7 years ago#31
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मैंने कहा माँ तुम्हारी चूत चाट के झडाने से पहले मैं तुम्हारा शुक्रिया अदा करना चाहता हूँ। तुमने जो मेरे लंड को अपने पेटीकोट के नाडे के साथ बाँध दिया है उसकी वजह से मैं जब तक चाँहू तब तक बिना झडे तुम्हारा मजा ले सकता हूँ। तुम्हारे इस काम के लिये मैं पहले तुम्हारे चुतडो और गाँड के छेद पर किस करना चाहता हूँ। मेरी बात सुनकर रीमा ने आश्चर्य से अपने हाथ अपने मुँह पर रख लिये और बोली। ओह मेरे राजा तू ये क्या कह रहा है। मेर पूरा बदन तो मस्ती मै भर गया है बेटा। आज से पहले कई लोगो ने मेरे चूतडो का चुम्बन लिया है। पर किसी ने भी मेरी गाँड के छेद के साथ नही खेला। तुम पहले मर्द हो जो यह करना चाहता है।

इसपर मैंने कहा माँ अगर ऐसी ही बात है तो मैं तुम्हारी गाँड को बहुत प्यार करुगाँ अपने मुँह से पर तुम्हारी चूत को अच्छी तरह से चुसने के बाद अभी सिर्फ एक किस करुगाँ। रीमा ने आगे बढ कर मुझे गले लगा लिया उसके घुडियाँ मेरी छाती से रगड खाने लगी। और बोली बेटा मैं बहुत खुश हूँ आज मैं जाने कब से अपनी गाँड किसी मर्द से चटवाना चाहती थी। औरतो ने तो मेरी गाँड चाटी है पर किसी मर्द ने आज तक नही। तुम आज मेरा यह सपना पूरा कर सकते हो। पर बेटा मैं तुमसे गाँड चटाउँगी पर अभी नही तुम से एक बार अच्छी तरह से चुदाने के बाद इत्मिनान से जिस से तुम अपना सारा ध्यान मेरी गाँड चाटने मे लगा सको मैंने कहा थीक है माँ जैसी तुम्हारी मर्जी।

फिर रीमा मेरे गाल पर किस करके अलग हो गयी और पलट कर खडी हो गयी। और रीमा का सबसे सुन्दर सबसे मस्त अंग मेरे सामने था उसके चूतड और उनके बीच फंसी उसकी पैन्टी। मैंने आगे बढ कर पहले उसके बाँये चूतड पर फिर उसके दाँये चूतड पर किस किया। फिर मैं रीमा से बोला माँ अब तुम अपने हाथो से पकड कर अपने चूतडो को फैलाओ जिस से मैं तुम्हारी गाँड पर किस कर सकूँ। रीमा बोली बेटा मैं फैलाती हूँ अपनी गाँड पर तू मेरे पैन्टी के उपर से ही किस करना पैन्टी उतार कर बाद मे मैं तुमसे किस कराउँगी। मैंने कहा थीक है माँ।

फिर रीमा ने थोडा सा आगे झुक कर अपने दोनो चूतड पकड लिये और बोली बेटा तैयार है। मैने कहा हाँ माँ। फिर रीमा ने अपने चूतड खीच कर फैला लिये। उसकी पैन्टी उसकी गाँड की दरार मैं और घुस गयी। मुझसे बिल्कुल भी नही रुका गया और मैंने आगे बढ कर जहाँ पर उसकी गाँड होने का मुझे अंदाजा था वहाँ पर मैंने एक गहरा चुम्बन ले लिया। रीमा के मुँह से एक बडी आह निकल गयी। मैंने रीमा से पूछा माँ मैंने थीक जगह पर किस किया था क्या। रीमा बोली हाँ बेटा बिल्कुल गाँड के छेद पर। और तुम्हारे किस करते ही मैं स्वर्ग मैं पहुँच गयी।

फिर रीमा उठ कर खडी हो गयी और बोली अब मैने तुम्हारी सारी इच्छाये पूरी कर दी चलो अब खडे हो जाओ और मेरी चूत चाट कर मेरी मस्ती झडा दो। मैंने कहा थीक है माँ। और मैं उठ कर खडा हो गया रीमा अपने चुतड मटकाती हुयी छोटे वाले सोफे कि तरफ चल दी चलने से पहले उसने पीछे मुड कर देखा और मुस्कुराते हुये अपनी उगली से इशारा करते हुये मुझे अपनी तरफ बुलाया। मैं उसके पीछे चल अपनी आँखो को उसके चूतड पर टिका कर चल दिया। फिर वह सोफे पर जा कर सोफे के एक दम किनारे पर अपने चूतड टिका कर और अपनी पीठ पीछे कर कर सोफे पर सहारा ले कर बैठ गयी।

फिर उसने अपनी एक टाँग उठायी और मेरे लंड पर अपनी उँची ऐडी के सैंडल छुआती हुयी बोली तो तैयार है मेरी चूत की सेवा के लिये। मैंने कहा हाँ माँ। फिर रीमा ने अपनी टाँगे पुरी तरह से चौडी करके फैला ली और उनको सोफे के हथे रख दिया। जिससे उसकी टाँगे चौडी हो गयी और उनको सोफे के गद्देदार हथों पर सहारा भी मिल गया। इस आसन मैं रीमा घंटो तक अपनी चूत चटा सकती थी बिना किसी परेशानी के। रीमा बोली आजा बेटा बहुत देर से मुझको तू तडपा रहा है। अब मेरी बारी है अब मैं तुझको तडपाउँगी तब तुझे पता चलेगा कि माँ के साथ मस्ती करने से क्या होता है समझा। मैंने कहा हाँ माँ।

फिर रीमा बोलि ले तेरी इस रंडी माँ ने अपनी टाँगे खोल दी है और मेरी गीली चूत तैयार है। अब चूस ले इसको और झडा दे मेरा पानी। अब तो जम कर कफी देर तक तेरे से अपनी चूत की सेवा कराउँगी ४-५ बार झडुँगी उसके बाद ही तुझे कुछ करने दूँगी समझा और खबरदा जो तूने अपने लंड को छुने की भई कोशिश की। अगर मैंने तुमको अपने लंड से खेलते हुये देख लिया तो फिर आज तो तुम झडने के बारे मे भूल ही जाओ। ना आज पुरे दिन तुम्हारे लंड पर से नाडा खुलेगा ना तुम झडोगे समझे। अपना सारा ध्यान मेरी चूत और उसमे से निकलने वाले रस पर लगा समझ गया रंडी की औलाद। उसकी बात सुनकर बदन मे झुरझुरी दौड गयी। उसनी यह बात बहुत ही सिरयस होकर कही थी।

बिना झडे एक दिन तक अपने लंड को इस तरह से नाडे मे बधे रहने की बात सुनकर मैं बहुत घबरा गया और मैंने सोच लिया की सब कुछ भूल कर रीमा की चूत को चाटने की तरफ ध्यान दूगाँ। मैंने कहा ठीक है माँ मैं अपने लंड को बिल्कुल भी नही छुउँगा। सुनकर रीमा जोर से चिल्लायी तो आजा फिर सले खडा खडा देख क्या रहा है मेरी खुली चूत निमंत्रण दे रही चुस अब इसको। उसकी बात सुनकर मैं घुटनो के बल नीचे बैठ गया। उसकी रस से भीगी गिली चूत पैन्टी से ढकी हुयी मेरे सामने थी। सबसे पहले मैंने उसकी जाँघो पर हाथ रख कर उसकी चूत पर एक गहरा चुम्बन दिया। और फिर उसकी जाँघो पर धीरे धीरे हाथ फेरते हुये उसकी पैन्टी पर चारो तरफ गहरे चुम्बन देता रहा।

7 years ago#32
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रीमा ने अपना सर पीछे करके सोफे पर रख दिया और आँखे बंद करके मेरे चुम्बनो का मजा लेती रही उसके मुँह से हल्की हल्की करहाने की आवाजे आ रही थी। थोडी देर उसकी चूत के चुम्बन लेने के बाद मैंने उसकी चूत को निहारने का निश्चय किया। फिर मैंने अपने हाथ के उगली उसकी पैन्टी के किनारे फिराने लगा और उसकी चूत निहारने लगा बीच बीच मे मैं उसकी चूत कि किस करता जा रहा था जिस से उसको ये ना लगा के मैं अपनी आँखे सेक रहा हूँ। उसकी चूत उसकी काली पैन्टी मैं पुरी तरह से ढकी हुयी थी पर उसकी पैन्टी से काफी बाल बाहर निकल रहे थे इसका मतलब उसने अपनी झाँटे नही काटी थी। और उसकी पैन्टी इतनी ज्यादा गिली हो चूकी थी कि उसकी चूत की आउट लाईन पैन्टी मे से पता की जा सकती थी।

उसकी चूत से इतना रस बह चुका था की उसकी जाँघो भी उसके चूत रस मे भीग गयी थी और चूत रस की बूंदे आसानी से उसकी जाँघो पर देखी जा सकती थी। उसकी इसहालत को देख कर मैंने सोचा रीमा सही मैं बहुत तडपी है चूत चटाने के लिये अब उसकी इस इच्छा को पूरा कर ही देना चाहिये। यह सोच कर सबसे पहले मैंने उसकी पैन्टी के चारो और निकल आये उसके रस को पीना उचित समझा। फिर मैंने अपने हाथो से उसकी जाँघो पर लगा कर उनको और चौडा कर दिया। फिर अपनी जीभ निकाल कर उसकी पैन्टी के चारो और का रस चाटना शुरु कर दिया।रीमा तो किसी और ही दुनिया मे थी और आराम से लेट कर चूत चटवाने का माजा लेने के फिराक मे थी। इस लिये जैसे ही मैंने उसकी पैन्टी के चारो और का रस को चाटना शुरु किया तो बोली हाय रे जालिम अभी भी मुझे तडपा रहा है। चाट ले कुत्ते मेरा रस पी माँ के लोडे चाट चल पहले मेरा रस मेरी जाँघो से ही चाट मैं भी देख तुझसे पुरा बदला लुँगी तू देखता जा। हाय से क्या मस्त चलाता है तू अपनी जीभ मेरी जाँघ पर चाट और चाट। फिर थोडी देर मे मैंने उसकी पैन्टी के आस पास का सारा रस पी लिया। सारा रस पीने के बाद मैंने मैंने उसकी पैन्टी की और कूच किया सबसे पहले अपनी जीभ निकाल कर उसकी पैन्टी को चाटना शुरु कर दिया जैसे मैं कई दिनो का भूखा हूँ।

जैसे से ही मैंने पैन्टी के उपर अपनी जीभ चलानी शरु की रीमा ने मस्ती मैं करहाना शुरु कर दिया और और उसके मुँह से आह ओह की आवाजे आनी शुरु हो गयी। थौडी देर उसकी पैन्टी इसी तरह से चाटने के बाद मैंने अपनी जीभ से नोक बना कर पैन्टी के उपर से चूत की लकीर पर जीभ फिरानी शुरु कर दी उपर से नीचे और नीचे से उपर। इस तरह करने से मैं अपनी जीभ को एक बार ज्यादा उपर ले गया। जिससे रीमा एक दम से उछल पडी और बोली हाय से मार डाला मेरे राजा ओह मेरे चूत के दाने पर क्या रगडी है अपनी जीभ और रगडो मेरे लाल और रगडो इसी तरह। फिर मैंने अपनी जीभ पर और दवाब देकर जोर जोर से उपर से नीचे तक रगडना शुरू कर दिया। मेरी इस हरकत से रीमा और मस्ता गयी।

उसकी मस्ती मेरे चूत चाटने से बढती जा रही थी। फिर रीमा अपने सर को इधर उधर पटकने लगी और जोर जोर से चिलाने लगी। ओह हाय से सी सी ऽऽऽऽऽऽऽऽऽ उम्ह्ह्ह ऽऽऽऽऽऽऽऽ मार डाला रे क्या मस्त चूसता है रे तू कहाँ से ट्रेनिग ली है रे तूने बहनचोद चला चला ऐसे ही और जोर जोर से हाँ ऐसे हि मेरे रज्जा तेरे पर वारी जाऊँ ओह्ह्ह ऽऽऽऽऽ हाँ रे सिर्फ जीभ मत चला मेरे राजा मेरी चूत को चूस भी हाय से क्या मस्त मर्द मिला है इतने दिनो बाद आज जम कर मजा लूगी। बडा ही प्यार है रे तू माँ का कितना ख्याल रख रहा है रे उम्म्म्म ऽऽऽऽऽ। उस्की बात सुनकर मैंने भी उसकी चूत पर जीभ फिराते फिराते बीच बीच मे उसकी पैन्टी को चाट भी लेता था। जिससे जीभ चलाने से जो रस बाहर निकलता था चाटने से वह मेरे मुँह मे चाला जाता था और मैं अपनी जीभ को अपने मुँह मे रोल करके उसके रस का मजा लेता था।

फिर करीब १० मिनट तक मैं उसकी चूत पर इसी तरह जीभ फिराता रहा और चाटता रहा। इस तरह से करने से उसको मजा तो बहुत आ रहा था पर उसको झडने मे बहुत समय लग रहा था और इस वजह से उसकी हालत बहुत खराब हो रही थी। मेरा लंड भी मस्ती चाहता था पर मुझे पता था श्याद उसको तो काफी देर इंतजार करना पडे। फिर मैंने उसकी देखकर उसकी पैन्टी को उस जगह पर जहाँ पर उसके चूत का दाना था जोर से मुँह मे भर कर चूसना शुरु कर दिया। शायद मेरा निशाना सही जगह पर पडा था और उसकी चूत का दाना मेरे मुँह मे आ गया था। मेरे इस तरह से उसकी चूत का दाना चूसने से रीमा तो बिल्कुल पागल हो गयी।

ओह हाँ मेरे बेटे चूस चूस मेरी चूत के दाने को हाँ बेटा ओहऽऽऽ और जोर से चूस ले बेटा यही तो तेरी माँ के मजे का सोत्र है। इसी से तो तेरी माँ को मजा मिलता है। चूस ले बेटा खा जा मेरी चूत का दाना साला बडा परेशान करता है मुझे मेरी नीदं हराम कर दी है इसने रातो को सोने नही देता और बोलता है मुझे मजा दो। चूस चूस जोर से हाँ ऐसे ही। उसकी हालत बहुत खराब थी और अब वह कभी भी झड सकती थी। और वह पागलो की तरह जोर जोर से चिल्ला रही थी। फिर उसने अपनी टाँगी उठा कर मेरे कंधो पर रख दी और मेरा सर पकड कर अपनी चूत पर दबा लिया। और मस्ती मे अपनी टाँगे मेरी पीठ पर पटकने लगी जिससे उसकी ऊँची ऐडी की सैंडल मेरी पीठ पर जोर जोर से लग रही थी और थोडा दर्द भी हो रहा था।

पर मैं पुरे जोश से उसकी चूत चाटने मे जुटा हुआ था मेरा लंड पर नाडा बंधा था पीठ पर उसकी सैंडलो कि मार पड रही थी और मेरा लंड और पीठ दोनो दर्द कर रहे थे। पर इस दर्द मे भी उसकी चूत चाटने से मेरी मस्ती बढती जा रही थी। अब मैं भी रीमा को झडा देना चहाता था। यह सोच कर मैंने उसकी चूत के उपरी भाग को मुँह मे भरा और अपने दाँतो के बीच दबा लिया। मेरे दाँतो के बीच उसकी चूत का दाना आ गया और रीमा एक दम दर्द और मस्ती मे फडफडा उठी। और उसके मुँह से एक जोरदार चीख निकल गयी और बोली हाय रे मार डाला जालिम मै गयी मेरा पानी छुट रहा है रे क्या मस्त काटा रे मेरे लाल। झड गयी ओह उसके पुरे शरीर मे कपकपी छुट गयी थी।

फिर उसने अपने चूतड को उछाल कर उसने और मेरे मुँह से सटा दिया और मेरे सर के बाल पकड कर कस कर मेरे मुँह को अपनी चूत पर दबा लिया। और मेरे सिर को अपनी गोरी गोरी माँसल जाँघो मे दबा लिया। मेरा गले से उपर का हिस्सा पूरी तरह से उसकी कैद मे आ गया। मुझे ऐसा लग रहा था की मेरा दम ही घुट जायेगा। रीमा बहुत जोर से झड रही थी। उसकी चूत से पानी निकल कर उसकी पैन्टी को भीगो रहा था। और उस पानी को मैं पी रहा था। रीमा अपनी आँखे बंद करके झडने का मजा ले रही थी। और फिर हम दोनो थोडी देर तक ऐसे ही पडे रहे और मैं उसकी चूत का रस पीता रहा। थोडी देर बाद जब वह पूरी तरह से शांत हुयी और धीरे धीरे उसने अपनी टाँगो कि पकड ठीली कर दी। तब जाकर मुझे कुछ साँस आया।

फिर हम काफी देर तक इसी तरह से पडे रहे और हम मे से कोई भी कुछ नही बोला। रीमा की चूत से सारा रस निकल चुका था और उसको मे पैन्टी के जरिये पी गया था। जब वह पूरी तरह से शान्त हो गयी तो उसने अपन मुँह उठाया और मेरे तरफ़ देख कर बोली हाय रे मेरे लाल क्या कमाल है तेरे मुँह मे क्या मस्त झडाया है तुने मैं तो पुरी निहाल हो गयी रे। बहुत मजा आया रे जालिम तुझे मजा आया बेटा ये तेरी पहली चूत चटायी थी न। मैंने कहा हाँ माँ मुझे मजा आया तुम्हारी चूत का रस तो शरबत है माँ बडा मजा आया इसको पीने मे। इस पर रीमा ने कहा हाँ बेटा अभी तो बहुत शरबत बचा है मेरी चूत मे तेरे लिये चिंता मत कर अच्छी तरह से तुझको खूब शरबत पिलाऊँगी।

फिर रीमा बोली बेटा सच सच बता अगर तुझे मजा आ रहा है ना मेरे साथ। मैंने कहा हाँ माँ। अगर मैं तुझसे पूछूँ अभी कि अगर तू मेरी चूत फिर से चाटेगा कि मुझे चोद कर चूत कर मजा लेगा तो बता तू क्या पंसन्द करेगा। मैंने कहा मेरी प्यारी चुदक्कड माँ मैं तुम्हारी चूत चूस कर तुमको मजा देना पंसन्द करूँगा। मेरे बात सुनकर रीमा बहुत खुश हुयी और मेरे माथे पर किस कर लिया जैसे एक माँ प्यार से अपने बेटे का चुम्बन लेती है। फिर बोली बेटा मैं बहुत खुश हूँ कि तुमने अपने मजे से ज्यादा मेरे मजे के बारे मे सोचा। ठीक हैं आज एक ही बार मैं चूत चटा कर छोड देती हूँ पर अगली बार पूरी तरह से कई आसन मे चूत चटा कर पूरा मजा लूँगी।

7 years ago#33
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रीमा ने कहा मेरे राजा बेटे चल अब मेरे बाकी के कपडे उतार कर मुझको पूरा नंगा कर दे। और अपने धैर्य का इनाम यानी के मेरा नंगे बदन का भोग कर ले बेटा। फिर मैं उठ कर खडा हो गया और रीमा भी मेरे सामने उठ कर खडी हो गयी और बोली ले बेटा उतार दे मेरे कपडे कर दे मुझे नंगा। मैंने आगे बढ कर उसके मम्मो की दोनो घूडीयो को एक एक चुम्बन दिया फिर उसके पीछे चला गया और उसकी बाँहो के नीचे से हाथ डाल कर उसके ब्रा के हुक पकडने की कोशिश करने लगा। इस पर रीमा बोली बेटा तू बडा ही शैतान है। मेरे मम्मो को महसूस करने के लिये और अपना लंड मेरी टाँगो से भिडा कर उससे मजा लेने के लिये पीछे से मेरी ब्रा के हुक खोल रहा है। मैं रीमा की बात सुनकर हंस दिया और बोला हाँ माँ। फिर रीमा ने मेरे हाथ पकड कर अपनी ब्रा की हुक पर रख दिये।

बोली ले उतार अब इनको बडे नखरे करता है। मैंने पहले उसका एक हूक फिर दुसरा हुक खोल दिया उसकी ब्रा एक झटके से खुल गयी और उसके कबूतर पिजरे से आजाद हो गये। मैंने ब्रा के दोनो हिस्से पकड कर उसकी ब्रा उतार दी उसने भी अपने हाथ उपर उठा कर मुझे ब्रा उतारने मे सहायता की। ब्रा उतार कर मैंने उसको गहरी साँस लेकर सुघने लगा उसके दोनो कपो को भी सुंघा फिर उन कपो को एक एक किस करके रीमा को वापस दे दिया। उसकी पीठ अभी भी मेरी तरफ थी। रीमा बोली बेटा ब्रा को प्यार करके अपने थूक से गिला नही करेगा क्या। मैंने कहा करूँगा माँ पर अभी नही बाद मे। रीमा ने कहा ठीक है। और उसने ब्रा दूसरे कपडो के पास फेंक दी।

अब वह समय आ गया था जब मैं उसके मम्मो को नाप तोल के देखना चाहता था। उनको दबा कर देखना चहाता था। लेकिन सबसे पहले मैं उसके मम्मो को जी भर के देखना चाहता था। मैंने रीमा से कहा माँ अब तूम पलट कर खडे हो जाओ क्योकी मैं तुमहारे मम्मो को जी भर कर देखना चाहता हूँ। रीमा बोली ठीक है। फिर रीमा ३-४ कदम आगे बढी और फिर पलट कर खडी हो गयी। और मेरी आँखो के सामने रीमा का दूसरा सबसे सुन्दर अंग आ गया। पहला सबसे सुन्दर अंग उसके चूतड और उसकी गाँड का छेद था। उसके भारी भरकम चूचीयाँ मेरे सामने थी। उमर के कारण और इतनी भारी होने के कारण उसकी चूचीयाँ थोडी लटक गयी थी पर देखने मे बहुत ही कडी लगती थी। उसकी घुडीयाँ गहरे भूरे रंग की थी और मस्त होकर खडी थी और करीब १ इन्च लम्बी थी। उसकी घुडीयो के चारो और गहरे भूरे रंग का गोला था और वह काफी बडा था।

मुझे बडे उम्र की औरत की बडी बडी लटकी हुयी चूचीयाँ बहुत अच्छी लगती है। तो मेरे लिये तो उसकी चूचीयाँ वरदान थी। एक मीठा फल थी और मैं उस फल को खाने के लिये बेताब था। फिर मैं आगे बढ कर उसके पास चला गया और रीमा से बोला माँ तुमने अपना ये किमती जेवर इतनी देर तक मुझसे क्यो छुपा कर रखा था। रीमा ने कहा बेटा मैंने थोडी ये जेवर छुपा कर रखा था तुम ही इसकी तरफ नही देख रहे थे। माँ क्या मैं तुम्हारे इन मस्ताने गोरे गोरे बडे बडे बॉल्स को अपने हाथो मे लेकर देख सकता हूँ। हाँ बेटा क्यो नही मेरे इन बॉल्स पर सबसे पहला हक तुम्हारा है क्योकी तुम मेरे बेटे हो मेर लाल हो।

तुम जब चाहे मेरे किसी भी अंग को छू सकते हो पर जिस तरह से तुम पहली बार मेरे अंग को छूने के लिये इज्जात माँग रहे हो मुझे बडा अच्छा लगा। मैं भी यही चाहती थी अपने बेटे से। लेकिन पहली बार समझे आगे से हक से जो चाहे जब चाहे करना समझे मैं कभी भी मना नही करुगी ठीक है बेटा मैंने कहा हाँ माँ। फिर रीमा ने कहा फिर खडा खडा देख क्या रहा है। पकड ले मेरे मम्मे अपने हाथो मे खेल इनके साथ। फिर मेने अपने हाथ सबसे पहले उसकी गोलाईयो पर फिराने शुरु किये। उसकी गोलाईयाँ बहुत ही चिकनी और मुलायम थी। मैंने अपने हाथ उसके दोनो मम्मो के बीच मे रखे और धीरे धीरे उसकी पूरी गोलाईयो के चारो और फिराने लगा।

रीमा मेरे को मस्ती भरी निगाँहो से देख रही थी। उसकी आँखो मे फिर से वासना के डोरे पडने लगे थे। मैं अभी भी उसकी गोलाईयो पर हाथ फेर रहा था जिससे उसकी घुडियाँ मेरी हथेली से टकरा रही थी। उसकी कडी कडी घुडीयाँ मेरी मस्ती और बढा रही थी मेरा लंड तो कब से लौहे की रॉड के तरह खडा था जैसे रीमा सुन्दरता की देवी को सलामी दे रहा हो। फिर मैंने अपने अपने हाथो को उसके मम्मो के नीचे रख दिया और उसके मम्मो को उठा कर उनका वेट पता करना चाहता था। जैसे ही मैंने उसके मम्मो को अपने हाथो से उठाय तो मेरे हाथ उसके मम्मो के भार से नीचे हो गये। रीमा ने यह देख लिया और बोली थोडे भारी है बेटा तुमको पहली बार मे थोडी दिक्कत होगी मैं कुछ मदद करू क्या इनको उठने मे।मैंने कहा हाँ माँ तुम्हारे मम्मे तो बहुत भारी है। तुम्हारा एक एक मम्मा १ किलो से कम नही होगा। रीमा बोली हाँ बेटा इतने बडे और भारी हैं तभी तो सबकी नजर इन पर रहती। ला बेटा तू पहली बार मम्मो को छू रहा है इसलिये तु इस काम मे थोडा अनाडी है। २-४ बार मेरे मम्मो से खेलेगा तो सीख जायेगा भारी मम्मो को उठाना फिर तेरी माँ है किस लिये तुझे सीखाने के लिये ही तो। मैं कहा तुम ठीक कहती हो माँ। रीमा ने बडे प्यार से मेरी तरफ देखा जैसे एक माँ अपने बटे की तरफ देखती है और कहा बेटा ला इन मोटी मोटी गोलाईयो का भार मुझे दे दे। तेरे अनाडी हाथ इनका बोझ अभी नही उठा सकते। तू पहले देख तेरी ये माँ कैसे इनको उठाती है और कैसे इनको अपने हाथो मे सम्भाल कर रखती जिस देख कर तू भी कुछ दिनो मैं सीख जायेगा की मेरी मस्त गोलाईयो का भार उठाना।

रीमा का इस तरह से मुझे अनाडी कहना पता नही मुझे क्यो अच्छा लगा। और बात भी सही थी रीमा इतने सारे लंडो को अपनी चूत मे लील चूकी थी कि उसे पता था की एक जवान छोकरा पहली बार एक मस्ताने बदन के साथ खेलने मे क्या क्या गलती कर सकता है। और मे अपने आप को बहूत खुशकिसमत समझ रहा था की रीमा से मुझे चुदायी का ज्ञान मिल रहा है। फिर मैंने अपने अपने हाथ रीमा के मम्मो पर से हटा लिये और मेरे हाथ हटाने से उसके मम्मे एक झटके के साथ नीचे गिरे। फिर रीमा बोली ला बेटा मैं तुमको दिखाती हूँ कि मेरी इन बडी बडी गोलाईयो के साथ किस तरह से खेलते हैं। मेरी आँखे तो सिर्फ उसकी चूचीयो पर ही जमी हुयी थी।

फिर रीमा ने अपनी दोनो हथेलियो को एक दम सीधा कर लिया और उनको अपनी चूचीयो की गोलाईयो के बिलकुल नीचे रख लिया और फिर मेरे तरफ देखते हुये अपनी हथेलियो के अपनी गोलाईयो को उपर उठा लिया। जिससे उसकी थोडी लटकी हुयी चूचीयाँ उपर को उठ कर सीधी हो गयी और उनकी घुडीयाँ एक दम तन कर नूकीली होकर मेरे तरफ शरारत भरी नजर से देखने लगी जैसे कह रही हो देखा रीमा ने कितने प्यार से हमको अपनी हथेलियो से सीधा कर दिया। इस समय जिस तरह से रीमा ने अपनी चूचीयो को अपने हाथो से उठा रखा था ऐसा लग रहा था जैसे वह अपनी इस मस्त चूचीयो को थाली मे परोस कर मुझे दे रही है और कह रही हे ले बेटा ये तेरी माँ तेरी जिंदगी का सबसे मस्त खिलौना तेरे लिये लेकर आयी है।

फिर रीमा ने कहा देखा बेटा तेरी माँ ने कैसे इनको अपनी हथेली मे उठा लिया। हाँ माँ देखा अगली बार मैं भी ऐसे ही इनको उठाउगाँ। फिर रीमा ने कहा ले बेटा अब मैं इनको इसी तरह उठा कर रखती हूँ तु मेरी चूचीयो के साथ खेल ले जैसे खेलना चाहता है। मेरे मुँह से उसकी चूचीयो को देख कर लार निकल रही थी। मेरे सामने गोरी गोरी बडी बडी चूचीयाँ थी जिन के साथ खेलने के मैंने कितने सपने देखे थे क्या क्या करने का सोचा था आज मैं वह सब कर सकता था। फिर मैंने उसकी चूचीयो पर अपने हाथ रख दिये और उनपर अपने हाथ फिराने लगा मेरा मन बहुत उनको मसलने का कर रहा था पर सबसे पहले मै उसकी चूचीयो पर हाथ फेर कर उनकी गोलाईयाँ नापना चाहता था।

फिर मैं इसी तरह उसकी चूचीयो के साथ खेलता रहा रीमा फिर से मस्त हो चली थी। और आँखे बंद करा कर अपनी चूचीयो कि मुझसे हाथ फिरवा रही थी। रीमा मस्ती मे बोली बेटा तेरे हाथो मै क्या जादू है तूने तो फिर से मेरे बदन मे मस्ती भर दी। लगता है तुझे मेरी चूचीयाँ पंसन्द आयी है। मैंने कहा हाँ माँ बहुत। मुझे उसके मम्मो पर हाथ फेरते हुये बहुत देर हो गयी थि अब मैं उसके मम्मो को मसल देना चाहता था। रीमा भी अपनी चूचीयो कि कूटायी करना चाहती थी बोली बेटा अब बहुत देर हो गयी इनपर हाथ फेरते हुये अब जरा इनको मसल भी मजा ले पूरा इनको मसल कर पता कर कितनी कडी है मेरे चूचीयाँ।

हाँ तुम ठीक कहती हो माँ मेरा भी मन बहुत कर रहा है इनको मसलने का पर मैं क्या करु इन चूचीयो ने मुझको समोहित कर लिया है और बस मैं इनकी सुन्दरता को ही निहारता जा रहा हूँ। हाँ मैं समझ सकती हूँ बेटा एक तो तूने आज तक चूचीयाँ नही देखी और देखी तो मेरी गोरी बडी भारी चूचीयाँ। मेरी चूचीयाँ देख कर तो अच्छे अच्छे खिलाडियो का होश गुम हो जाता है फिर तुने तो इस विधालय मे अभी दाखिला लिया है। फिर रीमा बोली बेटा अब मुझसे खडा नही हुआ जा रहा है। अब मैं सोफे पर अपनी टाँग फैला कर बैठती हूँ फिर तू मेरी चूचीयो को मसल और प्यार कर। फिर वह पलट कर अपनी कमर हिलाती हुयी सोफे के पास गयी और पलट कर सोफे पर बैठ गयी और फिर उसने अपनी टाँगे फैला ली।

7 years ago#34
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जब वह चल कर जा रही थी तो उसके हौदे जैसे चूतड हिल रहे थे और उसने अपने हाथ बिल्कुल भी अपनी चूचीयो से नही हटाये थे। इस तरह से बैठने के बाद रीमा ने कहा आ जा बेटा ले मसल ले मेरे मम्मे अब इसतरह से बैठने से मुझे थोडा आसानी होगी अपने मम्मो को पकडने मे। मैं रीमा की तरफ चल दिया मेरा लंड मस्ती मे मेरे चलने से हिल रहा था और अब मुझे नाडे के बंधे होने के कारण हो रहे दर्द की आदत हो गयी थी। फिर मैं रीमा कि जाँघो के बीच जा कर बैठ गया और अपने हाथ उसकी जाँघो पर रखकर फेरते हुये आगे बढ कर उसकी घूडीयो का एक एक चुम्बन लिया। और अपने हाथ उठा कर उसकी चूचीयो पर रख दिय़्ये।

आज मैं पहली बार किसी के मम्मो को मसलने जा रहा था। जिसके सपने मैंने देखे थे आज वह पूरा होने जा रहा था। फिर मैंने उसके एक मम्मे को अपने हाथ मे लिया और उसको दबाया। आह कि आवाज रीमा के मुँह से निकल गयी। मेरे बदन मे भी मस्ती कि लहर दौड गयी। उसकी चूची उमर की वजह से ढीली हो गयी थी पर अभी भी काफी कडी और माँसल थी। फिर ऐसा ही मैंने उसके दुसरे मम्मे के साथ किया और फिर दोनो मम्मो पर हाथ रखकर धीरे धीरे उसके मम्मो को मसलने लगा। इसतरह से मैं उसकी चूचीयो को मसलने का मजा लेता रहा रीमा के उपर भी मेरे इसतरह से मम्मो को मसलने का असर हो रहा था। उसके मुँह से हल्की हल्की करहाने की आवाज निकल रही थी।

मुझे उसके मम्मो को इसतरह हल्के हल्के मसलने मै मजा आ रहा था और मै काफी देर से घुटनो के बल बैठ मेरे पैर भी दुख गये थे और अब मैं आराम से बैठ कर उसके मम्मो का मजा लेना चाहता था। यही सोच कर मैंने रीमा से कहा माँ अब मैं आराम से बैठ कर तुम्हारे मम्मो को मसल कर गुंथुगा जिससे इन मस्ताने मम्मो से कुछ रस निकाल सकू बहूत देर हो चूकी है मुझे और मुझे प्यास भी लग रही है। मैं इन मम्मो के रस से अपनी प्यास बुझाना चाहता हूँ। रीमा बोली थीक है बेटा बता क्या है तेरे मन मे। मैंने कहा माँ अब मैं सोफे पर बैठता हूँ और तुम मेरी गोदी मे बैठ जाओ और अपना एक हाथ मेरी गर्दन मे डाल कर मुझसे मम्मे मसलवाने का मजा लो। जब अच्छी तरह से मसलने के बाद तुम्हारी चूचीयाँ रस से भर जायेगी तब मैं अपने मुँह से इस घुडियो को चूस कर और अपनी जीभ से इन गोलाईयो को चाट कर तुम्हारा रस पीयूगाँ।रीमा बोली ठीक है बेटा जैसा तू बोल वैसे भी इसमे मेरा कुछ काम तो है नही बस मुझे तो आराम से बैठ कर अपने मम्मो को मसलवाना है और उनका जूस निकलवाना है। बाकी काम तो तुझे हि करना है। पर प्यास तो मुझे भी लगी है। तो बैठ जा सोफे पर मैं अपने लिये वाईन लेकर आती हूँ तेरी गोदी मैं तेरा लंड अपने चूतड के नीचे दबा कर बैठुगी और मम्मे मसलवाते हुये वाईन पीयूगी और कभी कभी अपने होठों से तुझे भी पिलाउँगी। और वैसे भी तेरी प्यास तो मेरे मम्मे बुझा देगें। फिर मैं एक आखरी बार उसके मम्मो को मसल कर उठ कर उसके बगल मे बैठ गया और बोला जाओ माँ तुम जाकर वाईन ले आओ मैं सोफे पर बैठता हूँ। रीमा ने कहा नही मैं तुझे ऐसे अकेला छोड कर नही जा सकती। कही मेरे पीछे तू अपने लंड से खेलने लगा तो। मैं नही चाहती तु अपने लंड से खेले। जब तक तू यहाँ है लंड से खेलने का हक सिर्फ मेरा है समझे।

मैंने कहा ठीक है माँ तुम कहती हो तो चलता हूँ। और फिर रीमा ने मेरा लंड अपने हाथो से पकडा और उसको खीचने लगी। उसके खीचने से मैं फट से उठ कर खडा हो गया। फिर वह मुझे मेरे लंड से पकड कर खीचती हुयी फ्रिज की तरफ़ ले चली। और मैं उसके पीछे पीछे किसी पालतू कुत्ते की भाँती चल दिया। फिर उसने लकडी के रैक के पास जाकर उसमे से वाईन का गिलास निकाला। और बगल मे रखे फ्रिज से जूस का डिब्बा निकाल कर गिलास मे जूस भरने लगी। मैंने कहा माँ तुम तो वाईन पीने वाली थी। रीमा बोली बेटा मे वाईन ही पीयूगी। इस जूस के गिलास से तू एक घूंट पी ले फिर मेरे लिये ये वाईन हि बन जायेगा। मैंने उसके तरफ आश्चर्य से देखा तो बोली अरे बेटा अगर कोइ प्रेमी या प्रेमिका किसी भी द्र्व्य को अपनी प्रेमीका या प्रेमी के होठों से छुआ दे तो उसमे इतना नशा भर जाता है की उससे अच्छी शराब और कोई हो ही नही सकती। और क्या तू मेरा प्रेमी और मैं तेरी प्रेमीका नही हूँ क्या।

मैंने कहा हाँ माँ हम प्रेमी प्रेमीका ही है। गिलास मैं जूस भरने के बाद उसने जूस का डिब्बा वापस रख दिया और और जूस का गिलास मुझको पकडा दिया और बोली ले बेटा मेरे इस जूस को शराब बना दे। मैंने रीमा के हाथ से उसके जूस का गिलास ले लिया और उसमे से एक घूंट जूस पी कर गिलास उसको दे दिया। रीमा हाँ अब मेरी वाईन तैयार है। फिर मैं रीमा से बोला चलो माँ चल कर सोफे पर मेरी गोदी मैं बैठो फिर मैं तुम्हारे मम्मो की मालिश करता हूँ। यह कह कर मैंने अपना हाथ उसकी कमर मे डाल दिया और उसको सोफे की तरफ ले चला जैसे की वह मेरी प्रेमीका हो। मेरा मन तो मेरा हाथ उसके चूतडो पर रखने का कर रहा था पर मैंने अभी अपने आप को उसके मम्मो पर ही केन्द्रित रखना उचित समझा।

फिर मैं इसी तरह उसके बदन से अपना बदन सटा कर चलते हुये सोफे के पास तक आ गया। और फिर उसके गाल का चुम्बन लेकर उसकी कमर से हाथ निकाल लिया। और फिर मैं सोफे पर बैठ गया। मेरा लंड लोहे की रॉड की तरह सीधा खडा था। उसको देख कर रीमा बोली हाय रे तेरा लंड तो जबरदस्त खडा है अगर इस पर मैं बैठूगी तो ये मेरी पैन्टी फाड कर मेरी गाँड मे घुस जायेगा और मेरी गाँड को फाड देगा न बाबा न मैं तो नही बैठती तेरी गोदी मे। मैंने कहा नही माँ अगर तुम मेरे लंड को नीचे कर के अपने भारी चूतडो के नीचे इसको दबा लोगी तो फिर ये तुम्हारी पैन्टी नही फाड पायेगा और तुम्हारी गाँड भी बच जायेगी तुम एक बार बैठ कर तो देखो।

रीमा बोली तू बोलता है तो मैं बैठती हूँ पर मुझे बहुत डर लग रहा है। अच्छा ले मेरा गिलास पकड फिर मैं बैठती हूँ। मैंने रीमा के हाथ से गिलास ले लिया और फिर रीमा ने अपने भारी भरकम चूतड मेरी तरफ कर दिये और अपने हाथ से मेरा लंड पकड कर नीचे कि और दबा दिया और मेरी गोदी मे बैठ गयी फिर उसने थोडा बहुत इधर उधर हिल कर मेरे लंड को अपनी आराम के हिसाब से सेट कर लिया। अब मेरा लंड उसकी गाँड की दरार मे फंस गया था और उसकी भारी चूतडो के दवाब से नीचे दब गया। उसके माँसल नंगे गद्देदार चिकने चूतड मुझे मेरी जाँघो पर महसूस हो रहे थे।

मुझे रीमा के शरीर का भार अपनी जाँघो पर उसके चूतड के जरीये महसूस हो रहा था। उसके चूतडो के स्पर्श से मेरे मस्ती बढ रही थी पर मेरा लंड उसकी गाँड की दरार मे फंसा फडफडा रहा था। फिर इस तरह जब मेरा लंड अच्छी तरह से उसकी गाँड की दरार मे फंस गया रीमा ने अपनी चिकनी पीठ मेरी छाती पर टिका दी और बोली हाय रे मेरे लाल तू ठीक कहता था। तेरा लंड तो बिल्कुल मेरे गाँड से दब गया और मेरे पैन्टी मे छेद भी नही हुआ। फिर उसने अपनी एक बाँह मेरे गले के पीछे डाल दी ऐसा करे से मुझे उसकी काँख के काले लम्बे बालो की एक झलक मिली। बालो से भरी उसकी काँख कि झलक देख कर मन किया कि अपना मुँह उसमे घुसा दूँ पर मैंने अपने आप को रोक लिया।

फिर रीमा ने कहा ले बेटा बैठ गयी मैं अब तू इत्मिनान से मेरे मम्मो को दबा मसल और उन्का जूस निकाल कर पी ला मेरे जूस का गिलास मेरे को दे दे। मैंने जुस का गिलास रीमा को पकडा दिया और उसके मम्मो की तरफ देखने लगा। उसके मम्मे अब मेरे और पास आ गये थे और जैसे जैसे उसकी साँसे चल रही थी उसके मम्मे उपर नीचे हो रहे थे। मैंने अपना एक हाथ बढा कर उसकी कमर के इर्दगिर्द डाल दिया और अपने मुँह कि झुका कर उसके मम्मो कि दरार पर रख दिया और उसके बदन की गंध लेने लगा। फिर एक चुम्बन उसकी दरार का लेकर मैंने अपना हाथ उसके भारी भरकम १ किलो के मम्मे पर रख कर उसको धीरे धीरे मसलने लगा।

रीमा ने अपने जूस का एक सिप लिया और मस्ती भरी निगाह से मेरे को उसके मम्मे दबाते हुये देख रही थी। फिर रीमा बोली दबा बेटा दबा अपनी माँ के मम्मे मजा ले इनका आह ऐसे हि मेरे लाडले ऐसे ही दबा तूने तो मुझे आज महारानी बना दिया अपनी जाँघ पर बिठा कर क्या मजे दे रहा है मुझे। जोर से दबा बेटा इस तरह से धीरे धीरे मसलते हुये तेरे को बहुत देर हो गयी है। जरा इनको जोर से मसल। लगता है तेरे को थोडी ताकत कि जरुरत है मैं देती हूँ तेरे को ताकत। तेरे को अभी मैं जूस पिलाती हूँ अपने मुँह कि लार मिला कर उससे तुझको ताकत मिलेगी। मैंने कहा हाँ माँ मुझको तुम्हारे मुँह के जूस की बहुत जरुरत है। लाओ जल्दी लाओ पिलाओ मुझको अपना जूस।

ये कह कर उसने जूस का एक बडा घूंट भर लिया और अपने मुँह मे लेकर उसको घुमाने लगी जिससे उसका लार भी उस जूस मे मिल गयी। फिर उसने मेरे होठों पर अपने होठ रख दिये और अपने मुँह का जूस मेरे मुँह मे अपनी जीभ की मदद से डालने लगी। मैं उसके लार मिले जूस को धीरे धीरे पीने लगा। इस तरह करते करते रीमा ने अपने मुँह का सारा जूस मुझको पीला दिया। फिर रीमा बोली अब तो कुछ ताकत आयी तेरे मे दबा मेरे चूचीयो मसल के रख दे अपने मजबूत हथो से लाल कर दे इनको रगड रगड कर। फिर मैंने अपना हाथ उसके एक मम्मे के सामने रखा जिससे उसकी घुडी मेरी हथेली के थीक बीच मे आ गयी और अपने पूर हाथ से उसका मम्मा पकडते हुये अपनी पूरी ताकत से मसल दिया जैसे मैं कोई बडा सा नीबूं निचोड रहा हूँ।

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इस पर रीमा चिल्ला पडी और बोली हाय रे मार डाला क्या जोर से मसली है मेरी चूची। मेरे पुरे मम्मे मे दर्द भर दिया हाय रे जालिम इतनी जोर से मसलते हैं क्या इतना प्यारा मम्मा। पर बेटा मुझे बडा मजा आया तू मसल जितनी जोर से मसल सकता है मसल इस दर्द मे भी तेरी रंडी माँ को मजा आ रहा है। ये हुयी न कुछ मर्दो वली बात इतनी देर से क्या बच्चो कि तरह मसल रहा था मेरी चूचीयाँ। और मसल जोर जोर से रुक क्यो गया मसल इनको साली बडा परेशान करती है रोज आज मिला है कोई पक्का हरामजादा जो इनकी सही से कुटायी कर सकता है। हाँ बेटा मसल डाल इनको निकाल दे इनकी सारी मस्ती। आज पता चलेगा इनको मुझे तंग करने कि सजा कया होती है। रोज मुझसे मेरी चूचीयाँ कहती रहती है कि मुझे मसलो मुझे मसलो। आज मेरा बेटा आ गया है और इन चूचीयो को कस के कुटायी करेगा और इनको मसल मसल कर पुरा बदला लेगा इन साली हरामी चूचीयो से अपनी माँ को तंग करने का। फिर मेरी और देख कर बोली लेगा न बेटा बदला इनसे मुझको तंग करने का।

मैं चूचीयो को उसी तरह से कस कस के मसल रहा था। मैंने कहा हाँ माँ जरुर लूँगा बदला इनसे माँ। इन साली चूचीयो के इतनी हिम्मत कि मेरी माँ कि परेशान करे इनको तो मसल मसल कर मैं लाल कर दुँगा। रीमा बोली हाँ बेटा मसल और मसल केवल दबा ही नही इस घुडीयो को पकड कर इनके साथ भी खेल। इनको भी थोडा मसल और खीच जोर जोर से उखाड कर फेंक दे इनको मेरे मम्मो के उपर से। यही तो सारी फसाद की जड है। इनको मस्ती चढती है तो साली चूचीयो मे खुमारी भर देती हैं और तन कर खडी हो जाती है। काट ले इनको अपने दाँतो से खा जा। रीमा के बाँते मेरी मुझे उसकी चूचीयो के साथ बेदर्दी का बर्ताव करने के लिये उकसा रही थी और मैं भी उसके मम्मो को अच्छी तरह से मसल कर पूरा मजा लेना चाहता था।

फिर मैंने उसकी घुडी अपनी उंगलीयो के बीच मे पकडी और कस के मसल दी। और रीमा मस्ती और दर्द मे जोर जोर से चिल्लाने लगी और अपनी बातो से मुझे जोर से उनको खीचने और मसलने के लिये कहने लगी। मैं भी जोर जोर से उसकी चूची मसल रहा था और साथ ही साथ उसके घुंडी को भी मसल रहा था बीच बीच मे उसकी घुडी को पकड कर बाहर की तरफ खीच देता था जिससे उसकी घुडी जो मस्ती मे खडी होकर करीब १ इन्च कि हो गयी थी मेरे खीचने से उसकी लम्बाई डेढ इन्च हो जाती थी। घुंडी के खीचने से उसका बडा मम्मा भी उसके साथ चला आता था। जिससे मम्मा थोडा उठ जाता था। थोडी देर उसको मैं ऐसे ही रखता था और फिर एक झटके के साथ छोड देता था। जिससे उसका मम्मा एक झटके के साथ नीचे गिरता था।

फिर कभी उसकी घुडी को मैं अपने अंगुठे और उंगली के बीच पकड कर कस के दबा कर पूरी ताकत के साथ घुमा देता था ऐसा करने से उसके मुँह से चीख निकल जाती थी पर वह मुझे और उकसाती थी ऐसा करने को। और मैं भी पागलो की तरह उसकी चूचीयो के साथ खेल रहा था। उसकी गोरी गोरी चूचीयाँ मेरे मसलने के कारण गुलाबी होना शुरु हो गयी थी। उसकी ये हालत देख कर मैंने उससे पूछा माँ मैं इतनी जोर जोर से तुम्हारी चूचीयो को मसल रहा हूँ तुमको बहुत ज्यादा दर्द तो नही हो रहा। रीमा ने कहा बेटा क्या बताऊ दर्द तो बहूत हो रहा है पर इनको मसलवाने मे जो मजा आ रहा है उसके सामने दर्द कुछ भी नही है। और तुझे भी बडा मजा आ रहा है तेरी आँखे और तेरा लंड जो मेरे चूतड के नीचे दबा है मुझे सब बता रहा है।

और मैं तेरी माँ हूँ तेरे मजे के लिये अगर मुझे दर्द भी हो रहा होता तो भी मैं ये दर्द सह लेती समझा अब सोच मत और लगा रहे अपने काम पर जब तक चाहे तब तक मजा ले मेरे मम्मो का। बस मुझे और क्या चाहिये था फिर मै पुरे जोर शोर से उसके मम्मे की कुटायी करने मे जूट गया। बीच बीच मे रीमा मुझे अपने मुँह से जूस भी पिलाती जा रही थी। अभी तक मैंने उसके सिर्फ एक मम्मे को मसला था। फिर मेरा मन किया कि मैं उसके मम्मे को चूसू यह सोच कर मैंने उसका एक मम्मा मसलते हुये अपना मुँह नीचे कर के उसके दुसरे मम्मे की घुडी को अपने होठो के बीच पकड लिया और उनपर अपनी जीभ फिराने लगा।

इस पर रीमा ने कहा हाय रे जालीम ये क्या करने लगा मेरे मम्मो को चूसना भी शुरु कर दिया। मादरचोद तेरा मम्मे मसलना तो मुझसे बडी मुशकिल से सहा जा रहा था अब तूने मेरे मम्मे भी पीने शुरु कर दिये। पीयो पीयो तुम्हारे बाप का ही माल है चूसो मेरे मम्मे। फिर मेरा हमला दोनो मम्मो पर हुआ। एक मम्मा मैं मसल रहा थ और दुसरे को अपने मुँह मे लेकर जोर जोर से चूस रहा था कभी कभी अपनी जीभ निकाल कर उसका मम्मा चाट भी लेता। इस तरह १५ मिनट तक मैंने रीमा के एक मम्मे की जम कर कुटायी की और दुसरे की जम कर चुसायी और चटायी की। उसका एक मम्मा मेरे मसलने के कारण लाल रंग का हो गया था तथा दुसरा मम्मा मेरे चाटने के कारण मेरे थूक से सन गया था और लाईट मैं चमक रहा था।

फिर मैंने रीमा से कहा ओह मेरी प्यारी चुदक्कड माँ अब मैं तुम्हारी दुसरी चूची को मसलूँगा और इस चूची को चूम चूस चाटूँगा जिससे इसको थोडा आराम मिल सके। रीमा ने कहा ठीक है बेटा जैसा तू कहे। फिर मैंने रीमा से कहा माँ तुम्हारा एक मम्मा मेरे थूक से गीला हो चूका है तुम अपना ब्लाउस उठा कर दे दो जिससे मै इसको पोछ सकूँ नही तो मुझको इसको मसलने मे परेशानी होगी और इसको मसलने मे मेरे हाथ फिसल जायेगें। रीमा ने अपना जूस का गिलास मुझे पकडा दिया और पास मे ही पडा हुआ ब्लाउस उठा कर मुझे दे दिया। वह ब्लाउस इतनी देर पहले चुस चाट कर मैंने थूक से गीला किया था पर अब कई जगह से वह सूख चुका था। मैंने फिर से जूस का गिलास रीमा को वापस दे दिया और ब्लाउस ले कर उसके मम्मे को कस कस कर रगडने लगा।

मैं उसको जोर जोर से रगड कर साफ कर रहा था जैसे की उस मम्मे को बता रहा हूँ अब मैं कैसे तेरी कुटायी करने वाला हूँ। इस तरह जोर जोर से उसके मम्मो की सफ़ायी करने के कारण उसके दोनो मम्मे उछल रहे थे और जो मम्मा मैंने मसल कर लाल कर दिया था वह मम्मा गिले मम्मे से टकरा रहा था। जैसे उसको बताने के कोशिश कर रहा हो की मैंने उसकी क्या हालत बनायी है और वही हालत अब उसकी भी होने वाली है। थोडी देर उसके मम्मे को रगड कर साफ करने के बाद मैंने ब्लाउस बगल मे रख दिया और सबसे पहले रीमा के मुँह से फिर एक बार जूस पिया ऐसा करते करते एक बार और उसके होठो का भी रस पीया।

जुस पीने के बाद मैंने रीमा से बोला माँ अब तुम अपने इस हाथ को निकाल लो और दुसरे हाथ को मेरे गले मैं डालो जिससे मुझको एक साथ चूसने और मसलने मे आसानी होगी। रीमा ने अपना हाथ पीछे से निकाल कर जूस उस हाथ मे पकड कर दुसरा हाथ मेरे गले मे डाल लिया। अब सबसे पहले मैंने जिस मम्मे को चूस चाट कर गिला किया था उस पर टूट पडा। और उसको अपने हाथ मे पकड कर बेरहमी के साथ मसलने लगा। रीमा फिर जोर जोर से चिल्लाने लगी और मुझे गालियाँ बकने लगी। उसको गालियाँ बकने का बहुस शौक था। वह बक रही थी और मे उसके मम्मे के साथ वही बर्ताव कर रहा था जो मैंने उसके पहले मम्मे के साथ किया था। थोडी देर उसके मम्मे को मसलने के बाद मैंने उसके दुसरे मम्मे को चूसना और चाटना शुरु कर दिया।फिर १०-१५ मिनट बाद दोनो मम्मो की हालत वही थी जो पहली बार हुयी थी। रीमा की हालत भी करीब आधा घंटे मम्मे मसलवा कर बिगड गयी थी। उसकी चूत फिर से रस बहाने लगी थी और उसक रस बह बह कर उसकी पैन्टी को पूरी तरह भीगो चूका था। वह अपनी टाँगो को जोड कर एक दूसरे से कस कस कर मसल रही थी। जिससे वह अपने चूत के दाने को रगड कर अपनी काम वासना को शांत कर सके पर अभी तक उसमे सफल नही हुयी थी। उसका चूत रस उसकी पैन्टी से निकल कर मेरी जाँघो को भीगो रहा था। जिसकी वजह से मेरी सारी जाँघ गीली हो गयी थी।

मुझे उसके मम्मे मसलते और चूसते हुये काफी देर हो गयी थी। मैंने रीमा से कहा माँ अब बहुत देर तक मैंने तेरे एक एक मम्मे की घिसायी कर ली। अब मैं तुम्हारे दोनो मम्मो को एक साथ बेरहमी से मसलूगाँ। रीमा बोली बेटा मसले मै मना थोडी ही कर रही हूँ पर मेरी चूत का भी कुछ कर ये तो फिर मस्त हो गयी है और झडना चाहती है। मैंने कहा माँ तुम्हारी चूत तो बिल्कुल रंडी की चूत है इतना झड कर भी इसका मन नही भरा। ठीक है माँ तुम्हारे मम्मो को मसलने का मजा लेने के बाद इनका भी कुछ करता हूँ। ठीक है बेटा जैसा तू कहे बोल क्या करना है मुझे। मैंने कहा रुको बताता हूँ। फिर मैंने ब्लाउस बगल से उठा कर उसके गीले वाले मम्मे को साफ करना शुरु कर दिया। मेरे चूमने चाटने से उसके इस मम्मे को थोडा तो आराम मिला था पर अभी भी मेरी कुटायी से हुयी हालत के कारण उसका रंग लाल ही था।

मैंने फिर ब्लाउस से कस कस के मसल कर उसके मम्मे को साफ कर दिया। जोर से मसल कर साफ करने के कारण इस मम्मे कि हालत दुसरे मम्मे की जैसी हो गयी थी। फिर मैंने ब्लाउस बगल मे रख कर रीमा से बोला माँ अब तुम अपनी चिकनी पीठ पूरी तरह मेरी छाती से लगा कर बैठ जाओ मैं पीछे से हाथ डाल कर तुम्हारे मम्मो को मसलूगाँ। रीम बोली ठीक है बेटा। फिर रीमा ने अपना हाथ मेरे गले से निकाल लिया और अपनी पीठ मेरी छाती से लगा कर बैठ गयी। जिससे उसका मुँह मेरे मुँह के बराबर मैं आ गया। फिर मैंने उसके होठ अपने मुँह मे लेकर एक किस्स कर दिया। और अपने हाथ उसके बगल से निकाल कर उसके मम्मो पर रख दिये।

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फिर मैंने उसके होठों को मुँह मे लेकर उसके होठों पर जीभ फिराना शुरु कर दिया और उसकी नंगी चिकनी पीठ का मजा लेते हुये उसके मम्मो को कस कर अपने हाथो मे पकड कर मसल दिया और जोर जोर से मसलने लगा। थोडी देर उसके होठों को चाटने के बाद उसके होठों को चूसना शुरु कर दिया। फिर इसी तरह उसके होठ अपने होठों से चूसते हुये उसके मम्मो को बेरहमी के साथ मसलने लगा। उसके मुँह से कराह निकल रही थी पर मेरे होठों से जुडे होने के कारण वह बाहर नही निकल पा रही थी और गो गो की आवाज निकल रही थी। उसमे मम्मे मसलते हुये उसकी घुडीयो पर भी पूरा ध्यान दे रहा था। और उनको बेदर्दी के साथ मसल और खीच रहा था मेरा लंड तो पूरा मस्त हो रखा था और रीमा के मस्त चूतडो से लग कर उनका मजा ले रहा था।

मेरा लंड बहुत रस बहा रहा था और रीमा की पैन्टी से निकलते रस के साथ मिल कर मेरी जाँघो और उसके चूतडो को पुरा भीगो दिया था। रीमा को भी इस बेरहमी से मम्मे मसलवाने मे मजा आ रहा था। वह मेरे लंड पर बैठे बैठे अपने चूतडो को जोर जोर से हिला रही थी। वह चाह रही थी किसी तरह मेरे लंड उसकी चूत से रगड खाये और वह मजे ले सके। पर इस तरह करने से मेरा लंड उसके चूतडो की लकीर ले बीच घिसायी कर रहा था। जिस उसकी उत्तेजना तो बढ रही थी पर उसकी चूत को कोई राहत नही मिल रही थी और वह बहुत तडप रही थी। हमारे होठ अभी भी जुडे हुये थे और हम एक दुसरे का मुँह का रस पी रहे थे।

फिर करीब १० मिनट तक मैं उसके साथ यही बर्ताव करता रहा और उसके होठ चुसता रहा। फिर मैंने उसका होठ छोड दिया और पूछा माँ मजा आ रहा है मम्मो की मसलवायी करवाने मे। रीमा बोली बेटा बहुत मजा आ रहा है। मेरे मम्मो की कुटायी तो कितने ही लोगो ने की है पर इतनी देर और इतनी बेरहमी से किसी ने नही की। सच बताऊ बेटा तो मेरे मम्मे इस समय दर्द से बिलबिला रहे है और मुझसे कह रहे है कि हमे इस बेरहम के हाथो से बचा लो। पर इनके दर्द से एक लहर निकल कर सीधे मेरी चूत तक जा रही है जो मेरी चूत मे मस्ती भर कर मेरी चूत से रस बहाये जा रही है और मेरी चूत का रस बहाना मुझे अपने मम्मो के दर्द से ज्यादा पंसद है इसलिये तुम इसी तरह पूरी बेदर्दी से मेरे मम्मो को मसलते रहो।

मैं तो बहूत दिनो से अपने मम्मो की जबरदस्त कुटायी कराना चाहती थी पर आज मुझे वह मौका मिला है और मैं उस मौके को नही खोना चाहती। मसल दे बेटा इस मादरचोद चूचीयो को और मुझे मजा दे मेरे लाल। उसके बाद मे उसकी चूचीयो को और भी ताकत से जोर जोर से मसलने लगा और रीमा भी मेरे लंड को अपने चूतडो मे दबाये जोर जोर से उछलती रही। इस तरह करीब ५ मिनट तक उसके मम्मे मसलने के बाद रीमा बोली बेटा अब बहुत देर हो गयी है मेरी चूचीयो की कुटायी करते हुये अब तो कुछ रहम कर दे इन बिचारीयो पर देख तेरे मसलने से कैसी लाल हो गयी है और फूल कर कितनी बडी हो गयी है। अब तो काफी रस इनमे जमा हो गया है बेटा अब मेरी चूचीयो को चूस चूम और चाट कर इनकी गर्मी को थोडी राहत पहुँचा दे बेटा। इनका रस पी ले बेटा तेरी माँ तुझसे विनती करती है बेटा चूस ले मेरे मम्मे मेरी गोलाईयाँ बेटा।

रीमा कि विनती सुनकर मैंने कहा ठीक है माँ तुम कहती हो तो छोड देता हूँ तुम्हारी इन चूचीयो को। फिर मैंने आखरी बार कस के उसकी चूचीयो को मसल कर छोड दिया और बोला लाओ माँ अब तुम मेरे उपर से उठ कर बगल मे बैठ जाओ जिससे मैं तुम्हारी चूचीयो को चूम और चूस कर कुछ ठंडक पहुँचा सकूं। मैंने अपने हाथ उसके बगल से निकाल लिये और रीमा उठ कर खडी हो गयी। उसके खडे होते ही मेरे सामने उसके चूतड आ गये उनको देख कर मुझसे रहा नही गया और मैंने आगे बढ कर उसकी कमर को जहाँ पर उसकी पैन्टी थी का चुम्बन ले लिया। मेरी हरकत देख कर रीमा बोली बेटा मुझे पता है तुझे मेरे चूतडो से कितना प्यार है। चिन्ता मत कर मैं तुझको पूरा मौका दूगी चूतडो को प्यार करने का।फिर मेरी नजर उसके चूतडो के नंगे भाग पर गयी जो कि मेरे लंड और उसकी पैन्टी से निकले उसके रस से भीग कर गीला हो चूका था। रीमा बैठने ही वाली थी कि मैंने रीमा से कहा माँ रुको तुम्हारे चूतड का नंगा भाग मेरे और तुम्हारे रस से भीग गया है और मैं नही चाहता कि तुम बैठ जाओ और इतना किमती रस सोफे पर लग कर बर्बाद हो जाये। तुम ऐसे ही खडी रहो और मैं तुम्हारे चूतड चाट कर इस रस को पी जाता हूँ। रीमा बोली तुम ठीक कहती हो बेटा मैं भी नही चाहती के रस की एक बूंद भी बर्बाद हो। मैं खडी होती हूँ तू चाट कर पी जा सरा रस।

फिर रीमा की बात सुनकर मैंने उसकी कमर को अपने हाथो से पकड लिया और अपनी जीभ निकाल कर उसके चूतडो के नंगे भाग को जो कि पैन्टी से ढका नही था चाटने लगा। मेरे चाटने से चप चप की आवाज कमरे मे गुजंने लगी। मेरे लंड का प्रीकम और उसके चूत के रस से बना वह रस किसी भी रस से मीठा रस था। मैं उसका पूरा स्वाद लेकर रस को पी रहा था। इस तरह चाट चाट कर उसके चूतड पर लगे सारे रस को मे पी गया और उसके चूतडो को अपने थूक से गीला कर दिया। रीमा बोली चाट लिया बेटा सारा रस तु तो लगता है मेरे बदन को चाटने का इतना दिवाना है कि तुझसे एक बार आराम से बैठ कर सारा बदन चटवाना पडेगा।

चल अब मैं बैठती हूँ और तुम चूम चाट कर मेरे मम्मो को थोडी ठंडक पहुँचा। ऐसा कह कर रीमा मेरे बगल मे बैठ गयी और मैं आकर उसके पैरो के बीच घूटनो के बल बैठ गया। फिर उसका एक मम्मा अपने हाथ मे लेकर पूरे मम्मे पर चुम्बनो की बोछार कर दी। अच्छी तरह से उसके मम्मे को चुमने की बाद इसी तरह उसके दुसरे मम्मे के साथ किया। फिर अपनी जीभ निकाल कर उसके मम्मो को चाटना शुरु कर दिया। रीमा बोल पडी हाँ बेटा ऐसे ही चाट मेरे मम्मो को बडी ठंडक मिल रही है मुझे तेरे चाटने से मेरी चूचीयाँ भी कुटायी करा के लाल हो गयी थी बेटा अब इन पर जरा अपने थूक का मरहम लगा दे तो इनको शान्ती मिल जायेगी। चाट चाट कर अपने मुँह से अच्छा चमका दे इनको गीला कर दे अपने थूक से राजा हाँ ऐसे ही बेटा ऐसे ही। घुडीयो को पकड कर मुँह मे चूस ले बेटा पूरा मजा ले मेरे बदन का।

फिर मैं पुरी तरह से उसकी चूचीयो को चूमने चाटने मे जुट गया और तब तक उसकी चूचीयो को चाटता रहा जब तक वह मेरे थूक से गीली नही हो गयी और उन पर चूची कुटायी से हुयी लाली कम नही हो गयी। पर मेरे इस तरह से करने से उसकी पहले से मस्त लार बहा रही चूत और भी मस्त हो गयी और और भी जोरो से लार बहाने लगी। जब मैं उसकी चूचीयाँ चाट कर उठा तो रीमा बोली हाय रे मेरे लाल तूने तो सही मे चमका दी मेरी चूचीयाँ। अब मैं तुझे इसका इनाम दूगी। मेरे पास दो तरीके है एक तो मुझे चोद कर अपनी मस्ती झडा ले दुसरा मेरी चूत चाट कर उसे झडा दे। बोल बेटा तुझे क्या इनाम चाहिये जो तू कहेगा वही इनाम ये तेरी माँ तुझको देगी। बता बेटा सोच क्या रहा है।

रीमा कि बात सुनकर मेरा मन किया की कह दूँ की मैं तुम्हारी चूत चोदना चाहता हूँ पर मुझे पता था रीमा चाहती थी की मैं उसकी चूत चाट कर उसको झडाऊ। पता नही क्यो पर उसकी चूत चाटने की इच्छा मेरे मन मे ज्यादा थी और यही इच्छा रीमा की भी थी बस यही सोच कर मैं बोला माँ मैं तुम्हारी चूत चाटने का इनाम लेना चाहता हूँ। मेरा लंड चीख चीख कर कह रहा था कि मुझे मजा दो मुझे मजा दो पर फिर भी उसकी चूत चाटना इस समय चोदने से ज्याद पंसन्द था। रीमा ने आगे बढ कर मेरे माथे को चूम लिया ये हुयी ना कुछ रीमा रंडी के बेटे वाली बात।

रीमा बोली बेटा तू मेरा सगा बेटा नही है पर आज जो थोडी देर मे तूने मुझे जो मजा दिया है और अभी जैसे मेरे मन की बात पढ ली के मैं अपनी चूत चटाना चाहती हूँ मन करता है कि तू मेरा सगा बेटा होता तो कितना अच्छा होता। चल बेटा अब मैं तुझे कुछ आराम देती हूँ। तूने बडी देर तक घूटनो के बल बैंठ कर मेरे बदन की सेवा की है। अब तु थोडा आराम कर आजा यहाँ कालीन पर आराम से लेट जा अब मैं तेरे मुँह पर अपनी चूत रख कर तुझसे अपनी चूत चटवाउगी। मैंने कहा जैसे तुम्हारी मर्जी माँ। फिर मैं कालीन पर चित लेट गया अपने पैर और हाथ मैंने फैला लिये जिससे मेरे बदन को थोडा आराम मिले।

फिर रीमा मेरे सर के दोनो और अपने पैर रख कर खडी हो गयी। उसके पैरो मे उची ऐडी के सैडल बहुत ही सेक्सी लग रहे थे। उसकी गोरी गोरी माँसल चिकनी जाँघे बहुत मस्त थी। उसकी चूत पैन्टी मे से अभी भी रस बहा रही थी। और बह कर उसकी जाँघो आ रहा था। उसकी बडी बडी थोडी लटकी हुयी चूचीयाँ दो बडे बडे मस्ती के गोले लग रहे थे जो मेरे थूक से सने हुये थे और लाईट मे चमक रहे थे। उसके चहरे पर से वासना टपक रही थी। इस तरह मेरे उपर खडी होकर वह कोई वासना की देवी लग रही थी जो अपने परम भक्त हो अपने चूत रस का प्रसाद देने वाली थी। और उसका भक्त उसके कदमो मे पडा अपनी देवी कि सुन्दरता से भरपूर चूत कि पुजा करने के लिये बेताब है। और सीधा उसकी चूत से अपना प्रसाद प्राप्त करना चाहता है।

रीमा अपना भरा पूरा बदन लेकर नीचे बैठ गयी और अपने घुटने मेरे सर के दोनो और रख दिये और अब उसकी पैन्टी मे छुपी चूत मेरे सामने थी। मैं उसकी चूत को एक बार चाट कर झडा चूका था पर अभी तक उसके दर्शन मुझे नही हुये थे। पर पहले मैं उसकी चूत को झडा कर उसका रस पीना चाहता था। फिर रीमा ने पास के सोफे पर पडा कुशन उठा कर मुझसे बोली बेटा इसको अपने सिर के नीचे लगा ले जिससे तेरा मुँह मेरी चूत तक पहुँच जायेगा और हम दोनो बिना किसी परेशानी के चूत चटायी का मजा ले सकते हैं। उसकी बात सुनकर मैंने अपना सर उठा दिया और रीमा ने कुशन मेरे सर के नीचे रख दिया जिस से मेरे मुँह ठीक उसकी पैन्टी के सामने आ गया।फिर रीमा बोली अब ठीक है अब मैं आराम से तुम्हारे मुँह पर अपनी चूत रख कर मजे से अपनी चूत चटा सकती हूँ। फिर रीमा मेरे मुँह पर अपनी चूत रख कर बैठ गयी और अपने बदन रे मुँह को दबा दिया और बोली बेटा पहले थोडी देर तेरे मुँह पर अपनी चूत रगड लू फिर तुझसे चूत चटाती हूँ। ऐसा बोल कर जोर जोर से अपनी पैन्टी से छुपी चूत मेरे मुँह पर रगडने लगी। आह ओह उम्ह ऽऽऽ ओहऽऽऽऽ मजा आ गया कह कर रीमा ने अपनी चूत मेरे मुँह पर से उठा ली और मेरे होठों से १ सेन्टीमीटर की दूरी पर रोक ली और बोली ले बेटा चाट ले मेरी चूत ले ले अपना इनाम।


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मैंने अपनी जीभ बाहर निकाल कर उसकी पैन्टी के उपर से उसकी चूत पर फिराने लगा। रीमा ने अपने हाथ अपने मम्मो पर रख लिये और धीरे धीरे उनके साथ खेलने लगी। उसके हाथ मम्मो पर से बार बार फिसल रहे थे क्योकी उसकी चूचीयाँ मेरे थूक से बुरी तरह गीली थी। उसके मुँह से हल्की हल्की करहाने की आवाज आ रही थी। आह उम्हऽऽऽऽ ओहऽऽऽऽऽ सीस्सऽऽऽऽऽऽऽऽ। मैं अपनी जीभ से लगातार उसकी चूत चाट रहा था। रीमा को भी धीरे धीरे मस्ती बढ रही थी उसने अपने चूतड गोल गोल चक्की की तरह से घुमाने शुरु कर दिये थे। और आँख बंद करके अपने मम्मो पर हाथ फेरते हुये मजे से अपनी चूत चटा रही थी। मेरी हरकतो से वह बहुत मस्त हो गयी थी।

रीमा चूत चटाते हूये बोली हाय रे बेटा तेरी जीभ मे न जाने क्या जादू है। क्या चूत चाटता है तू। मस्त कर दिया तूने तो मुझे मन करता है कि तेरी जीभ पर इसी तरह बैठी रहू और अपनी चूत चटाती रहूँ। तुझे भी लगता है मेरा बदन बहुत मस्त लगा है। जब से आया है मेरे बदन को चाटने मे लगा है। लगता है तुझे मेरी चूत चाटना बहुत अच्छा लगता है तभी तो तूने चूत चटायी इनाम मे मांगी। मेने कहा माँ मैं बहूत बडा चूत चटोरा हूँ किसी भी मस्त औरत को देख कर सबसे पहले उसकी चूत चाटने के बारे मे ही सोचता हूँ। चूत चाटने के बारे मे सोच कर मुठ मारने मे मुझे बहुत मजा आता है।

ओह बेटा चाटता जा मेरी चूत रुक मत मेरे लाल हाय रे। अब उसकी कमर जोर जोर से घुमने लगी थी। और कभी कभी अपनी चूत कस कर मेरे मुँह पर दबा देती थी। अब वह अपनी चूचीयाँ जोर जोर से मसल रही थी। और अपनी घुडीयो को भी खीच रही थी। मैंने अपनी जीभ को कडा करके सीघा कर लिया था और रीमा उस पर अपनी चूत रगड रगड कर चूत चटायी के मजे ले रही थी। फिर उसने अपने चुतड घुमाना छोड कर मेरी जीभ पर जोर जोर अपनी चूत उछालनी शुरु कर दी जिससे मेरी जीभ उसकी पैन्टी के साथ उसकी चूत मे घुस रही थी। और वह जोर जोर से चिल्ला रही थी। आह ओह क्या जीभ है तेरी साले मजा आ गया। फिर थोडी देर मेरी जीभ पर उछलने के बाद उसने फिर से अपने चूतडो को गोल गोल घुमाना शुरु कर दिया।

इस तरह कुछ देर तक चूत चटाते चटाते रीमा थक गयी और रुक गयी और आगे को झुक कर कालीन पर लेट गयी। इसतरह से उसकी चूत अभी भी मेरे मुँह के सामने थी और उसका पेट मेरे सर पर टिक रहा था। इस तरह से मैं उसके शरीर के उपरी भाग को नही देख सकता था। मैंने अपनी जीभ उसकी चूत पर चलानी जारी रखी। पर अभी तक मैंने अपनी जीभ उसकी चूत के दाने पर नही चलायी थी। फिर ऐसे लेट कर रीमा ने अपने चूतड मेरे मुँह के उपर उछालने शुरु कर दिये। मैंने भी अपने हाथ उसके चुतड पर रख दिया और धीरे धीरे दोनो चुतडो को मसलता हुआ उसकी चूत कि चटायी मे जुट गया।

इस तरह से चूत चटायी मे रीमा को और मजा आने लगा और वह बकने लगी हाय रे मेरे बेटे तेरी जीभ ने तो मेरे उपर जादू कर दिया है। मन करता है इसी तरह तेरी मुँह पर चूत रख कर चटाती रहूँ। कितना प्यार करता है तु अपनी माँ की चूत से मेरे बेटा चाटे जा बहनचोद खा जा मेरी चूत हाय मार डाला रे इस हरमी ने मेरी चूत चाट चाट कर। उसकी चूत तो रस का खदान थी दो बार झड चूकी थी और इतना रस बहा चूकी थी पर फिर भी उसकी चूत से बराबर रस बह रहा था। और उसके चूत रस की तीखी मस्तानी गंध मेरे नाक के जरीये मेरे शरीर मे समा रही। रीमा के बदन ने मुझ पर इतना जादू कर दिया था की वह जो भी कहती मैं मान लेता।

मैंने उसकी चूत को चाटना जारी रखा और अब मैंने उसके चूत के दाने पर भी जीभ रगडनी शुरु कर दी। रीमा अब बिल्कुल पागल हो चुकी थी और जोर जोर से अपने चूतड उछाल कर मेरे मुँह पर पटक रही थी। उसे अब बिल्कुल भी होश नही था। अब वह झडने के बिल्कुल करीब थी। मैं सर भी उसके बदन के भार से दबा जा रहा था। फिर मैंने उसके चूतड कस बाहो मेर भर कर पकड लिये जिससे वह ज्यादा उछल ना सके और उसके चूत के दाने पर अपनी जीभ की नोक रगडनी शुरु कर दी। मेरे इस तरह के आक्रमण को रीमा की चूत नही झेल रही और वह जोर जोर से चिलाते हुये झड गयी। रीमा ने अपनी पूरी ताकत से अपनी चूत मेरी जीभ पर दबा दी। मेरी नाक भी उसके पेट पर दब गयी मुझे ऐसा लगा की मेरी साँस घुट जायेगी। वह इतनी जोर से झडी थी ऐसा लग रहा था की उसकी साँस ही रुक गयी है और उसका पुरा बदन बहुत कडा हो गया था।

मेरी नाक दब जाने के कारण मै बडी मुश्किल से साँस ले पा रहा था मुझे लगा वह कुछ देर ऐसे ही पडी रही तो मे मर ही जाऊगा। पर धीरे धीरे रीमा का बदन ढीला पड रहा था। और वह नार्मल हो रही थी। थोडी देर बाद उसने अपने बदन को बिल्कुल ढीला छोड दिया। फिर काफी देर तक हम दोनो ऐसे ही पडे रहे। और मेरे हाथ उसके मस्त भारी चूतडो पर चलते रहे। फिर मैंने रीमा से कहा माँ मजा आया चूत चटाने मे रीमा बोली हाँ बेटा मैं तो बस निहाल हो गयी इतना मजा दिया है तुने मुझे थोडे से समय मे। तू चिंता मत कर मैं भी तुझे पुरा मजा दूगी अपने बदन का। तेरे सामने चूतो कि लाइन लगा दूंगी। तेरे हाथ मेरे चूतडो पर बहुत अच्छे लग रहे है। इतने जबरदस्त झडने के बाद तेरे हाथो ने मुझको शांत कर दिया है।

बेटा मुझे पता है कि तू नीचे दब गया होगा पर थोडी देर और इसी तरह मेरे चूतडो पर हाथ फेर दे फिर मैं उठ जाती हूँ। मैंने कहा थोडी देर क्या माँ जितनी देर तुम चाहो पडी रहो मैं ऐसे ही तुमको मजा देता रहूँगा। थोडी देर और अपने चूतडो को मसलवाने के बाद रीमा उठ कर मेरी छाती पर बैठ गयी उसके मोटे मोटे भारी चूतड मेरी छाती पर उसके भार के कारण धंस गये थे। फिर मेरे बालो मे हाथ फेरते हुये बोली तो मेरा बेटा चूत चटोरा है। मैंने कहा हाँ माँ मेरे हिसाब से चूत से स्वादिष्ठ इस दुनिया मे कुछ भी नही है। फिर रीमा उठ कर खडी हो गयी और मैं भी उठ कर बैठ गया और उसकी जाँघो का चुम्बन ले लिया।

फिर मै उठ कर खडा हो गया और उसकी नंगी कमर मे हाथ डाल दिया मेरा मस्त लंड उसकी पैन्टी से टकरा रहा था। रीमा बोली बेटा चल अब अपनी माँ को पूरा नंगा कर दे अब इस पैन्टी को कोई जरुरत नही है। अपनी अपनी माँ कि चूत की लाज का घूघंट उठा दे। तेरा भी मन कर रहा होगा अपनी माँ की चूत देखने का। मैंने रीमा को और अपनी तरफ खीच लिया और मेरे हाथ उसके चूतडो पर चल रहे थे। मेरे होठं रीमा के होठों के काफी करीब था। चल अब देर क्यो कर रहा है इस छोटी से पैन्टी की अब हमारे बीच कोई जरुरत नही है। वैसे भी पैन्टी काफी गीली हो गयी है और गीले कपडे नही पहनने चाहिये नही तो ठंड लग जाती है।

मैं रीमा की बात सुनकर मुस्कुरा दिया और बोला जब तुम्हारे बेटे के पास ये गरम लौडा है तो तुमको ठंड कैसे लगेगी। और आगे बढ कर उसके होठों का एक चुम्बन ले लिया। और बोला ठीक है माँ उतार देता हूँ तुम्हारी पैन्टी वैसे मैं भी अब चूत देखने को मरा जा रहा हूँ। फिर मैंने अपने हाथ उसकी कमर से निकाल कर नीचे झुक कर कुशन उठा कर सोफे पर रख दिया। और घुटनो के बल नीचे बैठ गया। और अपने हाथो से कमर पर उसकी पैन्टी पकड ली। फिर अपनी आँखे बंद कर ली क्योकी मैं पैन्टी उतार कर पुरे इत्मिनान से उसकी चूत देखना चाहता था।

और मैंने उसकी पैन्टी उतारनी शूरु कर दी। उसकी पैन्टी नायलान की थी। जैसे ही मैंने उसके कमर से पैन्टी को नीचे किया उसकी पैन्टी उसके चूतड मे फंस गयी। क्योकी उसके चूतड बहुत भारी इस लिये पैन्टी उसके चूतड से निकल नही रही थी। मैंने फिर जोर लगा कर उसकी पैन्टी को खीच दिया और एक झटके के साथ उसकी पैन्टी उसके चूतड से अलग हो गयी। फिर मैंने पैन्टी बिल्कुल नीचे तक खीच दी अव वह उसके पैरो पर पडी थी। मेरी आँखे अभी भी बंद थी और पैन्टी मैंने अपने हाथो मे पकड रखी थी। रीमा ने अपने पैर उठा कर पैन्टी मे से निकाल लिये। मैंने अपना सर नीचे करके अपनी आँखे खोल ली और पैन्टी को उठा कर अपनी नाक पर रख लिया।

उसकी पैन्टी की महक क्या मादक थी। उसको सुघंते ही मेरे लंड ने एक जबरदस्त झटका मारा। उसकी पैन्टी उसके चूत रस की महक से भरी हुयी थी। रीमा ने मुझे इसतरह से अपनी पैन्टी से खेलते देखा तो बोली बेटा हमारे पहले मिलन के समय पहने गये मेरे कपडे मैं अपने पास रखूंगी पर ये पैन्टी तू रख सकता है। आखिर तेरे पास भी तो कुछ होना चाहिये। मैंने फिर रीमा की पैन्टी लेकर उससे अपने लंड से बहते रस को साफ कर दिया। और फिर उस पैन्टी को और कपडो के साथ रख दिया।

मेरा मुँह अभी भी नीचे था मैंने रीमा से कहा माँ अब मैं सोफे पर बैठता हूँ और तुम मेरे सामने आकर खडी हो जाओ जिससे मे जी भर कर तुम्हारी चूत निहार सकूं। रीमा बोली ठीक है बेटा और मैंने अपनी आँखे बंद की और उठ कर सोफे पर बैठ गया। रीमा फिर मेरे सामने आ गयी और बोली लो बेटा देख ले अपनी माँ की चूत। मैंने अपनी आँखे फिर खोल ली। रीमा ने अपने पैर थोडे से खोल लिये थे और अपने हाथ अपने चूतडो पर रख लिये थे और तन कर खडी थी जिससे उसकी चूचीयाँ बाहर को निकल रही थी। और रीमा कि मस्ती का खजाना उसकी चूत मेरी आँखो के सामने थी।

अब मै पहली बार रीमा को पूरा नंगा देख रहा था। पूरी नंगी होकर रीमा किसी अप्सरा से कम नही थी। मेरी नजर उसकी चूत पर गयी। उसकी चूत बहुत ही सुन्दर थी। उसकी चूत के आस पास बहुत घने काले घुंघराले बाल थे। पर उसने अपनी चूत की फांको के आसपास के बाल साफ कर रखे थे। उसकी चूत कुछ फूली हुयी थी और इतनी चटायी कराने के कारण गीली हो गयी थी। उसकी चूत के दोनो फांके थोडी खुली हुयी थी। जिस मे से उसकी चूत का दाना बाहर झांक रहा था। उसकी चूत का खुला मुँह इस तरह से लग रहा था जैसे कह रहा है आओ राजा तुम्हारे लंड के लिये मेरा मुँह खुला है घुसा तो अपना मुसल इसमे और कर दो इसकी कुटायी।

उसकी चूत मुझे चूदायी का खुला निमंत्रण दे रही थी। मैं थोडी देर उसकी चूत निहारता रहा फिर बोला माँ मैंने तुमको अब नंगा करके तुम्हारी चूत देख ली अब मुझको अपने नंगे चूतडो के भी दर्शन करा दो। रीमा बोली ले बेटा कर ले दर्शन चूतडो के कह कर रीमा घूम गयी और उसके होदे जैसे चूतड मेरी आँखो के सामने थे। उसने अपने हाथो को चूतडो से हटा कर अपनी कमर पर रख लिया था। उसके चूतड कुछ इस तरह से लग रहे थे जैसे दो रबर के बडे बडे गोलो को सटा कर रख दिया गया हो। उनके बीच की दरार मे रीमा कि गाँड का छेद छुपा था। उसके चूतड उसकी कमर से ऐसे बाहर निकले थे जैसे कोई पहाड की हो। और उस पर उनक सफेद संगमरमरी रंग उसकी सुन्दरता को चार चाँद लगा रहा था। उसके चूतड इतने चिकने थे कि कोई भी देखे तो फिसल जाये।

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उसके चूतडो के नीचे से झाँकती उसकी चूत ऐसी लग रही थी जैसे कह रही हो राजा अगर चूतड इतने सुन्दर है तो मैं भी कुछ कम नही। और उनमे से निकलती उसके चूत रस और बदन की मिली जुली गंध किसी को भी मदहोश बना दे। मेरी हालत धीरे धीरे खराब हो रही थी। फिर मैंने कहा माँ अपने चूतड तो दिखा दिये अब अपनी गाँड भी दिखा दो। रीमा बोली मेरी गाँड देखेगा अपनी माँ की गाँड देखेगा मेरा लाल ले देख ले दिखा देती हूँ तुझे। यह कह कर रीमा थोडा आगे झुकी और अपने हाथो से अपने चूतड पकड कर उनको खीच कर अलग कर दिया। उसके इस तरह से आगे झुकने से उसकी चूत पूरी तरह से पीछे से दिखायी देने लगी।

मेरी नजर अब उसकी गाँड पर थी। उसकी गाँड का छेद उसकी चूतड खीचने के कारण काफी खुल गया था और उसके अंदर का लाल लाल भाग दिख रहा था। उसकी गाँड के आसपास का रंग थोडा गहरा भूरा था इसका मतलब था उसकी गाँड कयी बार चुदी है। और चुद चुद कर उसका छेद बडा हो गया था। उसकी चूत नीचे से झाँक रही थी और ऐसा लग रहा था जैसे कह रही हो तो तुमको मेरी बहन गाँड से भी प्यार मुझे इससे कोई फर्क नही पडता जब तक तुम मुझे और मेरी बहन को चोद चोद कर पूरा मजा देते रहो। हम दोनो बहनो मे बहुत प्यार है तभी तो हम दोनो हमेशा इतनी पास पास रहती है।थोडी देर मैं उसकी गाँड को निहारता रहा। रीमा ने इसी तरह खडे खडे पीछे मुड कर देखा और बोली बोल बेटा कैसी लगी तुमको अपनी नंगी माँ। मैंने कहा आओ माँ मेरी गोदी मे बैठो बताता हूँ। रीमा ने खडी होकर आकर मेरे लंड को हाथ से पकड पर नीचे किया और उसे अपने चूतड से दबा कर मेरे गले मे अपनी गोरी गोरी बाहो का हार डाल कर बैठ गयी। मैंने अपनी बाहे उसकी कमर मे डाल कर उसके चिकने बदन पर फिराने लगा और बोला माँ मेरी प्रेमिका मेरी रानी मैंने तुम्हारी कोख से जन्म नही लिया पर मन करता है कि काश मैंने तुम्हारी कोख से जन्म लिया होता तुम्हारी जैसी सुंदर माँ कौन नही चाहता।

मेरी बात सुनकर रीमा बोली लगता है मेरे लाल को अपनी नंगी माँ बहुत पंसद आयी। तुम्हारी चूत बहुत सुन्दर है तुम्हारे मम्मो का उभार कातिलाना है। तुम्हारी नंगी चिकनी टांगे मस्त है। और सबसे सुन्दर तुम्हारे चूतड है। तो मेरे बेटे को माँ के चूतडो से प्यार हो गया है। मैंने कहा हाँ माँ बहुत। ठीक है कभी तेरे को पुरे दिना अपने चूतड से खेलने दूगी तब मस्त होकर प्यार कर लेना उनसे। अब बोल क्या इरादा है। नंगा तो कर लिया अपनी माँ को आगे क्या करेगा। मैंने बोला माँ मुझको अब तुम्हारी चूत चोदनी है अपनी पहली चूत अब मुझसे बिल्कुल भी नही रहा जा रहा।

रीमा बहुत बडी रंडी थी उसको पता था कब क्या करना है। उसने मेरे से कहा बेटा तेरा लंड तो इतनी देर से खडा है इसलिये गुस्से मे आ गया है और फूल कर काफी मोटा हो गया है। अगर मैंने इससे चुदवाया तो मेरी तो चूत फट जायेगी मैं तो नही चुदवाउगी इससे। मैंने कहा माँ ऐसे मत कहो देखो मे तुमको इतनी देर से मजा दे रहा हूँ अब तुम भी तो मुझे मजा दो। बेटा मैं भी चाहती हूँ कि मैं तुझको मजा दू पर क्या करू तेरा मुसल देख कर मुझे डर लग रहा है। मैंने कई मर्दो से चुदवाया है पर किसी का भी लंड को इतनी देर तक खडा नही रखा तेरा तो लोहे की रॉड हो गया है इस गर्म रॉड से चुदा लिया तो मेरी चूत के तो चिधडे उड जायेगे बेटा।

माँ मुझे ऐसे मत तडपाओ अपने बेटे की हालत पर तुमको बिल्कुल भी तरस नही आता। रीमा बोली ठीक है बेटा तेरे लिये मैं अपनी चूत कुर्बान कर देती हूँ। लेकिन तेरा लंड एकदम सुखा है पहले इसका कुछ करना होगा तू यही बैठ मै तेल लेकर आती हूँ तेरे लंड पर तेल लगा दूंगी तो थोडा चिकना हो जायेगा फिर शायद मेरी चूत फटने से बच जाये। मैंने कहा हाँ माँ लगा तो तेल एकदम चिकना कर दो इसको मैं तुम्को अपने चिकने लंड से धीरे धीरे चोदूगां तुम्हारी चूत फटने नही दूगां। फिर रीमा ने मुझको गाल पर चूम लिया और उठ कर बेडरुम कि तरफ चल दी। उसके उठने से मेरा लंड एकदम स्प्रिगं की तरफ उछल कर खडा हो गया। रीमा अपने चूतड मटकाते हुये चली गयी। और थोडी देर बाद तेल कि शीशी लेकर बाहर आ गयी।

फिर मेरे पास आकर बोली ला बेटा तेरे लंड पर तेल लगा कर इसको थोडा चिकना कर देती हूँ। और मेरी टांगो के बीच घुटनो के बल बैठ गयी। तेल कि शीशी खोल कर उसने थोडा तेल अपने हाथ मे लिया और शीशी नीचे रख दी। अपने हाथ के तेल को उसने जमकर मल लिया और आगे बढ कर पहले मेरे मदमस्त लंड का एक चूम्बन ले लिया। फिर उसने अपने हाथ बढा कर मेरा लंड अपने हाथ मे लिया। उसके कोमल और मुलायम हाथो मे आते ही मेरा लंड उछलने लगा। मेरे लंड पर अभी भी पेटीकोट का नाडा बंधा था नही तो कबका झड गया होता। रीमा ने मेरे लंड को अपने एक हाथ मे पकड लिया और दुसरे हाथ से उसको पुचकारने लगी। ऐसा करके वह अपने हाथ मे लगा तेल मेरे लंड पर लगाने लगी। उसके हाथो के प्यार भरे स्पर्श और ठंडे तेल की वजह से मेरे लंड को थोडा आराम मिला।

एक हाथ से पुचकारते हुये रीमा ने लंड के एक तरफ पूरी तरह से तेल लगा दिया। फिर लंड को दुसरे हाथ से पकड लिये और पुचकारते हुये लंड के दुसरी तरफ भी तेल लगा दिया। रीमा लंड पर तेल लगाते हुये बोली अब इस पर तेल लग जायेगा तो बडा चिकना हो जायेगा फिर शायद मेरी चूत फटने से बच जाये। थोडी देर पुचकारते हुये तेल लगाने के बाद रीमा ने एक हाथ मे मेरे लंड को पकड कर पुरे लंड पर फिसलते हुये तेल लगाने लगी और फिर दुसरे हाथ से भी ऐसा ही करती। इस तरह से तेल लगाने से लंड की गर्मी और बढ गयी और मेरा लंड रीमा के हाथो मे और फूलने लगा। मेरे लंड की सारी नसे दिख रही थी। मेरे लंड कि हालत ऐसी थी जैसे किसी गुस्सैल सांड की होती है।

रीमा मेरे लंड को फुलते देख कर बोली हाय रे मेरे हाथो से खेल कर तेरा लंड तो और भी बडा हो गया। लगता है आज मेरी चूत फट ही जायेगी लगता है इस पर और तेल लगाना पडेगा कह कर उसने और तेल अपने हाथ मे ले लिया और उसे मेरे लंड पर चुपडने लगी उसके हाथ मेरे लंड पर जादू कर रहे थे और अब मै बिल्कुल भी नही रुक सकता था और उसको जम कर चोदना चाहता था। रीमा ने मेरे लंड की उपर की खाल उतार कर उसका सुपाडा बाहर निकाल लिया और उस पर भी तेल चुपडने लगी। फिर रीमा तेल चुपडते हुये बोली अच्छा हुया बेटा तु पहली बार मेरी चूत मे लंड डालेगा अगर किसी कमसिन को चोदता तो वह तो मर ही जाती। अब अगर आज मेरी चूत बच गयी फटने से तो मैं तेरे को सब कुछ सिखा दूंगी। मैंने रीमा से कहा माँ अब तो तेल पुरी तरह से लग गया है मेरे लंड पर अब तो मुझे चोदने दो तुम्हारी चूत अब मुझसे बिल्कुल नही रहा जा रहा।

ठीक है बेटा अब चोद ले माँ को और बन जा मादरचोद। कह कर मेरे लंड को एक आखरी बार तेल लगाया और उठ कर खडी हो गयी। मैंने अपने लंड के नाडे को खोलने की कोशिश करने लग क्योकी जब तक नाडा बंधा था मे झड नही सकता था। पर डबल गांठ लगी होने के करण नाडा खुल नही रहा था। रीमा ने मुझे नाडा खोलने की कोशिश करते हुये देख लिया और बोली बेटा ये क्या कर रहा है इस अभी बंधा रहने दे और मुझे चोद जब तु अच्छी तरह से एक घंटा मुझे चोद लेगा उसके बाद मैं खुद इसको उतार दूंगी। इसको खोल देगा तो जल्दी झड जायेगा और चुदायी का पूरा मजा नही ले पायेगा। मैंने कहा तुम ठीक कहती हो माँ। फिर रीमा ने तेल की शीशी उठा कर मेज पर रख दी।

फिर मैंने रीमा से कहा माँ तुम कालीन पर लेट जाओ अब मै तुमको चोदूगाँ। रीमा बोली नही बेटा तू यही सोफे पर बैठ जा मैं खुद तेरे लंड पर बैठ कर धीरे धीरे तेरे लंड को अपने अंदर लीलूगीं। इतना मोटा लंड है धीरे धीरे अपनी चूत के अंदर लूगी और चुदाने से पहले एक एक इन्च लंड का पूरा मजा लूंगी। फिर मैं सोफ़े पर अपनी टाँगे जोड कर बैठ गया और रीमा अपनी दोनो मेरी टाँगो के दोनो तरफ करके खडी हो गयी जिससे मेरी टाँगे उसकी टाँगो के बीच आ गयी। मेरी नजर तो उसकी चूतडो पर थी रीमा ने झुक कर अपनी टाँगो के बीच से हाथ डाल कर मेरा लंड पकड लिया और मुझे रीमा की गाँड दिखायी देने लगी। मैंने झट से आगे बढ कर उसकी गाँड को चूम लिया। मेरे चूमते ही रीमा के मुँह से एक आह निकल गयी और वह बोली बेटा अगर तुम इसी तरह मेरी गाँड को प्यार करते रहोगे तो मैं तुमहारे लंड से नही चूदा पाउंगी पहले मेरी चूत चोद कर इसका मजा ले लो फिर मेरी गाँड के भी मजे ले लेना मैं कही भगी थोडी जा रही हूँ।रीमा कि बात सुन कर मैंने अपना मुँह रीमा की गाँड से हटा लिया। और अपनी पीठ सोफे पर लगा कर बैठ गया। रीमा ने मेरा लंड की खाल को पीछे कर के अपनी चूत का मुँह मेरे लंड पर रख दिया। उसकी चूत बहुत ही गर्म थी। फिर उसने अपना सर पीछे घुमाया और बोली बेटा अब तेरा लंड तेरी पहली चूत मे जाने के लिये तैयार है तू आराम से बैठ और चूत के मजे ले। कह कर रीमा ने अपने चूतडो को थोडा सा दवाब दिया जिससे मेरे आधा सुपाडा चूत के अंदर घुस गया। मेरे लिये तो यह बिल्कुल नया अनुभव था। उसकी चूत की गर्मी मुझे पागल कर दिया था। फिर उसने अपने चूतडो को थोडा और जोर से दबाया जिससे मेरा पूरा सुपाडा उसकी चूत मे घुस गया।

रीमा बोल पडी हाय रे बडा मोटा सुपाडा है रे तेरा। उसकी चूत भी बहुत गर्म थी मुझे ऐसा लगा ही मेरा सुपाडा किसी तंदूर पर रख दिया गया हो। फिर रीमा धीरे धीरे अपने चूतडो को दबाते हुये मेरे लंड पर बैठने लगी। और एक एक इन्च करके मेरे लंड को अपने अंदर लेने लगी। रीमा के मुँह से बराबर करहाने की आवाज निकल रही थी। एक हाथ से रीमा ने मेरा लंड पकड रखा था दुसरे हाथ से अपनी चूत की फाँको को फैला कर मेरे लंड हो लील रही थी। जब मेरा आधा लंड उसकी चूत मे घुस गया तो रीमा रुक गयी और बोली बडा मोटा है रे तेर लंड मेरे राजा मैं इतनी बडी रंडी इतने लंड लील चूकी हूँ पर फिर भी तेरा लंड मेरी चूत मे कितना फंस फंस के जा रहा है। मुझे ऐसा लग रहा है जैसे कोई मेरी चूत पकड कर खीच रहा हो जैसे फाड ही डालेगा।

अच्छा हुआ मैंने तेल चुपड दिया था तेरे लंड पर नही तो ये मुसल तो मेरी चूत फाड ही डालता। मैं रीमा की बात सुनकर मस्त हो रहा था। उसकी चूत की गर्मी मेरे लंड हो जला रही थी पर मस्ती मे भरा मैं उसकी ओखली मे अपना मुसल देने को तैयार था। रीमा ने मेरे लंड को अभी भी पकड रखा था और अपने चूतडो को धीरे धीरे हिला रही थी। जिससे मेरा लंड फंस कर उसकी चूत के अंदर बाहर हो रहा था। इससे मुझे थोडा मजा आ रहा था पर मैं अपना पूरा लंड उसकी चूत मे डाल कर जोर जोर से उसको चोदना चाहता था। मैंने अपने हाथ रीमा की कमर पर रख दिये और बोला माँ पूरा लंड अपनी चूत मे डाल लो। यह कह कर मैं भी अपने हाथो से जोर लगा कर अपना लंड उसकी चूत मैं डालने की कोशिश करने लगा।

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रीमा बोली रुक जा बेटा डालती हूँ बाकी का लंड भी कह कर उसने फिर धीरे धीरे अपने चूतडो को दबाना शुरु कर दिया और मेरा लंड उसकी चूत मे घुसने लगा जब २ इन्च लंड बाहर रह गया रीमा ने अपना हाथ मेरे लंड से हटा कर मेरे पैरो पर रख दिया और कसके पकड कर एक जोरदा धक्का अपने चूतडो से मारा। मेरा लंड एकदम से उसकी चूत मे घुस गया और उसके मुँह से चीख निकल गयी और बोली हाय रे मर गयी। मैंने पुछा क्या हुया माँ रीमा ने कहा लगता है फट गयी मेरी चूत बेटा कह कर रीमा ने अपना हाथ लंड और चूत जहाँ पर मिल रहे थे लगा कर देखा बोली खून नही है बच गयी।

मुझे पता था की रीमा यह सब मुझे और भी उत्तेजित करने के लिये कर रही है। फिरे रीमा ने अपनी पीठ मेरी छाती पर टिका दी और अपना सर घुमा कर अपने होठ मेरे होठो पर रख दिये और उनको चुमने लगी। मेरा लंड पूरा उसकी चूत मे समा चुका था और उसकी चूत ने कस के मेरे लंड को जकड लिया था। उसकी चूत इतनी बार चुद चुकी थी पर मेरे को बहुत कसी लग रही थी। मैं रीमा की कमर पकड कर उसके होठ चूसे जा रहा था। थोडी देर मस्त चुम्बन लेने के बाद रीमा ने पूछा बोल बेटा कैसा लग रहा है अपना लंड मेरी चूत मे घुसा कर। बहुत अच्छा लग रहा है माँ अब चोदो मुझे। कह कर मैंने अपने हाथ उसकी बांहो के नीचे से डाल कर उसके मम्मे पकड लिये। रीमा ने अपनी कमर को धीरे धीरे घुमाना शुरु कर दिया जिस कि वजह से मेरा लंड उसकी चूत की दिवारो से रगड खाने लगा और एक अजीब मस्तानी थी सन्सेसन होने लगी।

मैंने भी उसके मम्मो पर धीरे हाथ फिराते हुये मसल रहा था। मेरे मम्मो के मसलने से और मेरे लंड की रगडाहट से रीमा की मस्ती बढ गयी थी और उसकी चूत ने फिर से रस के बाँध का मुँह खोल दिया था। और उसकी चूत फिर से गीली हो चली थी। उसकी चूत के गिले होने से मेरे लंड और उसकी चूत की दिवार के बीच का घर्षण कुछ कम हो गया था। और उसकी कमर भी जोर जोर से चल रही थी और उसके मुँह से करहाने की आवाज आने लगी थी। फिर मैंने उसकी घूंडी पकड कर खीच दी। रीमा एक दम दर्द से बिलबिला उठी बोली हाय रे क्या करता है बेटा लगता है तुझे मेरी चूचीयां इतनी पंसद है की इनको उखाड ही लेगा। माँ अब और मत तडपाओ चोदो ना मुझे अब मुझसे बिल्कुल भी नही रहा जा रहा।

रीमा बोली क्यो बेटा जब मुझको तडपा रहा था तो कुछ नही अब अपनी बारी आयी है तो रो रहा है। तू मुझे ऐसे ही चोदेगा जैसे मे चाहुँगा समझ गया बैठ रह चुपचाप जरा इस मोट लंड को मेरी चूत से थोडी बातें तो कर लेने दे आखिर मेरी चूत और तेरा लंड भी माँ बेटे है इतने दिनो बाद मिले है दोनो को जी भर के जरा गले तो मिल लेने दे फिर ये दोनो भी जम कर चुदायी करेंगे। वैसे भी मुझे ऐसे अपनी चूत मे तेरा लंड लेकर रगडने मे मजा आ रहा है। तेरे लंड का सुपाडा मेरी चूत मे रगड कर मुझे बहुत मजा दे रहा है। वैसे भी तीन बार झड चूकी हूँ और अबकी बार करीब १ घंटा चुद कर चुदायी का मजा लूगी उसके बाद ही तुझे मजा देने का सोचूगी। अब मेरी बारी है तेरे को तडपाने की पूरा गिन गिन कर बदला लूंगी तुझसे।उसकी बात सुनकर तो मेरे होश ही उड गये पहले ही करीब ढायी घंटे हो चुके थे मेरे लंड को इसीतरह खडे हुये और १ घंटे के बात सुनकर मैंने सोचा मैं पागल ही हो जाउंगा। पर मैं कर भी क्या सकता था अब मेरा लंड रीमा की महरबानी पर था। मैंने सोचा अगर जल्दी से झडना है तो पहले रीमा को झडाना पडेगा और इसके लिये उसकी और गर्म करना जरुरी था फिर उसको गर्म करने के लिये मैंने उसके मम्मे दोनो हाथो से कस कर मसलते हूये उसकी गर्दन पर चुम्बनो की बरसात कर दी। मेरे ऐसा करने से उसकी मस्ती बढने लगी और उसने अपने चूतड जोर जोर से घुमाने शुरु कर दिये उसके चूतड घुमाने से उसके चूतडो की बडी बडी गोलाइयाँ मेरे पेट और जांघो से टकरा रही थी।

और कभी कभी रीमा अपने चूतड रोक कर जोर से नीचे दबा देती थी जिससे उसके चुतडो के संपोज मेरे बदन से चिपक कर फैल जाते थे। उसे भी शायद अपने चूतड मेरे बदन से रगडने मे मजा आ रहा था शायद मैं पूरा मस्त हो रखा था। जब से रीमा ने अपने चूतडो को घुमाने की रफतार बढा दी थी तब से मुझे भी उसकी चूत मे होने वाली रगडाहट से मजा आने लगा था। रीमा ने जोर जोरे चिल्लाना शुरु कर दिया था। हाय रे बेटा तेरा लंड रगडने बहूत मजा आ रहा है मेरी गीली चूत मे तेरा लंड क्या गोल गोल घूम रहा है। हाँ साले दबा इसी तरह मेरे मम्मो इनको बहुत जरुरत है इसकी। मसल डाल इनको मेरा लाल फिर से लाल कर दे इनको मसल कर। बहुत खुजली होती है मेरी चूत मे इनको मसलवाने से।

लगा रह इसी तरह मेरे बदन के साथ। गर्दन भी चूमने लगा हरामी मार डालने का इरादा है क्या अपनी माँ को मस्ती मैं जो भी कर ले तेरे से १ घंटे चुदवाये बिना मैं तेरा को झडने नही दूंगी। उसकी बात सुनकर मैं समझ गया रीमा मुझे अच्छी तरह से तडपाये बिना नही छोडेगी अगर ऐसा है तो क्यो ना मजा लिया जाये जैसे वो मुझको देना चाहती है। ये सोच कर मैंने रीमा से कहा मैं वही करूगां जो तुम कहोगी मुझे भी अब तुम्हारे इस खेल मे मजा आ रहा है और मुझे पता है की तुम जो भी करोगी मजेदार ही होगा। तु चिंता मत कर बेटा जो भी मैं करूगीं उसमे मुझे मजा ही आयेगा। और उसने यह कर अपने चूतडो को रोक कर उसके घुमाने की दिशा बदल दी। पहले दाँये से बाँये घुमा रही थी अब बाँये से दाँये घुमाने लगी।

अब मैंने भी उसके पूरे बदन को अपने हाथे से छूना चाहता था इसलिये उसकी पीठ और गर्दन का चुम्बन लेने के साथ साथ मैंने एक हाथ मैंने उसकी कमर पर फिराना शूरू कर दिया। एक हाथ अभी भी मम्मो पर था। उसके चूतडो के घुमने से मूझे ऐसी मस्ती चढी की मैंने उसकी कमर के माँस को हाथ मे लेकर कस कर मसल दिया। रीमा चीख पडी और बोली हाय रे क्या करता है रे बेटा मम्मो के साथ साथ मेरे बदन के का भी भुर्ता बनायेगा क्या। कर कर और कर मुझे भी इन सब मैं बहूत मजा आता है। पूरा मजा ले मेरे बदन का नही तो बाद मे कहेगा माँ ने पूरा मजा भी नही दिया और तेरे लंड की माँ भी मुझे गलियां देगी।

अभी भी अपने बेटे से मिल कर देख कितना भाव विभोर हो रही है। उसक आँसू पानी बन कर चूत से निकल रहे है। रीमा कि बांते बहुत मस्तानी थी और मै उसके मस्तानी बाते सुनता हुआ उसके मस्ताने बदन को टटोल रहा है। मेरे हाथ उसके बदन पर चल रहे थे रुक रुक कर मैं उसके बदन का कोई भी हिस्सा पकड कर मसल देता था। मेरी मस्ती चरम सीमा पर थी पर मुझे पता था की मैं अभी झड नही सकता धीरे धीरे इस हालत मे मुझे मजा आने लगा था। इस तरह रीमा को चूतड घुमाते काफी देर हो गयी थी और कई बार वह अपने चूतड घूमाने की दिशा बदल चूकी थी। उसकी चूत भी अब रस से भर चुकी थी और उसका चूत रस मेरे लंड पर से बहता हुआ मेरे बॉल्स और जाँघ को भीगो रहा था।

रीमा बोली बेटा अब बहुत देर मिल लिये ये माँ बेटा अब मेरे को भी इस लंड के धक्के खाने का मन कर रहा है। चोदो ना फिर उछल उछल कर चोदो अपनी चूत को मेरे लंड से ठी है बेटा तू मेरी चूचीयां मसल मैं तेरे लंड से चूदाती हूँ। फिर रीमा ने एक आखरी चक्कर लगा कर अपने चूतड को दबा दिया और मैंने भी अपने हाथ उसके मम्मो पर रख दिये और प्यार से उसे सहलाने लगा। रीमा मस्ती मे थी बोली साले गाँडू सहला नही मसल डाल इनको कह कर रीमा ने धीरे धीरे मेरे लंड पर उछलना चालू कर दिया। उपर नीचे करते हुये मेरा लंड उसकी चूत के आंदर बाहर होने लगा और यह अहसास मेरे लिये अब तक का सबसे अच्छा था। ये मेरी सबसे पहली चुदायी थी और वह भी ऐसी औरत से जिसे मैं माँ कहता हूँ।

पर ये सोच कर की मैं अपनी माँ को चोद रहा हूँ ने मेरी मस्ती और बढा दी और मुझसे रहा नही गया और मैने अपनी पूरी ताकात से उसकी चूचीयाँ पकड कर मसल डाली। हाँ ऐसे ही मेरे राजा ये हुयी ना कुछ बात। अब रीमा ने अपनी स्पीड थोडी सी बढा दी और उछल उछल कर मेरे लंड को अंदर ले रही थी उसके चूतड उछालने से चूतड मेरी जाँघो पर जोर जोर से लग रहे थे जिससे फट फट की आवाज हो रही थी। उसने अपना एक हाथ उठा कर मेरे गले मे लपेट लिया जिससे उसकी चिकनी पीठ मेरी छाती से रगड खाने लगी। उसकी चिकनी माँसल पीठ मेरे से रगड खा रही थी।

उसकी चिकनी पीठ की रगड से होती सनसनाहट और उसके चूतडो के मेरी जाँघ से टकराने के कारण होती फट फट की आवाज से गूंजता चूदायी संगीत मेरे को मदहोश कर रहा था। फिर मैंने अपने होठ उसके होठों पर लगा दिया और उनको चूसने लगा उसके होठो का रस बहुत ही मीठा था। होठ चुसाने के बाद रीमा बोली बेटा मजा आ रहा है माँ से चुदायी कराने मे ये तेरी पहली चुदायी है और ये तेरी माँ इसको यादगार बनाना चाहती है। रीमा की बात सुनकर मेरी मस्ती और भडक उठी और मैंने उसके होठ अपने होठों बे दबाये और उनको चूसते हुये मम्मो की जबरदस्त कुटायी जारी रखी। रीमा भी अपने मुँह की लार मुझे पीलाती हुयी जोर जोर से अपने चूतडो को उछाल रही थी।

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उसकी चूत चूची मर्दन और होठों को चूसने के कारण फिर से मदमस्त हो चुकी थी और रस की धारा बहा रही थी। उसकी चूत गीली हो जाने की वजह से मेरा लंड उसकी चूत मे आसानी से आ जा रहा था। जैसे तेल लगा पिस्टन आसानी से फिसलता है। मैं भी कभी कभी अपने चूतड जोर से उपर उछाल देता था जिससे उसके चूतड और भी जोर से मेरी जाँघो से टकराते थे जो मुझे बहुत अच्छा लगता। फिर हम दोनो ने चुदायी इसी तरह जारी रखी हम दोनो चुदायी की मस्ती मे चूर थे। बीच बीच मे रीमा अपना होठ छुडा लेती और और जोर से मुझे मम्मो को मसलने के लिये उकसाती और जोर से बेटा मसल डाल उखाड ले इनको मेरे बदन से राजा। और फिर से अपने होठ मेरे होठो मे दे देती और मैं उसके होठों को जीभ से चाटने और चूसने मे लग जाता।

हमारी चुदायी इसी तरह कुछ १०-१५ मिनट तक चलती रही। रीमा के मम्मे कुटायी करा कर पुरे गुलाबी रंग ले हो गये थे। रीमा और मै दोनो पसीने मे तर हो गये थे। उसके पसीने की गंध मुझे और पागल बना रही थी। फिर रीमा ने कहा बेटा अब इस तरह चुदायी और चूची मसलवायी कराते हुये बहुत देर हो गयी है चलो अब कुछ दुसरी तरह से चूदायी करते है। अब मैं सीधी हो कर तुम्हारे लंड पर बैठती हूँ जिससे तुम मेरे मम्मो को चुसते हुये मेरी चुदायी कर सकते हो। कह कर रीमा ने आखरी चुम्मा लिया और उठ कर खडी हो गयी। उसके चूत का रस उसकी चूत से निकल कर उसकी जाँघो पर बह रहा था। जैसे ही रीमा पलटी तो उसकी गीली चूत जिसका मुँह चुदायी के कारण खुला हुआ था और उसका रस उसकी भारी माँसल जाँघो पर बह रहा था दिखायी पडा। मुझसे बिल्कुल भी रुका नही गया और मैं रीमा से बोला माँ मुझे अपने इस रस को चाट कर पी लेने दो फिर चुदायी करगें। मैं इसको इसतरह बर्बाद नही होने देना चाहता।

रीमा ने कहा ले बेटा कर चाट ले मेरा रस कर ले अपनी इच्छा पूरी। इसके बाद रीमा मेरे सामने अपने हाथ अपने चूतडो पर रख कर खडी हो गयी और अपनी टाँगो को थोडा सा फैला लिया। मैंने आगे बढ कर अपने हाथ उसकी चिकनी माँसल जाँघो पर रख दी और अपना मुँह उसकी जाँघो के बीच घुसा दिया और सबसे पहले उसकी चूत का एक चुम्बन लिया। फिर अपनी जीभ निकाल कर उसकी जाँघो पर लगा चूत रस चाटने लगा। रीमा प्यार से अपने एक हाथ से मेरे बालो को सहलाने लगी। थोडी देर मे मैंने उसकी दोनो जाँघो से रस चाट कर साफ कर दिया और चूत पर भी जीभ फिरा कर उस पर लगा रस भी पी गया। चूत पर जीभ लगाने से रीमा के मुँह से सिसकारी निकल गयी।

अच्छी तरह से चूत रस पी लेने के बाद मैंने रीमा से कहा माँ आओ बैठ जाओ मेरे लंड पर रीमा बोली बेटा अगर इसी तरह हम दोनो का रस बहता रहा तो सोफे पर निशान पड जायेगा। ला तु मुझे मेरा पेटीकोट दे दे मैं इसको बिछाती हूँ तू इसपे बैठ जाना जिससे सोफे पर निशान नही पडेगा। मैंने रीमा को पेटीकोट उठा कर दे दिया। और रीमा के बगल मे खडा हो गया। रीमा उसकी तह बनाने लगी और मैंने अपने हाथ उसके चूतडो पर रख कर उनको सहलाने लगा। रीमा ने तह बना कर सोफे पर रख दिया और बोली बेटा अब चूतड छोड और आकर बैठ जा और माँ की चूत का मजा ले। मैं सोफे पर आ कर बैठ गया। रीमा ने अपने पैर मेरे पैरो के दोनो और जमाये और मेरा लंड पकड कर थोडा झुक कर अपनी चूत के मुहाने पर रख दिया।

रीमा ने अपने हाथो से मेरे लंड के सुपाडे को थोडा दबा कर अपनी चूत मे फंसा लिया। और अपने घुटने उठा कर सोफे पर रख दिये। मैंने उसकी कमर पकड कर जोर से उसके चूतडो को दबा दिया। मेरा लंड सट के साथ उसकी चूत मे घुस गया। चूत बहुत गीली थी इसलिये बडी आसानी से चूत मे घुस गया। उसने अपनी टाँगो को और फैला लिया जिससे मेरा लंड पूरा उसकी चूत मे घुस गया। मैंने अपना एक हाथ उसकी कमर मे लपेट कर उसकी कमर और चूतडो पर फिराने लगा। दुसरे हाथ से उसकी चूची पकड कर मसलने लगा। रीमा ने धीरे धीरे अपने चूतड हिलाने शुरु कर दिये जिससे मेरा लंड अंदर बाहर होने लगा। रीमा ने फिर अपने चूतड उछालने शुरु कर दिये और बोली बेटा अब जरा मरी इन चूचीयो को चूस ले तेरी कुटायी से बेचारीयों की हालत खराब है।

मैंने कहा माँ मुझे चुदायी करते वक्त तुम्हारी चूचीयो को मसलने मे मजा आ रहा है। इनको मसलने दो न माँ। रीमा बोली ठीक है बेटा मसल ले पर जब मैं तुझे झडा दूगी उसके बाद चुम और चाट कर मेरे मम्मो को प्यार करना नही तो आगे से इनको हाथ नही लगाने दूँगी। मैंने फिर उसकी चूची को मसलते हुये दुसरे हाथ से उसकी कमर और चूतड मसलने शुरु कर दिये। रीमा ने अपन पेट कर कर मेरे पेट से सटा कर जबरदस्त चुदायी शुरु कर दी। ऐसा करने से उसकी चूत का दाना मेरी झाँटो से रगड खाने लगा। इससे रीमा की हालत बिगड गयी और जोर जोर से गालियाँ बकते हुये अपने चूतड उछालती रही।

इस जबरदस्त रगडायी चूतड मसलवायी और चुत के दाने की रगडायी होने के कारण रीमा अपने होश खो बैठी और झडने के करीब आ गयी। और जोर जोर से चिल्लाते हुये बोली हो मेरे राजा हाय रे मैं तो फिर से झडने पर आ गयी से लाल मसल दे मेरा बदन बस अब गिरने वाला है मेरा बस अब मैं छुटने वाली हूँ। और जोर जोर से उछलने लगी। मैंने भी उसके चूतड अपने दोनो हाथो मे पकड लिये और जोर जोर से उन्हैं अपने लंड पर पटकने लगा। मेरे लंड भी चूत की दिवारो से रगड रगड कर लाल हो गया था और खलास होना चाहता था। हाय रे बेटा मैं झडने वाली हूँ बेटा मेरा पानी निकल रहा है रे मेरे लाल मुझे अपनी बहों मे भर ले बेटा कह रीमा ने एक आखरी धक्का और मारा और कस कर मुझको अपनी बाहों मे जकड लिया। मेरा सर उसने अपनी चूचीयो मे दबा लिया और मैंने भी उसकी चुतडो के अपनी बाहों मे जकड लिया।

रीमा बहुत ही जबर्दस्त झड रही थी। और उसकी आँखे बिल्कुल बंद थी और उसके चूतड धीरे धीरे झडने का मजा लेते हुये हिल रहे थे। उसकी साँस ऐसा लग रहा था की जैसे रुक गयी हो। रीमा इसी तरह मुझको जकडे हुये कुछ देर तक पडी रही और फिर धीरे धीरे उसका बदन ढीला पड गया। और उसने मुझे अपनी पकड से आजाद कर दिया। उसके झडने से मेरी पुरी जांघ उसके रस से भींग गयी और रीस कर पेटीकोट तक जा रही थी। उसके चूत से निकला रस और हमारे पसीने कि मिली जुली गंध वातावरण को मादक बना रही थी। जब थोडी देर बाद वह शांत हुयी तो मैंने कहा माँ अबकी बार तो तुम बहुत जबर्दस्त झडी हो। रीमा बोली हाँ बेटा बहुत मजा आया और कह कर मेरे पूरे मुँह पर चुम्बनो की बरसात कर दी।हाय रे बेटा आज तो बहुत दिनो बाद तेरी माँ को इतना मजा आया है। मैंने कहा माँ मेरे को भी तुमको चोदने मे बहुत मजा आ रहा है। रीमा ठीक है बेटा अब एक दुसरे आसन मे मैं तुझसे चूदाती हूँ। कह कर रीमा मेरे उपर से खडी हो गयी और मेरे लंड को देखने लगी। मेरे लंड का सुपाडा इतनी देर तक खडा रहने के कारण थोडा बैगनी रंग का हो गया था पर एक दम पत्थर की तरह खडा था। मेरे लंड रीमा के रस से भीगा हुआ था। रीमा ने मेरे लंड को देख तो बोली बेटा तेरे लंड रस से सना हुआ है ला इसको चाट कर मैं साफ कर दूँ। कह कर रीमा मेरे सामने घुटनो के बल बैठ गयी और अपने दोनो हाथ मेरी जांघो पर रख कर अपनी जीभ निकाल कर मेरे लंड को चाटने लगी।

उसके इसतरह मेरे लंड को चाटाने से उसकी चूचीयां लटक गयी थी और उसकी घुडीयां मेरी जाँघो पर रगड खा रही थी। मैं अपनी आँखे बंद कर के लंड चाटे जाने का मजा ले रहा था। रीमा ने इसी तरह अपनी चूचीयां मेरे उपर रगडते हुये मेरे लंड को चाट कर पुरा रस को पी लिया। रीमा बोली बेटा अब मैं नीचे लेटती हूँ और तुम मुझ पर चढ कर मुझको चोदो। कह कर रीमा मेरे सामने नीचे कालीन पर लेट गयी और अपने पैर उठा कर उपर कर लिये अपने हाथ जाँघो से पकड उनको चौडा कर लिया जिससे रीमा की सुन्दर गोरी चूत पूरी तरह खुल कर मरे सामने आ गयी। उसकी चूत का मुँह खुला हुआ था और अंदर का लाल भाग साफ दिखायी दे रहा था। मेरे को यह पुरा खुला निमंत्रण था।

उसकी चूत के नीचे उसके हौदे जैसा चूतड फैल कर और चौडा हो गया था और उसकी गुलाबी गाँड नीचे से दिखायी दे रही थी। रीमा बोली आ बेटा आ अब चोद दे अपनी माँ को मादर चोद कही का। ले मैं अपने हाथो से अपनी चूत की फांके खोलती हूँ तु घुसा दे अपना लंड इसमे और फाड दे मेरी चूत चोद चोद कर। कह कर रीमा ने अपने हाथ अपनी चूत पर रखे और अपनी चूत के लिप्स अपने हाथो मे पकड कर खोल दिये जिससे उसकी मस्त गुलाबी चूत साफ दिखायी देने लगी। ये नजारा देख कर मुझसे बिल्कुल नही रहा गया और मैं अपने घुटने उसके चूतडो के दोनो और जमा कर अपना लंड हाथ मे लेकर उसकी चूत के मुहाने पर लगा दिया।

रीमा बोली बेटा अब आगे बढ कर मेरी चूची पकड कर लगा दे धक्का और अपना लम्बा लंड मेरी गहरी चूत मे उतार दे। मैंने आगे बढ कर रीमा की दोनो बडी बडी चूचीयां अपने हाथो मे पकड कर अपने घुटनो को थोडा और आगे बढा कर उसके चुतडो के दोनो और जमाते हुये अपने चूतड हिला कर एक जोरदार धक्का दे मारा। मेरा धक्का इतना करारा था कि एक ही वार मे मेरा लंड उसकी चूत की जड तक उतर गया। हाय रे धीरे बेटा इतनी जोर से धक्का मरा रे तुने दुखता है बेटा धीरे धीरे करो। तेरा लंड तो एक दम मुसल है माना मैं रंडी हूँ और इतने लंड खा चुकी हूँ पर रोज रोज तेरे जैसे मुसल थोडी ही ना मिलते है। धीरे धीरे चोद कर माँ की चूत का मजा लो बेटा।

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