8 years ago#41
मैं उस रात सोया नहीं था क्यूंकि मैं जानता था अंकल आएँगे और यही हुआ.
मैं अपने कमरे में था.
करीबन 2 घंटे बाद, मुझे मेरी मम्मी की पायल की आवाज़ आई.
मैं अपने दरवाज़े के पास गया और देखा, मेरी मम्मी दरवाज़े की तरफ जा रही हैं और 2 मिनट के अंदर, मैंने देखा अंकल अंदर आ गये थे.
अंकल ने, पैंट और शर्ट पहन रखा था.
मम्मी और अंकल, अंदर कमरे में चले गये.
बस उनसे एक ग़लती हो गई, मुझे सोया समझ मम्मी ने दरवाज़े लॉक करना ज़रूरी नहीं समझा.
जिसकी वजह से, मैंने आज सब देखा.
अंकल ने, मेरी मम्मी को पीछे से पकड़ रखा था.
उनके हाथ ने नाइटी के ऊपर से उनके पेट को पकड़ के रखा था और वो धीरे धीरे मेरी मम्मी के गले पर चूमते हुए, मेरी मम्मी से बातें कर रहे थे.
उन्होंने मेरी मम्मी से पूछा – प्रणव, सो गया..
मम्मी ने कहा – हाँ.. लेकिन, आप जल्दी करो.. वो देख ना ले..
अंकल ने कहा – तू डरती बहुत है.. क्या, मैं तेरे लिए कुछ नहीं लगता.. जी तो चाहता है, तेरे पिल्लै का गला दबा दूं..
मम्मी ने कहा – अगर आप, मेरे कुछ नहीं लगते तो आप यहाँ नहीं होते..
अंकल ने कहा – फिर हमेशा, ऐसा क्यों कहती है.. कुछ देर, निकल अपने अंदर से और मेरी हो जा..
मम्मी ने कहा – मैं आपकी ही हूँ.. आपको शक है क्या, मुझ पर..
अंकल ने कहा – मुझे तुझ पर शक नहीं है, मेरी जान.. मैं तेरा लोडू पति थोड़ी ही हूँ.. बस, मैं तुझे पूरी तरह से हासिल करना चाहता हूँ..
अंकल ने धीरे से, मेरी मम्मी को घुमा के अपनी तरफ कर दिया.
मम्मी ने कहा – मैं आपसे बहुत प्यार करती हूँ और आपके लिए, कुछ भी कर सकती हूँ..
अंकल ने कहा – सच..
मम्मी ने कहा – हाँ..
अंकल ने कहा – फिर, मुझे आज जो चाहिए मुझे मिलेगा..
मम्मी ने कहा – हाँ.. आप बोलिए, क्या चाहिए..
अंकल ने अपनी दोनों हथेली, मेरी मम्मी के चुत्तड़ पर रख के दबा दी.
मम्मी ने कहा – मुझे पीछे बहुत दर्द होता है.. छेद, बहुत छोटा है..
अंकल ने कहा – इसी लिए मैं कहता हूँ, मुझे करने दे.. पगली, तू तो औरत है.. तुझे नहीं पता, जब तक गाण्ड मरती नहीं उसमें गोलाई नहीं आती.. और देख, चूत तो औरत हर मर्द को दे देती है पर गाण्ड उसी से मरवाती है जो उसके लिए ख़ास हो.. औरत भले ही, बीस लंड से चुदि हो पर गाण्ड के छेद में अनुमन एक ही लंड जाता है.. तू ने ही तो कहा था, तूने आज तक गाण्ड अपने पति को भी नहीं मारने दी.. लेकिन तब भी तू नहीं करने देती है.. लेकिन, अगर तेरा मन नहीं है तो मैं नहीं करूँगा.. और अंकल ने अपना हाथ हटा लिया.
मम्मी ने उनके होंठ को चूमा और कहा – आप, मुझसे नाराज़ मत हुआ कीजिए.. मैं मना नहीं करूँगी.. आप सही कह रहे हैं.. और धीरे धीरे अंकल का होंठ चूमने लगीं.
अंकल भी मेरी मम्मी को कस के पकड़ के फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच करके मेरी मम्मी के होंठ का रस पीने लगे.
अब अंकल ने मेरी मम्मी को कमर से पकड़ के उठा लिया.
मेरी मम्मी के होंठ अंकल के होंठ में फँसे हुए थे.
अंकल धीरे धीरे बढ़ते हुए, मेरी मम्मी को उठा के दीवार के पास ले गये और मेरी मम्मी को नीचे उतार दिया और पीछे घुमा के खड़ा कर दिया.
मम्मी ने कहा – जल्दी कीजिएगा..
अंकल ने कहा – तुम डरो मत, मेरी रानी..
बस कुछ देर उसके बाद उन्होंने मेरी मम्मी की नाइटी की चैन खोल दी और मेरी मम्मी की पीठ चूमने लगे.
मेरी मम्मी ने ब्रा नहीं पहना था क्यूंकि उनकी ब्रा की पट्टी नहीं दिख रही थी.
अंकल मेरी मम्मी की पीठ अपनी जीभ से चाटने लगे और मेरी मम्मी ने अपने दोनों हथेली दीवार से चिपका लिए थे.
अंकल धीरे धीरे चूमते हुए घुटनों के बल ज़मीन पर बैठ गये और अपना हाथ मेरी मम्मी के कमर पर नाइटी के ऊपर से पकड़ लिया और पहले अपना नाक ले जाके मेरी मम्मी के गाण्ड के हिस्से को अपनी आँख बंद करके स्मेल किया और उसके बाद अपना नाक ऊपर से मेरी मम्मी के गाण्ड के छेद पर पास ले जाके चिपका दिया और स्मेल करने लगे.
मेरी मम्मी ने अपने होंठ अपने दाँत से दबाए हुए, धीमी आवाज़ में – आ आहह ह्म्म्म्म म ह्म्म्म्म म आ आहह.. की आवाज़ निकल रही थीं.
अंकल ने मेरी मम्मी को पूरी तरह अपने वश मे कर लिया था.
वो जैसा कहते थे मेरी मम्मी वैसा की करती थीं इसी लिए चुप चाप खड़ी अंकल का साथ दे रही थीं.
अंकल लगातार नाक ऊपर से गाण्ड की छेद में घुसा कर, मेरी मम्मी की गाण्ड सूंघ रहे थे.
8 years ago#42
अंकल ने धीरे से मेरी मम्मी की नाइटी नीचे से उठा के कमर तक कर दी और मेरी मम्मी से कहा – पकड़ इसे..
मम्मी ने वैसा ही किया.
मेरी मम्मी ने पैंटी नहीं पहन रखी थी और उनकी नंगी गाण्ड अंकल के सामने थी.
इसमें कोई शक नहीं की मम्मी की गाण्ड, ग़ज़ब की गोलाई लिए हुई थी.
अंकल ना जाने और कौन सी गोलाई की बात कर रहे थे.
अंकल ने अपनी हथेली से मेरी मम्मी के चुत्तड़ पर थप्पड़ मारे और मेरी मम्मी का चुत्तड़ हिल गया.
फिर, अंकल ने मम्मी के चुत्तड़ को दोनों हथेली से फैला दिया.
मेरी मम्मी का चुत्तड़ फैलते ही, उनकी गाण्ड का छेद दिखने लगा.
अंकल ने अपनी नाक मेरी मम्मी के गाण्ड के छेद पर रखा और सूंघने लगे और जीभ आगे निकाल के उनकी फुददी चाटने लगे.
मेरी मम्मी – आ आ आ आ आ आहह आ आहह ह्म्म्म्म ह्म्म्म्म म ह्म्म्म्म ह्म ह्म्म्म्म ह्म्म्म्म ह्म्म्म्म ह्म्म्म्म म आ आ अहह.. करने लगीं.
फिर, अंकल ने पूछा – एक बात बता महक.. तेरे पति ने कभी तेरी गाण्ड की महक ली है..
मम्मी – नहीं..
अंकल – कभी गाण्ड का छेद भी नहीं चाटा..
मम्मी – नहीं, कभी नहीं..
अंकल – मैं तो तेरे गाण्ड के छेद और उसकी स्मेल का दीवाना हूँ.. महक, तू जानती है, जिससे प्यार हो उसकी गाण्ड की महक भी प्रेमी को मदहोश कर देती है.. तू चाहे तो मैं तेरा बिना धुला छेद भी चाट चाट के साफ कर सकता हूँ..
मम्मी – छी: ऐसी बातें मत कीजिए.. मुझे घिन आती है..
अंकल – मुझे तो तेरी किसी चीज़ से घिन नहीं आती, महक.. सिर्फ़ प्यार आता है..
यहाँ मैं अब ये सोचने लगा की सच में अंकल को मम्मी से तगड़ा वाला प्यार हो गया है.
मैं खुद भी किसी का गाण्ड का छेद नहीं सूंघ सकता था.
बल्कि सोच के ही, मेरा जी खट्टा हो गया.
इधर, अंकल ने अब मम्मी की चुत्तड़ को खींच के और चौड़ा कर दिया.
मम्मी की गाण्ड का छेद और फैल के खुल गया.
अंकल ने जीभ उनकी गाण्ड के छेद मे घुसा दी और गोल गोल घुमाने लगे.
मम्मी से वासना बर्दाशत नहीं हो रही थी.
मम्मी ने कहा – अब बर्दाशत नहीं हो रहा है..
मुझे बड़ा अजीब लगा की गाण्ड का छेद चाटने से भी औरत को इतनी उत्तेजना होती है.
अंकल ने कहा – थोड़ी देर रुक जा, मेरी रानी.. तेरी गाण्ड की छेद पूरी तरह गीला करने दे.. फिर आराम से घुसेगा और दर्द नहीं होगा..
मम्मी ने कहा – होने दीजिए दर्द.. मैं चाहती हूँ मुझे दर्द हो.. ठीक वैसा ही जैसा मुझे मेरी चूत की झिल्ली फटने पर हुआ था.. मत रहम कीजिए, आज.. चोद डालिए मेरी गाण्ड मेरी कुँवारी चूत समझ कर.. वैसे भी आपने सच कहा, गाण्ड सच में औरत हर किसी को नहीं देती.. हक़ीकत तो ये है की हर औरत अपनी गाण्ड अपनी जिंदगी में एक ही मर्द को देती है.. बेशक, आप मेरे लिए बहुत ख़ास हैं पर बात ये भी है की आपके बाद किसी और मर्द का लंड मेरी गाण्ड में गया तो मुझे बबासिर हो जाएगा.. हर औरत ये बात जानती है.. एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को ये बात पता चलती रहती है.. दादी, नानी, माँ या बड़ी बहन से.. इसलिए औरत गाण्ड एक ही मर्द से मरवाती है.. और वो मर्द वोही होता है जो उसके लिए बेहद ख़ास हो..
अंकल बोले – महक, मुझे ये सब नहीं मालूम था.. पर मुझे बहुत अच्छा लगा की मैं तेरे लिए इतना ख़ास हूँ..
मम्मी – आप मेरे सरताज़ हो..
अंकल – महक, सच बात तो ये है की गाण्ड तो मेरी बीबी ने भी मुझे नहीं मारने दी.. एक दो बार बोल के मैने उससे बोलना छोड दिया.. तुझ पर अपना हक़ समझता हूँ इसलिए लगा रहता हूँ..
मम्मी – आपका मुझ पर और मेरी हर चीज़ पर पूरा हक़ है..
फिर अंकल ने जीभ डाल के कुछ देर मेरी मम्मी की गाण्ड चाटी.
उसके बाद वो खड़े हो गये.
अब मेरी मम्मी की भी नाइटी नीचे गिर गई.
अंकल ने अपनी पैंट खोल ली और अंडर वियर जांघों तक खिसका ली.
अंकल का लण्ड टन के खड़ा था.
मम्मी झुक के नीचे बैठ गई और अंकल का पूरा लण्ड अपने मुंह में ले लिया और चूसने लगीं.
मम्मी अपने हाथों से अंकल का लण्ड सहलाते हुए, अंकल का लण्ड फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच करके चूसने लगीं.
कुछ देर बाद अंकल ने कहा – चल, अब देर मत कर.. वो उठ जाएगा.. फिर तू मुझे जाने को कहेगी..
उसके बाद उन्होंने मेरी मम्मी का खंडा पकड़ के उठा दिया और उन्हें घुमा के मम्मी से कमर पीछे करने को कहा.
मम्मी ने बेंड होके चुत्तड़ पीछे कर दिया.
अंकल ने थोड़ा अपने हाथ पर थुका और मेरी मम्मी के गाण्ड के छेद पर लगाया.
8 years ago#43
मम्मी ने बेंड हो के चुत्तड़ पीछे कर दिया.
अंकल ने थोड़ा अपने हाथ पर थुका और मेरी मम्मी के गाण्ड के छेद पर लगाया.
मेरी मम्मी का चुत्तड़ हिल गया और आ आ आ आ आ अहह की चीख निकल पड़ी.
अंकल ने कहा – हो गया… चला गया, अंदर चला गया… अब नहीं होगा दर्द…
मैंने देखा, अंकल का आधा लण्ड मेरी मम्मी के गाण्ड के छेद में जा चुका था.
अंकल ने मम्मी से कहा, चुत्तड़ को फैलाने को.
मम्मी ने वैसा ही किया और दोनों हाथ पीछे करके, अपने चुत्तड़ को फैला दिया.
अब अंकल ने कमर पकड़ते हुए, धीरे धीरे अपना लण्ड मेरी मम्मी की गाण्ड के छेद के अंदर बाहर करने लगे.
मेरी मम्मी दबी आवाज़ में – आ आहह आ आहह आ आहह आ आहह माआ माआ माआ माआ माआ माआ माआ माआ… करने लगीं.
अंकल ने कहा – महक, मज़ा आ रहा है…
मम्मी ने कहा – हाँ…
अंकल ने कहा – बस अब, दर्द नहीं होगा… इस गाण्ड को पाने के लिए, मैंने बहुत जतन किए हैं… चूत तो बहुत औरत की देखी है लेकिन जो मज़ा तेरी गाण्ड मारने में मुझे आता है, उतना किसी में नहीं… मैं बहुत खुश हूँ महक की मैं वो खास मर्द हूँ, जो तेरी गाण्ड मार रहा है… और धीरे धीरे, वो मेरी मम्मी की गाण्ड मारने लगे.
मम्मी ने सिसकारियाँ भरते हुए कहा – एक बात बताइए, ऐसी कितनी औरतों की चूत देखी है, आपने…
अंकल ने कहा – एक शर्त पर… फिर तू भी बताएगी, तूने कितने लंड लिए हैं अपनी चूत में… एकदम सच सच… बोल मंजूर है…
मम्मी पूरी वासना में थीं, बोलीं – हाँ… एक मेरे पति का तो आपको मालूम ही है…
अंकल – चल भी, महक… मुझे कोई मतलब नहीं, तूने पहले क्या किया… ठीक है, पहले मैं बताता हूँ… मैंने 29 औरतों को चोदा है… तू 29 वी है…
मम्मी – बाप रे… इसमें से शादी के बाद कितनी हैं…
अंकल – 11… अब तू बता, मेरा लंड फटा जा रहा है, सुनने के लिए…
मम्मी – प्रणव के पापा और आपको मिला के 8…
अंकल ने बहुत ज़ोर की आँह भरी और बोले – सच में, मैं ब्यान नहीं कर सकता कितना मज़ा आया मुझे ये सुन कर…
अंकल ने अब झटके तेज़ कर दिए और मम्मी ने भी अपनी गाण्ड हिलाने की स्पीड बड़ा दी.
अब अंकल काँपती सी आवाज़ में बोले – मेरे सिवा, शादी के बाद तूने किसी का लिया… बता ना, महक… बहुत मज़ा आ रहा है…
मम्मी – हाँ… एक का लिया है…
अंकल – आ आ आ आ आ आ ह ह ह ह ह, महक… उफ्फ… कितना मज़ा आ रह है… तुझे भी…
मम्मी – हाँ… मुझसे तो सहन ही नहीं हो रहा… क्या, मैं कुछ पूछ सकती हूँ…
अंकल – हाँ महक… पूछ ना… पर ऐसा ही कुछ पूछना… सच बता रहा हूँ, पूरी जिंदगी में ऐसा मज़ा मुझे आज तक नहीं आया है…
मम्मी – सोच लीजिए… नाराज़ तो नहीं हो जाएँगें…
अंकल – बिल्कुल नहीं… जो तेरे जी में आए पूछ… कितना भी अश्लील क्यूँ ना हो…
मम्मी – आपने अपने रिश्ते में, किसी की चूत चोदि है… मेरा मतलब चाची, मामी, बुआ या किसी ब़हन की…
अंकल – आअ महक… आज तो तूने मेरा कत्ल करने की ठान ली है… तू तो जानती है महक, मेरी कोई बहन है नहीं पर हाँ मैंने अपने चाचा की लड़की को बहुत बार चोदा है और बुआ की ननंद को भी एक बार चोदा है… पर हाँ घर में किसी ऐसे को चोदा है, जिसके बारे में मैंने किसी को नहीं बताया…
मम्मी – आ आ आ आ आ आ आंह… बताइए ना, प्लीज़… किस को…
अंकल – बताता हूँ, पहले तू बता… तूने मेरे अलावा किस से और चुदवाया है, अपनी शादी के बाद…
मम्मी – नहीं… पहले आप…
अंकल तो बुरी तरह थरथरा रहे थे पर मम्मी का बदन भी काँप रहा था.
दोनों के सिर पर, वासना नंगा नाच दिखा रही थी.
मम्मी का एक हाथ दीवार पर था और एक से अपन चूत को ऐसे मसल रहीं थीं, जैसे उसमें आग लगी हो और वो उसे बुझाना चाह रही हों.
यहाँ मुझे भी उनकी बातें सुन के, आज गुस्से से ज़्यादा मज़ा आ रहा था.
अंकल बहुत बुरी तरह से मम्मी की गाण्ड चोद रहे थे और मम्मी हर झटके के जवाब में, उतनी ही बुरी तरह अंकल के लंड पर अपनी गाण्ड मार रहीं थीं.
उन्हें ये भी एहसास नहीं रहा था की मैं घर पर हूँ या आस पड़ोस में भी कोई रहता है.
उनकी सिसकारियाँ, साफ साफ सुनाई दे रहीं थीं.
असल में, आज मैं भी अपना लंड बाहर निकाल के मूठ मार रहा था.
अब अंकल बोले – बोल ना, महक… क्यूँ मज़ा खराब कर रही है… प्लीज़ बता ना…
मम्मी – एयीयैया आह आ माह आ… अपने भाई से… आहा हह… या या या…
अंकल – आह महक स स स स स स स स स स स स स… और बता ना… कैसे चुदवाया… आ आह स स स…
मम्मी – ईया यह आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ… नहीं, पहले अब आप…
अंकल – महक स स स स स… आह आ आ आ आ आ आ आ आ आ… कहते हुए मम्मी की गाण्ड में झड़ गये.
8 years ago#44
पर आज जो ख़ास था वो ये था की मम्मी पलटी और अपनी ही चूत में उंगली करके, बुरी तरह मसलने लगीं.
साफ दिख रहा था, मम्मी पर अभी भी वासना हावी है.
अपनी चूत में उंगली करते हुए, पीठ के सहारे दीवार से टिक कर दूसरे हाथ से मम्मी ने अंकल का लंड जकड़ लिया और ज़ोर से दबाते हुए बोलीं – मुझसे आज कंट्रोल नहीं हो रहा है… और ये कहते ही, मेरी मम्मी की चूत से उनकी मूत की एक बहुत जोरदार धार निकली जो सीधे अंकल के लंड पर गिरने लगी.
मैंने देखा, मम्मी की मूत गिरते ही अंकल का लंड हिचकोले खाने लगा.
अंकल अपने लंड को, मम्मी की मूत से नहला रहे थे.
सिर्फ़ कुछ पलों में, उनका हथियार फिर तैयार था.
इधर मम्मी को मूतता देख, मेरे लंड ने पिचकारी छोड़ दी थी.
पहली बार, हम तीनों हाँफ रहे थे.
अंकल – महक, आज का दिन मेरी जिंदगी का सबसे बेहतरीन दिन है… चल अब अधूरा काम पूरा करते हैं… और ये कहते हुए, उन्होंने मम्मी को फिर से झटके से पलट दिया.
मम्मी – मुझे भी ऐसा मज़ा, आज तक किसी के साथ किसी चुदाई में नहीं आया…
अंकल ने इस बार, बिना किसी चेतावनी के मेरी मम्मी का गाण्ड का छेद सूँघें या चाटे बिना, अपना लंड एक झटके में पूरा मम्मी की गाण्ड में उतार दिया.
मम्मी चिल्ला पड़ीं – मादर चोद स स स स स स स स स स…
मम्मी की गाण्ड, अब दुबारा चुद रही थी.
और कुछ ही पल में, मम्मी भी अंकल का पूरा साथ दे रहीं थीं.
अंकल – महक…
मम्मी ने काँपती ज़ुबान में कहा – हाँ…
अंकल – तुझे एक बात कहूँ…
मम्मी ने कहा – कहिए ना… प्लीज़ जल्दी…
अंकल – जब तू पहली बार मेरे ऑफीस में आई थी, फ्लैट लेने याद है…
मम्मी ने कहा – हा आ आन्ं याद है…
अंकल – तब तेरी मटकती गाण्ड को देख, मैं पागल हो गया था… उसी दिन, मैंने तय कर लिया था तेरी पैंटी एक दिन फाड़ के रहूँगा… अब तू मेरी है हमेशा के लिए… और ठप ठप ठप ठप ठप ठप करके, मेरी मम्मी की गाण्ड ज़ोर ज़ोर से मारने लगे.
मम्मी – अरे, माँ चुदाने दीजिए उस सब को… आप बताइए, आपने किस को चोदा था…
मेरी मम्मी लगातार – आ आ आ अहह आ आ आ आहह… की सिसकारियाँ लेते हुए, अंकल का साथ दे रही थीं.
अंकल – महक स स स स स स… नहीं स स स स स…
मम्मी – बताइए ना, प्लीज़ ज ज ज… मैंने भी तो अपने भाई से अपनी हरामखोर चूत मरवाई थी… इससे ज़्यादा कमीनापन और क्या किया है आपने… प्लीज़ बताइए… मुझे कंट्रोल नहीं हो रहा…
अंकल – महक स स स… मैंने अपनी पहली चुदाई 14 साल की उम्र में की थी…
मम्मी – किसके साथ… बता ना बहन चोद ह हह…
अंकल – अपनी मां के साथ… आ आ आ आ आ आ आ आ आ…
मम्मी ने बहुत ज़ोर की अँह भरी और पहली बार अंकल, लगभग 2 मिनट में ही झड़ गये.
उसके बाद, उन्होंने अपना लण्ड बाहर निकाल लिया.
अंकल का लण्ड पूरा गीला था और मेरी मम्मी की जांघें उनके रस और मूत से चमक मार रही थीं.
अंकल ने खींच के, एक थप्पड़ मेरी मम्मी के चुत्तड़ पर जड़ दिया.
मेरी मम्मी का चुत्तड़ हिल गया और मम्मी के मुंह से आ आहह की आवाज़ निकली.
उसके बाद अंकल ने कहा – जानू, मज़ा आया…
मम्मी ने हाँ की आवाज़ मे अंकल का जवाब दिया.
अंकल ने दूसरे हाथ से बाएँ चुत्तड़ पर भी जोरदार थप्पड़ जड़ दिया.
मेरी मम्मी की चुत्तड़ थरथरा के हिल गई.
साफ दिख रहा था की मम्मी अब तक शांत नहीं हुई हैं.
मम्मी – उफ्फ… खड़ा करिए ना दुबारा, प्लीज़…
मम्मी ने अब अंकल का लंड हाथ में लिया एक दो बार उपर नीचे किया फिर अपनी गाण्ड मे गया लंड, अपने मुँह में ले लिया और लोलीपोप की तरह चूसने लगीं.
2-5 मिनिट में ही, अंकल तीसरी बार तैयार थे.
मज़े के बात ये थी की आज अंकल मम्मी को नहीं संभाल पा रहे थे.
लग रहा था, अंकल नहीं मेरी मम्मी उनकी गाण्ड फाड़ रही हैं.
लेकिन ये बात तो थी की अंकल बहुत जल्दी तैयार हो जाते थे.
उनका लंड तीसरी बार खेल के लिए तैयार था.
यहाँ अब मुझे कुछ कुछ होश आने लगा और मैं फिर से अपनी सोच में जा चुका था.
अंकल तो ठीक, मामा ने भी मम्मी को चोदा था.
उफ्फ!! मेरे दिल की धड़कन फिर से बढ़ गई थी.
अंकल, उन्होंने तो अपनी ही मां को चोदा था.
खैर, यहाँ अब मम्मी की गाण्ड तीसरी बार फटने के लिए तैयार थी और ना जाने वक़्त की काली परछाई में छुपे कितने राज़ बाहर आने को.
8 years ago#45
अंकल ने अब, मेरी मम्मी को ज़मीन पर घुटनों के बल बिठा दिया और फिर से कमर पकड़ कर पीछे आकर अपना लण्ड, मेरी मम्मी की गाण्ड के छेद मे डाल दिया और कस के धक्का मारा.
मेरी मम्मी के मुंह से – आ आ आ आ आ आहह माह स स स स स… निकल गया.
मैंने देखा, अंकल का पूरा लण्ड इस बार मेरी मम्मी के गाण्ड के छेद मे समा गया था.
मम्मी ने कहा – धीरे… दर्द हो रहा है…
अंकल ने कहा – महक, मैं तो इतना ज़्यादा उत्तेजित हूँ की दर्द का पता ही नहीं है… और उसके बाद, उन्होंने अपना लण्ड बाहर निकाल के फिर से मेरी मम्मी की गाण्ड मे घुसा दिया और ज़ोर ज़ोर से मेरी मम्मी की गाण्ड मारने लगे – ठप ठप ठप ठप ठप की और मेरी मम्मी की आ आ अहह आ आहह आ आहह माआ माआ माआ माआ माआ ओईइ माआ ओईइ माआ अ ओफ़फ्फ़ ओफ फफ्फ़ ओफ फफ्फ़ ओफ फफ्फ़… की आवाज़, कमरे मे गूंजने लगी.
अंकल अपने हाथ से मेरी मम्मी की कमर को पकड़े हुए थे और लगातार, मेरी मम्मी की गाण्ड मारे जा रहे थे.
अंकल ने कहा – आ आ अहह महक… मज़ा आ गया… तेरी गाण्ड मे बहुत मज़ा है, मेरी रानी… उससे ज़्यादा मज़ा तो मुझे तेरी बातों में आ गया…
मम्मी – तो रुक क्यूँ गये… करिए ना बातें… बताइए ना, कैसे चोदा था आपने अपनी मां को…
अंकल – ओह महक… ना जाने ऐसी बातों से मुझे क्या हो जाता है… सुन… जब मैं 18 साल का था तो मेरा लण्ड बहुत मचलने लगा था… मैं छुप छुप के अपनी मम्मी को कपड़े बदलते और नहाते देखता था… कभी कभी उनकी पैंटी में मूठ भी मार देता था…
मम्मी – अन्ह… मुझसे तो आज कंट्रोल ही नहीं रखा जा रहा… आगे बताइए ना…
अंकल – एक बार, मेरे कमरे में सफाई करने पर मेरी मम्मी को उनकी 6 7 पैंटी, मेरे कमरे में छुपी हुई मिल गई…
मम्मी – आन्ह माह स स स स स स स आअ… फिर…
अंकल – उन्होंने तब कुछ नहीं बोला… फिर एक दिन, जब वो कहीं से वापस आ कर कपड़े बदल रहीं थीं और मैं “की होल” से देख रहा था… तब उन्होंने एकदम से दरवाजा खोल दिया…
मम्मी – उफ्फ उःमह… नंगी थी…
अंकल – नहीं… ब्रा और पैंटी में… तेरी ही तरह, वो भी छोटी छोटी पैंटी पहनती थीं…
मम्मी – मादर चोद… पैंटी का साइज़ मत बताओ… ये बताओ, फिर क्या हुआ…
अंकल – उन्होंने मुझे अंदर बुलाया और दरवाजा बंद कर लिया… उस वक़्त भी जब वो आगे चल रहीं थीं, उनकी गोरी गाण्ड उनकी पैंटी से सॉफ दिख रही थी और बुरी तरह डरे होने के बाबजूद, मेरा लण्ड उनकी मस्त चिकनी गाण्ड को सलामी देने लगा…
मम्मी (अपने दाँत से अपने होंठ काटते हुए) – इयाः फिर ह स स स स स…
अंकल – वो बिस्तर पर बैठीं और मुझसे पूछा “क्या हो रहा था ये… ??” मेरे मुँह से आवाज़ ही नहीं निकल रही थी… फिर वो बोलीं – “शरम नहीं आती, अपनी मां को कपड़े बदलते देखता है और मेरी पैंटी क्या कर रहीं थीं, तेरे कमरे में बता… ??” मैं तब भी कुछ नहीं बोला…
मम्मी – हाँ… फिर… बहुत मज़ा आ रहा है… चोदा कैसे… ??
अंकल – फिर मम्मी ने मुझे पास बुलाया और साइड में बैठाया और बोलीं – “देख बेटा, मैं समझती हूँ इस उम्र में ये सब होता है पर अपनी मम्मी को ऐसा देखना ठीक है क्या…” मेरे बैठने से लोवर में मेरे लण्ड का उभार सॉफ दिखने लगा था… मम्मी ने उस तरफ देखा और बोला – “निकालो इसे बाहर, मैं तुम्हें बताती हूँ इससे कैसे काबू में रखा जाता है…”
मम्मी – आ आ आ आ आ आ आ आ हह… निकाला आपने… इयाः माह… मर ना जाऊं, कहीं मैं आज…
बातें करने के साथ साथ, अंकल अपनी पूरी मर्दाना ताक़त से मेरी मम्मी के गाण्ड के छेद को मार रहे थे.
उनकी कमर, आगे पीछे ज़ोर ज़ोर से हो रही थी.
मम्मी तो ऐसे मचल रहीं थीं जैसे किसी ने उनके कपड़ों के अंदर आइस क्यूब्स डाल दिए हो…
मज़े की बात ये थी, यहाँ मेरा लण्ड भी अंकल की बातें सुन के फिर से बुरी तरह हिचकोले मार रहा था.
अपनी उलझन भरी जिंदगी में पहली बार, मुझे कुछ मज़ा आ रहा था या एहसास हो रहा था की मज़ा क्या होता है.
मम्मी और अंकल की बातें चालू थीं.
अब अंकल ने आगे बताना चालू किया.
8 years ago#46
अंकल – मैं सुन्न हो चुका था और मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था की क्या हो रहा है पर मेरा लण्ड, अभी भी मेरी मम्मी की खूबसूरती को सलामी दे रहा था… जब मैंने कोई जवाब नहीं दिया तो मम्मी ने कहा – “क्या हुआ, अब शरम आ रही है… ??” और मम्मी ने मेरा हाथ पकड़ के मुझे खड़ा किया और झटके में मेरा लोवर नीचे खींच दिया… मेरा लण्ड पहली बार किसी के सामने नंगा था और वो भी मेरी माँ के सामने… मुझे समझ नहीं आ रहा था मैं अंदर ही अंदर डर रहा था पर बाहर मेरा लण्ड उत्तेजना में अपने आप ऊपर नीचे हो रहा था… मेरी मम्मी कुछ देर उसे देखती रहीं फिर बोलीं – “ग़लती तेरी नहीं, बेटा… इस उम्र में खुद पर काबू रखना होता ही बहुत मुश्किल है… चल मैं तुझे सिखाती हूँ, लण्ड पर काबू कैसे किया जाता है…” मेरी मम्मी, मेरे सामने बिस्तर पर बैठी थीं और मैं उनके ठीक सामने खड़ा था… उन्होंने मेरा लण्ड अपने हाथ में पकड़ लिया और जैसे ही उन्होंने ऐसा किया मेरे मुँह से बहुत ज़ोर की आँह निकल गई…
यहाँ मम्मी भी बहुत ज़ोर से चीख पड़ी और चूत मसलते मसलते और अंकल का लण्ड, गाण्ड मे होने पर भी मूतने लगीं.
अंकल – ओह महक, तेरी मूत कितनी गरम है… आज मेरा मन कर रहा है…
मम्मी – क्या… बताइए ना…
अंकल – इसे पी जाऊं…
मम्मी – आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ माह माह इयाः ह ह ह ह ह ह ह ह ह ह ह ह… अब मुझसे सहन नहीं हो रहा है…
अंकल – मुझ से भी महक… आ ह आह आह आह आह आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ…
मम्मी – अब आगे बताइए ना… प्लीज़… आह उफ़ ओफ्फ आ ह स स स…
अंकल – मेरी मम्मी धीरे धीरे मेरे लण्ड को सहलाने लगीं और बोली – “देख जब भी ये तेरे काबू से बाहर हो जाए तो इसे इस तरह प्यार से सहलाया कर…” और ये बोल के वो थोड़ा सा मेरे करीब आ गईं और फिर बोलीं “और मन में सोचा कर की तू अपनी पसंद की लड़की को नंगा कर रहा है… बता, कौन पसंद है तुझे… किसे नंगा देखने का सबसे ज़्यादा मन है तुझे…”
मम्मी – आ आ आ आ… तो क्या कहा आपने… ??
अंकल – मैंने कहा – आपको… ?? ये सुनते ही, मम्मी ने थोड़ा ज़ोर से मेरा लण्ड दबा दिया और मेरी पिचकारी छूट पड़ी और मम्मी के सामने बैठे और करीब होने की वजह से सीधे उनके दूध पर जा गिरी… मेरा इतना मूठ निकला, जितना दो बार में भी नहीं निकलता था…
अंकल पिछले लगभग आधे घंटे से, मम्मी की गाण्ड चोद रहे थे और अभी भी झटकों में कमी नहीं आई थी.
शायद, ये तीसरी बार था इसलिए.
मेरा लण्ड, यहाँ जवाब देने की कगार पर ही था.
मैं कभी भी आ सकता था और मम्मी तो दो बार अंकल के लण्ड पर मूत तक चुकी थीं.
वासना का रंग, पूरे घर में छाया हुआ था.
अंकल थोड़ा रुके फिर शायद थकान के कारण, मम्मी के ऊपर लेट गये और धीरे धीरे धक्के मारने लगे.
मेरी मम्मी बोलीं – यहाँ मेरी चूत की कितनी बार मां चुद चुकी पर ना जाने आप, अपनी मम्मी को कब चोद पायोगे… अब बताओ ना आगे…
अंकल बोले – महक, सच कहूँ तो आज तूने मेरी मां चोद के रख दी… चूस ही लिया, तूने तो मुझे आज… थोड़ा आराम तो करने दे…
मम्मी बोलीं – ऐसे ही मेरी गाण्ड में डाल के लेटे रहिए पर आगे तो बताइए…
अंकल – सच कहते हैं, लोग… औरत की आग बुझाना, एक मर्द के बस की बात नहीं… चल सब बताता हूँ पर याद है ना, तुझे भी तेरे भाई के साथ की चुदाई मुझे बतानी है… मैं तो ये सोच रहा हूँ, जब बताने में इतना मज़ा आ रहा है तो सुनने में ना जाने क्या होगा…
मम्मी – मैंने कब मना किया है… मैं तो आज सारी बंदिशे तोड़ने को तैयार हूँ… पर अभी तो मुझे मज़ा ले लेने दीजिए… आज जैसा दिन, मेरी जिंदगी में कभी नहीं आया… मन कर रहा है, बस ऐसे ही चुदती रहूं हमेशा…
अंकल – सच महक… आज जैसा मज़ा तो मुझे भी कभी नहीं आया… असल में मुझे तो लगता है शायद ही किसी और मर्द और औरत को कभी आया हो… ना जाने ऐसा कौन होगा, जो हमारी तरह पूरी बेशर्मी पर उतर आया हो…
मम्मी (ज़ोर से, हंसते हुए) – मुझे तो लगता है, चुदाई जितनी लीचड़ हो उतना ही मज़ा आ आता है… अब तड़पाइये मत और आगे की बात बताइए… नहीं तो मेरी चुदाई के बारे में सुनने की तमन्ना छोड़ दीजिएगा…
अंकल – अरे नाराज़ मत हो, मेरी रानी… चल सुन, फिर मम्मी हँसने लगीं और बोलीं – “जा नहा धो ले… आराम कर… तेरे डैडी के आने में बहुत टाइम है… मैं भी कुछ देर सोती हूँ फिर तेरे कमरे में आ कर तुझे आगे सिखाती हूँ…” मुझे अपने ऊपर बहुत गुस्सा आ रहा था… पर क्या करूँ, पहली बार मेरे लण्ड पर किसी औरत ने हाथ रखा था… वो भी मेरी मां ने तो कंट्रोल ही नहीं हुआ… खैर, मैं अपने कमरे में गया और नहा धो कर जो हुआ सोचने लगा… मुझे बार बार मम्मी ब्रा पेन्टी में ही दिख रहीं थीं और मेरा लण्ड हिचकोले मार रहा था… मैं जानता था, मम्मी मुझे मूठ मारना सीखा रही थीं पर मैं सोच रहा था की क्या मैं मम्मी को नंगी देख सकूँगा… ये सोचते सोचते, मैं नंगा ही सो गया… कुछ देर बाद, मेरी मम्मी की आवाज़ से मेरी आँख खुली… मेरी मम्मी, दरवाज़ा बंद करके अंदर आ रही थीं…
8 years ago#47
प्रणव की मम्मी – आन्ह… अब गाण्ड से निकाल कर, चूत में डालिए ना…
अंकल उठे और मम्मी को पलट के उनके ऊपर लेट गये.
मैं समझ गया, उनका लण्ड मेरी मम्मी की चूत में था.
प्रणव की मम्मी – अब ऐसे ही लेटे रहिए और आगे बताइए…
अंकल – मम्मी, मेरे पास आ कर बैठ गईं और मेरा लण्ड देखते हुए बोलीं – “अब तक बिचारा सोया ही नहीं या अभी अभी उठा है…” अब तक मेरा डर कुछ कम हो गया था तो मैं बोला – अभी सोया ही नहीं… मम्मी बोलीं – “चल कोई बात नहीं, मैं इसे आराम करना सीखा दूँगी… तो कहाँ थे हम…” मैं – वो.. वो.. आप बता रही थीं की इससे प्यार से सहलाना चाहिए… मम्मी बोलीं – “हाँ, किसी लड़की के बार में सोचते हुए… जो बहुत खूबसूरत हो… चल इस बार, अपने आप इसे धीरे धीरे सहलाना चालू कर और उसके बारे में सोच जिसे तू नंगा देखना चाहता है… बता किसे नंगा देखना चाहता है…” मैं जानता था की मम्मी, पिछली बार सुन चुकीं थीं की मैंने उनका नाम लिया था पर वो मुझसे फिर से पूछ रही थीं… मैंने कहा – मम्मी, मैं ऐसी किसी लड़की को जानता ही नहीं… आप ही ने तो मुझे बॉयज़ होस्टेल में रखा… सच तो ये है, मैंने आपके सिवा किसी और खूबसूरत लड़की को देखा ही नहीं… ये कुछ हद तक सही भी था… उस वक़्त, मुझे अपनी मम्मी ही सबसे ज़्यादा कामुक और खूबसूरत लगती थीं… वो बहुत गोरी और चिकनी थीं, तेरी तरह एकदम… उनके दूध बड़े बड़े थे और उनके चलने पर जब उनकी गाण्ड मटकती थी, शायद उसी से मेरे लण्ड ने खड़ा होना सीखा था…
प्रणव की मम्मी – उफ़… कितनी बड़ी थी, उनकी गाण्ड… बताइए ना…
अंकल – बिल्कुल तेरे जैसी… दूध तेरे से थोड़े बड़े थे…
प्रणव की मम्मी – उन्मह… आह…
अब अंकल थोड़ा ज़ोर से हिलाने लगे थे पर मम्मी ने उन्हें रोका और बोला – नहीं… चोदिये मत… बस, ऐसे डाल के लेटे रहिए और ऐसे ही बात कीजिए…
अंकल – हाँ महक… मुझे भी ऐसे बहुत मज़ा आ रहा है… तेरी चूत ने आज मेरे लण्ड को भींच लिया है और तेरा पानी लगातार मेरे लण्ड पर बह रहा है, जानू…
प्रणव की मम्मी – आपका लण्ड भी आज मुझे, रोज़ से मोटा महसूस हो रहा है… अब बताइए ना आगे…
अंकल – मम्मी अब हँसने लगीं और बोलीं – “वाह बेटा!! तो तू अपनी मां को ही नंगा देखना चाहता है…” मैंने आँखें नीची कर लीं पर फिर मम्मी मेरा चेहरा ऊपर करते हुए बोलीं – “अरे मेरे बच्चे… कोई बात नहीं… हक़ीक़त में लगभग सभी लड़के पहली फैंटेसी अपने घर की किसी औरत की करते हैं… मां, बड़ी बहन, चाची, ताई या ऐसा ही कुछ… ऐसा होना प्राकृतिक है क्यूंकी पहली भावना, ऐसी ही किसी औरत के लिए आती जिसे लड़के रोज़ देखते हैं… इसमें तेरा कोई दोष नहीं… लगभग हर लड़के का पहला वीर्य जो परिवार में रहता है, वो उसकी परिवार की ही किसी औरत के नाम निकलता है…” मैं अब थोड़ा नॉर्मल हो गया…
प्रणव की मम्मी – उन्म: क्या ये सच है… ?? आ ह म्मह…
अंकल (हंसते हुए) – मेरे हिसाब से तो सच है… तेरा पिल्ला भी तेरे बारे में सोच कर ही, मूठ मारता होगा…
मुझे लगा मम्मी अब कुछ नाराज़ हो जाएँगी और आज की शानदार रात, यहीं ख़तम हो जाएगी.
जो मम्मी ने बोला उसे सुनकर मुझे पूरा यकीन हो गया की वासना से बड़ा नशा कोई नहीं.
प्रणव की मम्मी – सच में… क्या सोचता होगा… उन्म आ आ आ ह ह ह ह ह…
मैंने देखा, दोनों के बदन में फिर से हरकत आ गई थी.
अंकल – ये तो मैं नहीं कह सकता… पर क्या उसने तुझे नंगा देखा होगा…
प्रणव की मम्मी – आ ह माह मेरी उफ़… मुझे मज़ा क्यूँ आ रहा है… इयाः आ आ आ आ…
अंकल – बता ना महक… देखा होगा की नहीं…
मम्मी – आह इयाः आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ… मेरे सामने तो नही स स स देखा आ आ आ ह ह ह… पर एक ही घर में रह के कभी ना कभी, उफ्फ… कुछ तो देखा ही होगा…
अंकल – हाँ यार… ये तो हो सकता है… क्या देखा होगा, मम्मे या गाण्ड…
मम्मी – उन्म… ये वाली बात, अगली बार के लिए रखिए ना… अभी बताइए ना, आगे क्या हुआ… आह म्ह आ आ आअ…
अंकल – जैसा मैंने बताया था मैं अब तक नॉर्मल हो गया था… मम्मी बोलीं – “चल अब, बेजिझक मुझे बता मुझे कैसे देखना चाहता है…” मैंने कहा – ब्रा पैंटी में… मम्मी हंस के बोलीं – “बस…” मैंने कहा – हाँ मम्मी, मैंने कभी किसी औरत को नंगी नहीं देखा, सिर्फ़ आपको ब्रा पैंटी में ही देखा है…. इसलिए इससे ज़्यादा मैं सोच ही नहीं पाता… मम्मी अब बोली – “ठीक है चल, पहले ब्रा पैंटी में ही सोच… कौन से कलर की ब्रा पैंटी में देखना चाहता है, मुझे… ??” मैंने बताया – लाल… तो मम्मी बोलीं – “सोच, तू मेरा गाउन उतार रहा है और मैं लाल रंग की ब्रा पैंटी पहनी हूँ और अपना लंड हिला…”
मम्मी लगातार, ज़ोर ज़ोर से सिसकारियाँ भर रही थीं.
8 years ago#48
चुदाई लगातार चल रही थी और ऐसा लग रहा था, रात भर चलती ही रहेगी.
अंकल ने आगे बताया – फिर, मैं आँखें बंद करके सोचने लगा की मैं मम्मी का गाउन उतार रहा हूँ… मुझे पता था मम्मी मुझे एकटक देख रहीं थीं… 1 2 मिनट बाद मम्मी बोलीं – “देख लिया, मुझे लाल ब्रा पैंटी में… कैसी लग रही हूँ…” मैंने बताया – हाँ, मम्मी… अब मम्मी बोलीं – “बता पहले क्या देखेगा मेरे मम्मे या गाण्ड… ??” मैं – दूध… अब मम्मी ने बोला – “मम्मे पर निप्पल होते हैं, तुझे पता है… बड़े, छोटे, भूरे, काले या गुलाबी रंग के… बच्चा होने के बाद निप्पल थोड़े से बड़े हो जाते हैं… अब तू ये बता मेरे मम्मे कैसे होंगें…”
प्रणव की मम्मी – उनमह… कैसे थे… ??
अंकल – मैंने कहा – गुलाबी… मम्मी हँसने लगीं – “ठीक है, अब सोच तूने मेरी ब्रा उतार दी है और मेरे नंगे मम्मे देख रहा है…” अब मैं नॉर्मल था और मेरा हरामी दिमाग़, चलने लगा था… मैंने मम्मी से कहा – मम्मी, जब मैंने कभी देखे ही नहीं तो सोचूँ कैसे… मम्मी हँसने लगीं और बोलीं – “शैतान कहीं के… चल तेरी मदद करने के लिए मैं एक बार दिखा देती हूँ…” मम्मी खड़ी हुई अपना गाउन उतार दिया और पीछे मूड गईं… फिर मेरे से बोलीं – “ले खोल, मेरी ब्रा का हुक…”
प्रणव की मम्मी – कौन से रंग की ब्रा थी… ??
अंकल – काली थी, यार… मैंने उठ के फ़ौरन उनकी ब्रा का हुक खोल दिया… लेकिन, उन्होंने ब्रा पकड़ रखी थी…
प्रणव की मम्मी – फिर… ?? इयाः उन्ह्म…
अंकल – मम्मी ने अब मुझे इशारे से बैठने के लिए कहा… मैं पहले जैसे, बिस्तर पर टिक कर बैठ गया… मम्मी भी पहले की तरह, मेरे साइड में बैठ गईं… अब उन्होंने एक हाथ से अपने दूध के ऊपर, ब्रा को पकड़ा और दूसरे हाथ से अपनी ब्रा की स्ट्रीप नीचे की और धीरे धीरे, अपनी ब्रा उतार दी… मेरी मां के नंगे मम्मे, मेरे सामने थे…
प्रणव की मम्मी – आँह माह आ आअ आ आ आअ स स स स स… अब मुझसे नहीं रहा जा रहा… इयाः कैसे थे निप्पल… बता ना, मादर चोद…
मेरी मम्मी ने अब अंकल की गाण्ड पकड़ ली थी और उनसे अपनी चूत चुद्वा रहीं थीं.
नीचे से भी मम्मी, अपनी गाण्ड हिला हिला कर अंकल के लंड पर अपनी चूत मार रहीं थीं.
अंकल – आ आ आ आ आ आ, महक… मैं आने वाला हूँ स स स स स…
मम्मी – माँ चोद दूँगी, तेरी मां के लौड़े… अभी निकाला तो… भोसड़ी वाले, पहले, मेरी आग ठंडी कर…
अंकल – माँ की लौड़ी, छीनाल… औरत है कहाँ तू… तू तो छीनाल की भी माँ है… साली रंडी… आ आ आ आअ...
मम्मी – हाँ हूँ मैं, छीनाल… तू कौन सा दलाल से काम है… मादर चोद… अब चोद, मेरी चुदक्कड़ चूत, भडुए…
अंकल – आ आ आहह… बहन की लौड़ी, तू भी तो अपने भाई का लंड खा के बैठी है रंडी… साली, सड़क की कुतिया… तेरी आग बुझाने के लिए, एक नहीं मर्दों की जमात चाहिए, छीनाल…
मम्मी – तो ला मर्दों की जमात और बुझा मेरी प्यासी चूत की आग… इयाः माह आ आ आ आ आ आ आअ आअ…
साफ समझ में आ रहा था, चुदाई अपनी सारी सीमा तोड़ चुकी थी.
अंकल भड़ाभड़ धक्के लगा रहे थे और मम्मी तो जैसे उन्हें अपने अंदर समा लेने चाहती थीं.
अंकल – महक, बहन की लौड़ी… कुछ तो बता दे तू भी… कैसे लिया, अपने भाई का लंड… अपने पिल्ले को ऐसे ही सुलाया था का… कुछ तो बोल छीनाल… तेरी मां की चूत ह ह ह स स स स स…
मम्मी – तू पिल्ले की बात कर रहा है… मेरी चुड़क्कड़ चूत ने तो उससे मेरे पति के रहते हुए, चुदवाया था… इयाः स स स स स…
अंकल – आ आ आ आ आ आ महक… तू तो सच में, बहुत ही बड़ी छीनाल है… दोनों ने साथ में चोदा था… बता ना, बहन की लौड़ी…
मम्मी – आ आ आअ इयाः ह ह स स माह उनमह… भोसड़ी वाले… मेरा पति दूसरे कमरे में सो रहा था और मेरा भाई, मुझे टाँगें उठा उठा के चोद रहा था… उफ़ माह… मर गई मैं… आह बहन चोद… और ज़ोर से… देखी है, मुझ से बड़ी छीनाल तूने कहीं…
अंकल के झटके तूफ़ानी रफ़्तार पकड़ चुके थे और मम्मी के नाख़ून, पूरे अंकल की गाण्ड में थे.
अंकल बहुत ज़ोर से चिल्लाये और कहा – इयाः माह… मेरी मां की लौड़ी… छीनाल नहीं तू तो उसकी अम्मा है, महक… मज़ा आ गया… आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ… और अंकल झड़ गये.
मम्मी की आग, अब भी शांत नहीं हुई थी और उन्होंने झटके से अंकल को धक्का दिया और उनके ऊपर चढ़ कर बैठ गईं.
मम्मी अंकल के चेहरे के ऊपर बैठ गईं और एक ही पल में, उनकी चूत से मूत की धार निकल पड़ी.
मम्मी ने अंकल के बाल पकड़ लिए और उनकी मूत की पूरी धार, अंकल के मुँह में जाने लगी.
मम्मी पागलों की तरह चिल्ला रही थीं – पी… मां के लौड़े… एक बूँद भी नहीं गिरनी चाहिए, नीचे… पी, बहन चोद… तेरी मां का भोसड़ा… आ आ आ आ आ आ आ…
दो मिनट तक, मम्मी लगातार मूतती रहीं.
इसके बाद, फर्श पर ही नंगी लेट गईं.
मम्मी की साँस, इतनी तेज़ चल रही थी की उनके मम्मे हिल रहे थे.
अंकल में तो ऐसा लग रहा था, जान ही नहीं थी.
मैं जानता था की अब दोनों, चुदाई नहीं करने वाले.
8 years ago#49
अंकल अभी अपनी माँ को चोदने की कहानी बता नहीं पाए हैं और मम्मी ने तो अभी अपनी कहानी शुरू भी नहीं की.
पर उस रात की चुदाई यहीं ख़तम हो गई.
सुबह अंकल कब गये, मुझे नहीं पता चल पाया.
अगले दिन, मैंने मेरी मम्मी के मोबाइल में दिन में मैसेज चेक किया.
उसमें ना अंकल का मैसेज था, ना एक भी फोन कॉल था.
ऐसे 2 दिन बीत गये, तीसरे दिन शाम को मुझे श्लोक का फोन आया.
उसने बताया की वो अपने नानी के घर से आ गया हैं वापस.
मैं उससे मिलने गया.
श्लोक ने मुझे अपने नानी के घर की सारी बातें बताई.
अभी हमारी स्कूल की छुट्टी ख़तम होने मे, 8 दिन बाकी थे.
श्लोक के पापा और मम्मी, घर मे ही थे.
आंटी ने मुझे खाने के लिए ना जाने क्या क्या दिया, जो वो वहाँ से लेके आई थीं.
फिर श्लोक ने कहा की वो इस शनिवार की सुबह घूमने जा रहा है, अपने परिवार के साथ.
आंटी वही थीं.
अचानक, आंटी ने कहा – बेटा, तुम भी चलो हमारे साथ
मैंने कहा – नहीं आंटी, रहने दीजिए… मैं मम्मी से कह दूँगा… वो मुझे ले चलेंगी…
फिर मुझे आंटी ने कहा – अरे, तो कोई बात नहीं… मैं महक से कहती हूँ… वो भी चले, हमारे साथ…
फिर आंटी ने अंकल के तरफ देख के कहा – क्योंजी, अच्छा प्लान है, ना…
मैंने अंकल के तरफ देखा.
अंकल के चेहरे पर, एक खुशी सी आ गई.
ऐसा लग रहा था, जैसे आंटी ने उन्हें थाली में परोस के खाना दे दिया हो.
अंकल ने कहा – हाँ हाँ… क्यों नहीं…
फिर मैं कुछ देर बाद, घर आ गया.
आप तो समझ ही गये होंगें मेरा मन नहीं था, जाने का.
मैंने घर आकर, मम्मी से श्लोक के घर पर जो बातें हुई वो सब बता दी.
मम्मी ने कहा – नहीं, हम नहीं जाएँगे…
अगले दिन, गुरुवार था.
आंटी घर पर आई थीं.
आंटी ने, मेरी मम्मी से कहा – महक, हम लोग परिवार की ट्रिप पर जा रहे हैं… आप लोग भी चलिए…
मम्मी ने कहा – नहीं दीदी… हम लोग, नहीं जा सकते…
आंटी ने कहा – क्यूँ महक… ??
मम्मी ने कहा – आप लोग को परेशानी हो जाएगी… और फिर, मुझे सही भी नहीं लगता… ये होते तो एक अलग बात थी…
आंटी बहुत अच्छी थीं, नेचर की.
वो मुझे बहुत प्यार करती थीं शायद पापा के यहाँ ना होने के कारण लेकिन उन्हें क्या मालूम था पापा के यहाँ ना होने की वजह से ही, अंकल ने उनके पीठ पीछे मेरी मम्मी के साथ ग़लत संबंध बना रखे थे.
या फिर, ये मेरी ग़लतफहमी थी.
पापा के रहते हुए, जब मम्मी अपने भाई से अपनी चूत मरवा सकती थीं तो पापा के रहते, शायद अंकल से भी मरवा ही लेती.
खैर, आंटी ने किसी तरह मेरी मम्मी को जाने के लिए मना लिया.
फिर शनिवार की सुबह, मैं और मेरी मम्मी तैयार हो के नीचे उतर गये.
अंकल, आंटी और श्लोक अपनी स्कॉर्पियो में हमारे घर के सामने आए.
हमने अपना सामान पीछे रखा और गाड़ी में बैठ गये.
आंटी आगे बैठीं थीं और मैं, श्लोक और मेरी मम्मी पीछे की सीट पर बैठे थे.
फिर हम लोग, घूमने के लिए निकल गये.
रास्ते मे, आंटी को वोमीट होने लगी.
अंकल ने गाड़ी साइड मे रोकी.
आंटी को वॉमिट हो रहा थी.
फिर आंटी ने मुंह धोया और कहा की उनके सिर मे बहुत दर्द हो रहा है.
अंकल ने कहा – पीछे की सीट पर बैठ जाओ, तुम और सो जाओ…
आंटी ने वैसा ही किया और आंटी पीछे के सीट पर आकर बैठ गई और मेरी मम्मी आगे की सीट पर बैठ गई.
आप ये समझो की ना जाने क्यूँ, किस्मत भी ऐसे लोगों का साथ देती है.
फिर अंकल, गाड़ी चलाने लगे.
आंटी सो गई थीं और गहरी नींद मे थीं और श्लोक और मैं बाहर के साइड देख रहे थे.
कुछ देर बाद, नज़र बचा कर मैंने धीरे से देखा.
अंकल साइड में घूम के मेरी मम्मी के तरफ देख रहे थे और धीरे से मुस्कुरा रहे थे और मेरी मम्मी भी उन्हें रिप्लाइ दे रही थीं.
करीबन 4-5 घंटे मे, हम लोग वहाँ पहुँच गये.
अंकल ने पहले से रिज़ॉर्ट बुक कर रखा था.
जिसमें, उन्होंने 2 रूम ले रखे थे.
एक में, वो लोग चले गये और एक में, मैं और मेरी मम्मी चले गये.
प्रोग्राम के हिसाब से, 1 घंटा आराम करने के बाद हमें निकलना था.
इस दौरान, मैं लगातार ये सोच रहा था की अंकल आज क्या जुगाड़ लगाएँगे.
खैर, मैं सबसे पहले जा के नहा लिया और अपने कपड़े पहन लिए.
फिर, मम्मी ने कहा – मैं भी अब नहाने जा रही हूँ… बहुत गरमी है…
मैंने कहा – ठीक है…
8 years ago#50
तभी श्लोक आया और उसने मुझसे कहा – यार, मम्मी की तबीयत ठीक नहीं है… वो सो गई हैं…
मेरी मम्मी वही थीं.
उन्होंने कहा – मैं देख के आती हूँ…
फिर, मैं भी चला गया.
मम्मी के साथ, अंकल बिस्तर पर बैठे थे और आंटी सोई हुई थीं.
मम्मी ने जा कर, अंकल से पूछा – क्या हुआ… ?? दीदी की तबीयत, ज़्यादा खराब हो गई है क्या… ??
अंकल ने कहा – हाँ… थोड़ी देर बाद, कहीं निकेलेंगे… अभी सोई हुई है…
मम्मी ने कहा – अरे, कोई बात नहीं… पहले आप, दीदी पर ध्यान दीजिए…
बहन के लौड़े, दोनों क्या एक्टिंग कर रहे थे.
कोई देखे, जिसे पता नहीं हो तो सोच ही ना पाए की 3 4 दिन पहले इन्होने रात भर ऐसी चुदाई करी है, जो कोई सोच भी ना सके.
दोस्तो, कोई क्या… मम्मी और मामा को देख कर, मुझे कभी शक नहीं हुआ की…
खैर..
फिर अंकल ने अपना तीर फेंका और कहा – श्लोक और प्रणव, तुम लोग जा के रिज़ॉर्ट घूम आओ तब तक…
श्लोक ने कहा – हाँ पापा… चल, प्रणव चलते हैं…
मैंने कहा – ठीक है…
और, मैं और श्लोक निकल गये.
हम लोग, सामने के ही बगीचे में खेल रहे थे.
मैंने देखा, मेरी मम्मी उस रूम से निकल के अपने रूम मे आ गई थीं.
करीबन 10 मिनट हो गये.
फिर, मैंने देखा की अंकल अपने कमरे से निकले और इधर उधर देख के मम्मी के कमरे के तरफ चले गये और खटखटाया और धीरे से कमरे मे चले गये.
मैं जानता था, मम्मी ने दरवाज़ा खोला है और अभी अंकल क्या करने वाले हैं.
मुझे लगा, अंकल को ये भी फ़िक्र नहीं की आंटी की तबीयत खराब है.
मौका मिले तो ऐसे लोग, किसी की अर्थी पर चढ़ कर भी चुदाई कर लें.
खैर, मैंने श्लोक से बहाना किया की मैं सूसू करके आता हूँ… तू थोडी देर, आंटी को भी देख ले… और मैं बगीचे के पीछे, साइड से कमरे की पीछे के साइड चला गया.
नीले रंग की काँच की खिड़की के थोड़े से भाग से, मुझे सब दिख रहा था.
अंकल ने, मेरी मम्मी को अपने गले से लगा रखा था.
मम्मी भी अंकल से पूरा चिपकी हुई थीं.
अंकल धीरे धीरे, मेरी मम्मी के कानों में कुछ कह रहे थे और उनके माथे पर चूम रहे थे और बीच बीच मे मेरी मम्मी के होंठों पर चुम्मी कर रहे थे.
मम्मी थोड़ा दूर हटी और फिर बोली – सुनिए, यहाँ नहीं… सब देख लेंगे…
अंकल ने, मेरी मम्मी के हाथ को पकड़ा और कहा – तू बहुत डरती है, मेरी जान… कोई नहीं है, यहाँ… वो सो रही है… याद कर, तू भी ऐसे ही चुदी होगी अपने भाई से, जब तेरा पति सो रहा था… देख, अब मुझे और मत तडपा… उस दिन पलंग तोड़ चुदाई करके मेरे लंड को गुब्बारा बना दिया है… और ये कहते हुए, अंकल ने मेरी मम्मी को अपने सीने से चिपका लिया और उनके होंठों को फिर से चूमने लगे.
मेरी मम्मी ने अपना हाथ पीछे करके, अंकल की गर्दन को पकड़ लिया और अंकल का पूरा साथ देने लगीं.
फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच की आवाज़े आने लगीं.
अंकल ने इस दौरान, हाथ पीछे करके मेरी मम्मी की स्कर्ट उठा दी थी और पैंटी के ऊपर से मेरी मम्मी के चुत्तड़ को सहला रहे थे.
मेरी मम्मी ने* पिंक कलर की पैंटी पहनी हुई थी.
अंकल अपनी दोनों हथेली से मेरी मम्मी के चुत्तड़ को मसलते हुए, मेरी मम्मी के होंठों को चूम रहे थे.
अंकल ने इसी दौरान, अपनी दोनों हथेली मेरी मम्मी की पैंटी के अंदर घुसा दी और चुत्तड़ मसलने लगे.
मम्मी ने हाथ पीछे करते हुए, हटाना चाहा लेकिन अंकल ने ऐसा करने नहीं दिया और मम्मी, अपना हाथ फिर से अंकल की गरदन पर पकड़ के अंकल का साथ देने लगीं.
मम्मी ने सैंडल पहनी हुई थी इसी लिए अंकल को मम्मी के होंठ चूमने मे कोई परेशानी नहीं हो रही थी क्यूंकि मम्मी, अंकल से हाइट में छोटी हैं.
इधर अंकल, कभी उन्हें कमर पकड़ के उठा लेते फिर उनके होंठ चूमते.
मम्मी के सैंडल पहने से, आज उनके लिए ये आसान था.
अंकल लगातार, मेरी मम्मी के होंठ चूस रहे थे.
कुछ देर बाद, अंकल ने एक हाथ पीछे से आगे कर लिया और मेरी मम्मी के चुचे को पकड़ लिया और टॉप के ऊपर से दबाने लगे.
मम्मी, अब मौन करने लगीं.
उनके मुंह से – आ अहह आ अहह आ अहह… की आवाज़ आने लगी.
अब मुझे लगा की कुछ और राज़ खुलेंगें.
अब दोनों, उस दिन की तरह बातें करना चालू करेंगें पर मुझे महसूस हुआ की चुदाई में इतना अश्लील होने में काफ़ी टाइम लगता है.
शायद, चूत में लंड डालने से पहले ऐसा ना हो.
खैर, अंकल अपने दाएँ हाथ से मेरी मम्मी की दाएँ चुचे को धीरे धीरे मसल रहे थे और अपने दूसरे हाथ से मेरी मम्मी के चुत्तड़ को सहला रहे थे और उन्हें चूम रहे थे.
कुछ देर और, ऐसा चलता रहा.