7 years ago#31
अध्याय 31
रात जब मैं घर पहुँचा तो रॉकी और काजल बैठे बाते कर रहे थे,वहां जाते ही काजल मुझसे लिपट गयी,
“कहा थे आप आज ,फोन भी नही उठाया,”
मेरे मुह से आती शराब की हल्की बदबू को भी वो ताड गयी…
“आप शराब पिये हुए हो “
मैं थोड़ा घबरा गया क्योकि मैं कभी भी काजल के सामने नही पीता था ना ही कभी पी के घर आया था,
“अरे वो आज …..”
मैं सोफे में जा बैठा और सारी बात काजल को बताया,
“अच्छा तो मिश्रा जी ने आपकी ड्यूटी लगा दी “
इसबार रॉकी था वो हल्के से मुस्कुरा रहा था ,
“हा यार ,तुम जानते हो मलीना को “
“नही जानता तो नही पर मिश्रा जी के पास तो कई फॉरेनर आते रहते है,”
“हम्म कोई नही कल मिल लेना कल उसे भी मिश्रा जी के साथ ही गार्डन बुलाया हु …”
काजल और रॉकी ने बस एक मुस्कान दी और रॉकी ने हमसे बिदा लिया,
शराब के थोड़े सुमार में मैंने काजल को पकड़ा ,और उसके होठो को किस करने की कोशिस की वो हल्के से मुस्कुराई ,और अपना मुह हटा लिया ,
“पहले फ्रेश तो हो जाओ और खाना खा लो ,कैसी बदबू आ रही है आपके मुह से ,”
ये शायद पहली बार था की काजल ने मुझे यू मना किया पर मुझे बिल्कुल भी बुरा नही लगा और मैं उसके गालो में एक चुम्मन देकर अपने कमरे में चला गया…
सुबह मलीना और काजल मिले ऐसा लगा जैसे की वो बहुत पुराने दोस्त हो ,इतनी आत्मीयता से दोनो एक दूसरे से मिल रहे थे,आज मुझे मलीना के साथ ही उन खण्डरहो को देखने जाना था जहा मैं कभी भी नही गया था,इतने दिनों के बाद भी ,मुझे मिश्रा जी ने अपनी जिप्सी ले जाने को कहा था जंगल थोड़ा घना और रोड की हालात बहुत खराब तो मैंने रघु को छुट्टी दे दी लेकिन उसे आगाह कर दिया था की जब भी काल करू तुरंत उपस्थित हो जाय,,,....
मलीना एक छोटा से स्कर्ट और टीशर्ट पहने निकली
,उसके प्यारे से मम्मे और नीचे की गोलियां बहुत ही प्यारी लग रही थी ,वो नई नई सी जवान कन्या की तरह लग रही थी ,उसकी उम्र यू तो ज्यादा थी पर फिगर बहुत ही तरसा हुआ और कोमल था,ज्यादा उभर कही भी नही थे ,जैसा की वो अभी अभी जवान हुई हो ...शरीर से वो बस 16-20 साल की लगती थी,बहुत प्यारी सी ….उसे देखकर मेरे होठो में एक मुस्कान आ गयी ,उसने अपने साथ एक बड़ा सा बेग भी रखा था,स्वाभाविक था की वहां तो कुछ मिलता नही तो कुछ खाने पीने की चीजे भी रख ली थी जिसमे एक पूरा बियर का बास्केट था,ऐसा लग रहा था जैसे की हम कही पार्टी करने जा रहे है ,
वो खण्डर बहुत ही पुराना था,सुना था की कोई 1500 साल पहले कोई राजा यहां पर राज करता था उसके बाद उसने अपनी राजधानी कही और बसा ली और ये इलाका वीरान होता गया ...ऐसे तो इसका बहुत ही ऐतिहासिक महत्व था पर बस यहां खण्डर और कुछ भग्न मूर्तिया ही बची थी ….
यहां शायद ही कोई आता हो ,जाने के लिए कच्ची सड़क थी और आसपास बस सुनसान घना जंगल,लेकिन मलीना के लिए ऐसा नही था वो तो उसे देखकर बहुत ही खुस हो गयी …
“वाओ …”मुझे समझ नही आया की इसमें वाओ क्या है…
वो अपने हथियार वगेरह निकल कर बस काम में भीड़ गयी ,और मैं एक लाचार सा बस उसे देखता रहा ,मुझे समझ ही नही आ रहा था की मैं यहां क्या कर रहा हु,साला रघु को भी साथ ला लेना था,कम से कम बैठ के बियर पीते,ये रेणु को बियर पीकर उसे जंगलो में ले जाता….सोचकर मेरा लिंग एक अकड़ मारा ...और मैं एक बियर निकल के पीने लगा..धूप खिली हुई थी और थोड़े सरूर के बाद वो शांत जगह मुझे बहुत ही सुहावनी लग रही थी …..लगभग एक घंटे बाद पूरी जगह घूम कर वो मेरे पास आयी उनके हाथ में भी एक बियर था…
“विजय यार ...क्या जगह है,यहां कोई पहले खोज करने नही आया क्या “
मैंने अपने कंधे उचकाए …
वो एक गहरी सांस लेती है ,
“1500 साल …..ना जाने यहां क्या हुआ होगा की राजा को अपनी राजधानी ही बदलनी पड़ी ...मैं यहां पर खुदाई करवाउंगी ….”
ख़ुदाई करवा या चुदाई करवा पर मुझे छोड़ दे ...मैंने मन में ही कहा …
“ह्म्म्म ऐसे तुम्हे यहां का पता कैसे लगा …”
“मेरे पापा से …”वो बेफिक्र सी बोली
“अरे वाह वो यहां कब आये “
उसने मुझे देखा,इसबार उसकी आंखों में खुशी गायब था,पता नही क्यो मुझे एक गहरे दर्द का अहसास हो रहा था,मैं उसके कंधे पर अपना हाथ रखा …
“are u ok “
“ya “
वो मेरे कंधे पर अपना सर रख ली ,कुछ तो बात जरूर थी जो वो बताना नही चाह रही थी ,
“क्या हुआ पापा का नाम सुनकर तुम इतनी उदास क्यो हो गयी ,...”उसके आंखों से टपकते आंसुओ का आभास मुझे हुआ,मै उसका चहरा उठाया,किसी बच्ची की तरह वो प्यारी सी लकड़ी यू रोये मुझे बिल्कुल भी अच्छा नही लगा,पता नही क्यो मुझे उसपर इतना प्यार आया की मैं उसके आंसुओ को अपने होठो से पी गया,...वो पहले तो मुझे एक आश्चर्य भरे नजरो से देखी ,पर मेरे चहरे पर कोई भी वासना का भाव ना पाकर वो एक मुस्कान से मेरा आभार व्यक्त किया ,लड़कियों की ये खासियत होती है की वो वासना और प्यार में आसानी से अंतर कर सकती है,अगर वो चाहे तो ….
“you are so cute ,ऐसे रोया मत करो “
“थैंक्स “वो किसी बच्चे की तरह मेरे गले से लग गयी ..
“पापा ने सही कहा था की तुम एक बहुत ही अच्छे इंसान हो इसीलिए उन्होंने तुम्हे मेरे साथ भेजा “
अब शॉक मुझे लगा ,
“वाट पापा ने “मैं आश्चर्य से भर गया था ,और वो बड़ी ही मनमोहक मुस्कान से मुझे देख रही थी …
“हा पापा ने ….मिश्रा जी मेरे पापा है ,मेरे मम्मी के पहले पति और मेरे असली पापा …..”
मेरा दिमाग अब और भी ज्यादा घूम गया ,साला ये कैसे हो सकता है ….एक इंडियन कपल की औलाद गोरी कैसे...मेरे नजरो की कसमकस को वो समझ चुकी थी ,
“वो मेरी मा इंडियन थी और एक एयर होस्टेज थी ,पापा (मिश्रा ) उन्हें बहुत प्यार करते थे पर उन्होंने मेरे पापा को चिट किया और एक इटालियन के साथ …..जब मैं पेट में थी तो उन्होंने ये सब पापा को बताया ,पापा उन्हें इतना प्यार करते थे की उन्होंने इसके बाद भी मेरी मॉम को अपनाया और बहुत प्यार दिया पर वो फिर भी चुपके से उनसे मिलती रही ,जब मैं 2 साल की हो चुकी थी तब उन्होंने डिवोर्स ले लिया ,पापा मुझे बहुत प्यार करते थे और मेरे लिए उन्होंने कानूनी लड़ाई भी लड़ी,पर उस समय वो एक बिजनेस मेन थे और उनके फैमली लाइफ के कारण बहुत ही लॉस में चल रहे थे मेरी कस्टडी मेरी मा को मिल गयी पर मेरी नानी ने मुझे अपने पास रखा वो मेरी मा के इस किये से बहुत दुखी थी वो मेरे पापा को बहुत ही प्यार करती थी ,इस फैसले के बाद ही पापा का मन सबसे उठ गया वो कभी कभी मेरी नानी से और मुझसे मिलने आते थे,उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी समाज के नाम करने का फैसला किया और वो एक IAS ऑफिसर बने और अपनी ईमानदारी के बल पर इतना नाम कमाया…..”मलीना के आंखों में फिर से आंसू थे और मैं बस उसकी बाते सुन रहा था…
“जब मैं 12 साल की थी तो मेरी नानी चल बसी और मा ने मुझे पापा को बिना बताये ही इटली ले गयी ,लेकिन मैं कभी भी उसे अपना पिता नही मान पाई ,,,,पापा ने मुझे ढूंढने की बहुत कोसिस की,मैं भी उन्हें ढूंढने की कोशिस करती रही और जब मैं 20 की थी और कॉलेज में थी तो मैंने पापा को इंटरनेट से ढूंढ ही लिया,उन्हें कोई सम्मान मिला था जिसकी खबर में उनका फ़ोटो भी था,मैं सालो बाद उनसे मिली और अब मैं अपना छोड़कर उनके पास रहने चली आयी ,लेकिन पापा अब भी मा से बहुत प्यार करते है,और उन्होंने मुझे समझा कर वापस भेज दिया ,लेकिन इस बार नही इस बार मैं सबसे झगड़कर आयी हु और अब मैं नही जाने वाली …”
उसके रोते हुए आंखों में आयी चमक ने मुझे खुस कर दिया ,जाने क्यो मुझे उसका ये कहना की अब वो नही जाने वाली बहुत अच्छा लगा और मै फिर से उसके गालो पर लुढक रहे आंसुओ को चुम लिया ,उसके होठो में मुस्कान और भी गहरी हो गयी,इतने कम समय में ही उसके और मेरे बीच एक अजीब सा संबंध बन गया जैसे की हम एक दूसरे को सालो से जानते हो ,मेरे मन में उसके लिए कोई भी बुरे खयाल तो नही थे पर ना जाने क्यो वो मुझे इतनी अच्छी लगने लगी थी की मन करता था की बस उसके पास बैठा मैं उसकी प्यारी बाते सुनता रहू,वो उठाकर खड़ी हुई एक ही घुट में अपना बियर खत्म किया और अपने काम में भीड़ गयी,और मैं बस उसकी बातो को सोचता रहा ,.....
आज मुझे मिश्रा जी के दर्द का अहसास हुआ,इतना जिंदादिल आदमी,इतना पावरफुल क्यो दूसरी शादी नही किया,क्यो वो ऐसे अकेले में रह रहा है,क्यो वो पूरा समय बस समाज के लिए देते है...उनके प्रति मेरा सम्मान और भी बढ़ गया था,लेकिन एक चीज ने मुझे चुभो दिया क्या मेरी काजल भी मुझे यू छोड़कर चली जाएगी ,मिश्रा जी भी अपनी बीवी की गलतियों को नकारते हुए उसे अपना लिए थे ,यहां तक की किसी दूसरे के बच्चे को अपने बच्चे की तरह प्यार दिया पर फिर भी वो चली गयी ,क्या काजल को भी मेरे प्यार की कोई कदर नही होगी…..
“काजल “मेरे मुह से अनायास ही निकल गया….
मुझे नही पता था की मलीना इसे सुन लेगी …
वो मेरे पास आकर मेरे कंधे पर अपना हाथ रखती है…
“वो तुम्हे नही छोड़ेगी ,वो तुमसे बहुत प्यार करती है…”
जैसे उसने मेरे मन की बात पड़ ली हो,मैं अपना सर ऊँचा किये उसे देखा वो बस मुस्कुरा रही थी…..
7 years ago#32
अध्याय 32
आज रात काजल को मिश्रा जी के बारे में सब बताया वो भी उसे सुनकर बहुत दुखी हुई पर मुझसे कहा की तुम मलीना का धयन अच्छे से रखना वो बड़ी ही प्यारी है,मैंने भी ये बात मान ली….
वक़्त के काटने के साथ ही मेरे और मलीना के रिस्ते में एक मधुरता आ गयी,उसके साथ रहना बाते करना मुझे बड़ा ही अच्छा लगता था,हम खंडरो में बैठे रहते,घंटो एक दूजे के बांहो में….ना जाने वो क्या क्या कहती पर मुझे कई चीजे समझ ही नही आती ,बस इतना समझ आता था की वो यहां बहुत ही खुस है….एक दिन मुझे ऑफिस जाना था ,मैंने मलीना को कहा वो भी मेरे साथ ही शहर आ गयी उसे कुछ समान खरीदना था साथ ही वो हमारे होटल को भी देखना चाहती थी ,मैंने उसे काम निपटाकर आने को कहा ,मुझे एक मीटिंग लेनी थी जो बहुत देर चलनी थी ,मैंने रघु को उसके साथ भेज दिया ...लगभग शाम 4 बज चुके थे,इतने दिनों की गैरमौजूदगी में जो काम बचा था वो तो पूरा कर ही लिया बल्कि कुछ दिनों बाद करने वाले साइन भी आज ही कर दिया,सभी को इंस्ट्रक्सन देकर मैं कुछ और दिनों के लिए फुर्सत हो गया,मैं रघु को गाड़ी ले के आने के लिए काल किया ,लेकिन ये क्या वो तो मेरे ही ऑफिस के बाहर खड़ा था…
मैं बाहर निकला
“अरे तू यहां क्या कर रहा है,काजल ने भेजा क्या…”
“नही सर वो मलीना मेडम घर चले गयी ,उन्हें छोड़कर यहां फिर से आया हु ….”
मुझे बड़ा आश्चर्य हुआ ,
“तो वो होटल नही गयी “
“गयी थी सर पर बहुत ही जल्दी वापस आ गयी ,और सीधे घर चलने को कहा ….”
मुझे मामला कुछ समझ नही आ रहा था,मैंने काजल को काल किया,
“काजल क्या मलीना आयी थी “
“नही क्यो आने वाली थी क्या …..”
मेरा माथा ठनक गया
“कुछ नही बस यू ही ,तुम चल रही हो क्या साथ या मैं निकलू घर “
“आप जाइये मुझे अभी समय लग सकता है”
“ओके जान घर में मिलते है जल्दी से आना “
काजल की हल्की हँसी सुनाई दी
“लव यू जान ,जल्दी से आ रही हु “और वो हस ही पड़ी
साथ ही मैं भी हस पड़ा …..
ये आखिर हुआ क्या था की मलीना इतने जल्दी होटल से चली गयी ….मैंने सीधे उसे ही काल लगा लिया
“मैं आपसे बात में बात करती हु ...कल मिलकर बात करते है मुझे अभी थोड़ा काम है “उसने फोन उठाते ही कहा …
“ओके “
कुछ तो गड़बड़ तो थी...ये मुझे तुम से आप बुला रही है ,अचानक इसे क्या हो गया ...मैं बस अपने ही सोच में था सोचा चलो क्या होता है कल तो मिलेगी ही …
मैं आज जल्दी घर आ गया ,बड़े दिनों बाद ऐसा हुआ की मैं इतनी जल्दी घर आया था,रघु अपने घर चले गया मैं फ्रेश ही हुआ था की रेणु काम करने आयी ,प्यारे कही दिखाई नही दिया शायद अपने रूम में हो ,वैसे भी साला आजकल कम ही दिखाई देता है…
आज तो मौका भी था और दस्तूर भी इतने दिनों से मैं रेणु के ऊपर कुछ भी ध्यान नही दे पाया था,
आज वो मुझे भी अकेला देख थोड़ा सा शर्मा गयी,उसके बदन को देख कर ऐसे भी मेरा सांप अकड़ने लगा था ,
पतले से साड़ी में वो गदराया हुआ देसी बदन कौन नही भोगना चाहेगा ,उसके उजोर तो बस उसके कसे हुए ब्लाउज़ से बाहर आने को छटपटा रहे थे,और कमर का वो हिस्सा जो साड़ी से नही ढका था वो मुझे उसे मसलने को आमंत्रित कर रहा था,वो चुपचाप किचन में जाकर बर्तन धोने लगी,मैं अपने कमरे में जाकर अपने अंडरवियर निकाल फेका मुझे पता था की अभी काजल के आने में बहुत समय है,मेरे पास आराम से 2 घंटे है,इतने समय में तो दो बार उसे भिगो देता,लेकिन आज तो बस मुझे उससे खेलना था,ताकि वो तैयार तो हो सके,मैं अपना लोवर पहन कर किचन में चला गया,...
इतने दिनों से दौड़ाने और योग से मेरी बॉडी में कुछ निखार सा आ गया था,और वो स्टेमिना बिस्तर में भी दिखाई देती थी,कुछ गठीला तो मेरा बदन पहले भी था पर दौड़ाने और योगा से थोड़ी मोड़ी बची चर्बी भी जाती रही ,वो भी जानती थी की मैं उसके पीछे ही खड़ा हु पर वो भी ठहरी एक शादीशुदा नारी ,अपनी मर्यादा को वो कैसे लांघ सकती थी,मैं उसके पास गया मुझे उसकी तेजी से चलने वाली सांसे महसूस हो रही थी ,वो उत्तेजित थी ,किसी अनजान भय से शायद उसकी सांसो की रफ्तार भी बड़ी हुई थी,मैंने उसे दबोचा नही जैसा मेरा दिल कर रहा था ,बल्कि मैं उससे थोड़ा सट गया,मेरा लिंग तो तनकर फूल गया था,वो उसके नितंबो के दीवारों को रगड़ने लगा,वो इससे अनभिज्ञ बनते हुए अपना काम करती रही पर उसकी सांसे उसके मन की स्थिति का बयान कर रही थी ,उसका सीना भी अब ऊपर नीचे होने लगा था,मुझे उसकी ये स्थिति देख बड़ा ही मजा आ रहा था,आजकल मुझे लोगो को तड़फने में बड़ा ही मजा आने लगा है…..
मैं उससे पूरी तरह सट के खड़ा हो गया ,वो अब भी अनजान सी अपना काम कर रही थी ,हालांकि उसके हाथ अब काँपने लगे थे,मैंने बेसिन से पानी की कुछ बूंदे ली और उसके खुले पीठ पर छोड़ दी …
“हाय साहब,क्या कर रहे है …”उसकी आवाज में वासना की मादकता गुली हुई थी ,वो लगभग फुसफुसाने की तरहः बोली ,
मैं अब भी चुप था,वो बूंदे लुढ़कती हुई उसके पीठ से उसके कमर तक आ पहुचा था और उसके साड़ी के बंधन के बीच जाकर समाप्त हो गया….
मैंने} हल्के उंगलियों से उसके पीठ को छूना शुरू किया और जितने आराम से वो बून्द नीचे आया था उतने ही आराम से अपनी उंगलियों को नीचे ले जाने लगा,,,,,
“हाय ,साहब नही …...ओफ़ ...साआ आ आ आ हा आ आ ब …”
उसकी आंखे बन्द हो चली थी सांसे तेज थी और धड़कनों की आवाज मुझतक पहुच रही थी ,और वो हल्के हल्के मादक आहे भर रही थी,मैं भी उसके कमर पर आकर रुक गया ,और अब अपनी उंगलियों को उसके नाभि की ओर ले जाने लगा,वो जैसे जम गई थी पता नही मेरे उंगलियों में इतना जादू कहा से आ गया की वो अवाक सी बस खड़ी हो गयी थी ,बेसिंग का नल चल रहा था और बर्तन धुलने को रखे के रखे रहे पर वो नही हिल पा रही थी ,मेरी उंगलिया जब उसकी नाभि की गहराइयों का मंथन कर रहे थे तब मैंने उसके चहरे को देखा वो आंखे बंद किये शायद मेरे अगले हमले की तैयारी कर रही थी ,पर मैं भी ठहरा घाघ मैं बस वही रुक गया,कुछ ही देर में मुझे कुछ भी ना करता पाकर वो मुड़ी उसका सर मेरे सीने से टकराया,वो हल्के से अपना सर उठाकर देखी मैं हल्के हल्के मुस्कुरा रहा था जिसे देख कर वो बुरी तरह शर्मा गयी ,लेकिन थोड़े पलो में ही उसके चहरे पर भी एक शर्म भारी मुस्कान फैल गयी….
वो नारी सुलभ झूठे गुस्से से मुझे मुक्के से मारी और जैसे ही उसने अपने बर्तनों को हाथ लगाया मैं अपने कमर को नीचे ले जाकर फिर से उसके नितंबो में एक हल्का सा झटका दे दिया …
“आह साहब काम करने दीजिये ना मेडम आ जाएंगी,अभी पूरा काम पड़ा है…”
मैंने अपना हाथ से उसका चहरा आगे किया वो अब भी शर्म से नीचे देख रही थी ,उसके होठो पर एक किस किया पर वो झट से पलट गयी...मैं उसके बड़े मांसल और भरे हुए उजोरो को अपने हाथो में भरकर भरपूर ताकत से दबाया ,की उसकी एक हल्की सी चीख निकल गयी …
“आआआआआआहहहहहह साहब आप बड़े जुल्मी हो ..”
उसकी ये अदा इतनी सेक्सी थी की मेरे लिंग ने एक और जोर का झटका दिया और मैं फिर से उसे एक धक्का लगा दिया ,मुझे पता था की अगर मैं इस पटक के पेल भी दु तो कोई प्रोबलम नही है पर उससे वो मजा मुझे नही मिलता जो अभी मिल रहा था...मुझे काजल ने आजतक कभी जुल्मी नही कहा था,ये देशी शब्द मुझे बड़ा भाया...देशी माल को भोगने का मतलब ही क्या हुआ जब वो देशी शब्द ना बोले …
मैं अब भी अपने हाथो को उसके उजोरो पर हल्के हल्के फिरता रहा और वो बर्तन साफ करती रही ,हल्के हल्के अपनी लिंग को भी उसके नितंबो पर रगड़ता रहा,जिससे मेरा लिंग और अकड़ रहा था और उसे और चहिये था,लेकिन वो साड़ी में थी और मुझे कोई भी काम जल्दबाजी में करना पसंद नही था….
पता नही क्यो पर उसे किस करने का दिल ही नही कर रहा था सच बताऊ तो बस उस पटक के चोदना चाहता था,काजल से मुझे इतना प्यार मिला था की मुझे किसी और की जरूरत ही महसूस नही होती थी,मैं भावनात्मक और शारीरिक तौर पर पूरी तरह से संतुष्ट था,तो ये मैं क्यो कर रहा हु…..इसका जवाब मेरे पास नही था,शायद इसके पीछे वही कारण है जो कारण काजल के वो सब करने के पीछे था,एक नशा सा है ये जिसे जितना करो उतना कम बस तलब बढ़ती जाती है…
काजल की याद आते ही मेरा खड़ा हथियार कुछ मुरझा सा गया,जिसका पता अब रेणु को भी चल चुका था,मैं वहां से निकालकर सोफे में आकर बैठगया ,रेणु मुझे जानती थी जब मेरी शादी नही हुई थी तबसे ,और वो इतना तो समझती ही थी की मैं काजल से दिलोजान से प्यार करता हु,और शायद यही वजह है की मैं सिग्नल क्लियर होने के बावजूद भी रेणु के साथ आगे नही बढ़ रहा था,,,,,
अपना काम खत्म कर वो मेरे पास आयी ,लगभग एक घंटा बीत चुका था ,और मैं बस खयालो में ही खोया था,रेणु उस समय में पूरा खाना बना चुकी थी,वो सभी तैयारी पहले ही करके रखती जो बाख जाय उसे बहुत जल्दी निपटा देती फिर गैरजरूरी कामो में वक़्त देती थी,वो मेरे पास आकर खड़ी हो गयी,उसके चहरे पर कोई भी खुसी के भाव नही थे,उसका गंभीर चहरा देखकर मुझे भी अच्छा नही लगा,मैं एक झूटी मुस्कान में मुस्काया और वो भी वो जाने को हुई शायद उसे यहां और रुकना गवारा नही था …
“रेणु “
वो जाते जाते रुक गयी
“जी साहब “
“यहां आ “
वो मेरे पास आकर खड़ी हो गयी और मुझे प्रश्नवाचक दृष्टि से देखने लगी ,मैंने उसे देखा उसका वो मुरझाया चेहरा जो कुछ देर पहले आनंदित था,मैं उसका हाथ पकड़ा और सीधे अपने कमरे में ले गया ,वो मेरे साथ ही खिंची चली आयी ,मैं उसे अपने बिस्तर पर फेक दिया ,वो भी अपने हाथो को फैलाये पड़ी रही ,मैं उसके यौवन को निहार रहा था यही सोचकर की वासना की कोई लहर मेरे शरीर में दौड़े और मैं उसके ऊपर कूद जाऊ पर कोई लहर नही थी ….मैं सचमे एक अजीब से उलझन में था की ये क्या हो रहा है….
उसने मुझे देखा और एक हल्की सी मुस्कान उसके चहरे पर आयी…
“साहब अच्छाई इतनी आसानी से पीछा नही छोड़ती,मुझे पता है की आप मेडम से बहुत ज्यादा प्यार करते है,छोड़िए साहब आप अच्छे ही रहिए क्यो अपने को बिगड़ रहे हो ….”
रेणु की बाते मेरे दिमाग के कोने कोने को हिला कर रख दी ये अजीब सी सच्चाई से उसने मुझे अवगत करा दिया मुझे खुद भी नही पता था की मैं काजल से इतना प्यार करता हु….अबतक रेणु उठकर बैठ चुकी थी मैं भी बिस्तर के एक किनारे पर बैठा हुआ था,वो बड़े ही प्यार से मेरे गालो को सहलाने लगी …
“कितनी भाग्यवान है काजल मेडम की आप सा मर्द मिला उन्हें “
मैं उसे देखा मुझे थोड़ी हँसी आ गयी
“और तू नही है क्या भाग्यवान ,रघु भी तो कितना अच्छा है और तू है की यहां वहां मुह मार रही है …”
वो मुझे अजीब निगाहों से देखने लगी
“मुझे पता है तेरे और प्यारे के बारे में ,अरे क्या रखा है उस साले बुड्ढे में जो रघु में नही है “
रेणु की आंखे आश्चर्य से फैल गयी और वो मुझे घूर कर देखने लगी लेकिन अगले ही पल उसके आंखों में एक पीड़ा सी छा गयी….
“साहब आप इतने अच्छे हो की आपको कोई भी बुराई दिखाई नही देती,आपको क्या पता की रघु क्या क्या नही करता ..”.उसकी आंखे भीग चुकी थी ,मैं उसके कंधे पर हाथ रखकर उसे सहानभूति देने की कोसिस कर रहा था…
“साहब वो सभी कमीने है “
सभी ये किनकी बात कर रही है …
“क्या आपको लगता है की रघु को ये नही पता की मैं प्यारे के साथ सोती हु …”
ये मेरे लिए जानलेवा था ….मैं तो अपना मुह फाडे उसे ही देख रहा था...लेकिन कहते है ना की एक अच्छाई आपको बहुत देती है शायद मेरे साथ भी वही होने वाला था ….मैं बस उसे सुनता रहा,आज रेणु मेरी अच्छाई से खुश थी और वो मुझे वो बताने वाली थी जो मैं शायद अपने से कभी भी जान नही पाता …
“साहब ये तीनो एक ही है ,रघु ,प्यारे और रवि (मेरा माली ) तीनो को बस दारू और लड़कियों का शौक है ,और इसी शौक में के लिए वो मेरा भी इस्तमाल करते आ रहे है,रघु से शादी के बाद ही मुझे समझ आ गया था की वो ना सिर्फ नशाखोर है बल्कि वो रंडीबाज भी है,,....पहले जितने भी अधिकारी यहां आये वो सभी के सभी एक जैसे ही थे ,सभी को बस दारू और लड़की चहिये थी ,ये तीनो मिलकर इसका इंतजाम करते यहां तक की रघु ने तो मुझे भी नही छोड़ा,आप पहले नही हो जिसके पास इसने मुझे भेजा है….”
मेरा दिमाग ही चकरा गया ,भेजा है...साला मुझे लगा की मैंने इसे बुलाया है…
“वो ना सिर्फ अपने दोस्तो का बिस्तर मुझसे गर्म करवाता है,बल्कि यहां रहने वाले साहब लोगो के पास काम करने भेज कर मुझे उनके नीचे भी लाने की कोशिस करता है ताकि उनको खुली छूट मिल जाय पर जब सेआप आये इनकी एक ना चली ,आप ऐसे भी बहुत ही सीधे साधे हो ,और अपने कभी भी मुझे गलत नजरो से नही देखा था,ये लोग तो आपके आने से जैसे छटपटा गए थे...इनकी पूरी ऐयासिया धरि की धरि ही रह गयी….लेकिन मेडम के आने से ….”
वो इतना ही बोलकर रुक गयी,शायद उसे ये अहसास हो गया की उसने कुछ ज्यादा ही बोल दिया ..
“साहब मैं गरीब घर की लड़की हु,रघु ने मुझसे शादी करके मेरे मा-बाप पर एक अहसान किया है आप उसे नॉकरी से मत निकालिएगा,वो मेरे परिवार को भी पलता है,मेरे मा-बाप का खर्च भी वही चलता है...साहब उसे माफ कर दीजिएगा …”
उसकी ये दशा और उसके अतीत को सुनकर मेरी आंखों में आंसू आ गए ,जिस औरत को मैंने गलत समझ वो अपने पति की ही मारी निकली ,
“नही निकलूंगा,काजल के बारे में तुम कुछ बोल रही थी …”
वो मानो पत्थर सी निश्चल हो गयी थी ….
“देखो जो भी सच है मुझे बताओ ,मेरा यकीन करो की तुम्हे या तुम्हारे परिवार को मैं कुछ भी होने नही दूंगा…”
“साहब वो …”
उसके लिए बोलना कितना मुश्किल था वो मुझे पता था,लेकिन मेरे लिए ये जानना भी जरूरी था की कही तीनो ने तो काजल के साथ ….
“साहब वो जब आपकी शादी हुई और काजल मेडम घर आयी तो तीनो बहुत खुश हुए,मेरे घर में वो दारू पीते और मुझे चो…’वो फिर रुक गयी ,मैं उसके बालो को अपने हाथो से सहलाया और उसके होठो पर एक चुम्मन जड़ दिया ,वो मुझे आश्चर्य से देखने लगी …
“समझ ले की आज से रघु नही मैं तेरा पति हु...तेरा पूरा खयाल रखने की जिम्मेदारी मेरी है,मैं तुझे प्यारे की जगह नॉकरी भी दिलाऊंगा,और तेरे ऊपर वो जो भी अत्याचार किये है सबकी सजा उन्हें दिलाऊंगा ,तीनो को जेल भिजवा दूंगा,बस तू जैसा मैं कहु वैसा कर ...बता की सच क्या है ….खुलकर बता …”रेणु को तो मानो समझ ही नही आ रहा था वो फैसला ही नही कर पा रही थी की क्या करे ,ऐसे उसके लिए फैसला करना आसान था की वो अपने पति को छोड़े और मेरे साथ हो ले,मैं उसे सब देने को तैयार था,लेकिन ये इतना भी आसान नही था ….
“वो मुझे चो….ओ..”वो क्या बोलना चाहती थी वो तो मुझे पता था पर उसकी झिझक मेरी जान ले रही थी
“चोदते थे ,और मेडम का नाम बार बार लेते थे ….मुझे वो बना कर करते थे…”वो इतना बोलकर अपना सर झुका ली …
“और “
“आपको भी फसाने के लिए मुझे यहां भेजा था की आप को फसा कर आपको ब्लैकमेल कर सके…”
अच्छा तो मैं सोच रहा था की मैं खेल खेल रहा हु पर साला पूरा बिसात तो इनका बिछाया हुआ था…
“और “
वो कुछ बोलने ही वाली थी की बाहर के गेट के दरवाजे की आवाज से हम चौकन्ने हो गए...वो जल्दी से उठाकर बाहर चले गयी शायद किचन में और मैं अपनी चड्डी लेकर बाथरूम में …..
7 years ago#33
अध्याय 33
रात ही काजल को मैंने रेणु का मामला बात दिया ,बस ये छोड़कर की किस परिस्थिति में उसने मुझे अपने बारे में बताया था,मैंने उसे कहा की जब तुम नही थी और वो अकेले थी तो वो अपना अंग प्रदर्शन कर रही थी और मुझे ललचाने की कोशिस कर रही थी ,मैं रेणु को इतने दिनों से जनता हु वो कभी भी मेरे साथ ऐसा नही की,मुझे कुछ तो अटपटा लगा और मैंने उसे सीधे ही पूछ लिया की तुम ठीक तो हो ना,वो जोरो से रो पड़ी और सब बता दी,वो मुझे हमेशा स बहुत इज्जत से देखती थी और जब रघु और प्यारे ने उसे मेरे साथ ऐसा करने को कहा तो उससे बर्दास्त नही हुआ पर उसे बस अपनी मजबूरी के कारण ऐसा करना पड़ा ,वो मुझसे सच नही छुपा पाई….
काजल को ऐसे मैंने बिस्तर में ये सारी बातें बताई थी पर वो गुस्से से आगबबुला हो गयी ,उसका ये रूप तो मैंने पहले कभी भी नही देखा था वो चंडी की तरह क्रोधित हो गयी थी …
“उनकी इतनी हिम्मत की मेरे पति के खिलाफ साजिस रचे ,मैं उन्हें जान से मार दूंगी …”उसकी गर्जना सुनकर मेरा भी दिल कांप गया और मैंने जैसे तैसे उसे शांत करना चाहा पर वो कहा रुकने वाली थी ,मैंने उसे समझाया की उन्हें उनके किये की सजा जरूर मिलेगी,और मेरे खिलाफ षडयंत्र रचना कोई बड़ा जुर्म नही है ,असली जुर्म तो है एक लड़की को जबरदस्ती वैश्यावृत्ति में घसीटना….सालो को सालो की सजा होगी ,लेकिन हमे धैर्य से और समझ से चलना होगा हमे ,कानूनन चलना होगा…और हमे रेणु की जिंदगी के बारे में सोचना है,अगर वो ही इस बात से मना कर दे तो हम कैसे उनको सजा दिला पाएंगे ,तुम कल उससे बात करो उसे समझाओ की इस नरक से निकले और जिंदगी में आगे बढ़े ,मैं मिश्रा जी से बात करके कल जी तीनो को गिरिफ्तार करा दूंगा बाकी का प्रोसीजर पोलिश कर लेगी... ”
मेरी बात से काजल थोड़ी शांत हो गयी उसकी आंखों में अब आंसू थे ,वो मुझसे लिपट के रोने लगी…
“किसी को जबरदस्ती ये काम करना हैवानियत है जान ,.उन्हें नही छोड़ना है उन्हें कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए …”
मुझे डॉ की बातें याद आने लगी जो उसने काजल के बारे में कही थी ,उसका वही दर्द अब भी उसकी बातो में झलक रहा था,वो गहरी पीड़ा मुझसे छुप नही पाई ….मैं उसके बालो को सम्हालता हुआ उसे चुप करा रहा था,
“ऐसे एक बार को तो मैं भी बहक ही गया था ,रेणु के भी अच्छे बड़े बड़े है”
मैंने शरारती अंदाज में काजल से कहा ...वो बड़ी बड़ी आंखों से मुझे घूरने लगी,मेरे होठो में शरारती मुस्कान देख वो समझ गयी की मैं उसे चुपकराने के लिए ये सब बोल रहा हु...उसने मुझे एक मुक्का मारा …
“मुझमे कुछ कमी है क्या जो आपको किसी और के पसन्द आ रहे है,”
उसने अपने को मेरे सीने में गाड़ दिया ..
“मेरी जान तेरा प्यार ही तो है जो मुझे कभी बहकने नही देता..”मैं काजल को अपने से अलग किया और उसके होठो को अपने होठो में भर लिया,उसके होठो के रस में वो सुख था की मैं दुनिया की सारी परेशानी भुलकर उसमे खो जाता था...हमारी आंखे बन्द हो चली थी और हम एक दूजे में डूबने को तैयार थे,अब दुनिया की कोई परवाह हमारे बीच नही रही …
उसके नाजुक अंगों से खेलता हुआ मैं बहुत अधीर हो चला था ,आज मैं उसके अंदर ही रहना चाहता था ,वो भी अपने गीले योनि से मेरा स्वागत करने को तैयार थी ,मैं उसके योनि के गर्मी को अपने लिंग में महसूस करता हुआ बस ऐसे ही रहना चाहता था,वो गर्मी मुझे मेरी जान के प्यार का अहसास देती थी ,वो भी अपनी कमर को नही हिला रही थी और मैं भी नही ,आज हम दोनो को झरना नही था बस साथ रहना था,हमने अपने बचे हुए कपड़ो को भी उतार फेका और एक दूसरे के जिस्म की गर्मी के अहसास में खो गए...इससे ज्यादा हमे एक दूसरे से और क्या चहिये था...वो प्यार का अहसास हो ना केवल तन को बल्कि मन की गहराई को भी संतुस्ट कर देता हो ….
आज सुबह रोज की तरहः नही थी ,रेणु के आते ही काजल ने उसे अपने साथ कमरे में बुला लिया आज हम गार्डन भी नही गए ,काजल ने सुबह ही रॉकी को फोन कर दिया और मैंने मिश्रा जी को सारी बात बता दी ,वो इस बात को बहुत ही गंभीरता से लिए क्योकि इसमें वो तीन बल्कि रेणु के जिस्म का सुख भोगने वाले सारे अधिकारी भी शामिल थे और सभी को सजा दिलाना मिश्रा जी का प्रण बन गया ...रेणु के हा बोलते ही मिश्रा जी ने SP को फोन लगाया ...तीनो की गिरफ्तारी थोड़ी ही देर में होने वाली थी जिसका उन्हें इल्म ही नही था,काजल और रेणु अभी भी हमारे बैडरूम में थे और मैं बाहर था ...मैं किचन की तरफ गया तो मुझे रेणु की आवाज सुनाई दी …
“दीदी फिर सोच लीजिये ,वो आपका नाम भी उछाल सकते है…”
ये वही बात थी जो रेणु मुझे बताती हुई रह गयी थी ….
“उनकी इतनी औकात नही है की वो मेरा नाम उछाले उसे मैं सम्हाल लुंगी पर मेरे पति के खिलाफ ऐसी साजिस करने वालो को मैं बिल्कुल नही बक्स सकती,चाहे मैं बदनाम भी क्यो ना हो जाऊ “
काजल की बात सुनकर मुझे फिर से उसपर बेहद प्यार आया…..वो मेरे लिए दुनिया से भी लड़ सकती थी ,मुझे पता था की वो काजल को भी बदनाम कर सकते थे,काजल भी ये बात अच्छे से जानती थी पर उसे मेरा सम्मान ज्यादा प्यार था…
कुछ ही देर में मिश्रा जी और SP वहां पहुचे साथ ही दो गाड़ियों में पोलिश के जवान भी थे ,तीनो को सोते से उठाकर गिरिफ्तार कर लिया गया...मिश्रा जी बहुत गुस्से में दिख रहे थे,ना जाने कहा कहा फोन लगा रहे थे,रेणु का बयान लेने भी महिला पोलिश की टीम आयी थी साथ ही महिला आयोग के सदस्य भी थे,,मिश्रा जी ने उन्हें वही बयान लेने को कहा पर काजल और महिला अधिकारियों के कहने पर रेणु को स्टेशन ले जाया गया,साथ ही काजल भी हो ली,काजल ने जाने की जिद की जिसे ना मैं मना कर पाया ना ही मिश्रा जी…
मिश्रा जी ने मेरे कंधे पर हाथ रखकर मुझे शाबासी दी…
“विकास मुझे माफ करना की मैं उन अधिकारियों के बारे में कुछ नही कर पाऊंगा ...सरकार अपना नाम खराब नही करना चाहेगी “
“लेकिन सर जब हम यही नही साबित कर पाएंगे की रेणु ने किसके साथ वेश्यावृत्ति की तो चार्ज कैसे लगेगा…”
“उसकी फिकर मत कीजिये हम इन्हें वेश्यावृत्ति करने नही बल्कि बलात्कार का चार्ज लगाएंगे …”इसबार SP बोला
“लेकिन” मैं कुछ बोल पता उससे पहले मिश्रा जी बोल पडे
“तुम फिकर मत करो,साले जिंदगी भर कभी जेल से बाहर नही आ पाएंगे,बलात्कार के साथ और भी कई धाराएं इनपर लगेगी ,जैसे घरेलू हिंसा और सामूहिक बलात्कार,और इसी को हम वेश्यावृत्ति से भी जोड़ देंगे..कोई एक दो अधिकारी होते तो बात अलग थी पर इतने अधिकारियों के खिलाफ केस को टिका पाना मुश्किल हो जाएगा,और अगर उनका केस नही टिका तो ये आसानी से छूट सकते है ,तो हम क्यो अपना केस कमजोर करे ,”
मिश्रा जी की बातो में तो लॉजिक था,
“सर मैं चाहता हु की रेणु को यही नॉकरी मिल जाय ,वो हमारे सानिध्य में रहेगी तो उसके लिए अच्छा होगा ,और उसके गरीब माता-पिता भी है उनका भार भी इसी के कंधे पर आएगा…”
“ह्म्म्म उसकी चिंता मत करो हम करवा देंगे ,तुम्हारे ऑफिस में उसे भृत्य की नॉकरी दिला देंगे,लेकिन काम वो तुम्हारे बंगले में ही करेगी…”
मुझे एक बड़ी तसल्ली हुई ...SP के जाने के बाद मैं और मिश्रा जी बस अकेले बच गए ,
“सर मलीना कैसी है,कल अचानक ही चली आयी और फोन करने पर कहा की जब मिलोगे तो बात करूँगी अभी काम है…”
मिश्रा जी मुझे देखकर हँसने लगे.
“अरे ये लड़की है ही पागल,”
वो थोड़े सीरियस हो गए,
“विकास तुम्हे तो पता चल ही गया है की वो मेरी बेटी है,पर मैं उसके भविष्य को लेकर चिंतित हु पता नही क्या होगा उसका ,पगली सब छोड़कर यहां चले आयी है ,वहां उसका कैरियर था,सब था यहाँ उसका क्या है”
मैं उनके कंधे पर हाथ रखा …
“सर यहां आप है,और उसके भविष्य की चिंता आप छोड़ दिजीये ,वो इतनी टैलेंटेड है की कुछ अच्छा कर ही लेगी,और सर बुरा ना माने तो एक बात कहु,अब समय आ गया है की खुलकर आप सबको बता दे की वो आपकी बेटी है …”
मिश्रा जी ने मुझे थोड़ी देर देखा और अपना सर हा में हिलाया ...
7 years ago#34
अध्याय 34
काजल के स्टेशन से ही अपने काम में जाने वाली थी,मैं अपनी गाड़ी लेकर मलीना के पास चला गया,,मिश्रा जी भी कही काम से गए थे,मैंने दरवाजे की बेल बजाई कुछ ही देर में नॉकर ने दरवाजा खोला और मलीना को मेरे आने की बात बताई,मलीना ऐसे दौड़ती हुई मेरे पास आयी जैसे वो मेरा ही इंतजार कर रही हो,वो एक हाफ पेंट और टीशर्ट में थी ,उसके भोले से स्तन उसके दौड़ाने से उछल रहे थे जो इस बात का सबूत थे की उसने उन्हें कैद में नही रखा है,वो ऊपर से बेताबी से दौड़ती हुई नीचे उतरी,उसके चहरे में एक बेताबी साफ दिख रही थी,जैसे वो मुझसे मिलने को बेताब थी,वो आकर सीधे मेरे गले से लग गयी,मुझे थोड़ा अजीब लगा,मैं उसके बालो को सहलाने लगा,
“अरे ये क्या हो गया इतनी बेताब क्यो हो”
उसके आंखों में कुछ बूंदे नाच रही थी,मैंने प्यार से उसके चहरे को अपने हाथो से उठाया,
वो मेरे आंखों में देखे बिना ही मेरा हाथ पकड़कर ऊपर ले जाने लगी ,वो मैं भी उसके साथ बस खिंचता गया………
उसका कमरा ऊपर था,देखने से वो कोई गेस्ट रूम नही लग रहा था,वो ऐसे बनाया गया था जैसे की उसे उसके लिए ही बनाया गया हो,ऊपर के फ्लोर से बस एक उसका ही कमरा था,बाकी सबके कमरे नीचे ही बने थे….
बड़ा सा कमरा जिसमे बीचो बीच एक गोल बिस्तर था,पूरा कमरा पिंक कलर से पेंट था,बड़े बड़े टेडीबियर वहां पर रखे थे,अधिकतर लाल कलर के थे,बिस्तर में भी फूलो वाली बेडसीट लगी थी,और दीवाल पर उसकी बड़ी सी तस्वीर शायद जब वो 16-17 की रही होगी तब की लग रही थी,सलीके से जमे उस कमरे में एक बहुत ही अच्छी गंध फैली हुई थी,वो एक टिपिकल टीनएज लड़की का कमरा ही था,
वो मुझे खिंचती हुई बिस्तर पर ले गयी और मुझे बिठाकर खुद भी मेरे बाजू में बैठ गयी….
उसके चहरे पर हल्का गुस्सा साफ दिख रहा था,पर आंखों में आंसू और मासूम सा बड़ा ही प्यारा चहरा मुझे उसके गालो में किस करने को आकर्षित कर रहा था….मैंने वही किया ,और वो मेरे गालो को सहलाने लगी…
“क्या हुआ ही तुझे …”
“तुम इतने दिनों से मुझे काल क्यो नही किये…”
मेरी हँसी छूट गयी ..
“अरे क्या इतने दिन अभी तो मिली थी ना मुझसे और वहां से यू बिना बताये क्यो आ गयी..कितना परेशान हो गया था मैं…”
अब उसका चहरा कुछ गंभीर हो गया …
“तुम बहुत अच्छे हो विकास ….”
वो कुछ देर मेरे गालो को अपने हाथो से सहलाने लगी ,उसकी आंखों में मेरे लिए एक अजीब सा अपनापन और प्यार था,जो की इन कुछ ही दिनों के साथ में ही विकसित हो गया था,
“क्या हुआ मेरी जान कुछ बताओगी “
मैने उनके हाथो को अपने हाथो में लेते हुए कहा ,
“वो काजल अच्छी नही है,.....”वो अब बहुत ही गंभीर हो गयी
“वो तुम्हे धोका दे रही है……..वो रॉकी के साथ ...छि मैं उसे कितनी अच्छी लड़की मानती थी और वो तुम्हारे जैसे इंसान के साथ ऐसे कैसे कर सकती है….”
उसकी गंभीरता अब गुस्से का रूप ले रही थी ...मुझे मामला कुछ समझ में आ रहा था,वो होटल काजल को बिना बताये गयी थी और हो सकता हो उसने कुछ ऐसा देख लिया हो जो उसे नही देखना चहिये था….
“तुमने ऐसा क्या देख लिया “
“वो काजल और रॉकी …...मुझे तो बताने में भी शर्म आ रही है ..मैंने उन्हें किस करते देखा ….”
मैं जोरो से हस पड़ा …
“तो क्या हुआ मैं भी तो तुम्हे किस करता हु ना “
“अरे ऐसे वाला नही वो होठो में किस कर रहे थे एक दूसरे के और वो रॉकी काजल की वहां दबा रहा था”
उसने अपने स्तनों को दिखाते हुए कहा ,उसका भूरा चहरा शर्म और गुस्से से लाल हो गया था,उसकी आंखों में से ऐसे भी एक अजीब लालिमा झांक रही थी,जो मेरे लिए उसके प्यार का अहसास करा रहा था,वो मुझे अपना मानती थी और इसलिए वो इतने फ़िक्र में थी….मैं उसके गालो पर अपने हाथो को ले गया और उसे सहलाने लगा...मैंने उसे अपनी ओर खिंच लिया और उसे अपने गले से लगा लिया ,वो मुझे कसकर पकड़ रखी थी ,मैं उसके बालो को सहला रहा था,उसका ये प्यार देखकर मेरे भी आंखों में आंसू आ गया,
मैं उसे अपने से अलग किया ,मैं उसे सच बताना चाहता था पर कैसे ये तो मुझे नही पता था,मेरे सच बताने से ना जाने वो मेरे बारे में क्या सोचे और हो सकता है की वो सभी को ये बात बता दे ...ऐसे भी उसका दिमाग एक बच्चे की तरह ही लगता था,हा वो बहुत बड़ी हो चुकी थी पर शायद मेरे लिए वो बच्ची ही बन जाती थी ,
“मैं जानता हु की तुम क्या कह रही हो ,लेकिन सच बताऊ तो मुझे इससे कोई भी प्रॉब्लम नही है,मैं काजल से बहुत ही प्यार करता हु और वो मुझसे ,शायद उसे ये करना अच्छा लगता हो इसलिए मैं उसे मना नही करता …..”
वो मेरे आंखों में घूर कर देख रही थी
“विकास तुम वो गलती मत करो जो मेरे पापा ने किया ,इतने सालो से वो अकेले है,ना जाने वो अपनी जिंदगी कैसे बिताते होंगे,,,उन्होंने अपने सभी अरमानो को छोड़ दिया,सिर्फ प्यार के खातिर ….मैं कभी नही चाहूंगी की तुम भी पापा की तरह अकेले हो जाओ...तुम काजल को समझाओ ,अगर ना माने तो उसे तलाक दे दो और दूसरी शादी कर लो…”
मुझे उसकी बात से थोड़ी सी हँसी आ गयी…
“अरे मेरी जान काजल मुझे बहुत प्यार करती है ,वो मुझे नही छोड़ेगी और अगर मैं उसे छोड़ दिया तो मुझसे कौन शादी करेगी,इतनी अच्छी लड़की मैं कहा से लाऊंगा …”
वो मुझे देखने लगी,मेरे होठो में एक मुस्कान थी…
“मुझसे शादी कर लेना ,मैं तुमसे शादी करूँगी …”
मुझे पहले तो हँसी आयी पर मलीना का चहरा बेहद गंभीर था,वो मजाक तो बिल्कुल ही नही कर रही थी…
“तुम ऐसे क्यो कह रही हो,मैं तो तुम्हारे बारे में ऐसा नही सोचता,”
मेरे मुह से अचानक ही निकल गया,
“तो क्या हुआ मैं भी नही सोचती पर जब ऐसी बीवी हो न तो एक गर्लफ्रैंड भी बना लेनी चाहिए,”
वो थोड़ी मुस्कुराते हुए कह गयी और खुद ही शर्मा गई……..
मुझे उसकी प्यारी बातो पर बहुत प्यार आया और मैं उसके गालो में एक प्यार भरा किस कर लिया,
“अच्छा चलो अब साइट में नही जाना है क्या,”
“नही आज बस तुम्हारे साथ रहना है ,”
“तो वहां भी तो मेरे ही साथ रहोगी ना “
“नही यही रहना है ,तुम्हारे साथ ,”
वो मुझे कसकर पकड़ कर बिस्तर में ही पटक दी और मेरे ऊपर मेरे सीने से लग कर सोने लगी...मैं भी उसे अपनी बांहो में भरकर अपनी आंखे बंद कर लेट गया…
ना जाने कितना समय हो गया था,जब मेरी आंखे खुली तो मैं मलीना के बांहो में था,मेरी नींद मेरे फोन के बजने से खुली,देखा तो डॉ का नम्बर था,
“हैलो “
“भाई काजल के कॉलेज में कुछ पता लगाया है उसके बारे में ,”
“क्या”
“मिल कभी “
“अबे बता ना “
डॉ ने बोलना शुरू किया….
7 years ago#35
अध्याय 35
“भाई जो बताऊंगा उसपर तुझे यकीन नही आएगा”
मेरा माथा गर्म हो गया,ये साला डॉ हमेशा ही बातो को घूमता बहुत था,मैं उठकर रूम की गैलरी में चला गया,
“अबे भोसडीके जो हो रहा है वो भी क्या यकीन करने लायक है जो अब मैं यकीन नही करूँगा बोल तो सही की क्या बोल रहा है…”
डॉ की फिर से हल्के हँसने की आवाज आयी मेरी झांट सुलग गयी ,जिसका आभास उसे हो गया ,
“बता रहा हु भाई ,मैंने काजल के बारे में जो बताया था वो तुझे याद है,”
“हा याद है की उसे ड्रग्स दिया गया था और कुछ लोग उसे यूज़ कर रहे थे,”
“हा वो पूरा सच नही है,सच ये है की वो अपने को यूज़ करा रही थी,”
“यानी उसे ये सब करने में मजा आ रहा था”
“नही बे साले बात इससे भी बड़ी है,तू मिश्रा जी को जानता है ना जो तेरे यहां पार्टी में आये थे,”
“हा क्यो “
मेरे माथे में पसीना आने लगा,....
“जब मैंने उसे तेरे पार्टी में देखा तो मुझे कुछ समझ नही आया ,क्योकि वो ऐसा आदमी नही है जो किसी पर इतना मेहरबान हो जाय,तेरी पोस्टिंग से लेकर ये सब...काजल और तेरे ऊपर वो इतना मेहरबान है तुझे कुछ अजीब नही लगा…..”
अब तो मेरे चहरे पर सचमे पसीने की धार बढ़ चली थी….ये तो मुझे भी कुछ अजीब सा लगा था की मिश्रा जैसा आदमी मुझपर इतना कैसे मेहरबान हो रहा है…
“हा अजीब तो लगा था,”
“जानता है उसकी एक बेटी भी है”
“हा जानता हु “
अब डॉ थोड़ा चौका
“क्या तू कैसे जानता है “
“साले वो अभी मेरे बगल में सोई थी “मुझे खुदपर थोड़ी हँसी आयी
“क्या?????”डॉ जोरो से चौका ,मैंने उसे सारी बात बताई जो मुझे पता थी…
“ह्म्म्म तो बेटा कुड़ी तुझसे पट गयी “डॉ की हँसी मुझे सुनाई दी
“भाई जो बोल रहा था वो बोल ना “
“ह्म्म्म तो बात ये है की मिश्रा काजल को पहले से जानता है,काजल के कॉलेज के समय से ,वही है जो काजल का यूज़ कर रहा था,”
मेरी तो सांसे ही रुक गयी ,
“क्या “
“हा जब काजल स्कूल में थी तो काजल के घर मिश्रा का जाना आना था,वो उसके भाइयो को जानता था,बिजिनेस के सिलसिले में काजल के भाई और मिश्रा का मिलना होता था ,वही पहली बार उसने काजल को देखा था,फिर वो मुख्य सचिव बन गया,उसकी पावर बढ़ गयी और इज्जत भी ,बहुत कम लोग जानते है की वो आईएएस क्यो बना …”
“लोगो की सेवा के लिए “
“घंटा “
“तो “
“अपने पत्नी के आशिक बिज़नेस को खत्म करने के लिए “
“मतलब “
“उसकी पत्नी किसी इटालियन के साथ संबंध रखती थी और उसके साथ ही वो इटली चली गयी,जिसकी लड़की को वो बहुत प्यार करता है,जो तुझे भी पता है ,पर उस इटालियन का बिज़नेस क्या था ये तुझे नही पता होगा “
“क्या था “
“वो यहां पर ड्रग्स का बड़ा डीलर था,मिश्रा उसके झांट के बराबर भी नही था ,आज भी नही है,पर उसने कुछ ऐसा किया की उसका कारोबार लगभग तबाह हो गया…”
मैं ध्यान से सुन रहा था मुझे तो ये जानना था की आखिर इन सबमे काजल कहा से आयी …
“उसने एक लड़की को तैयार किया,खुद की अच्छी पहचान और रुतबा बनाया,और उस लड़की के सहारे से उसके बिज़नेस की वाट लगा दी…”
मेरा दिल जोरो से धड़कने लगा था,मुझे जिस चीज का डर था वो बस ये था की क्या वो लड़की …????
“तूने सही सोचा मेरे भाई वो लड़की ….काजल ही थी...जिसके चहरे पर मासूमियत और बदन की कटाव से अच्छे अच्छे उसके दीवाने हो जाते ...मिश्रा ने पहली ही बार में उसे पहचान लिया ,और उसके कहने पर ही उसके भाइयो ने उसे पढ़ने के लिए शहर भेजा था,तू सच में भोला है मेरे भाई ,उस दिन पार्टी में भी तुझे ये समझ नही आया की मिश्रा कैसे काजल के घरवालों से खुलकर बातें कर रहा था….
कहानी ये थी की मिश्रा की इमेज लड़कियों के मामले में बहुत ही अच्छी थी ,पर हकीकत कुछ और ही थी,उसे कलियों का शौक हमेशा से रहा है,ये बात कुछ ही लोग जानते है जो उसे लडकिया सप्लाय करते थे,जैसे की मेरा खास टाइगर…”
टाइगर वही शख्स है जिसके क्लब में मैं गया था,मैं सुनता जाता हु …
“मिश्रा की अच्छी इमेज के कारण ही उसके भाई ने मिश्रा को उसका देखभाल करने को कहा था,काजल जहा रहती थी वो जगह असल में मिश्रा के नाम से ही किराए में थी,अब सुन काजल को पहला ड्रग्स का डोस देने वाला मिश्रा ही है ,और शायद तेरी काजल को काली से फूल बनाने वाला भी मिश्रा ही है….”
मेरा मुह सुख चुका था,मेरे साथ इतना बड़ा धोका होगा ये मुझे पता नही था,ये क्या हो रहा है मेरे साथ ,लेकिन मुझे इन सबसे कोई भी फर्क नही पड़ता मुझे बस फर्क पड़ता है तो काजल से ,क्या काजल का प्यार एक दिखवा है .....
डॉ ने बोलना शुरू रखा …
“काजल असल में मिश्रा के प्यार में थी ,लेकिन तू फिक्र मत कर जब उसे मिश्रा की असलियत का पता चला तो वो इन सबसे दूर हो गयी ….”
मैंने एक चैन की गहरी सांस ली ….
“लेकिन मिश्रा कभी काजल को नही भुला उसके पास ऐसे तो लड़कियों की कमी नही थी पर काजल की बात और थी ,काजल ने उसके लिए वो किया जो शायद और कोई लड़की नही करती ,काजल ने पूरे एक गैंग का सत्यानाश करने में मिश्रा की मदद की और यही कारण था की वो काजल पर बहुत ही भरोषा करता है,साथ ही उसे काजल की मर्दो को आकर्षित करने की काबिलियत का भी अंदाजा है….लेकिन ड्रग्स के डोस ने काजल के अंदर कुछ कमजोरियां पैदा कर दी ,वो सेक्स के नशे में है,माना की ये पहले से बहुत कम है पर ये एक आदत सी हो गयी है,तेरा उसके जिंदगी में आना काजल के लिए एक वरदान साबित हुआ ,तेरे प्यार ने उसे बहुत सम्हाल लिया,लेकिन उसे भरम था की वो तुझसे इत्तफाक से मिली है उसे भी सच्चाई का पता नही था ,पूरा गेम तो मिश्रा का बिछ्या हुआ था….वो जब रिटायर होकर वहां बसने आया तो उसने तुझे स्पॉट किया,देखा की तू एक सीधा साधा सा लड़का है,और इत्तफाक से तू काजल के जाति का भी है,जो की काजल के भाइयो के लिए बहुत मायने रखता है,उसने ही किसी जुगाड़ से तेरे और काजल के घरवालों के बीच संबंध बनाया ,वो खुद आगे नही आया क्योकि वो जानता था की काजल उसका नाम सुनकर ही ये शादी नही करेगी...वो फिर से काजल को अपने पास ले आया,उसका इरादा तो ऐसे काजल को बस अपने पास रखने का था लेकिन एक गलती हो गयी...
लेकिन उसे ये नही पता था की जिस काजल ने ड्रग्स का धंधा बंद कराया था वही उसके फिर से चालू होने की वजह बन जाएगी ……”
मुझे डॉ की बात कुछ समझ नही आयी …
“मतलब “
“मतलब ये की ये वही ड्रग्स है जिसे मैंने तेरे कारण ,या ये कहु की तेरे और काजल के बीच के रिस्ते को हसीन बनाने के लिए टाइगर से सौदा किया था...मैंने ही वो ड्रग्स फिर से बनवाया और उसे इंडियन मार्किट में पहले टाइगर को दिया ,ये उसके बहुत काम का होने वाला है,अब ऐसे भी टाइगर और मिश्रा की बनती नही,मिश्रा रिटायर हो चुका है टाइगर सोचता होगा की अब वो आसानी से इसका उपयोग कर लेगा लेकिन मिश्रा को इसका पता चल गया...उसे फिर इस गहराई से इसका सफाया करने के लिए काजल जैसे किसी लड़की की जरूरत थी,लेकिन काजल जैसी तो सिर्फ काजल है ना...
लेकिन काजल अब घर में ही रहती थी इसलिए उसने रॉकी को इस गेम में शामिल किया...और शहर में एक होटल खुलवाया,होटल का मालिक असल में मिश्रा का पुराना दोस्त है जो अब अमेरिका में सेटल हो रहा है,वो अपनी प्रोपटी आननफानन में बेच रहा है जिसका फायदा मिश्रा ने उठा लिया,अब काजल घर से बाहर थी,मिश्रा अब उसके सामने आया लेकिन काजल अब उसी इतना भाव नही दे रही ,इसलिए उसने रॉकी का सहारा लिया,बेचारे रॉकी को भी नही पता की वो तो बस एक मोहरा है,असली खिलाड़ी तो मिश्रा है,रॉकी ने फिर से काजल को वही अदा दिखाने को मजबूर किया और अब काजल की बड़ी आग का फायदा मिश्रा उठाना चाहता है….लेकिन बेचारा मिश्रा ,उसकी बेटी वहां आ टपकी...और उसे तुझसे प्यार हो गया...मिश्रा उसे तेरे साथ बिजी कर दिया और खुद काजल को पटाने में लग गया …बेटा विकास एक चीज याद रख की अभी तक तूने जो भी देखा है वो बस एक ट्रेलर है,अगर मिश्रा काजल को फिर से ये काम करने को माना लेगा तो तुझे तेरी बीवी के कारनामे फिर से देखने को मिलेंगे तैयार रहना….”
मैं उसे क्या बोलता मेरी तो खुद ही हालत खराब हो गयी थी,डॉ फोन रख देता है और मैं बस सर पकड़कर बैठ जाता हु,मुझे समझ ही नही आ रहा था की अब मैं क्या करू,रॉकी और कोई तक तो ठीक था लेकिन ड्रग्स जिसका नाम सुनकर ही मैं कॉप जाता था,उसके डीलर जो एक गलती में लोगो की हत्या तक कर देते कैसे काजल उनसे निपटेगी ….और वो ऐसा क्यो करेगी,मेरे लिए एक सवाल था जिसका जवाब तो मुझे डॉ ने नही दिया लेकिन मैं इससे बहुत परेशान होने वाला था…
तभी मेरी नजर पीछे गयी ..मलीना मुझे बड़े प्यार से देख रही थी और उसके चहरे पर एक चिंता के भाव आ गए थे,ये वही लड़की है जिसका बाप ….मुझे उसपर गुस्सा आया लेकिन इस बेचरी को तो पता ही नही की ये सब क्या हो रहा है...लेकिन मेरे आंखों का दर्द वो शायद समझ गयी ,
वो मेरे पास आकर बैठ गयी …
“विकास आई एम सो सॉरी …”
“तूने सचमे रॉकी और काजल को देखा या ...मिश्रा जी…????”
मेरे इतने बोलने पर ही उसका चहरा पूरी तरह से उतर गया ...वो पीली पड़ गयी …मैंने उसका हाथ थमा
“मैं जानता हु तुम मुझसे प्यार करती हो और मुझसे झूट नही बोलोगी…जो सच है वो मुझे बताओ ..”
“मैंने काजल के साथ रॉकी को नही पापा को किस करते देखा था…इसीलिए मैं इतनी अपसेट हो गई थी”
वो दबे आवाज में बोली ,उसके आंखों में आंसू था,लेकिन मेरी आंखों में नही क्योकि मुझे तो बस एक ही चिंता सता रही थी…
अब मेरी बीवी कौन से कारनामे दिखाने वाली है….
7 years ago#36
अध्याय 36
मेरी हालत क्या थी ये मैं किसे बताता और कैसे बताता,मेरे सामने मलीना ही थी ,पर मैं उसपर कितना भरोषा कर सकता था,मलीना भी रोये जा रही थी…
“मैंने पापा को क्या समझा था पर वो क्या निकले…”
मुझे उसके भोले चहरे पर प्यार आ गया,इस हालत में भी साला प्यार का कीड़ा मरा नही था,मैं उसे अपने सीने से लगा लिया,
“तेरे पापा ने जो किया वो शायद अपने गुस्से के लिए किया पर इससे समाज की भी भलाई हुई,लेकिन इन सबमे बेचारी काजल की जिंदगी ही खराब हो गयी…”
मेरी बात उसे समाझ ही नहि आयी ,वो मुझे प्रश्नवाचक नजर से देख रही थी,वो तो अपने पापा और काजल के बारे में बोल रही थी उसे पूरी कहानी का क्या पता था...मैंने उसके आंखों में देखा,
“तुम क्या सचमे मुझसे प्यार करती हो”
“अपनी जान से भी ज्यादा “
“लेकिन कब से “
“जबसे तुम्हे पहली बार देखा ,पता नही क्या हुआ लेकिन तुम्हारे अंदर कोई तो बात थी जो मुझे आकर्षित करती थी,मैंने आते ही पापा से तुम्हारे बारे में बोलना शुरू कर दिया और पापा को बताया की मैं तुम्हे बहुत पसन्द करती हु,लेकिन जब मुझे पता चला की तुम शादी शुदा हो तो मैं उदास हो गयी,लेकिन मैं काजल से मिलकर बहुत खुस हुई वो इतनी अच्छी लगी की मैं तुम दोनो के बारे में बहुत ही खुश थी,जब मैं तुम्हारे साथ बाहर गयी तो मुझे अहसास हुआ की तुम काजल से कितना प्यार करते हो और तुम कितने अच्छे हो तुमने मेरा कोई भी फायदा उठाने की कोशिस नही की ,लेकिन जब मैंने काजल और पापा को देखा तो मेरा दिल ही टूट गया,मैं पापा से तुम्हारे बारे में हमेशा बात करती थी की तुम कितने अच्छे हो और काजल दीदी कितनी अच्छी है,लेकिन उस दिन से …...तब मैंने ये सोच लिया की मैं तुम्हे सबकुछ बता दूंगी और अपने प्यार का इजहार भी कर दूंगी….I LOVE YOU विकास …”
वो मेरे सीने से लग गयी और पहली बार मुझे उसके प्रति एक आकर्षण का भाव उमड़ा...मैं भी उसे इतना भिचा की उसके स्तन मेरे छाती में ही धस गए ...और उसके होठो को अपने होठो के पास लाकर मैंने उसके होठो को अपने होठो में भर लिया…
प्यार एक अदन सी चीज होती है ,और साथ ही बहुत ही मूल्यवान भी,अदन सी इसलिये क्योकि साला पता ही नही चलता की कब किससे हो जाए और मूल्यवान इसलिए की जब हो जाय तो बस एक अहसास ही रह जाती है,वो बड़ी सुखदायी है,जो आपको सामने वाले के लिए कुछ भी करने को मजबूर कर देती है,जैसे मैं हो गया ,कजल के लिए सब सहने को ,जैसे काजल हो गई मिश्रा के लिए सब करने को ,जैसे मिश्रा हो गया अपने पत्नी के आशिक से बदला लेने को,और शायद जैसे मलीना मेरे लिए सब कुछ छोड़ने को तैयार दिख रही है,ये सब ही प्यार की ताकत है….
मैं प्यार से मलीना को नीचे बैठाया और उसके सर पर हाथ फेरता हुआ उसे शुरू से सब बताने लगा,मुझे उसपर भरोसा होने लगा था,शायद इतनी तो समझ मुझमे प्यार को समझने की थी,जैसे जैसे मैं उसे बताता गया वो और भी गंभीर होते गई उसे समझ आने लगा की आखिर उसके पापा उसे अपने पास रखने से इतना क्यो कतराते थे,लेकिन इससे उसके मन से अपने पिता के लिए नफरत कुछ कम भी होने लगी,जो भी हो एक लड़की की कुर्बानी से मिश्रा ने वो कर दिखाया था जो अभी तक किसी ने करने की हिम्मत नही की थी,इससे शायद कई जिंदगियां बच गई होंगी जो शायद उस ड्रग्स के नशे से बर्बाद हो जाते…………………….
उसकी आंखों में एक चमक सी आ गयी वो मुझे कसकर जकड़ ली और मेरे माथे को बेतहासा चूमने लगी,मैंने उसे ये भी बता दिया की मैं काजल के बारे में सब जानता हु लेकिन फिर भी मैं उसे बहुत प्यार करता हु और मैं हमेशा अपने प्यार से ही उसे ठीक करने की कोसिस करँगा,और लास्ट में मैंने उसे रेणु का वो डायलॉग चिपका दिया जो उसने मुझे कहा था,
“अच्छे लोगो के साथ कभी बुरा नही होता….”
मलीना के लिए इसका मतलब समझना जरूरी नही था पर ये अवधारणा मेरे मन में घर कर गयी थी की अगर मैं किसी के लिए बुरा नही सोचु तो मेरे साथ भी कोई बुरा नही करेगा,लेकिन ये सिर्फ सोचने तक ही सीमित नही था,असल में इसे अपनी जिंदगी में उतारना था,कैसे ये तो मुझे नही पता ….
इधर मेरा फोन बजने लगा…
नंबर मिश्रा जी का था,मलीना ने भी स्क्रीन में देखा और मुझे देखने लगी...मैंने उसे इशारे से चुप रहने को कहा और फोन रिसीव किया ..
“हैल्लो सर “
“यार विकास आज मलीना को लेने गया है की नही,”
“जी सर उसी के साथ बैठा हु,”
“अच्छा कहा हो अभी “
“अभी तो आपके ही घर पर है,अभी सोच रहे है कही घूम आये क्योकि आज इसे वहां जाने का मन नही किया तो यही रुक गए “
“अच्छा अच्छा ठीक है कोई बात नही,वो मैं तुम्हारे लिए नए ड्राइवर का इंतजाम कर दिया है वो कल तक आ जाएगा,और माली की शायद ज्यादा अभी जरूरत नही है तुम्हे ,काम तो रेणु ही देख लेगी ...ठीक है ना और कोई जरूरत हो तो बताना “
मेरे चहरे पर एक मुस्कान आ गयी साला मिश्रा ऐसे बात कर रहा है जैसे मेरा सबसे बड़ा शुभचिंतक ये ही है….
“जी सर धन्यवाद ,आप कहा है ….”
“मैं शहर आया था आज ...ठीक है मिलता हु सुबह …”
“जी सर ..”
फोन रखते ही मलीना ने पूछा ,
“क्या बोले “
“शहर गए है”
उसका मुह बन गया
“गए होंगे काजल के पास ,आपकी ही बीवी है कुछ तो करो “
मेरे चहरे पर एक मुस्कान आ गयी
“अच्छा तुम से आप में आ गई “
उसके चहरे पर भी मुस्कान आ गई,वो मेरे बांहो में हाथ डालकर बैठ गयी …
“अब तुम नही आप हो गए हो ,अब आप कुछ तो करो,आपकी बीवी को वो ना जाने क्या कर रहे है…”
मैं उसके चहरे को देखता हु,वही मासूमियत वही उज्जवलता ,निखरा हुआ चहरा ..
“अगर वो मेरी बीवी को चोदेगा तो मैं भी उसकी बेटी चोद दूंगा …”
मैं हल्के से मलीना के कानो में कहा …
“छि इतना गंदा बोलते हो…”
उसके चहरे पर एक झूठा गुस्सा आया और मैं उसे उठाकर सीधे उसके बिस्तर में पटक दिया….
“अच्छा तुझे कैसे समझ आ गया की मैं गंदा बोल रहा हु या अच्छा “
मैं लगभग उसके ऊपर लेटते हुए कहा,
“इतनी भी भोली नही हु मैं,सब जानती हु समझे इतनी हिंदी आती है मुझे”
“अच्छा “
मैं उसके ऊपर टूट गया ,सच बताऊ तो मैंने कभी सोचा ही नही था की मैं इस लड़की के साथ कुछ भी करूँगा,लेकिन मैं जाने अनजाने ही मिश्रा से बदला लेना चाहता था,मन के किसी कोने से एक आवाज आयी की जब साला सब कर रहे है तो तू क्यो नही….और मैं बस टूट पड़ा,लेकिन मैं क्या करता मन में कुछ गलत करने की दुविधा भी थी ,कजल के अलावा मैं किसी से ये करने की हिम्मत नही की थी,रेणु से की भी थी तो कर नही पाया था,और वो इस मासूम सी बच्ची के साथ ,हा ये कोई बच्ची नही थी पर वो इतनी मासूम थी की मेरे लिए उसे प्यार करना तो आसान था लेकिन सेक्स करना शायद कठिन होने वाला था,मुझे इतने हवस से भर जाने की जरूरत थी की मैं इसकी मासूमियत को ,इसके प्यार भरे स्पर्श को अपने मन से निकल पाउ,ये मेरे लिए बस एक शरीर ही बनकर रह जाए जिसे मुझे भोगना था,लेकिन मेरे जैसे इंसान के लिए ये उतना भी आसान नही था,मैंने वही किया जो अब तक करता आया था,मैंने प्यार भरे स्पर्श से शुरू किया ,उसके कोमल अंगों को हल्के हल्के से सहलाता हुआ मैं आगे बड़ा ,वो नरम अहसास मुझे गर्म कर रहा था,और उसकी सांसे मुझे उसकी ओर आमंत्रित कर रही थी,आखीर मैं उसके होठो पर आया वो तो अपने को मुझपर समर्पित करने को तैयार बैठी थी उसके होठो के कोमल स्पर्श से ही मुझे उसके प्यार का अहसास हो गया ,मैं अपने में एक ग्लानि की भावना से जुंझने लगा,मैं उसके होठो को छोड़कर खड़ा हो गया ,मेरा मुड़ देखकर शायद उसे कुछ समझ आ गया उसे भी पता था की मैं अपनी जान काजल से कितना प्यार करता हु ,और उसे ये भी अहसास हो चुका था की मैं उसे कितनी इज्जत से देखता हु,,,..वो मेरे गालो में हल्के से किस कर वहॉ से उठी …
“आप यही रुको मैं अभी आती हु “ ,मैंने हा में सर हिलाया
वो उठकर अपने कुछ कपड़े पकड़कर सीधे बाथरूम में घुस गयी मुझे कुछ समझ नही आया लेकिन जब वो निकली तो उसे देखकर मेरा मुह खुला का खुला ही रह गया….
वो एक नाइटी में थी ,एक पतली सी सफेद रंग की नाइटी जिसके अंदर उसका सफेद पेंटी देख रहा था ,मुझे लगा की उसने अपनी ब्रा भी नही पहनी है …
उसका चहरा वाह….वो अब मासूम नही सेक्सी लग रही थी शायद यही कारण था की वो अपने कपड़े चेंज करने चले गई ,लेकिन मेरे लिए वो इतनी मेहरबान कैसे हो रही थी,...??????
वो शर्माते हुए मेरे पास आयी और फिर से बिस्तर में लेट गई ,इसबार वो खुलकर कुछ भी नही कर रही थी,लेकिन मुझे उसके इस रूप को देखकर कुछ हिम्मत सी आयी,मैं फिर से उसके ऊपर आया और उसके होठो को अपने होठो में भर लिया ,उसकी सांसे उखड़ी हुई थी मेरे हाथ नीचे गए और उसकी पेंटी के गीलेपन से ही मैंने उसके मन को पढ़ लिया,
वो मेरी हर छुवन पर सिसकिया ले रही थी,....
“हमारे बीच की सभी दीवारे थोड़ दो विकाश ,मैं तुम्हारी होना चाहती हु….”
उसके काँपते हुए होठो ने मुझसे कहा ...और मैं उसके रसभरे होठो को अपने होठो में लेकर उसका रस निचोड़ने लगा….वो और भी मुझे अपनी ओर भिच लेती वो अपने चरम पर थी ,
प्यार की यही खासियत है की जिस्म के मिलान से बढ़कर भी मजा उसमे आता है,वो अहसास ही वो सुकून दिला देता है,सबकुछ दूसरे के ऊपर छोड़ देना,अपने को किसी और का कर देना,पूर्ण समर्पण यही वो प्यार है जिसमे जिस्मो की मिलान की जरूरत नही होती,,,,...वो खुद को मेरे ऊपर छोड़ने लगी ,शायद ये उसका पहला अनुभव रहा हो ,क्योकि मेरी हर छुवन से उसके जिस्म में एक हलचल सी पैदा हो जाती थी,वो एक नशे में थी जो धीरे धीरे मुझे भी घेर रहा था…
मैं भी कब अपने कपड़ो को त्याग कर उसके बांहो में समा गया मुझे पता नही चला….जब मेरा नंगा लिंग उसकी योनि की दीवारों पर उसके पेंटी के ऊपर से रगड़ाया तो मुझे भी उसके गीलेपन का अहसास हुआ,
“आह जान “उसने मुझे कस लिया,मैंने अपने हाथ को नीचे कर उसके योनि को पेंटी के बंधन से आजाद किया ,उसका गोरा बदन एक उमंग से नाच रहा था वो लाल हो चुकी थी ,अभी तो उसे बहुत कुछ सहना बाकी था पर वो कभी भी चरम पर पहुच सकती थी,उसकी गीली योनि में एक उंगली घुसते ही मुझे उसके कौमार्य (वर्जिनिटी) का अहसास हो गया….
मेरे मन में एक बात अनायास ही उभर कर आयी,कि मैंने अभी तक किसी भी लड़की का कौमार्य नही लूटा है,और इत्तफाक से मैं उसी शख्स की बेटी का कौमार्य लूटने जा रहा हु जिसने मेरी बीवी का कौमार्य भंग किया था ,मिश्रा और काजल का ख्याल आते ही मेरे मन का वो राक्षस जाग गया जिसे मैंने इतने समय से खुद से भी छिपा के रखा था...मैं उसके ऊपर टूटा और एक ही झटके में अपना पूरे का पूरा लिंग उसके अंदर पूरी ताकत से घुसा दिया ….
“नहीईईईईई “एक जोर की चीख उसके मुह से निकली पर मेरे जागे हुए शैतान ने उसके मुह पर अपना हाथ रख दिया और फिर से झटका दिया ,अभी भी पूरा लिंग अंदर नही गया था,ऐसे तो उसकी योनि बहुत गीली थी पर फिर भी वो पहली बार का अहसास था और मेरे अंदर शैतान सवार हो चुका था,उसके आंखों से आंसू की कुछ बूंदे गिरी उसके मुह में मेरा हाथ था और वो थोडा छटपटा कर शांत भी हो गयी थी ,उसकी आंखे मुझे साफ कह रही थी उसे दर्द हो रहा है और उसे आराम चाहिये लेकिन मेरे सामने काजल की तस्वीर घूम गयी ,शायद मिश्रा ने ऐसे ही उसका कौमार्य लिया होगा,मैं एक जलन से जल उठा और मेरा अगला धक्का और भी तेज हो गया ,मैंने एक साथ ही 3 धक्के लगाए और वो छटपटाते हुए निढल हो गई उसकी गु गु की आवाज मेरे हाथो में ही दबकर रह गई,जब मैंने उसके आंसुओ और उसके चहरे को देखा तब जाकर मुझे अपनी गलती का अहसास हुआ लेकिन तब तक शायद देर हो चुकी थी मैंने उसके मुह से अपना हाथ हटाया …
वो रोने लगी ,लेकिन उसके गीले नयन मुझे ही देखे जा रहे थे …
“आप शैतान हो …”
“सॉरी जान सॉरी ….”
मैं उसके गालो से ढलते हुए आंसुओ को अपने होठो में लेकर पीने लगा,कुछ ही देर में वो मेरे बालो को पकड़कर मुझे अपनी ओर खिंची और मेरे होठो को अपने होठो से मिला लिया,मैं जैसे ही अपने लिंग में हरकत की वो फिर से मुझे रोक दी …
“रुको ना दर्द में मार ही डालोगे क्या,आदमी हो की शैतान हो ,”
वो लगभग रोते हुए बोली ,लेकिन उसकी ये बात इतनी प्यारी थी की मैं उसके होठो को अपने दांतो में भर कर भिच लिया…
“नही ना “
मैंने अपनी जीभ उसके जीभ से मिला दी और वो मेरे प्यार के अंतहीन खाई में गिरने लगी ,हम एक दूजे को बेतहाशा चूमने लगे,हमारे हाथ एक दूजे के सर पर थे और उंगलिया बालो में फंसी थी…..
मेरे कमर ने भी धीरे धीरे से चलना शुरू किया पर इस बार मलीना बस सिसकिया ले रही थी और उसके योनि में एक रस का रिसाव होने लगा था जिसे हम कामरस कहते है,उससे उसकी योनि मेरे लिंग के लिए रास्ता आसान कर रही थी और हम दोनो को मजे के सागर में उतारने लगी थे जिसकी गहराई हमे भी नही पता थी,हमे एक दूजे को कहा चुम रहे थे ,कहा चाट रहे थे ,हमारे दांत कहा गड रहे थे ,थूक कहा छोड़े जा रहे थे ,हाथ किस जगह को निचोड़ रहे थे ,हमे कुछ भी आभास नही था,बस वो मजा बस वो अहसास ,बस वो जिस्म और वो कोमलता ,वो गर्मी ,वो नरमी …
वो सिसकिया और वो पसीने की फिसलन...बस यही रह गया था,मुझे तो पता भी नही चला की कब मैंने उसे अपने वीर्य की धार से भर दिया और कितने बार भर दिया हम लगभग बेहोश से थे ,या उन्मादी से ..कभी हम तेज होते तो कभी इतने धीरे ही पता ही नही चलता की कुछ हो रहा है...ये प्यार का नया अहसास था मेरे लिए भी और शायद मलीना के लिए भी ...वीर्य और कामरस मिलकर चादर को गिला कर रहे थे और साथ ही मलीना के कौमार्य की निशानी कुछ खून की बूंदे भी थी ,लेकिन किसे परवाह थी और किसकी परवाह थी….उसी गीले योनि में मैंने उसे दुबारा भीगा दिया...आंखे भी बंद हो रही थी पर कमर की चलन रुक नही रही थी,ना जाने वो कब खत्म हुई ना मुझे कुछ पता चला ना ही उसे बस हमारी आंखे बंद हो गई…………...
7 years ago#37
अध्याय 37
घर जाकर मैंने देखा रेणु अपना समान प्यारे के कमरे में शिफ्ट कर चुकी थी और एक नया लड़का वरुण नाम से ड्राइवर का चार्ज ले चुका था,ये मिश्रा के कारण ही हो रहा था की मेरे हर काम इतनी जल्दी ही हो जा रहे थे.मैं जब घर पहुचा तो वरुण रेणु के साथ गप्पे लड़ा रहा था,इसे आये एक दिन भी नही हुआ और वो ऐसे रेणु से बात कर रहा था जैसे की वो सालो से उसे जानता हो,वरुण एक कम उम्र का लड़का था,कुछ 20-21 की उम्र रही होगी,दिखने में बड़ा ही प्यारा सा था,और बचपने से भरा हुआ था,शायद उसकी ये पहली ही पोस्टिंग थी….
रेणु को देखकर ऐसा नही लग रहा था की आज ही उसकी जिंदगी में इतना बड़ा परिवर्तन आया हो,,,वो मुझे देखकर खड़े हो गयी और बड़ी ही प्यार भरी नजरो से मुझे देखा,
“आप बैठिए मैं आपके लिए चाय बना कर लाती हु “
वरुण भी खड़ा हो चुका था उसे मैंने बैठने को कहा …
“तो क्या नाम है तुम्हारा “
“जी सर वरुण “
“कही पहले काम किये हो “
“नही सर ये पहली पोस्टिंग है “
“अच्छा और पढ़ाई कितनी कीये हो “
“सर ग्रेजुएशन अभी कंपलीट किया हु…”
“अच्छा है ,फिर ड्राइवर की नॉकरी कैसे “
“सर सरकारी नॉकरी तो सरकारी होती है ना,और यहां तो छोटी छोटी नॉकरी के लिए भी कितनी मारा मारी है भला हो मिश्रा जी का की मुझे ये नॉकरी दिला दी “
मिश्रा का नाम लेते हुए उसके चहरे पर एक आभार का भाव आया,और मेरे चहरे पर एक मुस्कान ….
“तो मिश्रा जी ने लगवाया है तुम्हारा जॉब”
“जी सर वो मेरे पिता जी पहले मिश्रा जी के ड्राइवर थे…”
“अच्छा तब तो तुम बहुत अच्छे से जानते होंगे मिश्रा जी को “
“जी कभी कभी जाता था ,पापा के साथ उनके घर...ज्यादा नही “
“अच्छा है,और घर में कौन कौन है तुम्हारे “
“जी मा पापा और एक बहन है उनकी शादी हो चुकी है….”
“ओह यार फिर तो तुम घर के इकलौते लड़के हो तुम्हारी हिफाजत करनी पड़ेगी…”
मैं हँस पड़ा वही वो थोड़ा शर्मा गया…
रेणु चाय लेकर आयी ,
“ठीक है सर मैं चलता हु कल कितने समय आना है गाड़ी लेकर …”
“बैठो ना यार यही खाना खा के जाओ कहा अभी खाना बनाओगे ,”
“नही सर मेरी मा -पापा भी अभी साथ आये है,वही खाना खाना है….”
“ओह चलो अच्छा है,कभी लाना उन्हें भी मिलाने और कल 9-10 बजे तक आ जाओ …”
“जी ठीक है सर “
उसके जाने के बाद मैं रेणु के साथ बैठकर आज उसके साथ होने वाली सभी घटनाओं को सुनने लगा,रेणु बहुत ही खुस थी ,जैसे की वो आजाद हो गई हो किसी बर्षो पुरानी बेड़ियों से,उसके चहरे में आयी ख़ुशी देखकर मुझे बहुत अच्छा लगा,
तभी काजल भी आ गई साथ में रॉकी था,खाना खाकर हम बिस्तर में गए,
आज काजल के बारे में मुझे जो पता चला था मैं उसके चहरे से कुछ पड़ने की कोशिस कर रहा था ,पर उसके चहरे पर कोई भी भाव कभी नही आता मानो वो एक बाहत अच्छी एक्ट्रेस थी,
“क्या हुआ ऐसे क्यो देख रहे हो…”
“बस कुछ जानने की कोसिस कर रहा हु,”
वो हल्के से हँसी ,
“क्या जानना चाहते हो आप “
वो मेरे पास खिसकी ,उसकी आंखों में मैंने हमेशा से ही बस प्यार देखा था,जो असीमित था,जिसमे मैं शायद डूब ही जाता अगर वो फिर से ना कहती ..
“बताओ ना क्या हुआ है “
“छोड़ो ना जान “
“बताओ ना जी ,क्या हो गया “
“सोचता हु तुम इतना काम कैसे कर लेती हो,पता नही तुम्हे क्या क्या सहन करना पड़ता होगा ..,,,,”
उसके चहरे में एक मुस्कुराहट आ गई
“आप भी ना ,आपका साथ और प्यार बस मेरे साथ रहे तो मुझे और कुछ भी नही चाहिए कुछ भी नही होगा मुझे आप फिक्र मत करो ,मैं सब सम्हाल लुंगी ….”
क्या सम्हाल रही हो जान वो तो समझ आ रहा है,मैने मन में कहा..
“फिर भी अगर कुछ प्रॉब्लम हो तो मुझे जरूर बताना “
मैंने उसके चहरे को देखते हुए कहा ,वो मेरे गले से लग गयी,
“आप पर कोई भी आंच नही आने दूंगी जान,आप बस खुश रहो,मेरे लिए यही बहुत है,आप किसी भी चीज की फिक्र मत करो सब कुछ ठीक है,”
“ये मेरा फर्ज है जान की मैं तुम्हारी हिफाजत करू “
मैं उसके गालो को चूमते हुए कहा …
“और ये मेरा फर्ज है की मैं आपको हर मुसिबित से दूर रखु “
“यानी की मुसिबित है …”
“नही जान बस कुछ काम के लफड़े होते है ,मैं उसे आराम से हैंडल कर लुंगी ,लेकिन आज आपको क्या हो गया है.ऐसा क्यो लगाकि मैं किसी मुसिबित में हु”
“बस तुम्हे थका हुआ देखा ,और ऐसा भी तुम्हारी तकलीफ का मुझे कुछ तो आभास हो जाता है”
काजल के चहरे पर एक मुस्कान आ गयी,
“अच्छा तो बताओ की मैं अभी क्या चाहती हु “
मेरे चहरे पर भी एक शरारती सी मुस्कान आयी ….
“ह्म्म्म तुम “मैंने उसे जोरो से कसा और उसके होठो पर अपने होठो को धकेल दिया ...उसकी बालो में फसी मेरी उंगलियों ने उसका सर मेरी तरफ धकेला ….और मेरी कमर ने उसके कमर पर एक धक्का दिया,
“तुम ये चाहती हो….”
वो मेरे आंखों में देख रही थी,बिल्कुल साफ और निश्चल आंखे...मैने उसकी कमर को पकड़कर अपनी ओर खिंचा ,
उसके गोल नितम्भो का स्पर्श ही मेरे लिंग को अकड़ाने को काफी था,
“आउच ,बहुत बदमाश हो गए हो आप “
“जब बीवी ही इतनी मस्त हो तो आदमी बदमाशी तो करेगा ही ना “वो फिर से मुझसे सट गयी आज उसने साड़ी पहने हुए थी,
मैं उसका पल्लू अलग किया उसके उजोर जो उसके कसे हुए ब्लाउज़ से झांक रहे थे बड़े ही मादक लग रहे थे,मेरे हाथ जैसे ही उसके कमर पर गयी मैं उस फुटबाल की तरह निकले हुए कूल्हों पर ही थम गया,मैं जितना उसे दबाता उतना ही काजल के मुह से सिसकारियां निकल जाती थी,उसकी आंखे नशीली हो रही थी वो मुझसे ऐसे चिपकी थी जिसे की कोई हवा भी हमारे बीच से नही निकल पाए,उसने अपने होठो को मेरे होठो पर लेकर मुझे आमंत्रित किया और मैंने भी उसके होठो के उस प्याले को जी भर चूसने में कोई कसर नही छोड़ी ….
मेरा हाथ जैसे ही उसके ब्लाउज़ की जीप पर गयी मैं उस निकलने लगा ,लेकिन ये क्या थोड़ी देर को मैं भी दंग रह गया…
उसने तो कोई भी ब्रा नही पहनी थी,जबकि जाहा तक मुझे याद है वो एक काली ब्रा और पेंटी पहनने को निकली थी,यानी किसी ने….
साला या तो मिश्रा होगा या वो साला रॉकी ,सोचकर मुझे थोड़ा अजीब भी लगा और जैसा आजकल मेरे साथ हो रहा था मेरे लिंग ने एक जोरदार अकड़ से उछाल मारी जैसे की कोई बड़ी उत्तेजक चीज हो गई हो ,मुझे शक था की शायद उसने पेंटी भी नही पहनी होगी मैं उसकी साड़ी को उठाने लगा और मेरा शक सही था ,मैंने काजल को कुछ भी नही कहा और उसके ऊपर बस टूट पड़ा…
जैसे ही मेरा हाथ उसकी योनि पर गयी मेरी उत्तेजना और भी बढ़ गयी ,इतनी गीली योनि….
ये तो बस काजल के बस का था की रोज रोज के सेक्स के बाद भी वो मेरे लिए इतनी गीली रहती थी…
मेरे लिंग को आजाद करते और उसे काजल के अंदर जाते समय नही लगा और मेरे सुपडे की नोक ने जैसे ही उसके योनि के गीलेपन का रस चखा वो बेहाल सा उसके अंदर जाने लगा ,,,,
रस से भीगना तो लिंग के लिए वरदान सा होता है,,उसी योनि में कई लोगो के लिंग गए थे पर ये आज भी मेरी है,इसमें पता नही क्यो इतने प्यार की गर्मी का अहसास होता है ,
हमारे जिस्म मीले मन मिले सांसे मिली धड़कन मिले और बस एक ही हो गए….जब तक की हमारे शरीर ने हमारा साथ नही छोड़ा हम बस अपने कमर को धक्का देते ही रहे………...
7 years ago#38
अध्याय 38
योग आपके शरीर को हमेशा चुस्त और तंदरुस्त बनाये रखता है,साथ ही उससे आपके शरीर का सेप भी बहुत ही अच्छा हो जाता है,सुबह काजल को योगा करते देख ना जाने कितने मर्द अपने लिंग को अकड़ा लेते होंगे,आज उनमे एक और शामिल हो गया,वरुण मेरा ड्राइवर….
“वाओ यार क्या माल है “मुझे अपने पीछे से एक जानी पहचानी सी आवाज आयी जब मैं उस कतार में खड़ा था जहा बाकी लोग भी खड़े थे,काजल और रॉकी गार्डन में सबके सामने खड़े हो कर योगा ,एरोबिक ,और स्ट्रेचिंग सिखाते थे,सबसे पहली कतार में मिश्रा जी और बाकी के सीनियर सिटीजन होते,मैं अधिकतर लास्ट रो में नवजवानों के साथ ही होता था और वहां से मुझे काजल के लिए कुछ बहुत ही कमाल के कमेंट सुनने को आते,लोग फुसफुसाकर ही बोलते थे पर उनके चहरे पर आये भाव को मैं आसानी से पढ़ लेता था,आज मेरे साथ एक नई साथी भी थी ,मलीना ….
वो बहुत ही खुश लग रही थी,और पूरे उत्साह से कर रही थी,सच भी है जब हुस्न को देखने वाला मौजूद हो तोहि इसे सम्हालने का कोई मतलब और उत्साह होता है,वो झल्ली सी मलीना आज बम्ब बनकर आयी थी.लेकिन काजल ….
यारो काजल की तो बात ही और है…..
उसके एक एक कटाव जवान दिलो की धड़कने ही रोक देते,लेकिन चहरे का तेज और मासूमियत भी इतना कमाल का था की कोई भी उसे नजर मिलाकर घूरने की हिमाकत नही करता….
मैं पीछे पलट कर देखा वरुण अब भी काजल को ताड रहा था,शायद उसे ये नही पता था की काजल असल में कौन है उसे क्या कुछ लोगो को छोड़कर यहां किसी को नही पता था की वो मेरी पत्नी है,वरुण अभी तक काजल से मिला भी नही था,अचानक उसकी नजर मुझपर पड़ी और वो ऐसे झेंपा जैसे कोई बड़ी चोरी पकड़ी गई हो ….
“नमस्ते सर “
मैंने बस सर हिलाया और अपने काम में लग गया….सेशन खत्म होने के साथ ही लोग काजल और रॉकी को घेर लेते और कुछ प्रॉब्लम के बारे में जिक्र करते रहते,मैं और मलीना अलग खड़े होकर बातें कर रहे थे तभी मिश्रा जी मेरे पास पहुचे….साथ में दो जने और भी थे और वरुण भी साथ ही था,
“तो विकास वरुण से मिल लिए…”
“जी सर ,अच्छा लड़का है ,थैक्स यू “
“कोई बात नही ,और इनसे मिलो ये वरुण के माता पिता है,”
मैंने सबको नमस्ते कहा ,वरुण के पिता को देखकर मैं पहचान गया की ये वही शख्स है जो बार बार काजल को एक अजीब से नजर से घूर रहा था,मैंने उसे पहले बार देखा था,
और वरुण अपने मेडम से मिले ,
“नही सर ,नमस्ते मेडम जी “
वो मलीना के तरफ मुड़ा ,
“अरे पागल ये नही तुम्हारी मेडम वो है…”
मिश्रा ने काजल के तरफ उंगली की ,जहा वरुण काजल को देखकर अपना थूक गुटग गया ,वही वरुण के पिता भी काजल को देखकर ऐसे रिएक्ट करने लगे जैसे की उन्होंने उसे पहचान लिया हो,वो मिश्रा के तरफ देखता है लेकिन कुछ भी नही कहता और अपने को सामान्य कर लेता है………
मेरे समझने को ये तो काफी था की वो काजल के कुछ राज जानता है,पर मुझे बस इस बारे में थोड़ा डर लग रहा था की कही वो साला ये राज वरुण को ना बता दे…..
घर आकर काजल आपने काम में निकल गई वही मैंने डॉ को काल कर सारी सिचुएशन बताई ,
“फिक्र मत कर उसका बाप इतना तो समझदार होगा ही,लेकिन ये भी सही है की मिश्रा ने ही उस लड़के को प्लांट किया है,तो उससे कुछ तो एडवांटेज वो चाहता होगा,बस यही तुझे पता करना है फिर तू उसका ही यूज़ कर सकता है,मिश्रा और काजल के कारनामो को जानने के लिए हमे उसका ही कोई बंदा चाहिए था,साले मिश्रा ने वो खुद ही तेरी झोली में डाल दिया,बस अब एक काम कर की तू उसका भी मोबाइल हैक कर ले किसी भी तरह,और काजल के मोबाइल से तुझे कुछ इनफार्मेशन मिले तो मुझे बताना,”
“हा ठीक है,अभी तक तो कोई भी इनफार्मेशन काजल के तरफ से नही आयी है,वही पुरना कभी रॉकी का मेसेज कभी उसके घर वालो का ,कुछ क्लाइंट का,और कुछ दोस्तो का बस…”
“क्लाइंट ,कैसे क्लाइंट ,क्या बात करते है..”
“यार वही होटल से संबंधित ,जैसे होटल बुक करना है से पार्टी वगेरह …”
“अबे चूतिये अब इतना भी तुझे समझना पड़ेगा की होटल बुक कराने के लिए कोई होटल की मालकिन को नही रिसेप्शन को फोन लगता है ….”
मेरी तो थोड़ी देर के संट ही हो गई ये तो मेरे दिमाग में आया ही नही….
“अब मुह में ताला क्यो लग गया है तेरे….सभी नम्बर मुझे भेज …”
“यार लेकिन मैं तो सब डिलीट कर डाले …”
“तो सुन किसी भी दोस्त या क्लाइंट का मेसेज या काल आये चाहे जो भी बात हो मुझे वो कॉन्टेंट फारवर्ड कर देना …”
“ओके भाई”
“और उस इटालियन का क्या हाल है…”
‘भाई उसकी सील तोड़ दी …”
मैं जोरो से हँस पड़ा …
“साले कमीने ,मिश्रा का बदला उस बेचारी से ले लिया ..”
“लेकिन भाई वो सचमे मुझसे बहुत प्यार करती है यार..”
“कोई नही दोस्त,प्यार सचमे अंधा होता है,अब तो कंफर्म भी हो गया….चल ठीक है कोई भी क्लू मिले तो मुझे बता…”
“ओक्के “
बाहर वरुण भी आ चुका था ,
मैं झटपट तैयार होकर निकलने वाला था की रेणु ने मुझे रोक लिया…
“साहब आपने तो कहा था की आप मेरे पति होने का फर्ज भी निभाएंगे लेकिन आप तो मेरी तरफ देख भी नही रहे है ...उसके चहरे पे एक कातिल हँसी थी और वो गजब की सेक्सी लग रही थी,पूरी देशी हरीभरी माल…
साड़ी से झांकता उसका गुदाज पेट किसी मर्द की आहे निकलने को काफी था,बड़े चूतड़ को देख कर ही मसलने का मन करता,और उसके ब्लाउज़ से झांकते वो दो मखमली उभार जो इस बात का सबूत दे रहे थे की वो मेरे लिए अपने अंतःवस्त्रों का त्याग करके आयी है और मैं कपड़े के ऊपर से ही उसे मसल कर सुख पा सकता हु….
सबसे आकर्षक तो था उसके नशीले नयना ,जिसपर वो शायद मुझे ही रिझाने के लिए काजल लगा कर आयी थी,
मैंने उसे कमर से पकड़ लिया और मेरे दिमाग में एक गजब का आईडिया कौंध गया…
“अरे मेरी रानी तुझे तो मैं पूरा निचोड़ लेता लेकिन मेरे पानी पर किसी और का भी तो हक है ,रात को पत्नी के साथ करने के बाद इतना कहा बचता है की तुझे भी भिगो दु,सारा पानी तो रात भर काजल ही निचोड़ लेती है...लेकिन तेरे लिए एक पति मैंने खोजा है,बिल्कुल तेरे टक्कर का है और तुझे नए लड़के वाला मजा भी देगा,चहरे तो लगता है जैसे की अभी उसने कुछ चखा भी नही है,तू उसे अपना हुस्न चखा कर मजा ले…”
वो मुझे बड़ी बड़ी आंखों से देखती है…
“वरुण याद है ड्राइवर अपना ,”
“वो तो बच्चा है साहब “
“इसीलिए तो कह रहा हु ,तू आसानी से उसे फंसा सकती है,और वो मजा भी तुझे पूरा देगा “
“अरे साहब कहा एक ड्राइवर के साथ इतने दिन तक तो रह कर देख ही चुकी हु,उसे तो इतना भी समय नही मिल पता की रात में कुछ कर पाए ...बस साहब लोगो की गुलामी ही करते रहो “
उसका चहरा थोड़ा फूल गया लेकिन वो इसमें और भी सेक्सी लग रही थी ,
“अरे मेरी जान इसे मैं तेरे लिए फ्री कर दूंगा,चल उसे यही रोक देता हु और मैं गाड़ी लेकर जाता हु,और सुन मेरे लिए तुझे एक काम और करना पड़ेगा….”
“क्या ,उसके मोबाइल में ये घुसा कर “मै उसे एक पेन ड्राइव देता हु,और उसे बताता हु की कैसे करना है…
“समझी ना “
वो आश्चर्य से मुझे देख रही थी.मैं प्यार से उसके गालो पर अपने हाथ रखता हु और हल्के से सहलाकर प्यार भारी आंखों से उसे देखता हु…
“समझ ले तेरे साहब के लिए बहुत जरूरी है,कोई फिर मुझे फसाने की कोसिस कर रहा है,और इस बार मुझे तेरे हुस्न की जरूरत पड़ेगी…..मुझे गलत मत समझना रेणु मैं सचमे तेरा उपयोग नही करना चाहता था पर मेरे सामने और कोई भी चारा नही है,और ऐसे भी काल जब वरुण को तेरे साथ देखा तो लगा ये साला तुझपर फिदा है और तुझे भी एक मर्द की जरूरत है,मैं तो शायद तेरे लिए वो ना कर पाउ लेकिन वो कर सकता है….और मैं कोई भी जबरदस्ती नही कर रहा हु तेरी मर्जी,मैं बुरा नही मानूंगा ,,”
वो मेरे आंखों में देख रही थी
“आप के लिए तो जान भी दे दु साहब,और ऐसे भी सचमे बहुत ही खुजली मची है...आने दो साले को आज तो उसे जन्नत देखती हु…”वो खिलखिला के हँस पड़ी वही मुझे भी थोड़ा सुकून आया …
मैं अपने कमरे में जाकर लेपटॉप ऑन किया कैमरा की सेटिंग कर के उसे हाल में ही रख दिया ...
मैंने वरुण को अंदर बुलाया और यही रुकने को कहा ,मैं गाड़ी की चाबी लेकर मलीना से मिलने चला गया...
7 years ago#39
अध्याय 39
“कुछ भी हो जाय पर किसी को भनक भी नही लगनी चाहिए कि तुम शादीशुदा हो,”
मिश्रा की हल्की सि आवाज हमारे कानो में पड़ी और मैं और मलीना सतर्क होकर सुनने लगे,
“ये कोई जंग नही है बाबू,आप अपने स्वार्थ के लिए कितनो की जिंदगी से खेलना चाहते हो,”
बाबू???हम दोनो ही एक दूसरे के चहरे को देखते है,ये काजल की आवाज थी,मलीना के चहरे पर एक मुस्कान आगयी पर मेरा चेहरा उतरा देख वो अपने हाथों को मेरे चेहरे पर फेरा,
“आप मेरे बाबू हो”मलीना ने मेरे कानों में कहा….
“तुम्हे लगता है कि ये कोई स्वार्थ है,,,,काजल तुम्हे इस बात का जरा भी इल्म है कि इससे कितनी जिंदगियां तबाह हो सकती है,जैसे उस राक्षस ने तुम्हारी जिंदगी बर्बाद कर दी,क्या तुम चाहती हो कि कोई और भी इसका शिकार हो,”
थोड़ी देर की शांति ने हमारे दिलों में कई सवाल खड़े कर दिए,ये किस राक्षस की बात हो रही थी,
“काजल मुझे जो बदला लेना था वो मैं ले चुका हूं,अब मेरी बेटी भी मेरे साथ है,तुम मेरे पास हो और मुझे क्या चाहिए,बाकी की जो जिंदगी बची है वो मैं आराम से काट सकता हु,लेकिन ये मेरी भी मजबूरी है कि जानकर मैं अंधा बना नही रह सकता,,,तुम्हे अब भी लगता है की मैं ये सब बदले के लिए कर रहा हु,”
हमे काजल के चूड़ियों की हल्की आवाजे आयी जैसे कि वो चलकर मिश्रा के पास आने लगी हो,ऐसे आज उसने जीन्स और शर्ट पहना था,लेकिन हाथ मे कुछ चूड़ियां वो हमेशा ही पहनती थी,ज्यादा या कम…
“आपपर भरोषा तो हमेशा था,लेकिन जबसे अपने मुझे धोखा दिया…”
“वो मेरी मजबूरी थी काजल,उस समय शायद मैं सही गलत का फैसला नही कर पाया लेकिन जब मुझे अपनी गलती का अहसास हुआ तबसे मैंने कभी भी तुम्हारा साथ नही छोड़ा,तुम जंहा भी गई मैं तुम्हारे साथ था तुम्हे पता हो या नही,लेकिन मैंने तुम्हें हमेशा अपने आस पास ही रखा,”
“ताकि आप मेरे जिस्म से खेल सके” काजल की आवाज बर्फ जैसे ठंडी थी,
“नही काजल ये तुम क्या कह रही हो,”
“क्या ये सच नही है बाबू,क्या मेरे जिस्म की तुम्हे कोई हवस नही है,”
कजल के इस सवाल से मुझे भी बड़ा अटपटा सा लगा,
“काजल ये सही है की तुम्हारे जिस्म के मोह में मैं भी बंधा हु पर क्या मैं सिर्फ तुम्हे तुम्हारे जिस्म के कारण पसंद करता हु,????????हम इंसान है काजल और इंसान होने का मतलब सिर्फ जिस्म की जरूरतों को पूरा करना नही होता,इंसानियत इससे भी कही ऊपर है,इंसानियत का मतलब है भावनाएं,दया,प्यार,नफरत,गुस्सा,जलन ...सभी कुछ जो शायद सिर्फ मानवो के नसीब में है,मैं ये तो नही कहूंगा की मैं तुम्हे विकाश से ज्यादा प्यार करता हु,और तुम उसे छोड़कर बस मेरे लिए काम करो,लेकिन ये जरूर कहूंगा की मैं तुम्हारी बहुत इज्जत करता हु,ये तुम क्या कर रही हो..”
हमे काजल के पायलों की आवाज सुनाई दी,साथ ही चूड़ियों का वो खनखना,
“यही चाहते हो ना आप,लो हो जाती हु मैं फिर से नंगी,कर लो जो करना है,और इज्जत की तो बात आप मत ही करो…”काजल के बातो में एक अजीब सा दर्द साफ झलक रहा था,
“मुझे पता है की आप मुझे कितनी इज्जत से देखते हो ,मैं तो बस इस बात पर हैरान हु की अभी भी आपमे इतनी शर्म नही बची की आप मुझसे ये भी कह रहे हो की मैं तुम्हारी इज्जत करता हु,याद है की नही ………..”
काजल का ये प्रश्न मिश्रा को चुप ही करा दिया…
“बताओ याद है की नही…”इस बार काजल ने जोरो से कहा,
“याद नही है तो मैं याद दिलाऊ,मैं एक बच्ची थी ,जब मुझे उस दरिंदे के सामने फेका था तुमने ,और मेरी गलती क्या थी की मैं तुमसे प्यार करती थी बस……………….”
एक गहरी शांति वातावरण में फैल गई थी जिसका आभास मुझे और मलीना दोनो को हो रहा था,
“उसने मुझे ड्रग्स दिया,मैं फूल सी थी मिश्रा जब उसने मुझे पहली बार भोगा था,याद है …...याद है की नही मिश्रा …”
चटाक ……….एक जोर की आवाज आयी ,हमे नही पता था की किसने किसको मारा था लेकिन किसी ने बहुत ही जोर का झापड़ मारा था,शायद काजल ने मिश्रा को मारा होगा,...
“याद है की नही …”
हा काजल ने ही मिश्रा को मारा था,
“काजल मुझे माफ कर दो ...जो बीत गया उसे फिर से मत याद करो …”
“हा हा हा ,...”काजल के अट्हास की आवाज से पूरा माहौल गूंज गया
“तो फिर ये प्यार ,सहानुभूति ,इज्जत का दिखावा बन्द करो,मैं अपनी जिंदगी से बहुत खुश हु,मेरे पास एक बेहद प्यार करने वाला पति है,मेरे घरवाले है वो सब है जो एक लड़की चाहती है,और मेरी आग को बुझाने के लिए रॉकी और तुम्हारे जैसे कुत्ते है,और मुझे कुछ नही चाहिये…..”
कुछ देर तक फिर से शांति बनी रही …
“समझे बाबू “काजल की एक जोरो की हँसी से फिर से माहौल गूंज गया…
“जो तुम्हारा काम है वो मैं करने को तैयार हु,तुम्हारे लिए नही अपने जैसे कई उन लड़कियों के लिए जिनकी जिंदगी इस ड्रग्स की वजह बर्बाद हो जाएगी ….और हा मैं टाइगर ये पता होना चाहिये की मैं एक शादीशुदा लड़की हु,क्योकि शादीशुदा घरेलू औरते जब रांड बनती है तो ग्राहक को एक अलग ही मजा आता है ,और मेरा पति बनेगा रॉकी…”
मेरे दिल की धड़कन जैसे बढ़कर फटने वाली थी जो मैंने सुना उसे मैं कभी यकीन नही करता अगर मुझे पता नही होता की सच्चाई क्या है….
“चलो बाबू अब मेरी चाटो “काजल ने बड़े ही नशीले आवाज में कहा …
“काजल ये क्या बोल रही हो “मिश्रा की काँपती आवाज मुझे सुनाई दी
“बोला ना मादरचोद चाट ,इधर आ “
काजल की चूड़ियों की खनक मुझे सुनाई दी जैसे उसने किसी के सर को जोरो से दबा दिया हो ,मिश्रा की हालत शायद ऐसी थी जैसे कोई उसका रेप कर रहा हो ,
“नही काजल रुको तो सही आराम से मैं बूढ़ा हो गया हु “
“मादरचोद चाट इसे “
मैंने अपना हेडफोन जोरो से फर्श पर पटका और अपना सर पकड़कर वही बैठ गया ,मलीना को मेरे हालत का अहसास था,वो मेरे बालो को सहलाती हुई मुझे अपने सीने से लगा ली,उसके माध्यम आकर के स्तनों ने मेरे सर को सहारा दिया और सुकून भी…………
मलीना कल से ही तैयारी में लगी हुई थी वो एक छोटा सा डिवाइस मिश्रा के जूते में लगा चुकी थी ,उसके कारण आज हम मिश्रा और काजल की बातें सुन पा रहे थे,उनकी इस बातचीत का मैं क्या मतलब निकलू ये मुझे समझ नही आ रहा था पर इतना जरूर पता चला की कोई और भी ऐसा था जिसने असलियत में काजल की जिंदगी खराब की है,मिश्रा अपना बदला लेना चाहता था लेकिन उसके मन में आज भी काजल के लिए एक इज्जत और ग्लानि के भाव है,और काजल मिश्रा से प्यार नही बल्कि नफरत करती है जिसका पूर्ण कारण मुझे अभी तक समझ नही आया था………
काजल मिशन में जाने को तैयार थी और उसका सामना टाइगर से होने वाला था ,मैं टाइगर के क्लब की झलक देख चुका था लेकिन मुझे और भी बहुत कुछ देखना शायद बाकी था,वहां काजल रॉकी को अपना पति बनाकर वहां ले जाने वाली थी ,रॉकी को असलियत का कितना पता था ये तो मुझे नही पता पर मुझे क्या करना है ये मैंने लगभग ठान लिया था,टाइगर कितना खतरनाक है ये भी मुझे पता था पर वो डॉ का अच्छा दोस्त भी था,काजल क्या करेगी मुझे नही पता लेकिन मुझे उसका साया बनकर उसके साथ रहना होगा,ऐसे भी वो ड्रग्स मेरे कारण यहां आया है उससे होने वाले नुकसान का हिस्सेदार तो मैं भी हुआ, और इसमें मेरा साथ देगी मलीना,.......
मिश्रा ने काजल का उपयोग किया था और मैं मलीना का करूँगा ,मन तो नही मानता लेकिन इसके अलावा मेरे पास कोई और चारा भी तो नही था…..मलीना के स्तनों की कोमलता ने मुझे सोचने की शक्ति भी दी और थोड़ी ऊर्जा भी ,
“बाबू आप ठीक हो …”मलीना की मीठी आवाज मेरे कानो में पड़ी ,मेरे होठो में एक मुस्कान आ गई…
“अब तुझे भी चटवानी है क्या …”
मैंने मुस्कुराते हुए उसके चहरे को देखा वो हल्के से शरमाई ,
“चाटो ना लेकिन प्यार से “हम दोनो एक दूसरे के आंखों में देखने लगे और हमारे होठ मिल गए ………….
“सुनो ना जाकर उन्हें रंगे हाथ पकड़े क्या “
मलीना ने उत्सुकता से कहा,
“अरे नही जान उन्हें भी जीने दो और हम भी ऐस करते है,”
“फिर भी सुनो तो वो क्या कर रहे है”
“अरे अब सुनने को और क्या रखा है जान “
मलीना उठाकर मोबाइल को स्पीकर से लगा देती है,पूरे कमरे में उसकी आवाज गुज जाती है,मैं उसे बाहर इशारा करता हु वो आवाज थोड़ा कम कर मेरे पास आकर बैठ जाती है,
“आह आह आह चाट साले चाट इसे …”
मलीना के चहरे पर एक मुस्कुराहट थी ,
“ऐसे काजल है बहुत सेक्सी ,देखो उसकी आवाज से ही तुम्हारा भी खड़ा हो गया…”सचमे काजल की आवाज से ही मैं इतना उत्तेजित हो रहा था ,जैसे की मेरा जीन्स ही फट जाने वाला हो,मैंने मलीना को खिंच कर सीधे बिस्तर पर पटक दिया ,
“आउच क्या कर रहे हो “
“आज तो तेरा रेप ही कर दूंगा “
“हाहाहाहाहा अच्छा “वो जोर से हँसी लेकिन मैं उसके मुह को अपने हाथो से दबा दिया
‘आह आह आह मादरचोद साले चूस आह आह “
काजल की आवाज ने मुझे पागल बना दिया था
“तेरी माँ की “मैं मलीना पर ऐसे झपटा जैसे कोई शेर बकरी पर झपटता है,
“वो वो अरे उसका बदला मुझपर क्यो निकल रहे हो “
पर मैं कहा सुनने वाला था मैं उसेके कपड़े फाड़ने लगा
“निकाल रही हु ना बाबा “मलीना ने बड़ी मुश्किल से कहा ,
‘काजल सांस तो लेने दो ‘
‘भग मादरचोद ‘
‘रुको तो सही ,हो हो ‘मिश्रा की सांसे फिर से घुट गयी
मैं भी अपने कपड़े निकलने की जल्दी में था ,
“तू नही मैं निकलूंगा और निकलूंगा नही फडूंगा “मैं फिर से मलीना के कपड़ो को खिंचा
‘साले जब तेरी बेटी को कोई चोदेगा ना तब तुझे पता चलेगा...बहुत लड़कियों का शौक है ना तुझे ‘कजल की आवाज से मलीना का चहरा उतर गया ,लेकिन मैं उसे अपनी ओर खीचकर उसके होठो में अपने होठो को डाल दिया
‘ये क्या बोल रही हो,आह ‘मिश्रा कुछ बोलने को मुह ही उठाया होगा लेकिन काजल ने फिर से उसे दबा लिया
‘तू है ही इसी लायक ,तेरी बीवी तुझे छोड़ गई अब तेरी बेटी को तो मैं एक बड़े लंड से चुदवाउंगी ,सर क्या हटा रहा है मादरचोद चूस ,ऐसे रॉकी कैसा रहेगा हाहाहाहाहा’
काजल के इस अवतार से तो मैं भी डर गया ,और मलीना को देखने लगा उसकी आंखों में आंसू थे ,लेकिन मेरा भी तो खड़ा था,आंसुओ पर लंड भारी पड़ गया और मैं फिर से मलीना को सहलाते हुए उसे चुप करने लगा
“वो गुस्से में है जान इसलिए ऐसा बोल रही है ,”
“वो जो भी बोल रही हो पर क्या मेरे पापा नपुंसक है जो उसकी बात को यू ही सुन रहे है”
मैं कुछ जवाब देने की अपेक्षा उसके होठो में अपने होठो को सटा दिया लेकिन वो कुछ भी रिस्पॉन्स नही दी
“तुझे क्या चाहिये ,मैं तेरे साथ हु और तुझे कुछ भी नही होने दूंगा ,और मैं जहा तक काजल को जान पाया हु वो भी तुझे कुछ नही होने देगी इसलिए तेरे पापा भी कुछ नही कह रहे है,अब तो आजा नही तो फिर से सो जाएगा “
वो कुछ रिलेक्स हो कर मुझे देखी और मेरे होठो में अपने होठो को ले लिया,
‘अरे बाबू आपका तो खड़ा हो गया है ,पर इस वहम में ना रहना की मैं इसे अंदर डालने दूंगी ,तुम्हारी औकात बस इतनी है की तुम मेरी चाटो उससे ज्यादा नही ‘काजल की आवाज से मुझे एक अजीब सी खुसी महसूस हुई और मैं मलीना को दबोचकर उसके स्तनों को पीने लगा,
उधर काजल की आहे और इधर मलीना की दोनो ही मुझे पागल बना रही थी,और मैं बस मलीना को नंगा कर उसके ऊपर था,उसने मेरी लिंग को अपनी घाटियों में जाने दिया और जोरो से आहों की बरसात हो गई ….
“आह आहआह आहआह आहआह आह जान धीरे आह आह…”
“चाट साले आह आह चाट “
“बाबू धीरे आह आह आह “
“आह आह मादरचोद चाट …”
उधर काजल का अंत हुआ और उसकी सांसो की आवाज भी हमतक आ रही थी लेकिन इधर तो सिलसिला अभी शुरू ही हुआ था,.....
7 years ago#40
अध्याय 40
“मिश्रा मिश्रा साला बूढ़ा हो गया लेकिन समाज सेवा नही छोड़ेगा..और पता कैसे लगाएगा की वो ड्रग्स का चैन कैसे है …”
टाइगर थोड़ा चिंतित था,
“जैसे पहले किया था,एक लड़की को यहां प्लांट कर रहा है…”डॉ की आवाज आयी
“हा हा हा और हम चोदू है की किसी भी लड़की को यहां आने देंगे ..”
“पहले भी तो आने दिए थे “
टाइगर मुझे देखने लगा,
“तो तू क्या चाहता है ,की मैं उसे आने दु ,और सबूत इकट्ठे करने दू,ताकि मेरा इतना अच्छा धंधा चौपट हो जाय …”
“बिल्कुल “डॉ और मेरे होठो पर एक मुस्कान तैर गई लेकिन टाइगर को कुछ समझ नही आ रहा था,
“उसे आने दे लेकिन उसे ये बिल्कुल नही पता होगा की तुझे पता है,और उसे अपने मन की करने दे लेकिन उसके हाथ कोई भी सबूत नही लगेगा क्योकि तुझे पता होगा की वो कौन है,उसे अपना दिखावा करने दे और तू अपना खेल खेल…”
डॉ ने सफाई दी …
“हु मैं उसे उड़ा ही ना दु,उसे क्यो यहां अपने बीच रखकर खतरा मोल लूंगा “
“हा हा तुम्हारी औकात ही क्या है …”
टाइगर मुझे ऐसे देख रहा था जैसे की वो मुझे खा ही जाएगा
“सरकार के सामने तुम्हारी औकात कुछ भी नही है ,तुम्हे क्या लगता है की मिश्रा उस लड़की को ऐसे ही भेज देगा,तुम कोई आतंकवादी नही हो,ना ही किसी दूसरे देश में रह रहे हो,मिश्रा के एक फोन से पुलिस तुम्हारे बार में घुस जाएगी ये तुम्हे ही पता है ,तुम्हारे पास इतना ही पावर होता तो तुम ये काम यू छुप छुप कर नही करते...भले ही तुम्हारे जेब में कितने ही मंत्री और पुलिस वाले हो लेकिन हो तुम एक ड्रग्स डीलर ,जब ऊपर से प्रेशर पड़ेगा सभी तुम्हारा साथ छोड़ देंगे,लड़की को कुछ भी हुआ तो मिश्रा को सीधा बहाना मिल जाएगा यहां पुलिस भेजने का फिर क्या होगा तुम्हे पता है...क्या जवाब दोगे लोगो को की तुम इन बंद दरवाजो के पीछे क्या कराते हो..”
मैं आज फूल कॉन्फिडेंस में था,टाइगर का लंबा चौड़ा शरीर और उसकी वो लाल आंखे भी मुझे नही डरा पा रही थी...
“हम्म्म्म लेकिन इस इनफार्मेशन तुम्हारा क्या फायदा होने वाला है”टाइगर मुझे घूरने लगा
मेरे होठो में एक मुस्कान आ गई ,
“होटल आदित्य जानते हो ,*** शहर का नया होटल “
“हा जो अभी अभी शुरू हुआ है,”
“बिल्कुल सही मैं उसका 10 प्रतिशत का हिस्सेदार हु,मुझे 100 प्रतिशत का बनना है…”
मेरी आंखों में एक चमक आ गई जो टाइगर को भी दीखने लगी वो मुझे बड़े ही आश्चर्य से देख रहा था,
“लेकिन कैसे “
“वो बाद में बताऊंगा,तुम डील फाइनल करो ,मैं लड़की की पहचान बताऊंगा और बदले में तुम मुझे वो करने दोगे जो मुझे करना है,”
“ठीक है क्या करने वाले हो यार तुम “
“कुछ ज्यादा नही पहली चीज तो तुमसे दोस्ती,मुझे भी अपने होटल को बढ़ाना है,मुझे भी ड्रग्स और लड़की चाहिए…”
टाइगर के चहरे पर स्माइल आ गई
“डॉ जब पहली बार इसे यहां लाये थे तो साला बिल्कुल ही भोला था मुझे नही पता था की ये इतना कमीना होगा”
डॉ के चहरे पर एक मुस्कान आ गई ,
“साला नही बेटा सर बोल बाप बनने वाला हु मैं तेरा”
मैं एक हल्की मुस्कान के साथ टाइगर को देखा वो मेरे व्यवहार से हैरान था,और आंखे फाडे मुझे देखे जा रहा था,मैं के ऐसे ही रहने दिया और वहां से निकलने के लिए मुड़ गया ,साथ ही डॉ भी मेरे पीछे आने लगा…
गाड़ी एक ब्रिज के ऊपर खड़ी थी और मैं एक सिगरेट पीता हुआ नीचे बहते पानी को देख रहा था,तभी पीछे से डॉ का हाथ मेरे कंधे पर रखाया …
“डर तो नही लग रहा है .”
“भाई डर नही एक चिंता जरूर है ,पूरी जिंदगी अच्छे और सीधे साधे काम में बिता दिए,काजल को इतना इतना बड़ा धोखा दूंगा सोचा नही था,”
“वो जो तुझे सालो से धोखा दे रही है उसका क्या ,और तू जो भी कर रहा है उसके भले के लिए ही तो कर रहा है ना “
“ह्म्म्म “
“पर यार एक बात बोलू तू तो टाइगर की फाड़ ही दिया ,अच्छे अच्छे उसके सामने आकर मिमियाने लगते है और तू तो ऐसे बात कर रहा था जैसे की वो तेरे ऑफिस का चपरासी हो “
हम दोनो हँसने लगे
“साले मेरी कितनी फट रही थी मैं ही जानता हु,उसके मसल्स देखे है एक हाथ घुमा देता तो मैं देर ही हो जाता ,यार चुतिया एक बात तो है ,उसके पास बाजुओ की बहुत ताकत है और मैं एक साधारण सा इंसान मुझे भी उसके जैसे किसी आदमी की जरूरत पड़ेगी जो दिमाग और बाजुओं दोनो से ताकतवर हो …”
“अबे ऐसा आदमी तो ……...हा है ना लेकिन वो तेरे पचड़े में क्यो पड़ेंगे”
“यार ना पड़े लेकिन अगर कुछ मदद लगी तो कर सकते है “
“हम्म्म्म दो लोग है एक मेरा खासमखास दोस्त है वीर ठाकुर और उसका भाई बाली ठाकुर यहां उसका अच्छा खासा कारोबार है,लेकिन वो रहते गांव में है,और एक और आदमी है इकबाल भाई,गुंडा है बहुत बड़ा गुंडा लेकिन दिल का साफ है और ड्रग्स से नफरत करता है...बहुत नफरत,वो हमारी मदद कर सकता है.”
“तो संपर्क करो जब भी जरूरत पड़े तैयार रहे “
“बिल्कुल इकबाल तो हमारी मदद बिना किसी शर्त के करेगा,क्योकि टाइगर से कई जगहों पर उसका झगड़ा है,लेकिन ठाकुरो का पता नही वो ऐसे भी अपने ही परिवार की लड़ाई में बहुत उलझे हुए रहते है ,सबसे बड़े दुश्मन उनके तिवारी है ,पुस्तैनी दुश्मनी ...लेकिन फिर भी बात कर के देखता हु वो साथ आ गए तो टाइगर तुम्हारा कुछ भी नही उखाड़ पायेगा “
“यार क्या हम इस जहर को फैलाने से रोक पाएंगे ,”
“फैलाना तो शुरू हो गया है,सिर्फ टाइगर को रोकने से कुछ भी नही होगा और भी कई डीलर है ,और ये सिर्फ टाइगर के पास नही है कई लोगो तक अलग अलग माध्यम से ये पहुच चुका है,बात ये है की काजल और तू दोनो अब इस गेम में हो देखना है की कौन कितने शिकार करता है…”
मैं और डॉ एक दूजे को देखकर मुस्कुराने लगे…