी तरह ५-७ मिनट और खडा रहा तो उसका पेटीकोट नीचे से पूरा गीला हो जायेगा।

रीमा ने फिर से अपने हाथ नीचे ले जाकर अपनी उगलियाँ अपनी पैन्टी पर लगा दी। पर अबकी बार थोडी देर तक वह अपनी उगलीयाँ अपनी चूत के मुँह पर चलाती रही जिससे ज्यादा से ज्यादा रस उसकी उगलीयो पर इक्कठा हो सके। थोडी देर बाद रस इक्कठा कर के रीमा ने अपनी उगलीयाँ मेरे मुँह के सामने रख दी। उसकी उगलीयाँ उसके चूत रस से पूरी तरह से गीली थी। यहाँ तक की उसकी उगलीयो पर उसके मदन रस की बूंदे झलक रही थी। फिर मेरी और देख कर रीमा ना कहा लो बेटा चख लो अपनी माँ का चूत रस। तुम्हारा पहला मदन रस। जैसे जब बच्चा छोटा होता है तो माँ बच्चे को खाना खाना सिखाती है इसी तरह तुम चुदायी शास्त्र मे अभी बच्चे हो और मैं ये तुम्हारी माँ तुमको चुदायी क्रिणा मे उत्पदित रसो का पहला निवाला तुमको खिला रही हूँ। और मैं बहुत खुश हूँ की मुझे ये सोभाग्य प्राप्त हुआ है।

मैने अपना मुँह आगे बढा कर रीमा की उगलीयो को अपने मुँह मे ले लिया और अपनी जीभ को उसकी उगलीयो के चारो तरफ घुमाने लगा। और थोडी देर मे ही मैंने अपनी जीभ फिरा फिरा कर उसके चूत रस को अपनी लार के साथ मिला लिया जिस से मैं रीमा के चूत रस का स्वाद ले सकूँ। रस तो लार मे अच्छी तरह से मिलाने के बाद मैं उसको पी गया। मेरे लार पीने के बाद रीमा ने अपनी उगलीयाँ मेरे मुहँ से निकाल ली। और बोली बोल बेटा बता कैसा लगा तुझे अपनी माँ का चूत रस मैं बोला माँ इतना अच्छा की मैं सिर्फ तुम्हारा चूत रस पी कर पूरी जिंन्दगी बिता सकता हूँ। मेरी बात सुनकर रीमा का चहेरा खुशी और मस्ती मे लाल हो गया गर्व से चूचीयाँ और फूल कर तन गयी।

रीमा ने कहा बेटा आज मैं बहुत खुश हूँ। मुझे आज तक किसी भी मर्द ने बिना मेरी चूत को स्पर्श किये बिना नही झडाया। चूत छू कर झडाने की तो छोडो कोई भी मेरी चूत बिना चोदे या बिना चाटे मुझे नही झडा पाया। तुम पहले मर्द हो जिसने मुझे इतना गर्म कर दिया की मैं अपनी चूत के दाने को दबाने पर झड पडी। किसी ने भी मेरे बदन को इतना प्यार नही किया जितना तुमने किया मेरे बेटे। हर कोई मेरा मादक बदन देख कर मुझ पर टूट पडता था और थोडी देर मे ही अपना लंड मेरी चूत मे डाल कर मुझ पर चढ बैठता था। या मेरी चूत को मुँह मे लेकर चाटने लगता था। कोई भी मेरे बदन के साथ इस तरह से नही खेला जिस तरह से तुम खेल रहे हो। जबकी मैं इस तरह अपने बदन को प्यार करवाना कितना पंसन्द करती हूँ।

थैंकयू बेटा मेरे बदन से इसतरह खेलने के लिये। मैंने कहा माँ मैं तो हमेशा आप की सेवा मे हाजिर हूँ। आखिर आपका बेटा हूँ अपना कर्तव्य कैसे भूल सकता हूँ। रीमा बहुत खुश हो गयी और अपना मुँह घुमा कर मेरे गाल पर एक चुम्मा ले लिया। फिर मैंने कहा माँ अगर तुम इस स्थीति मे पहुँच गयी थी तो मुझे बता देती मैं तुम्हारी मस्ती झडा देता। इसके लिये मुझे तुमको चोदना भी नही पडता। तुमने अपना पेटीकोट को फाड रखा ही है और उससे तुम्हारी पैन्टी मे छुपी चूत भी नजर आ रही है। मैं अभी नीचे बैठ कर तुम्हारी चूत पैन्टी के उपर से ही चाट कर तुम्हारी मस्ती झडा देता।

रीमा ने कहा तुम बहुत अच्छे बेटे हो मेरे लाल पर मैं उस समय चूत चटा कर झडना नही चाहती थी। मैं बोला माँ वह तो ठीक है पर तुम्हारे झड जाने से तुम्हारा कितना चूत रस बेकार ही चला गया। रीमा ने कहा बेकार कहाँ गया है बेटे सारा रस तो मेरी पैन्टी मै समा गया है। मेरी पैन्टी उतारने के बाद उसको अपने मुँह मै डाल कर चूस लेना सारा रस। मैंने कहा माँ अगर तुम मुझसे चुसवा कर झडवाती तो मुझे सीधे रस मे सोत्र से रस पीने को मिलता और उसमे कितना मजा आता। रीमा ने कहा तो इसमे कौन सी बडी बात है मेरा ब्लाउस और पेटीकोट उतार लेने के बाद पहले चूत चूस कर झडा देना फिर मेरी पैन्टी उतरना ठीक है। मैंने कहा तब ठीक है।

रीमा बोली की तू भी माँ से बिल्कुल बच्चो की तरह जिद करता है जैसे छोटे बच्चे माँ से बचपन मै लालीपॉप के लिये करते है। तो मैंने कहा माँ तुम्हारी चूत मेरे लिये किसी लालीपॉप से कम नही है। इस पर रीमा मुस्कुरायी और बोली लालीपॉप तो बेटा तेरे पास है। जो इस समय मेरे पेटीकोट को गीला करने मैं लगी हुयी है। उसको चुसने का मजा तो मैं लूगी मेरे राजा मेरे पास तो चटपटी चाट का पत्तल है जो मैं तेरे को चाटने को दूँगी। पर अगर तेरे को लालीपॉप का इतना ही शौक है तो उसका इतजाम मैं कर सकती हूँ। मैं उसकी बात मैं छिपे मतलब को समझ कर मुस्कुरा दिया। मैं समझ गया रीमा मेरे साथ छेड छाड कर रही है।

रीमा ने पूछा बोल चाहिये क्या। मैंने कुछ जवाब नही दिया। इस पर रीमा मुस्कुरा दी और बोली चल बडी देर हो गयी। ऐसे खडे खडे अब मुझे भी झडे हुये बहुत देर हो गयी है। और मैं फिर से गर्म होने लगी हूँ। तू भी अपना काम बीच मैं छोड कर मजे ले रहा है चल लग जा अपने काम पर अभी तो मेरे बहुत से कपडे उतारने बाकी हैं। जितनी देर करेगा उतनी ही देर मै तुझको मजा मिलेगा। उसकी बात सुनकर मैं अपने काम पर लग गया ब्लाउस के हुक तो मैं खोल चुका था पर उसे अभी तक मैंने उतारा नही था। फिर मैंने अपने हाथ उसके कमर से हट के फिर से उसके ब्लाउस को पकडने लगा जहाँ पर हुक लगे होते है। पर अबकी बार मैंने जानबूझ कर उसके नंगे मम्मो को स्पर्श किया और उनका मजा लिया।

7 years ago#28
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रीमा भी मेरी इस हरकत हो समझ रही थी और मेरी और देख कर मंद मंद मुस्कुरा रही थी। फिर मेरी पकड मे उसके ब्लाउस के दोनो भाग आ गये और मैं उनको खीच कर उसका ब्लाउस उतारने लगा। मैंने रीमा से कहा माँ अपने हाथ उपर कर लो जिससे मुझको ब्लाउस उतारने मैं आसानी होगी। रीमा बोली थीक है और उसने अपने हाथ उपर कर लिये। और मैं उपर उठा कर उसका ब्लाउस उतारने लगा जैसे ही ब्लाउस उसकी कोहनीयो तक आया तो मेरी नजर उसकी काँख पर गयी। रीमा की काँख के बाल जितना मैं बगल से देख कर सोच रह था उससे काफी बडे और घने थे। मेरा एक बार मन किया के उसकी काँख मे अपना मुँह घुसा दूँ पर मैंने अपने आप को रोक लिया और उसका ब्लाउस उतार लिया।

ब्लाउस उतारते ही मैंने ब्लाउस को अपने मुँह के उपर डाल लिया मेरी नाक के उपर उसके ब्लाउस का वह हिस्सा था जो की पीठ पर होता है। फिर मैंने गहरे गहरे साँस ले कर मैंने सुंघना शुरू कर दिया। उसके बदन कि महक मेरे नाक के रस्ते मेरे शरीर मे घुल रही थी। थोडी देर इसी तरह मैं उसकी पीठ के हिस्से वाले ब्लाउस को सुघंता रहा और फिर मैंने एकदम से जीभ निकाल कर उसके ब्लाउस को चाटना शुरु कर दिया। फिर थोडी देर मैं उसके ब्लाउस को सुघंता और फिर चाटता। और इसी तरह करते करते मैंने रीमा का ब्लाउस पीछे से चाट चाट कर गीला कर दिया।

उसके ब्लाउस को पीठ वाली तरफ से अच्छी तरह से साफ कर लेने के बाद मैंने ब्लाउस के दोनो कपो की और ध्यान दिया। ब्लाउस के कप जहाँ पर उसके दोनो मम्मे आ कर बैठते थे। मैंने उन कपो के जरीये उसके मम्मो का भी स्वाद लेना चाहता था। रीमा मुझको पीछे मुड कर देख रही थी और मुस्कुरा रही थी और शायद मन ही मन खुश हो रही थी की उसके बदन की महक का मेरे उपर ऐसा असर हो रहा है। वह मेरी तरफ पलट कर खडी नही हुयी थी। क्योकी अगर वह पीछे घुमती तो मेरी नजर उसके मम्मो पर जाती और वह अभी यह नही चाहती थी। फिर मैंने एक कप पकड कर उसमे अपनी नाक घुसा दी। और एक गहरी साँस लेकर उसके ब्लाउस और मम्मो के मिली जुली गंध कर आनन्द लिया। वह महक किसी भी इत्र की महक से लाख गुना अच्छी थी।

थोडी देर इसी तरह उसकी महक के मजे मैं लेता रहा साथ हि साथ मैं सोच रहा था जब उसके ब्लाउस के उसके बदन से लगने के कारण रीमा का ब्लाउस उसकी महक से इतना सुगंधित को चुका है तो उसके बदन की महक सीधे उसके बदन से लेने मे कितना आंनन्द प्राप्त होगा। यही सोचते हुये मैंने उसके कप पर धीरे धीरे किस करने लगा। किस करते वक्त ऐसा महसूस हो रहा था जैसे मैं उसके नंगे मम्मो को किस कर रहा हूँ। जिन की झलक उसके ब्लाउस से झाँकते १/४ मम्मो से मैंने ली थी। कुछ देर इसी तरह मैं उसके ब्लाउस के कप को किस करता रहा।

मेरी इस हरकत का असर रीमा पर भी हो रहा था उसकी मस्ती भी बढने लगी थी जिसके भाव उसके चहरे पर साफ नजर आ रहे थे। फिर मैंने रीमा के तरफ देख कर जीभ निकाल कर उसके कप को चाटना शुरू कर दिया। उसका स्वाद बहुत मादक था। पहले २-३ बार मैंने कप को चाटा और थोडी देर रुक कर उसके स्वाद क मजा लिया। फिर अपनी जीभ बाहर निकाल कर उसके ब्लाउस के कप पर टूट पडा। और जल्दी जल्दी चाटने लगा। मैं उसका कप इस तरह से चाट रहा था की जैसे कई दिन के भूखे कुत्ते को हड्डी मिल गयी हो। थोडी देर मे ही मैंने उसके ब्लाउस के कप को गीला कर दिया। गीला करने के बाद मेरे थुक की गंध उसके ब्लाउस मे उसके बदन की गंध के साथ मिल कर समा गयी। मैंने फिर से ब्लाउस को नाक पर रख कर गहरी साँस लेनी शुरू कर दी। मेरी थूक की महक ने उसके मम्मो कि महक के साथ मिल कर उस मिली जुली महक को और भी मादक बना दिया था।

फिर मैंने दुसरा कप हाथ मै लेकर उसमे अपनी नाक घुसा दी। रीमा से भी अब रहा नही जा रहा था। वह मुझको सामने से देखना चाहती थी। उसने सामने पडी हुयी अपनी साडी उठायी और उसको अपने मम्मो के चारो तरफ लपेट ली जिससे उसके मम्मे साडी मे छिप गये। और वह मेरी तरफ मुँह करके मुझको देखने लगी। मैं अभी भी उसके दुसरे कप को सुंध रहा था। मुझे देख कर रीमा बोली बेटा तेरा लम्बा सुन्दर लंड मेरे बदन और मेरे बदन से लिपटे कपडो को प्यार करते तुम्को देख कर मस्त हो कर लार बहा रहा है। और वह भी मेरे कपडो का भुखा है। तुम अपने लंड के सुपाडे को मेरे दुसरे कप पर छुआ दो जिस से उसका रस मेरे ब्लाउस मे मिल जाये फिर उसको सुंघो और चाटो तुमको एक अलग ही मजा आयेगा।

रीमा की बात सुनकर मैंने सोचा रीमा सही कह रही है। और फिर मैं ब्लाउस का कप अपने लंड के पास ले गया और उसके सुपाडे को अपने हाथ से पकड कर धीरे धीरे कप पर फिराने लगा। मेरे लंड के सुपाडे के ब्लाउस पर लगने से मेरे शरीर मैं उत्तेजना के कारण कपकपी आ गयी। मैंने ब्लाउस के कप मे ४-५ जगह लंड से बहता रस लगा दिया। जब मेरा प्रीकम ब्लाउस मे अच्छी तरह से लग गया मैंने उसको उठा कर फिर से अपनी नाक उसमे घुसा दी। और एक गहरी साँस ली। ओहऽऽऽ म मऽऽऽऽऽऽ रीमा का कहना बिल्कुल थीक था उसकी गंघ तो बिल्कुल बदल गयी थी और बहुत ही मादक हो गयी थी। रीमा ने मुझसे पूछा क्यो बेटा कुछ फर्क पडा क्या। मैंने कहा हाँ माँ तुम बिल्कुल थीक कहती थी। माँ तो हमेशा ही सही होती है बेटा माँ की बात मान कर सही से माँ से चुदायी शास्त्र की शिक्षा लेगा तो जीवन मैं कभी भी निराश नही होगा समझा। मैं कहा हाँ माँ।

फिर मैंने उसके ब्लाउस को सुंघना जारी रखा थोडी देर सुंघ कर मैंने उसको चुमना और चाटना शुरू कर दिया। इस कप का स्वाद चख कर मुझे लगा मैंने पहले कप मे क्यो नही अपने लंड का रस मिलाया मिला लिया होता तो उसका स्वाद भी इतना ही स्वादिष्ठ होता। मेरे लंड का रस मिला लेने की वजह से ब्लाउस क स्वाद और भी मस्त हो गया था। और फिर मैंने चाट चाट कर ब्लाउस के दुसरे कप को भी अपने थूक से गीला कर दिया। उसके बाद दोनो कप पर बारी बारी से उस जगह पर किस किया जिस जगह पर मम्मो से बाहर निकलती नुकीली घुडियाँ होती है। किस करके मुझे लगा जैसे की मैं उसकी घुडीयो को किस कर रहा हूँ।

जब मैं पूरी तरह से मम्मो कि प्यार कर चुका और उसका मेरे थूक से सना ब्लाउस अपने हाथ मै लिया खडा हुआ तो रीमा बोली तो बेटा कैसा लगा तुमको मेरा सेक्सी ब्लाउस पंसन्द आया। जब मैंने पहन रखा था तो तुम्हारी हालत खराब थी ये तो मुझको मालूम मैं अब मेरे ब्लाउस को प्यार कर के मेरे चूत के राजा की क्या हालत है। मैं बोला माँ हालत तो अभी भी खराब है। इतनी मस्ती भरी थी इस ब्लाउस मैं मुझे मालूम नही था और उस सारी मस्ती को मैं चाट चाट कर पी गया हूँ जिसकी वजह से मेरे तन बदन मे मस्ती भरी आग लग गयी है। ओहऽऽऽ माँ तुम्हारे बदन की गंध मैं इतनी मादकता है कि ये तुम्हारे कपडो को चुदास रस से भर देते है। जिसको पी कर मेरे बदन का तापमान बढ गया है। अगर मैं तुम्हारे बदन को प्यार करुगाँ तो तुम्हारे बदन को छुते ही मेरी मस्ती झड जायेगी। इसपर रीमा ने कहा नही बेटा मैं ऐसा नही होने दुंगी। तुझसे पहले अपनी जबरदस्त चुदायी कराउगी तभी तुझे झडने दूगी समझ। मैंने उसकी बात सुनकर सर हिला दिया।मैने सर तो हिला दिया था पर मुझे बिल्कुल भी विश्वास नही था की उसको चोदने तक मैं रुक पाउगाँ मेरा अनुमान था की उसको ब्रा पैन्टी मैं देख कर बिना छुये ही मेरी मस्ती झड जायेगी। फिर मैंने सोचा चलो देखते है की रीमा क्या करती है। फिर रीमा बोली मेरा यह ब्लाउस हमारे पहले मिलन की निशानी है। मैं इसको सम्भाल कर रखना चाहती हूँ। लेकिन मैं चाहती हूँ कि तुम इसको अपने लंड रस से भर दो। जिससे मेरे बदन की गंध के साथ साथ तुम्हारे लंड रस की गंध भी इसमे समा जाये। और जब तुम मेरे पास ना हो तो मैं अपने ब्लाउस को सुंघ कर उस मिलन की याद को ताजा कर सकुँ।

मैंने कहा थीक हैं माँ मैं अपना लंड रस से इस ब्लाउस को गीला कर देती हूँ तो रीमा बोली नही बेटा ये काम मुझे करने दे इसको करने का हक सिर्फ मेरा है। मैंने कहा थीक है माँ। और उसका ब्लाउस उसके हाथ मैं दे दिया। हाथ मे लेकर रीमा बोली तूने तो इसको बिल्कुल ही गिला कर दिया है रे हर छोटी से छोटी चीज से तेरे को मस्ती चढती है तू तो पक्का से ही रंडी की औलाद है। ला अब अपना लंड पकडने दे मुझे इसका रस अपने ब्लाउस पर तो मल लूँ मैं। मैंने कहा लो पकड लो मेरा लंड माँ। रीमा अपने पंजो के बल झुक कर बैठ गयी। उसका मुँह बिल्कुल मेरे लंड के सामने था। मेरा लंड हाथ मैं लेकर उसने उसके सुपाडे को उपर की खाल के अंदर से निकाला। जिस से गोल्फ बाल जितना मोटा सुपाडा निकल कर बाहर आ गया।

रीमा मेरा सुपाडा देख कर बोली बडा मोटा है रे तेरा सुपाडा मैं रंडी हूँ इतने सारे लंड खा चुकी हूँ। कुछ लंड तो तेरे से भी बडे थे पर लगता है की तेरा ये सुपाडा मेरी चूत तो फाड ही डालेगा आज। उसकी इस बात को मेरी पुरे शरीर मैं एक मस्ती की लहर दौड गयी। फिर रीमा बोली मेरे दाँये कप पर तो तुने अपना मदन रस लगा ही दिया है अब बाकी का रस मै अपने ब्लाउस के बाँय कप और पिछले हिस्से मे लगाउगी। ये कह कर उसने मेरे लंड को मेरे सुपाडे के निचले हिस्से से पकड और सुपाडे के एक हिस्से के रस को ब्लाउस के बाँये कप से पोछ दिया। पोछते वक्त उसने थोडा दवाब अपने मुलायम कोमल उगलीयो से मेरे सुपाडे को दिया। जिससे मेरे लंड ने एक झटका सा लिया मुझे लगा मैं झड ही जाऊगाँ। पर ऐसा हुआ नही। क्योकि उसका दवाब बिल्कुल नपा तुला था।

जिससे मेरे शरीर मैं मस्ती का उबाल तो आया पर वह उबाल मुझको झड नही पाया। फिर उसने ब्लाउस को पीठ के हिस्से की तरफ से पकडा और सुपाडे के दुसरे हिस्से को उसी दवाब के साथ पोछ दिया पर इस बार मेरे मुँह से एक सिसकी निकल गयी। बेटा अब बस तेरे सुपाडे के सर पर थोडा सा रस लगा बाकी रह गया है उसको मैं ब्लाउस का गुथा बना कर पोछ देती हूँ। यह कह कर उसने मेरा लंड अपनी मुठ्ठी मै भर लिया और दुसरे हाथ से ब्लाउस का गुथा बना कर मेरे लंड के सुपाडे पर कस के रगड कर साफ कर दिया। ऐसा करते वक्त उसने मेरे लंड को कस कर अपनी मुठ्ठी मै दबा दिया जिस से थोडा सा दर्द भी हुआ जिससे मेरा ध्यान लंड के सुपाडे पर होने वाली सेन्सेशन पर नही जा सका और सारा ध्यान मेरे लंड मे हुये दर्द पर ही केन्द्रित था। अगर वह ऐसा नही करती तो मैं सुपाडे पर हुयी रगडाहट की वजह से मैं जरूर झड जाता।

7 years ago#29
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रीमा बहुट खेली खायी हुयी औरत थी उसको पता था कि कब किस समय क्या किया जाता है। और इतने सालो मे कई सारे मर्दो से चुदा कर वह चुदायी शास्त्र कि महा ज्ञानी हो गयी थी। मैं अपने आप को बहुत धन्य समझ रहा था क्योकि मैं रीमा की क्षत्र छाया मे चुदायी शास्त्र कि शिक्षा प्राप्त कर रहा था। मेरे लंड से सारा रस रीमा ने अपने ब्लाउस पर पोछ लिया था। उसके बाद रीमा ने मेरा लंड छोड दिया और अपना ब्लाउस को दोनो हाथ से पकड कर अपनी नाक के नीचे रख दिया और सुघंने लगी और एक गहरी साँस लेकर बोली म म म मऽऽऽऽऽऽ क्या मस्त खुशबू है। मेरे बदन की महक तेरे थूक और लंड रस से मिल कर बनी यह खुशबू किसी भी औरत और आदमी को जानवर बना सकती है।

बेटा तू तो बडा ही रसीला मर्द है। बहुत कम मर्द मुझे ऐसे मिले हैं अपनी चुदायी यात्रा मैं जिने मेरी महक और कपडो से भी प्यार हो। और तेरी उम्र उनमे सबसे छोटी है। और मैं तेरे से बहुत खुश हूँ मेरे लाडले बेटे चला आजा तूने ब्लाउस का मजा तो ले लिया अब ब्लाउस मै छिपे मम्मो का मजा भी तो ले ले। मैंने कहा फिर साडी हटाओ और अपने मम्मे मुझे दिखाओ। इसपर रीमा पलट कर अपने चूतड मटकाते हुये सोफे के पास गयी और सबसे पहले अपना ब्लाउस उस पर रख दिया। और मेरी तरफ अपनी पीठ करके २-४ कदम पीछे की और चली और फिर अपनी साडी अपने उपर से हटा कर सोफ़े पर फेक दी। और अपनी हाथ नीचे करके बोली आजा मेरे बेटे तेरी रंडी तैयार है।

मैं रीमा की तरफ गया और और अपने हाथ उसकी बगल से नीचे डाल कर उसके कमर के चारो और लपेट लिये। और उसके गले पर एक किस कर दिया। जिसकी वजह से उसने एक बडी सिसकी ली। चुम्बन लेने के बाद मेरी नजर उसकी छाती से लटकती ब्रा मैं फंसी चूचीयो पर गयी। ब्लाउस निकल जाने के बाद उसकी चूचीयाँ का और भी ज्यादा भाग नंगा हो गया था। और उपर से उसकी भारी भारी चूचीयाँ और जहाँ वो आपस मैं मिलती है उनके बीच की खायी को देख कर मेरा लंड ने फिर से रस बहाना शुरू कर दिया जबकी थोडी देर पहले ही रीमा ने मेरा सारा रस पोछ दिया था। तभी मेरी नजर उसकी ब्रा के अग्र भाग पर गयी जहाँ से उसकी घुडियाँ ब्रा से बाहर निकल कर झाँक रही थी।

यह देखकर पहले तो मैं हैरान रह गया फिर मैंने सोचा ओह इसका मतलब है रीमा ने ऐसी ब्रा पहन रखी है जिस मैं घुडियो कि जगह पर छेद है। यही कारण है कि जब मैं उसके मम्मो पर ब्लाउस के उपर से हाथ फेर रहा था तो मुझे उसकी घुडीयो का अहसास हुआ था। इस तरह से उपर से उसकी चुचीयो का नजारा बहुत ही आकर्षक था। ये नजारा देख कर मेरे मुँह से लार टपक पडी। और मन किया की जा कर उसकी घुडियो को चूस कर उनका सारा रस निचोड लूँ। रीमा ने मुझे उसकी चूचीयो को घूरते हुये देख लिया था उसने कहा क्या हुआ बेटा कैसी लगी मेरी चूचीयाँ बढीया है ना। मैंने कहा हाँ माँ इनको मैं आगे से देखना चाहता हूँ। रीमा ने कहा तो देख ले बेटा मैं मना थोडी न कर रही हूँ। मैंने तो तुझे बुलाया ही अपना नंगा बदन दिखाने के लिये है। ताकी तेरा लंड मेरा नंगा बदन देखकर मस्त खडा हो जाये और तू इस लम्बे लंड से मुझे चोद कर अपने लंड के साथ कुछ न्याय कर सके।

अगर तू मेरा सगा बेटा होता तो जाने कबका मैंने तेरा लंड अपनी चूत मैं लील लिया होता चल अब देर मत कर और आजा सामने और देख ले अपनी माँ के मम्मे और जल्दी से जल्दी मुझे चोद कर मादरचोद बन जा। रीमा की बात सुनकर मुझमे फिर से जोश आ गया और मैं उसके कंधे पर एक बार और किस कर के उसके सामने आ गया। उसकी और पहली बार मैंने अपनी नजर उसके ब्रा मे कैद मम्मो पर दोडायी। उसकी ब्रा काले रंग की थी। और उसके हुक आगे से लगते थे। नीचे का सट्रेप करीब २ इन्च चौडा था। और कप कुछ इस तरह से थे के उसके हरेक मम्मा दोनो तरफ़ इस १/४ से ज्यादा नंगा था।ब्रा का कप तिकोने आकार का था। और नीचे से चौडा था और उपर जा कर ब्रा के कंधे वाले सट्रेप से मिलता था। कंधे वाला सट्रेप करीब १/२ इन्च चौडा था। और ब्रा मे जहाँ पर घुडियाँ होती है वहाँ पर एक बडा से छेद था। छेद इतना बडा था की उसमे से उसकी घुडियाँ और उसके चारो और बना गोला साफ देखायी दे रहा थे। उस गोले के किनारो को काले रंग के धागे के साथ सिला गया था। जिससे की वह फट ना जाये। उसकी घुडीयों का रंग गहरे भूरे रंग का था और घुडी के चारो और के गोले का रंग गोले के किनारे पर थोडा हल्का था। उसकी ब्रा से बाहर झाँकती घुडीयाँ किसी को भी पागल कर सकती थी तो मै क्या चीज था।


उसकी घुडीयाँ मस्त होकर पूरी कडी हो गयी थी। और उसकी ब्रा से बडे गर्व के साथ बाहर झाँक रही थी। ओह माँ तुम्हारे मम्मे तो गजब के मस्त है। और क्या बोलू इनके बारे मे। तुमने तो ब्रा भी ऐसी सेक्सी चुनी है कि क्या बताउ। तुम्हारी ब्रा से छेद से झाँकती घुडीयाँ ने मुझे पागल कर दिया है। माँ मैं तुम्हारी चूचीयो को प्यार करना चाहता हूँ। उनको चुसना चाहता हूँ उनका रस पीना चाहता हूँ। इस पर रीमा बोली बेटा तू भी साला कुत्ते का कुता है रहेगा जहाँ हड्डी देखी नही लगी लार टपकने। इसपर मैंने कहा हाँ माँ मैं कुत्ता हूँ तुम्हारा पालतू कुत्ता प्लीज माँ इस कुत्ते को हड्डी दे दो माँ तुम्हारा ये कुत्ता तुम्हारी चूची रुपी हड्डी का भूखा है माँ।

इस पर रीमा ने कहा थीक है तो फिर चल एक कुत्ते की तरह जीभ निकाल और आजा अपनी माँ के पास। तुझे हड्डी चाहिये तेरी माँ देगी तेरी को हड्डी। चुस ले मेरे मम्मे निकाल ने इनका रस मेरे लाल आजा। मेरे पास। रीमा की बात सुनकर मैंने अपनी जीभ बिल्कुल एक कुत्ते की तरह बाहर निकाल ली और और रीमा के पास पहुँच गया। रीमा ने अपने दोनो हाथ अपनी चूचीयो के नीचे रखे और उनको और उभरते हुये बोली आजा बेटा ले कर ले प्यार अपनी माँ की चूचीयो के साथ। उसका इसतरह से हाथ रख कर अपनी चूचीयो को मेरे को चाटने के लिये देना ऐसा लग रहा था कि जैसे प्लेट मै सजा कर मुझको फल चूसने के लिये दे रही हो। मैं भी बडा उत्तेजित था बस टूट पडा उसकी चूचीयो पर।

सबसे पहले मैंने रीमा की घुडीयों को किस किया। घुडीयाँ मेरे होठो पर किसी तीर के नोक की तरह चुभ रही थी। किस करने के बाद मैने उसकी चूचीयो के नंगे भाग की और ध्यान देना शुरू किया। और उसके नंगे हिस्से पर किस करना शुरु किया। पहले बाँयी चूची को किस कर किया फिर दाँयी चूची पर किस किया थोडी देर तक मैं ऐसे ही किस करता रहा। रीमा को शायद अपनी चूचीयो कर किस करवाने मे मजा आता था। क्योकी जैसे जैसे मेरे चुम्बन बढते गये उसके मुँह से आह ओह सी सी कि आवाजे निकलनी शुरू हो गयी। पर अभी भी मैंने उसकी चूचीयाँ अपने हाथ मे पकड कर नही देखी थी क्योकी मेरा उनको मसलने का बहुत मन था पर उनको पूरी नंगी कर के ही मैं उनकी कडायी पता करना चाहता था।

अच्छी तरह से उसके मम्मो को चूमने के बाद मैंने उसके मम्मो को अपनी जीभ से चाटने लगा उसके मम्मो के नंगे हिस्से पर जीभ घुमाना मुझे बडा अच्छा लग रहा था। उसकी मस्ती भी बढ गयी थी और वह बडबडा रही थी। चाट साले चाट गाँडू कही का चाट अपनी माँ कि चूचीयाँ साले तेरे को क्यो शर्म नही हैं माँ के लोडे चाट ले इनको साली बडा दुखी करती हैं मुझे खा जा इनको भोसडीके ये तो तेरे लिये मिठायी है रे खा जा माँ के लाल हाय क्या चुसता है। मैंने चाटते हुये पूछा बडा चिल्ला रही हो माँ मजा आ रहा है। रीमा बोली हाँ बेटा तुझे पता है बेटा चुचीयाँ चूत का सुईच होती है। इनको जितना चुसो और मसलो के उतना ही चूत रस बहाती है। इनको चुसने और मसलने से कोई भी औरत अपनी टाँगे खोल कर चूत चुदाने को तैयार हो जाये।

रीमा का चुदायी ज्ञान सुनकर मैं और भी जोर शोर से उसकी चूचीयो को चुसने मैं चुट गया और बीच बीच मैं उसकी घुडियाँ अपने मुँह मे लेकर चुस लेता था। और मैं करीब १५ मिनट तक उसकी चूचीयो को चाटने और चूसने के मजे लेता रहा। और चाट चाट कर उसकी चूचीयो को पूरा गिला कर दिया। इस बीच रीमा ने भी गालियाँ बक बक मेरा बहुत उत्साह बढाया। जब अच्छी तरह से चाट कर मैंने उसके मम्मो को छोडा तो रीमा बोली बेटा तूने तो फिर से मेरी चूत को गिला कर दिया मेरे राजा। अभी तो तुने मुझे झडाया था मेरी जान और अब फिर से मेरे अंदर झडने की चाह भर दी। मैंने कहा माँ तो तुम फिर से खेल लो अपनी चूत से जब तक मैं तुम्हारे मम्मो को प्यार करता हूँ। रीमा बोली नही बेटा अब तो मेरा पेटीकोट उतार कर ही मेरी चूत हो पैन्टी के उपर से चाट कर मुझे मजा देना समझा।

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मैने कहा ओह माँ तुम कितनी अच्छी हो तुमको अपना वादा याद है अपनी चूत पैन्टी मे से चटाने का। रीमा बोली और क्या बेटा ऐसे कैसे भूल सकती हूँ वादा वैसे भी इसमे तो मेरे को ही मजा मिलने वाला है और तुम से मम्मे चटावा कर तो सोच रही हूँ कि अच्छा हुआ कि मैंने हाँ कह दी। नही तो झडने के लिये जाने कितनी देर तक इंतजार करना पडता। पर मेरे लंड की हालत बहुत बुरी हो रही थी। वह रह रह कर झटके मार देता था जैसे कहा या तो मुझे झडा तो नही तो मैं खुद ही झड जाउगाँ जिस से तुमको बिल्कुल भी मजा नही मिलेगा। फिर रीमा ने कहा आजा मेरे राजा बेटा तूने माँ के मम्मो का मजा ले लिया अब पेटीकोट उतार कर मेरी चूत चाट जल्दी से। मे मरी जा रही हूँ मेरी पैन्टी मेरे रस से पूरी भीग गयी है।

माँ की आज्ञा सुनकर मैं बोला माँ ठीक है उतार देता हूँ तेरा पेटीकोट पर चूत तो मैं पेटीकोट को प्यार करने के बाद ही चाटूगाँ। रीमा बोली थीक है थीक अब लग जा काम पर। रीमा मेरे सामने खडी थी। और मै उसके सामने घुटनो के बल बैठ गया अब उसके पेटीकोट का नाडा बिल्कुल मेरी आँखो के सामने था। मेने एक बार रीमा की तरफ नजर उठा के देख जैसे पूछ रहा हूँ उतार दुँ रीमा ने मेरी तरफ देखकर अपना सिर हिला दिया। फिर मैंने अपने हाथ आगे बढा कर उसके पेटीकोट का नाडा पकड लिया। और फिर आगे बढ कर उसकी पैन्टी पर एक किस लिया और नाडे के दोनो छोर पकड लिये। अब बस मै उसकी चूत का घूघंट उठाने ही वाला था।

फिर मैंने उसके पेटीकोट का नाडा पकड कर खीच दिया जिससे उसका नाडा खुल गया और पेटीकोट ठीला हो गया। फिर मैंने अपने हाथो से उसके नाडे की आखरी गाँठ भी खोल दी। अब उसका पेटीकोट खुल चूका था अगर नाडा मेरे हाथ मे नही होता तो जाने कब का पेटीकोट फर्श पर होता। फिर मैंने रीमा की तरफ देखते हुये रीमा के पेटीकोट का नाडा छोड दिया। नाडा छोडते ही उसका पेटीकोट उसका पेटीकोट कमर से सरक कर जमीन पर गिर पडा। और मेरे सामने दुनिया का सबसे सेक्सी नजारा आ गया। मेरे सामने मेरी रीमा मेरी माँ सिर्फ ब्रा पैन्टी मै खडी थी। जिसमे उसके चूचीयाँ मेरे थूक से पूरी तरह गीली थी तथा उसकी पैन्टी उसके रस से गीली होने की वजह से उसकी चूत से चिपक गयी थी।उसकी चुत से चिपकी होने के कारण चूत होने का अहसास उससे हो रहा था। मै अभी भी नीचे बैठा था। रीमा ने पीछे हट कर अपने पैर पेटीकोट से निकाल लिये और बोली ले बेटा मैंने अपने पैर पेटीकोट से निकाल लिये है अब तू जल्दी से इससे प्यार कर ले फिर मेरी चूत चाट मैं मरी जा रही हूँ बेटा तेरी जीभ को अपनी चूत पर महसूस करने के लिये। रीमा मेरे सामने ब्रा पैन्टी और उची ऐडी के सैंडल मे खडी थी। इस समय मुझे वह दुनिया की सबसे खूबसूरत औरत लग रही थी। गोरा गोर भरापूरा बदन भारी भरकम चुचीयाँ जो उसकी ब्रा को फाड कर उसकी कैद से आजाद होने के लिये बैचेन थी। भारी चुतड और चूत को छुपाती छोटी से पैन्टी।


गोरी गोरी चिकनी माँसल जाँघे। और उनको और भी सेक्सी बनाती उसकी उँची ऐडी की सैंडल पूरी कयामत लग रही थी रीमा। रीमा बोली ऐसे क्या देख रहा है बेटा जल्दी से मेरे पेटीकोट को प्यार कर ले फिर मेरी चूत चाटना बेटा। मैंने कहा माँ तुम पलट जाओ पहले मैं तुम्हारे चूतड देखना चाहता हूँ। रीमा बोली बेटा क्यो तडपाता है माँ को चूतड बाद मैं देख लेना पहले मेरी चूत की प्यास तो कुछ कम कर दे। पर मैं तो उसके चूतड देखे बिना और कुछ करने के मूड मैं नही था मैंने कहा माँ नही पहले तो मैं तुम्हारे चूतड ही देखूगाँ। रीमा बोली तू भी मानेगा नही चल मैं घुमती हूँ तू देख ले चूतड। उसकी बात सुन कर मैं खुश हो गया।

फिर रीमा घूम कर खडी हो गयी और उसके चूतड मेरी आँखो के सामने आ गये। उफ़ क्या चूतड थे उसके चौडे कमर से बाहर को निकले हुये बडे बडे उनको देखते ही मेरे शरीर मे मस्ती की झुरझुरी दौड गयी। और उसकी छोटी सी पैन्टी उसके चुतडो को छुपाने मे बिल्कुल नाकाम थी और उसके दोनो चुतडो के बीच फंसी हुयी थी। थोडी देर रीमा इसी तरह अपने चूतड मुझे दिखाती रही और मैं उनको निहारता रहा। फिर रीमा पलट गयी और बोली देख लिये मेरे चुतड मेरे बेटे। पर मेरी नजर मैं उसके चूतड ही घूम रहे थे। मेरा लंड आपे से बाहर हुआ जा रहा था मुझे लगा की अगर यही हाल रहा तो मैं अभी झड जाउँगा।

अब मेरा रुकना बिल्कुल मुश्किल था। येहे सोच कर मैंने अपनी आँखे बंद कर ली और अपने ऑफिस के काम के बारे मे सोचने लगा जिस से मेरा ध्यान बट जाये और मैं झडने से बच जाँऊ। रीमा मेरे को इस हालत मे देख कर बोली क्या हुआ बेटे अपनी आँखे क्यो बंद कर ली। मैंने कहा माँ अगर मैं ऐसे ही तुम्को देखता रहा और प्यार करता रहा तो अभी झड जाउँगा इसी लिये आँखे बंद कर के उनसे ध्यान हटाने की कोशिश कर रहा हूँ। रीमा बोली ठीक है मैं तेरी इसमे मदद करती हूँ अपने बदन पर अपनी साडी डाल लेती हूँ जिससे तुम मुझे नंगा ना देख सको। फिर थोडी देर बाद बोली लो बेटा मैने साडी डाल ली अब अपनी आँखे खोल सकते हो।

मैने अपनी आँखे खोल ली रीमा ने अपने पूरे बदन पर साडी लपेट ली थी और मेरे सामने खडी थी और मैं घूटनो के बल बैठा था। मैने कहा माँ इसतरह तो हम प्यार नही कर पायेगे तुम मेरा लंड चूस कर झडा दो फिर आगे प्यार करेगे। रीमा बोली नही तुमको अभी नही झडना है। मेरे पास एक दुसरा उपाय है उससे जब तक तुम नही चाहोगे तब तक नही झडोगे। मैंने कहा ऐसा कौन सा उपाय है माँ ऐसे उपाय के लिये तो मैं तैयार हूँ। रीमा बोली अगर तुमको मंजूर है तो मैं वह उपाय करती हूँ सोच लो हो सकता है तुमको यह उपाय पंसन्द ना आये। मैंने कहा माँ अगर तुम समझती हो की इस उपाय से मैं नही झडुँगा और हम दोनो पुरी मस्ती के साथ चुदायी का मजा ले सकेंगे तो फिर चाहे कितना भी मुश्किल हो मैं तैयार हूँ।

रीमा मुस्कुरायी और आगे बढ कर मेरे माथे पर किस कर लिया। फिर उसने अपना पेटीकोट उठाया और उसका नाडा खीच कर निकाल दिया और बोली बेटा मैं तुम्हारे लंड पर जहाँ ये तुम्हारे बदन पर जुडा है अपने पेटीकोट का नाडा बाँध दूँगी और तेरी इन लंड की बॉल को भी नाडे से कस कर बाँध दुँगी जिससे इनका रस कितना भी उबाल मारेगा पर लंड से बाहर नही निकल पायेगा इस तरह से तु मेरा साथ जो चाहे कर सकता है बिना अपने झडने के डर से। फिर तू मुझे जितनी देर जाहे चोद सकता है। मुझे पता है इसमे तेरे लंड को थोडा दर्द होगा क्योकि मैं बहुत कस के बाँधुगी पर बाद मैं तुझको मजा भी आयेगा बोल बेटा कैसा लगा मेरा उपाय।

मैं बोला बहुत ही अच्छा उपाय है माँ और तुम्हारे इस मस्ताने बदन के लिये यह दर्द कुछ भी नही है माँ मैं तैयार हूँ। फिर रीम मेर सामने घुटनो के बल खडी हो गयी और बोली बेटा तू खडा हो जा जिस से मुझके नाडा बाँधने मे आसानी होगी। मैंने कहा थीक है माँ और मैं उठ कर खडा हो गया मेरा लंड रीमा के मुँह के सामने जबरदस्त खडा होकर झूल रहा था। उसने बिना मेरा लंड छुये हुये नाडा मेरे लंड के बेस पर रखा और फिर एक गांठ कस कर लगा दी। इसतरह से कस के नाडा बाँधने से मेरे अंदर दर्द की एक लहर दौड गयी। फिर उसने मेरे लंड के ईर्दगिर्द दो चार और लपेटे घुमा कर नाडे के एक हिस्से को मेरे बॉल के बेस के चारो और घुमाया तथा दुसरे सिरे को मेरे दोनो बॉल के बीच मे से ले जाकर पहले एक बाल के चारो और फिर दुसरी बाल के चारो और कस के लपेट कर नाडे के दुसरे हिस्से के साथ पूरी ताकत लगा कर कस कर बाँध दिया।

फिर अच्छी तरह से मेरे मेरे लंड पर नाडा बाँध लेने के बाद रीमा ने मेरे लंड के सुपाडे को कस कर चूम लिया और बोली मेरे प्यारे बेटे का प्यारा लौडा। यह कह कर रीमा खडी हो गयी और बोली लो बेटा मैंने अपना काम कर दिया अब तुम्हारा लंड नही झडेगा। फिर मैंने रीमा का मुँह अपने हाथो मे लेकर उसके होठो को चूम लिया। रीमा बोली बेटा अब देर मत कर जल्दी से प्यार कर मेरे पेटीकोट को फिर मेरी चूत चूस ले बेटा। ऐसा कह कर मैं फिर घुटनो के बल नीचे बैठ गया और रीमा का पेटीकोट उठा लिया और रीमा के तरफ देखा। रीमा ने अभी भी साडी अपने चारो और लपेट रखी थी। मैंने रीमा से कहा माँ अब तुम अपनि साडी उतार दो इसतरह अपने मस्ताने बदन को साडी मे छुपाने कि अब कोई जरुरत नही है। रीमा मुस्कुरायी और अपनी साडी उतार कर फैंक दी।

फिर मैंने पेटीकोट उठाया और उसको प्यार करने मे जुट गया। सबसे पहले उसको पुरा गहरी साँस लेकर सुंघा और उसकी चूत गाँड और चुतड की मिली जुली गंध का सेवन किया। वह गंध इतनी मस्तानी थी की अगर रीमा ने नाडा नही बांधा होता तो मैं पक्का से झड जाता। थोडी देर पेटीकोट को सुघंने के बाद मैने उसको चुमना और चाटना शुरु कर दिया और १० मिनट मै पेटीकोट का भी वही हाल किया जो ब्लाउस का किया था पेटीकोट भी मेरे थूक से गिला हो गया था। फिर मैंने पेटीकोट रीमा को दे दिया। रीमा बोली बेटा अब तुमने मेरे पेटीकोट को चूम चाट कर प्यार कर लिया अब आओ बेटा मेरी चूत चाट कर मेरी मस्ती झडा दो देखो इसने भी रस बहा बहा कर मेरी पैन्टी को कितना गीला कर दिया है।

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