7 years ago#41
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मैं भी उसकी गर्दन और चहरे के चुम्बन ले रहा था। मैंने अपना सारा बोझ उसके बदन के उपर डाल रखा था। रीमा के पैर अभी भी उपर कर रखे थे और हर धक्के के साथ हिल रहे थे। इस तरह से चुदायी करने मे मेरा लंड उसकी चूत मे पूरा अंदर जा रहा था। फिर रीमा ने अपने पैरो को साहरा देने के लिये मेरे कमर के चारो और लपेट लिया और अपने दोनो पैरो से कैची बना कर मुझे उसके अंदर पकड लिया। मैं भी जोर जोर से धक्के मार रहा था। रीमा भी अपने पैरो का इस्तमाल बहुत सही ढंग से कर रही थी। जब मे उसकी चूत मे लंड घुसाता तो रीमा अपने पैर दबा कर मेरे लंड को और भी अंदर कर देती फिर जब मे लंड बाहर निकालता तो अपने पैर पीछे कर देती जिससे मे ज्यादा से ज्यादा लंड बाहर निकाल संकू।

मेरे चुतड रीमा ने पैरो कर लग रहे थे कभी कभी उसकी उंची ऐडी की सैडंल भी मेरे चूतडो पर लग जाती थी। इस तरह से उसके पैरो का स्पर्श मुझे अपने चूतडो पर बडा अच्छा लग रहा था। मेरे धक्को की स्पीड बहूत तेज चल रही थी। रीमा भी पूरी मस्ती मे चिल्लाते हुये अपने चूत की चुदायी करा रही थी। चोद बेटा हाय रे तेरा लंड मेरे चूत के दाने पर रगड खा रहा है रे जालिम मार ले मेरी मेर राजा घुसा दे अपना लंड मेरे पेट तक। हम दोनो पसीने मे पूरे तर बतर हो चुके थे। पसीने की गंध मुझे पागल बना रही थी। मैंने अपना हाथ बढा कर उसके चौडे चूतडो के नीचे अपने हाथ घुसा दिये और उनको पकड कर जबर्दस्त चुदायी चालू कर दी। जबर्दस्त धक्को चुतडो पर मेरे हाथ और उसके चूत के दाने पर रगडता मेरा लंड रीमा बिल्कुल भी बर्दाशत ना कर सकी और झडने के करीब आ गयी।

हाय रे बेटा और जोर जोर से चोद अपनी माँ को मैं फिर से झडने वाली हूँ मेरे लाल। हाय रे तुने तो कुछ ही घंटो मे मेरी चूत की नब्ज पहचान ली और मुझे धडा धड झडा रहा है। हाँ ऐसे ही और जोर से हाँ उम्हऽऽऽ हाय रे.. मैं जाने वाली हूँ। मेरा पानी छूट रहा है। हाय रे र र र ऽऽऽऽऽऽऽ मै गयी ईईईईईईईईई ऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽ। और रीमा ने मुझे बहुत कस कर जकड लिया मेरा बदन उसकी बांहो मे कैद था और मेरे चूदड उसके पैरो मे। उसने इतनी जोर से जकडा था की मैं बिल्कुल भी नही हिल सकता था। रीमा की आँखे बंद थी। रीमा ने मुझे थोडी देर इसी तरह पकडे रखा लेकिन उसके चूतड काफी देर तक धीरे धीरे उछलते रहे। करीब २ मिनट बाद वह शांत हुयी और उसकी पकड कुछ ढीली हो गयी।

हाय रे बेटा क्या मजा दिया तूने मेरी तो करीब करीब जान ही निकाल दी। पूरी लस्त हो गयी हूँ मैं अब और नही झड सकती। मेरी चूत और उसका दाना अब और तेरी जीभ और लंड को नही झेल सकते। बडा मजा आया रे मेरे बेटे। तेरे बदन को अपने बदन से चिपटा कर चुदाने मे तो एक अलग ही सुख मिला। मैंने कहा माँ पर मैं तो अभी तक सुखा हुँ अगर तुम चुदा नही सकती तो मेरे लंड का क्या होगा। अरे बेटा घबराता क्यो है मैं हूँ ना अभी तेरी मस्ती झडा दूंगी। कह कर रीमा ने अपनी टाँगे मेरी कमर से हटा ली और बोली बेटा अब जरा हट तो मै तुझे झडाती हूँ।मैं उठ कर कालीन पर बैठ गया। रीमा ने उठने की कोशिश की पर उठ नही पायी। बोली बेटा मुझे उठ जरा तूने तो जबर्दस्त चुदायी कर के मेरा सारा बदन ही तोड कर रख दिया है। मैं उठ कर रीमा के बगल मे गयी और अपने कंधे का साहारा देकर उसको उठने मे मदद की। और मैंने उसके चुतडो के नीचे से कुशन भी निकाल दिया। रीमा अब कालीन पर बैठी थी और मे खडा हो गया था। रीमा ने मेरा लंड अपने हाथ मे लिया और बोली हाय देखूं तो मेरे बेटे का लंड कितना सूज गया है। आजा बेटा अब मैं तेरे इस लंड को झडाउंगी। मेरा मुँह चोदेगा बेटा माँ का मुँह चोद कर मजा ले गा बेटा मैं तो मुँह चुदवाने मे माहिर हूँ। आज तुझसे अपना मुँह चुदवाऊगी।

फिर रीमा ने मेरे लंड का एक चुम्बन लिया और सोफे का साहारा लेकर कालीन पर बैठ गयी। फिर उसने अपना सर पीछे करके उसको सोफे पर टिका दिया। बोली आजा बेटा तेरा माँ तैयार है आकर चोद ले मेरा मुँह। मैं रीमा ने पास गया और उसके कंधे के दोनो और अपने पैर करके खडा हो गया। मैंने कहा माँ अब मैं नाडा खोल दूँ। रीमा बोली नही बेटा पहले मेरे मुँह को चोदने का मजा ले ले फिर मैं खुद नाडा खोल कर तुझे झडा दूंगी। मैंने कहा ठीक है माँ। मेरा लंड तन कर सीधा खडा होकर रीमा के चहरे के उपर झूल रहा था। मैंने थोडा सा झुक कर अपने घुटनो को सोफे पर टिकाते हुये अपना लंड रीमा के होठों पर रख दिया।

 उठ रही थी। जब करीब मेरा ६ इंच लंड रीमा के मुँह मे समा गया रीमा ने अपना चहरा उठा कर मेरी तरफ देखा और मेरी आँखो से आँखे मिला कर लंड को लीलना जारी रखा। अपना हाथ मेरे लंड से हटा कर मेरे चूतडो पर रख दिया और उसे अपनी बाहों मे भर कर मेरे चूतडो के जरिये लंड का दवाब अपने गले पर बढाने लगी और मेरे लंड उसके गले की गहरायी मे उतरने लगा। उसका गला मेरे लंड के कारण फूल गया। और थोडी देर मे मेरा पूरा लंड उसके गले मे उतर गया।

उसने मेरे चूतडो को मसलते हुये मेरी तरफ देखा उसकी आँखो मे ऐसे भाव थे जैसे कह रही हो लो बेटा अब चोद दो माँ का गला और इसके साथ वैसा ही बर्ताव करना जैसा मेरी चूत के साथ किया था। मैंने भी रीमा की बात मानते हुये धीरे धीरे अपने चूतड हिलाने शुरु कर दिये। मेरा लंड उसके गले मे आगे पीछे होने लगा उसका गला किसी अनचुदी चूत के समान कसा हुआ था और इतना गीला होने के बाद भी मेरा लंड बहुत फंस फंस कर जा रहा था। रीमा भी अपने हाथ चूतडो पर रख कर मुझको धक्का लगाने मे मदद कर रही थी। मैंने उसके सर को पकड कर अपने धक्को के रफ्तार थोडी बढा दी। रीमा के मुँह से गो गो की आवाज आ रही थी।

रीमा ने मेरे चूतडो को अपने हाथो से अव जोर जोर से मसलना शुरु कर दिया था। उसके हाथो से मेरे को इतनी मस्ती चढी मैं जोर जोर से उसके मुँह को चोदने लगा। एकदम से हुये इस हमले रे रीमा भी एक दम सकपका गयी पर थोडी ही देर मे उसने अपने गले को मेरे धक्को की मार के लिये तैयार कर लिया। अब मैंने उसके सर को पकड लिया और जबर्दस्त धक्के लगाता रहा। हाय रे माँ तेरा मुँह तो बहुत हि टाईट है रे। पूरा उतार लिया तूने माँ। बडा मजा आ रहा है माँ तेरा मुँह चोदने मे। तेरी गर्म सांसे मेरी झांटो कर लग रही है री रंडी साली पागल कर दिया रे तुने मुझे। आज तो मैं तेरा मुँह चोद कर तेरे गले की धज्जीयाँ उडा दूंगा क्या मस्त गला है रे तेरा इसमे तो चूत से भी ज्यादा मजा आ रहा है रे।

7 years ago#42
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रीमा की हालत मेरे इस आक्रमण के कारण खराब हो रही थी। उसको मुँह चुदाने के आदत थी शायद तभी तो मेरा लंड अभी भी उसके गले मे था नहीं तो कब का वह बेहोश हो चुकी होती। पर उसके भी इसतरह से गला चुदाने मे बहुत दिक्कत हो रही थी उसकी आँखो मे पानी भर आया था पर उसकी आँखे ऐसी लग रही थी जैसे कह रही हो और चोदो बेटा बडा मजा आ रहा है। और मैंने भी उसकी कोई परवाह किये बिना उसका गला चोदना जारी रखा। रीमा ने अब मेरे चूतडो को कस के अपने हाथो मे पकड लिया था और उनको बेरहमी से मसल रही थी। उसका इस तरह चूतड मसलना मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। मैंने कभी सोचा भी नही था की चूतड मसलवाने मे इतना मजा आ सकता है।

मैं इसी तरह रीमा का मुँह करीब १० मिनट तक चोदता रहा मुझे इतना मजा आ रहा था की मैं उसके गले से लंड निकालने के लिये तैयार ही नही था। पर रीमा की हालत अब बहुत बिगड चुकी थी उसके आँखो से लगातार आंसू बह रह थे। रीमा ने फिर मेरी कमर पकड कर मेरा लंड अपने गले से निकाल दिया। रीमा बोली बेटा आज तो तुने मेरी जान ही निकाल दी मेरे गले कि हालत खराब कर दी। पर मजा भी बहुत आया मुँह चुदाने मे। चल बेटा अब बहूत देर हो गयी तेरे को चोदते हुये अब तेरी माँ तुझे झडायेगी और तेरा वीर्य पेयेगी। मैं उठ कर खडा हो गया और रीमा ने सोफे पर से दो कुशन उठाया और उसका तकिया बना कर कालीन पर लेट गयी। और बोली बेटा आजा आकर मेरी चूचीयो पर बैठ जा मैं तेरा लंड चूस कर तुझे झडाती हूँ।

रीमा की बात सुनकर मुझे बढा अच्छा लगा क्या मस्त आसन चुना थी उसने मुझे झडाने के लिये। उसके मस्त गद्देदार मम्मो को बैठ कर लंड चुसायी। और मे जाकर उसकी चूचीयो पर बैठ गया। मैंने अपनी टांगे उसके सर के दोनो और रख दी। मैंरे बोझ से रीमा के मम्मे एकदम पिचक गये। पर उनपर बैठ कर मुझे बडा मजा आ रहा था। मेरे लंड रीमा के मुँह से सामने लहरा रहा था। रीमा ने मेरे लंड का सुपाडा अपने मुँह मे लेकर उस पर अपनी जीभ फिराते हुये मेरा लंड चुसने लगी। उसके दोनो हाथ मेरे लंड पर बनी पेटीकोट के नाडे पर पहुंचे और उसको खोलने लगी। अब वह पुरा जोर लगा कर मेरे लंड को चूस रही थी। और साथ हि साथ मेरा लंड पर बंधा नाडा भी खोल रही थी। उसने अपनी मेरी आँखो मे डाल रखी थी।

जैसे जैसे मेरे लंड पर नाडे का दवाब कम हो रहा था। और उसके चुसने की रफ्तार भी बढ रही थी। फिर रीमा ने मेरे लंड का नाडा खोल दिया और मेरे लंड मे एकदम से खून का दौरान बढ गया। नडा खोलते ही रीमा ने एक हाथ से मेरा लंड पकडा और जोर जोर से चुसने लगी जैसे बच्चे को लालीपाप मिल गयी हो। खून का दौरान बढने से मेरे लंड के सुपाडे पर फिर से मस्ती लोट आयी। और जिस रफ्तार से रीमा मेरा लंड चूस रही थी मै और ज्यादा देर नही ठहर सकता था। मैं ठहरना चाहता भी नही था। उसके कुशल हाथ मेरे जीभ मेरे लंड पर जादू कर रहे थे। ओह माँ अब मैं नही रुक सकता मेरा निकलने वाला है माँ मेरा रस छुटने वाला है। हाय रे मैं गया माँ।

मेरे को इस तरह से चिल्लाता देख कर रीमा ने मेरा लंड अपने मुँह से निकाल दिया और उसको एक हाथ मे पकड कर मुठ्ठ मारने लगी। हाँ बेटा तू झडना चाहता है ले मेरे मुँह पर झड बेटा। मेरे चहरे को अपने रस से गीला कर दे बेटा भर दे मेरे चहरे को अपने वीर्य से मेरे लाल। उसके हाथ मेरे लंड पर जोर जोर से चल रहे थे। मैं कभी भी झड सकता था। मेरे मुह से करहाने की आवाज निकल रही थी। आह ओह ओहऽऽऽऽ माँ मै गया कह कर मेरा बदन एक्दम से कडा हो गया। और मेरे लंड से वीर्य के एक जबर्दस्त धार निकली और जा कर उसके बालो और माथे पर पडी। और मेरा लंड झटके मार मार कर झडने लगा। मेरे लंड से वीर्य की धार निकल निकल कर रीमा के चहरे का श्रंगार करने लगी।

रीमा का सारा चहरा मेरे वीर्य मे सन गया। आखरी की दो धार उसके होठो पर पडी। धीरे धीरे मेरा शरीर शांत होने लगा। रीमा का हथ अभी भी मेरे लंड पर झड चूका था पर अभी भी कडा था। रीमा के चहरे पर तृप्ति के भाव थे। फिर रीमा ने मेरा लंड अपने मुँह मे डाल लिया और उसपर लगा वीर्य चात कर पीने लगी। और थोडी देर मे मेरे लंड को चाट चाट कर साफ कर दिया। और तब तक नही छोडा जब तक लंड बिल्कुल छोटा नही हो गया। उसके बाद रीमा ने अपनी उंगलीयो से अपने चहरे पर पडा वीर्य उठया और अपनी उंगलियाँ चाट चाट कर अपने चहरे को पूरा साफ कर दिया। उसका चहरा मेरे वीर्य और उसकी उगलीयो से लगे थूक के कारण चमक रहा था।

फिर मैं उठ कर खडा हो गया और रीमा भी उठ कर खडी हो गयी और मैंने अपने हाथ उसकी कमर मे डाल कर अपनी तरफ खीच लिया। और उसके मसताने होठों पर अपने होठं रख दिये और चुमने लगा। उसके होठों का स्वाद कुछ नमकीन था और मे उसके चहरे पर अपने वीर्य की गंध महसूस कर सकता था। और थोडी देर चूमने के बाद उसको अपने बदन से सटा लिय। मेरे हाथ उसकी कमर मे डाल दिये और रीमा ने अपने हाथ मेरे कंधो पर रख दिये। मेरा लंड लटक गया था और उसकी चूत पर टिका हुआ था। मेरे और उसकी झांटे एक दुसरे से बातें कर रही थी। रीमा बोली बता बेटा मजा आया माँ को चोद कर।

बहुत माँ मै कितने सालो कर चुदायी के मजे से दूर था और अपना लंड हिला कर मजा लेता था आज मुझको पता चला की असली मजा कया है। मैं बहुत खुश हूँ कि तुझको मजा आया चल अब आजा बैठ कर आराम करते है तू भी इतनी देर महेनत करके थक गया होगा। फिर मैं जाकर सोफे पर बैठ गया और रीमा आकर मेरी गोदी मे बैठ गयी।

रीमा मेरी गोदी मे बैठी थी. हम दोनो का बदन पसीने में पूरी तरह से भीग चुका था। रीमा के चुतडो का स्पर्श मुझे अपनी जाँघ पर बहुत अच्छा लग रहा था। रीमा और मैं आपस में चुम्बन का आदान प्रदान कर रहे थे। हमने बहुत देर मजा किया था और अब कुछ भूख भी लग चली थी। थोडी देर सुस्ताने के बाद रीमा उठी और उसने रूम का तापमान ३५ डिग्री कर दिया। मैंन पूछा तो बोली बाद में बतायेगी। फिर बोली की भुख लगी है चलो कुछ खाते है। रीमा ने काफी बनायी और साथ मुझ कुछ बिस्कुट और मिठायी रखी बोली के उसका बॉस लाया था कल। काफी पीने से हम दोनो का बदन पसीने से भीग गया और पसीना हमारे नंगे बदन पर बह रहा था। रीमा ने हाय हील के सैडंल पहनी थी वह भी पसीने से गीली हो गयी।

माँ बहुत गर्मी हो गयी है कितना पसीना आ रहा है तापमान कुछ कम करो। हाँ तू सही कह रहा है देख मेरा पूरा बदन मेरे पसीने में नहा गया है। और कैसा पसीना मेरे बदन से चू रहा है। पर बेटा मेरा ये पसीना बहुत ही नशीला है क्या तुम इस नशीले पसीने को पीना नंही चाहोगे। मेरे इस नशीले बदन का नशीला पसीना। रीमा की बात सुनते ही मेरा लंड मस्ती में मचल गया और एक दम तन कर खडा हो गया। हाँ माँ जरुर पीयूंगा मैं तुम्हारा पसीना माँ। देखो सोच कर ही मेरा लंड कितना जबर्दस्त खडा है। रीमा ने मेरा लौडा देखा और बोली हाय दईया सुन कर ही ये हाल है तो आगे क्या होगा तू तो मुझे पूरा मजा दिये बगैर ही झड जायेगा। रीमा ने पास पडा अपने पेटीकोट का नाडा उठाया और बोली ला तेरा लंड फिर से बाँध दूँ। मैं रीमा के पास गया तो रीमा ने इस बार लंड और भी जोर से बाँधा। नाडा बाँधने से लंड रीमा को सलामी देने लगा।

हाँ अब ठीक है अब तू बिना झडे घंटो तक मेरी सेवा कर सकता है। अभी नया खिलाडी है ना जल्दी ही सब सिखा दूंगी तेरे को। चल अब बता कंहा से शुरु करेगा। माँ कहते हैं न माँ के चरणो मे अम्रत होता है तो मैं पहले आपके चरणो से ही शुरु करना चाहाता हूँ। ठीक है बेटा तो पहले माँ के चरण चूम कर माँ का चरनाम्रत पीना चाहाता है। कह कर रीमा सोफे पर एक टाँग पर दूसरी टाँग रख कर बैठ गयी और बोली आ जा चाट ले मेरा बदन देख मेरी सैडंल तुझे बुला रहे है। मैं घुटनो के बल बैठ कर रीमा के चरणो के पास आ गया। रीमा अपने पैर हिला रही थी। पहले मैंने रीमा के एक पैर और फिर दूसरे पैर का चुम्बन लिया और बोला माँ मुझे आशिर्वाद दो की मैं अपकी आपके अनुसार सेवा कर संकू। रीमा ने अपना हाथ मेरे सर पर रखा और बोली अब बेटा जल्दी से शुरु कर अब मेरी चूत बहुत गर्म हो चुकी है। जल्दी से मेरा बदन चाट।

मैंने रीमा की सैडल को चाटना शुरु कर दिया। पहले उपर से चाट कर उसको साफ किया जिसके साथ साथ रीमा की उंगलियो पर भी जीभ फिरायी। फिर रीमा की हील के नीचे की तरफ मैंने देखा वहाँ थोडी मिट्टी भी थी पर मैं मस्ती मैं इतना उत्तेजित था कि मुझे और कुछ नंही सूझ रहा था। मैंने रीमा की हील के तलवे को चुमना शुरु कर दिया ये देख कर रीमा की आंखो मे चमक आ गयी जैसे उसे कोई खजाना मिल गया हो। रीमा ने खुद अपना पैर सीधा कर दिया जिससे मैं उसे आसानी से चूम संकू मैंने पहले पूरा हील का तलवा चूमा फिर अपनी जीभ निकाल कर उसको चाटने लगा मेरा ऐसा करते ही रीमा के मुँह से हल्की सी करहा निकल गयी जैसे बहुत मस्त होने पर औरत करती है। हील का तलवा चाटने से उसमे लगी मिट्टी भी मेरे मुँह मे आ गयी और वह मैं रीमा के चूत का प्रसाद समझ कर निगल गया। रीमा ये देख कर बहुत ही प्रसन्न थी जो कि उसके चहरे से जाहिर हो रहा था इतना ही नंही वह इतना उत्तेजित थी मेरे जैसा जवान समर्पित मर्द पाकर की अपनी टाँगे आपस मे रगड रही थी ताकि उसकी चूत को थोडा आराम मिल सके।

पर इससे आराम से ज्यादा वह और उत्तेजित हो रही थी। मैं भी उसकी मिट्टी लगी हील चाट रहा था और थोडी ही देर में मैंने उसकी हील का तलवा चाट कर एक दम चमका दिया। फिर मैंने उसकी हील को मुँह मै भर लिया और चूसने लगा जैसे की वह कोई लंड हो। मैं ज्यादा से ज्यादा हील मुँह मे लेकर चूसना चाहाता था पर जितनी भी हील मेरे मुँह मे घुस रही थी उतना ही मुँह मे लेकर चूस रहा था। फिर मैंने हील को जिभ से भी चाटना शुरु कर दिया कभी मुँह मे भरकर चूसता तो कभी जीभ से चाटता और चाट चूस कर मैंने उसकी हील को नीचे से एकदम साफ कर दिया। मेरा लंड भी मस्त होकर मस्ती मे हिनहिना रहा था। और रीमा के नाडे का दबाव बहुत ज्यादा था थोडा दर्द भी हो रहा था। पर ये जो सब मैं कर रहा था ये मेरा सपना था और आज मेरा सपना पूरा हो रहा था इसलिये मैं कुछ भी करने को तैयार था। और शायद उसको भी मेरे जैसा मस्त मर्द आज तक नंही मिला था इसलिये वह भी बहुत खुश थी।

7 years ago#43
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जब मैंने उसकी हील नीचे से पूरी तरह साफ कर दी तो मैंने कहा माँ अब तुम्हारे दूसरी हील दो अब मैं उसको नीचे से चाट कर साफ करूंगा। ले बेटा मैं कब कर ले साफ कह कर रीमा ने अपना दूसरा पैर मेरे चहरे के सामने कर दिया मैंने फिर से वही सब किया जो पहली हील के साथ किया था। और उसको भी पूरा मजा लेकर चाट कर साफ कर दिया। रीमा मेरे काम से बहुत खुश हुयी। रुम मे बहुत गर्मी थी और रीमा का बदन भी मस्ती में फिर से गर्म हो गया था जिसकी वजह से रीमा का पूरा बदन पसीने में नहा रहा था। मेरे बदन से भी पसीना बह रहा था। रीमा का पसीना बह कर उसकी हाय हील के सैडल को भी गीला कर रहा था। मैं बोला माँ आपकी हील तो पूरी पसीने मैं भीग गयी है इसको उतार दो मैं चूस चूस कर आपकी सैंडल चाटूंगा ताकि इसका पसीना भी मैं पी संकू मैं एक बूंद पसीना भी बर्बाद नंही होने देना चाहाता। ठीक है ले मेरे लाल चूस ले मेरा पसीना मेरी सैंडल से। रीमा ने अपनी दौनो सैंडल उतार कर मेरे सामने रख दी मैंने रीमा की हाई हील के सैंडल को चूमना शुरू कर दिया थोडी देर रीमा के सैंडल चूमने के बाद मैने उसकी सैंडल पर अपने होंठ लगा कर उसे चूसने लगा। और उसकी सैंडल मैं जो भी जूस था उसको चूसने लगा जोर जोर से।

वैसे तो श्याद उसमे ज्यादा पसीना नंही गया था पर इस तरीके से रीमा की सैंडल चूसना अपने आप में एक नया उत्तेजित करने वाला अनुभव था मेरे और रीमा दौनो के लिये रीमा भी अपनी जाँधे रगड कर मुझे वासना भरी नजरो से देख रही थी और वह भी बहुत उत्तेजित हो चूकी थी उसकी चूत रस बहा कर गीली हो चूकी थी कमरे मे उसकी चूत के रस के मस्त सुंगध मैं महसूस कर सकता था। रीमा मुझे देखते हुये अपने हाथ अपनी मस्त मोटी चूचीयो पर फिरा रही थी। और कभी कभी अपनी घुडियाँ भी मसल देती थी। मूझे इस रूप मे घुटनो के बल अपने चूतड उठा कर उसके सैंडल चाटते हुये देख कर वह बहुत मस्त हो रही थी। मुझे भी सैंडल चुसने मैं बडा ही मजा आ रहा था। और उसका कसैला स्वाद मुझे बहुत भा रहा था। मैं पूरी लगन से रीमा के सैंडल चूसता रहा और उसका पूरा रस पीकर ही मैंने दम लिया। चूसने के बाद मैं रीमा की सैंडल को चाट कर फिर से अपने थूक से साफ किया और एक दम चमका दिया और उसकी हील को मुँह मे लेकर चूसा मुझे ये सब करने में बहुत ही मजा आया। मुझे पता था अबकी बार मुझे रीमा को अच्छे खुश करना होगा क्योकी वह मुझे एक बार झडा चुकी है और अब वह खुद का मजा लेने के लिये बेचैन है। रीमा ने अपनी चिकनी जाँघ दूसरी जाँघ के उपर रखी हुयी थी और अपनी चूचीयाँ मसलते हुये उनको आपस में रगड रही थी। लो माँ मैंने आपकी सैंडल मे से सारा पसीना पी लिया और उसको चाट कर फिर से चमका दिया है।


हाय क्या चमकायी है तूने सैडल एक दम मस्त चमक गयी है अब तो तुझसे ही करवाऊगी साफ तूने तो इसको एकदम नयी बना दिया है। हाय तेरे जैसे बेटा मुझे आज तक नंही मिला अगर १० साल पहले मिलता तो तुझसे शादी कर लेती और तेरे बच्चे जनती। तो अब कर लो शादी माँ मै तो तुम्हारा बनने को तैयार हूँ नंही रे अब मैं बच्चे नंही जन सकती न चल छोड उसे देख तूने मेरे को छुये बिना मेरा क्या हाल कर दिया है। देख मेरी चूत फिर से एक दम गीली हो गयी है। देख कितना रस से भर गयी है। लाओ माँ मैं चूस कर इसका भी रस पी लेता हूँ नंही रे ये तो खजाना है जब तू मेरे पूरे बदन का पसीना पी लेगा तभी दूंगी तुझे अपनी चूत चूसने को। नंही माँ मैं तुमको इस तरह से तडपते हुये नंही देख सकता तुम्हारा पसीना पीने में तो मुझे बहुत वक्त लगेगा और मैं नंही चाहाता मेरी माँ चूत की गर्मी मे तपती रहे। हाय रे तू कितना लाड करता है अपनी माँ का ठीक है कर ले अप्नी मन मर्जी और झडा दे मेरी गर्मी कर दे मेरी चूत को शांत चूत शांत होगी तो शायाद मैं भी अपना बदन चटवाने का पूरा मजा ले संकू। ले आजा चूस ले मेरी चूत मेरे लाल मुझसे भी नंही रहा जा रहा मेरी चूत जब तक तू चूस के झडायेगा नंही मैं बदन चटावाने का मजा नंही ले पाऊगी। और ये मेरी निगोडी चूत मुझे जला देगी तू बुझा दे अपनी माँ चूत की आग मेरे लाल बोल बुझायेगा ना मेरे राजा बेटे हाँ माँ बेटे का तो ये फर्ज है की माँ को हर हाल मे खुश रखे मैं जरुर तुमको शांत करूंगा माँ लाओ अपनी चूत खोलो मैं अभी चूसता हूँ तुम्हारी चूत। हाय मेरे लाल तुझे अपन दूध तो मैं न पिला सकी पर अपनी चूत का रस जरुर पीलऊगी।

और तेरे जैसे जवान मर्द के लिये चूत रस बहुत जरुरी है रोज लोटे भर चूत रस के सेवन से तेरा लंड को शक्ति मिलेगी और वह और लम्बा और मोटा हो कर कई जवान और बडी उमर की औरतो की चूत का उद्धार करेगा। फिर माँ सोफे पर अपनी आगे को खिसक कर बैठ गयी जिससे उनकी चूत एक दम किनारे पर आ गयी और माँ ने अपनी मोटी जाँधे खोल कर अपनी चूत मेरे सामने कर दी। माँ की चूत का द्वार खुला हुआ था और वह एक दम गीली थी। चूत के अंदर का लाल रंग चूत मे से साफ चमक रहा था और बहुत ही सुंदर लग रहा था। ले बेटा खोल दी तेरी निर्लज्ज माँ ने अपनी चूत आ जा बेटा तू भी मादर चोद चूस ले मेरी चूत अब और देर मत कर नंही तो कंही मैं बदन की गर्मी मे जल कर राख ही न हो जांऊ। देख मेरे राजा बेटे मेरी चूत एक दम खुली हुयी है और इसका रस रुक ही नंही रहा है देख सोफा भी गीला हो गया इसके रस से मेरा चूत रस बर्बाद मत होने दे मेरे लाल पी जा मेरा चूत रस। रीमा की मोटी जाँधे एक दम खुली हुयी थी और उसकी लाल लाल चूत एक दम साफ दिखायी दे रही थी। और उसकी चूत के दोनो फाँके एक दम गीली हो चुकी थी। मैं रीमा की टाँगो के बीच बैठ गया और उसकी चूत का एक चुम्बन ले लिया रीमा के मुँह से एक करहा निकल गयी मेरा उसकी गर्म चूत चूमना उसे अच्छा लगा श्याद। फिर मैंने अपनी जीभ निकाल कर उसकी चूत का रस जो बाहर लगा हुया था चाटना शुरु कर दिया उसके चूत रस के स्वाद का अब तक मुझे चस्का लग चुका था और उसका चूत रस मेरे लिये किसी नशे से कम नंही था। रीमा चूत चूसे जाने से गर्म हो रही थी और उसके बदन की गर्मी की वजह से उसे और पसीना आ रहा था जो अब उसके बदन पर बह रहा था। रीमा ने अपनी उंगलियाँ अपने मुँह मे घुसा कर उसे चूस रही थी और उसके मुँह से मस्ती भरी करहा निकल रही थी। चूत को बाहर से चाटने के बात मैंने उसकी चूत को फिर एक बार चूमा और फिर मुँह मे भर कर उसकी चूत मे भरा रस पीने लगा कफी रसीली चूत की मालकिन थी रीमा। थोडी देर उसकी चूत को मुँह मे भर कर चूसने के बाद मैंने उसकी चूत के एक फाँक अपने मुह मैं भरी और चूसने लगा जिससे मेरा होंठ उसके चूत के अंदर रगड रहा था जिससे रीमा को अलग ही उत्तेजना हुयी और वह मस्ती में करहाते हुये बोली हाय रे रंडी की औलाद क्या कर रहा है ये मेरी मस्ती झडाने के लिये चूस रहा है चूत या बढाने के लिये साले ऐसे तो मेरी गर्मी और बढ गयी है।

7 years ago#44
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चूस मादर चोद चूस निकाल ले सारा रस मेरी चूत से साली निगोडी तेरे होंठो से कुछ ज्यादा ही प्यार करती है। देख कैसे ही उससे मिलन होने के बाद अपनी चूत का रस पीला रही है उसे सली कुत्तिया मुझे इतना तडपाती और तुझे अपने चूत रस का प्रसाद दे रही है। अच्छे से रीमा की चूत की एक फाँक चूसने के बाद मैंने कहा क्यो न हो माँ मैं उसकी इतनी सेवा भी तो करता हूँ मैं उसे इतना मजा देता हूँ तो क्या चूत मुझे अपने रस कर प्रसाद नंही देगी। अखिर वह मेरे लंड की माँ है उसे भी तो अपने लाडले लंड का ख्याल रखाना है मुझे चूत रस पीलायेगी तभी तो लंड को ताकत आयेगी और वह माँ की सेवा करेगा। तो मेरी भोसड चोद रुका क्यो दूसरी फाँक भी तो चूस कि एक में ही तेरा पेट भर गया। नंही माँ अभी चूसता हूँ। कह कर मैंने दूसरी फाँक अपने मुँह मे भरी और उसे चूसने लगा। रीमा मेरे बालो मे अपनी उंगलियाँ फिराते हुये मुझे गाली बक रही थी और जोर जोर से चूसने के लिये कह रही थी। मैंने भी जम कर उसकी चूत की दूसरी फाँक भी चूसी और उसमे लगा चूत रस पी लिया। अब रीमा की चूत के बाहर लगा हुया सारा रस मैंने पी लिया था और रस की एक भी बूंद मैंने नंही छोडी थी। फिर मैंने अपनी जीभ रीमा की चूत के अंदर घुसेड दी और रीमा की चूत के दीवारो के अपनी जीभ से कुरेदने लगा। रीमा की चूत अंदर से बहुत ही संवेदनशील थी मेरी जीभ लगते ही रीमा उछल पडी और घीरे से वह अपने चूतड हिलाने लगी वह खुद अपनी चूत मेरी जीभ पर रगड रही थी और मजा ले रही थी।

फिर मैंने अपनी जीभ थोडी कडी की और अपनी आधी जीभ चूत के अंदर घुसा दी। और अपना सर आगे पीछे कर कर रीमा की चूत अपनी जीभ से चोदने लगा। रीमा की चूत बहुत की गर्म हो चुकी थी जिसका अहसास मुझे अपनी जीभ पर हो रहा था। पर रीमा की चूत का बहता रस मुझे उसकी चूत चोदने में मदद कर रहा था। चूत का रस चूत से निकल कर जीभ पर पडता और फिर मेरे मुँह मे उतर जाता। रीमा भी अपने चूतड जोर से हीला रही थी वह ज्यादा से ज्यादा जीभ अपनी चूत में लेकर चुदना चाहाती थी। मैंने अपने हाथो से रीमा की चूत की फांके पकडी और उसकी चूत खोल दी उसकी चूत की लाली एक दम मेरी आँखो के सामने आ गयी क्या मस्त माल थी मेरी रीमा। उसकी चूत के अंदर बहुत सारा चूत रस लगा हुया था। जिसे देख कर मैं मचल उठा और मैंने अपनी जीभ से चूत के अंदर लगे चूत रस को चाटने लगा। चूत रस चाटने के बाद मैंने अपनी जीभ फिर से कडी की और अपनी जीभ अंदर तक रीमा की चूत में घुसा दी और अपना मुँह हिला कर उसकी चूत चोदने लगा। रीमा एक दम से गर्मा गयी और जोर जोर से चिल्लाने लगी माँ की बुर की औलाद ये क्या कर रहा है जीभ से चोदेगा गाँडू मेरी चूत साले तेरी गाँड मरवाउगी ११ इन्च के लंड से भोसड चोद मार मेरे चूत क्या गर्म करके तडपा रहा है मुझे। मेरी चूत चूस रे भडवे। मेरा लंड नाडे मे बंधा था और मुझे थोडा दर्द भी हो रहा था पर मजा उससे भी दुगना आ रहा था। रीमा भी अब चूत चुदवाने के लिये मस्त हो चुकी थी और उसने अपने चूतड थोडे से उठाये और खुद भी चूतड हीला कर मेरी जीभ चोदने लगी। जब वह आगे धक्का लगाती तो मेरी जीभ पूरी उसकी चूत मे घुस जाती और मेरा चेहरा उसके चूत और पेट से चिपक जाता जिससे मेरी नाक दब जाती और मुझे थोडा दर्द भी होता पर वह बडे जोर जोर से धक्के मार रही थी उसको मेरी कोई परवाह नही थी उसको सिर्फ अपने मजे का ख्याल था य श्याद उसको ये पता था की मुझे जिस तरह से वह भोग रही थी मुझे उसमे बहुत उत्तेजना होती थी। उसकी चूत मेरे चेहरे से टकराने से फाट फाट की आवाज हो रही थी। थोडी देर इसी तरह चूत चुदवाने के बाद मैने रीमा की चूत की फाँक छोड दी।

और अपनी जीभ चूत मे से निकाल कर उसकी चूत के दाने पर फिराने लगा। मेरी खुदररी जीभ चूत के दाने परपडते ही रीमा मचल गयी और उस्के मुँह से एक करहा निकल गयी। मैंने उसकी चूत के दाने पर अपनी जीभ कीनोक लगायी और उसे जोर जोर से रगडने लगा इसका सीधा असर रीमा पर हुया और वह अपने चूतड उछाल करइसका इजहार करने लगी। मैं उसकी चूत के दाने से खेल कर ज्यादा से ज्यादा रस उसकी चूत से पीना चाहाता थाइसलिये उसकी चूत के दाने को छेड रहा था ताकी रीमा थोडी देर से झडे और मुझे अपनी चूत का प्रसाद पीला सके।मैं उसके चूत रस का दिवाना बन चुका था। थोडी देर रीमा की चूत के दाने को जीभ के नोक से रगडने से रीमा कीरसभरी चूत ने रस के बरसात की जो उसके चूत मुख से निकल पडी जिसे मैंने चूत मुँह मे भर कर चूस लिया। फिरअपनी जीभ मोड कर अपनी जीभ के पीछले हिस्से को रीमा की चूत के दाने पर रगडने लगा रीमा भी आँखे बंदकरके करहाते हुये चूत चटायी का मजा ले रही थी। और अपने हौदे जैसे चूतड हिला कर इसका इजहार भी कर रहीथी और मैं चूत रस का रसिया जीभ रगड रगड कर ज्यादा से ज्यादा रस उसकी चूत से निकाल रहा था। जीभ रगडकर चूत रस निकालता फिर उसको चूस कर पी जाता।

अब मेरे लाल मुझसे और नंही सहा जाता अब मुझे झडा दे मेरे बेटे और मत तडपा झडा ने अपनी माँ की रसीली चूतमेरे भडवे मजा दे अपनी रंडी को। ठीक है मेरी चोदू माँ जैसी तेरी मर्जी कह कर मैंने रीमा की पूरी चूत अपने मुँह मेभर ली और जोर जोर से उसकी चूत का दाना चूसने लगा इस आक्रमण से रीमा मचल उठी और मेरे चहरे को अपनीचूत मे घुसा कर अपनी चूत मेरे चहरे पर दबाने लगी। मेरी नाक रीमा की चूत के उपर की हड्डी मे दब गयी अबरीमा पूरे जोश मे थी और झडने की बिल्कुल करीब थी और कभी भी झड सकती थी। वह अपनी घुंडियाँ जोर जोर सेमसल रही थी जैसे उनको अपनी चूचियो से उखाड ही लेगी। मैं भी जोर जोर से चूत के दाने को चूस कर उसकोझडने के करीब ले जा रहा था। फिर रीमा ने अपनी मोटी जाँघो मे मुझे जकड लिया और मेरे चहरे को कस करअपनी चूत मे दबा दिया अपने चूतड हिला कर खुद ही अपनी चूत मेरे चहरे पर रगडने लगी मेरा जोर से चूसना औरउसका चूत रगडना उसकी चूत ज्यादा देर तक सह नंही पायी और रीमा का नंगा बदन कडा पड गया। और रीमा कीचूत झड पडी और उसने कस कर मेरे चेहरे को जकड लिया मैं उसकी चूत से निकलता रस पीने लगा रीमा काफीदेर तक झडती रही और मैं उसका चूत रस पीता रहा। एक भी बूंद रस मैंने बर्बाद नंही होने दिया रीमा भी अपनी चूतमेरे होंठो पर रगड कर मुझे अपना चूत रस पीलाती रही बडा ही नशीला और गाढा रस था रीमा का जो मुझे बहुतपंसद आया। एक ही दिन में श्याद मुझे उसके रस की आदत लग गयी थी।

7 years ago#45
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उसका सारा रस पीने के बाद मैंन उसकी चूत को और आस पास के हिस्से को चाटना शुरु कर दिया। रीमा भी बहुतजबर्दस्त झडी थी इसलिये उसको पूरी तरह से शांत होने मे थोडा वक्त लग गया तब तक मैं उसकी चूत चाट करउसका मजा लेता रहा। जब वह पूरी तरह शांत हो गयी तो बोली आह मेरे लाल मजा आ गया क्या झडाया तूने खुशकर दिया मेरी चूत को सच कहूँ तेरे लंड से ज्यादा मजा तो तेरे मुँह मे है क्या जादू करता है तू माँ आपको मजामिला ये सुन कर तो मैं बहुत खुश हूँ मेरे लिये तो आपने बदन के एक एक जरे मे नशा है और चूत रस तो सबसेनशीला है दुनिया के सारे नशे इसके सामने फीके है। रीमा ने अपने हाथ मेरे बालो पर फिराये और बोली चल बेटाअब चाट ले मेरा पसीना मेरे पसीने मेरी चूत के रस से कम नशीला नंही है देखना तुझे बहुत मजा आयेगा जी माँ।फिर एक आखरी बार रीमा की चूत को चूम कर मैं रीमा से अलग हो गया और फिर से रीमा के पैरो के पास मुँह लेजाकर उसके पैर चूमे। पैर चूम कर मैंने रीमा की और प्यार से देखा और फिर से उस्का एक पैर उठा कर उसकोचूमने लगा सैडल तो मैं पहले ही उतार चुका था उसके पैरो मे से सैडल की महक भी आ रही थी जो मुझे मस्त कररही थी दोनो पैरो को प्यार से बडी देर तक मैं चूमता रहा ये क्या कर रहा है बेटा सिर्फ चूमेगा ही की कुछ और भीकरेगा मेरे लाल माँ तुम्हारे पैरो में मेरे लिये जन्नत है और तुम्हारे पैरो को चूम कर मैं उस जन्नत को पाना चाहाताहूँ फिर तुम्हारे पैर है भी इतने सुंदर की जी चाहाता है की ऐसे चूमता ही रहूं चल बेटा बहुत चूम लिये मेरे पैर अबजरा इनको चाट कर मेरे पैर मे जमा पसीना भी तो पी नही तो पसीना बर्बाद हो जायेगा और सारा इस कालीन मेलग जायेगा तू क्या अपनी माँ का पसीना बर्बाद होने देगा मेरे लाल नंही माँ बिल्कुल भी नंही फिर मैंन एक दो बारऔर उसके पैरो का चुम्बन लिया और उसका पैर मुँह मे उठा कर उसके तलवे को अपने चहरे के सामने कर लियाऔर उसके तलवे पर चुम्बन के बोछार कर दी रीमा अब एक बार झड चुकी थी और उसकी चूत थोडी शांत हो गयीथी इसलिये उसके सोफे पर आराम से टेक लगायी और टाँग मेरे सामने कर के मजा लेने लगी पहले मैंने रीमा केतलवे को चूमा और फिर उसको चाटना शुरु कर दिया। उसकी हील से लेकर उसके उंगलियो तक एक ही बार मेंचाटता और फिर चूमता अच्छी तरह से उसका तलवा चाटने से पहले मैं उसके तलवे को अपने थूक से गीला कररहा था। उसके तलवे को गीला करने के बाद मैं एक आखरी बार उसके तलवे को चूमा। फिर उसके तलवे के निचलेहिस्से को मुँह में जितना हो सकता था उतना भर लिया और जोर जोर से चूसने लगा।

मैं उसकी पैर के हील के हिस्से को इस तरह चूस रहा था जैसे को पका हुआ रसीला फल हो और मैं उस फल को खाजाने को बेताब था। रीमा को बहुत ही अच्छा लगा शायद जैसे मैं उसके पैर की हील को चूस रहा था क्योको उसनेखुद जोर लगा और ज्यादा से ज्यादा हील मेरे मुँह मे ठूंस रही थी। मैं ज्यादा से ज्यादा थूक से उसकी हील को गीलाकरता फिर थूक को पी जाता मेरा लंड अपने आप ही बिना छुये मस्ती मे घोडे के तरह हिन हिना रहा था रीमा नेअपना दूसरा पैर थोडा सा खिसका कर अपनी पैरो की उंगलियो को मेरे लंड पर रख दिया और प्यार से मेरे लंड कोसहलाने लगी। उसकी मुलायम उंगलीयो का स्पर्श पाकर तो मेरा लंड और भी मस्ती की गर्मी में जल उठा। मैं रीमाकी हील चाट रहा तो रीमा के तलवे का बाकी हिस्सा मेरे चेहरे पर था वह अपनी हील को गोल गोल घुमा कर मेरेमुँह मे घुसेड कर चुसवा रही थी जिससे उसका तलवा मेरे चेहरे को दबा रहा था उसमे से सैंडल की महक आ रहीथी। जो मुझे बहुत अच्छी लग रही थी। मुझे कुछ ऐसा अहसास हो रहा था कि वह मेरे चेहरे के उपर अपने पैर रखकर खडी है। मेरे अंदर बडी उमर की औरत की गुलामी करने के इच्छा बडी ही प्रबल थी और अपने को इस रूप मेंसोचना ही मेरे लिये अति उत्तेजना से भरपूर था।

रीमा खुद मेरे मुँह मे हील डाल कर काफी देर तक मुझसे चुसवाती रही जब वह संतुष्ट हो गयी तब उसने अपनी पैर की हील निकाली और तलवे के बीच के हिस्से को मेरे चेहरे पर रख दिया और बोली चाट बेटा अब मेरे तलवे को चाट। उसका दूसरा पैर अभी मेरे लंड को प्यार से सहला रहा था पर बीच में कभी कभी वह मेरे लंड को मेरी जाँघ और पैर के बीच मसल देती थी। वह मेरी इस स्थिति से बहुत ही प्रंसन्न थी और अपनी इन प्यार भरी हरकतो से ये मुझको जता रही थी। मैंने रीमा के तलवे के बीच के हिस्से को जीभ निकाल कर चाटना शुरु कर दिया जिस तरह से एक कुत्ता हड्डी चाटता है और मुझे तो अपने ये हड्डी जान से भी प्यारी थी। मैंने रीमा के तलवे के बीच के हिस्से को जोर जोर से चाटना शुरु कर दिया और रीमा अपना पैर घुमा घुमा कर अपना पैर मुझसे तलवा चटवा रही थी। रीमा मेरे मुँह पर पैर फिरा कर अपना तलवा चटवाती रही। अब वह फिर से उत्तेजित भी होने लगी थी और अपनी गोलम गोल मोटी चूचीयो पर अपनी उंगलियाँ फिरा कर अपनी मस्ती का इजहार कर रही थी। जब उसका मन भरा तभी उसने अपना पैर थोडा नीचे करके अपने तलवे का अगला हिस्सा मेरे मुँह के सामने कर दिया। ले बेटा अब इसको चाट बडा ही अच्छे से चाट रहा है तू ब्लू फिल्मो के देखा था की मर्द औरतो के पैर चाटते है हाय पर मुझे तो तू पहला ही मिला है न जाने कब से अपने दिल मे ये तमन्ना थी की कोई मेरे साथ भी ऐसा करे आज मिला है मुझे तो मैं इसका भरपूर मजा लूंगी बस मेरे लाल मेरी चूत के जने जैसा मैं कहती हूँ करता जा खुश कर दूंगी तुझे मैं आज देखना। मैंने रीमा के तलवे के अगले भाग को चाटना शुरु कर दिया।

पहले मैंने जीभ लगा कर उसके तलवे को चाटा और पैर और सैडल के चमडे की गंध का तो जैसे मैं दिवाना हो चला था। उसके पैर को पहले सूघंता और फिर चाटता मैंने अपने नाक घुसा कर उसका तलवा उंगलियो से मिलता था उस हिस्से मे भी जीभ घुसा कर चाटना शुरु कर दिया। शायद मेरा ऐसी चाटना रीमा को और भी अच्छा लगा पहले तो उसके मुँह से एक करहा निकली और फिर उसने अपने दूसरे पैर से मेरे नाडे से बंधे लंड को कर से मसल दिया मेरे शरीर में मस्ती भरा दर्द दौड गया। पर मैंने उसके तलवे को चाटना बंद नही किया और रीमा ने मस्ती मे चूर होकर कस के अपनी चूचीयो के घुडियाँ मसल दी। मैं उसके तलवे को कभी चूमता तो कभी चाटता और फिर उस पर अपनी नाक लगा कर उसको सूंघता। मैं तो जैसे उसके तलवे से मंत्र मुग्ध हो गया था। ओह मेरे राजा बेटे तुने को एक तलवा चाट कर ही मुझे फिर से गर्म कर दिया देख मेरी चूचीयो की घुंडी देख कैसी तन कर फिर खडी हो गयी है और मेरी चूत मे भी आग लगा दी है इन निगोडी चूचीयो ने। माँ तुम चिंता मत करो तुम्हारा जो भी मन हो बता देना मैं वैसे तुम्हारी गर्मी शांत कर दूंगा। हाय मेरे लाल तू तो हीरा है हीरा बेटा अब बहुत तलवा चाट लिया तूने अब तू मेरी उंगलियाँ चाट और देख उगलियो के बीच में भी पसीना छुपा होगा उसको भी चूस कर चाटना बेटा ठीक है। हाँ माँ मैंने उसकी उंगलियो को चूमना शुरु कर दिया और पहले नीचे से उसकी उंगलियाँ चूमी फिर उपर से फिर उसकी सबसे छोटी उंगली को मुँह मे भर लिया और चूसने लगा वस ऐसी थी जैसे अंगूर का दाना और मैं उस अंगूर के दाने से अंगूर का रस चूस रहा था।

मैंने उसकी उंगली चूस कर उसको गीला किया और फिर उसकी दो उंगली के बीच में जीभ घुसा कर उसको भी चाटा उसकी उंगलियो और उसकी बीच की गंध और भी तीखी थी जो मेरे नाक मे भर गयी पर इस तीखी गंघ ने मुझे और भी उत्तेजित किया। रीमा भी अब और उत्तेजित होती जा रही थी वह अपनी घुंडियाँ ही नंही मसल रही थी बल्की अपनी चूचीयो को जोर जोर से दबा रही थी जैसे वह उनको उखाड कर फेंक देगी। मैंने ऐसे ही एक एक करके उसकी सारी उंगलियो को चूसा और चाटा फिर उसके अंगूठे को भी अपने मुँह मे भर लिया और चूसने लगा मेरे लाल तूने तो अपनी माँ का दिल ले लिया आज क्या मजा दे रही है तेरी जीभ मेरे पैरो को चूस बेटा चूस अपनी माँ के पैरो को पी ले इसके रस को माँ मेरे लिये तो तुम्हारे पैरो का रस तुम्हारे चरणो का अमर्त है मेरी रूपवान कामवती माँ का प्रसाद है अपने बेटे को मैं तो जब तुम कहोगी तब इसका सेवन करूंगा। रीमा के अंगूठे को मैं ऐसे चूस रहा था कि जैसे लालीपॉप हो और मैं कोई छोटा बच्चा जिसको बडे दिनो बाद उसकी माँ ने लालीपॉप दी हो। मैंने अपनी लालीपॉप अच्छे से चूसी और चाटी फिर मैंने रीमा की उंगलियो के बीच अपनी जीभ फिर से फिरानी शुरु कर दी मेरा अपनी जीभ की नोक को रीमा की उंगलियो पर फिराना बहुत ही उत्तेजित करने वाला था और वह अपनी चूचीयो से खेल कर इसका इजहार कर रही थी। मैं खुद उस से चिपट कर उसकी चूचीयो का रस पीना चाहाता था पर उसका पसीना पीने के चाह उससे बडी थी।

बेटा अब मेरे सारी उंगलियाँ एक साथ चूस ऐसा कह कर उसने अपनी उंगलियो को थोडा सा मोडा और मुझे अपना मुँह पूरा खोलने को कहा जैसे ही मैंने अपना मुँह खोला रीमा ने अपना पैर मेरे मुँह मे घुसेड दिया उसकी उंगलियो के साथ साथ उसके पैर का थोडा हिस्सा भी मेरे मुँह मे समा गया। और मैं उसे अपनी जीभ घुमा घुमा कर चाटने लगा रीमा ने मुझे इस तरह अपना पैर मुँह मे लेकर चाटते देखा तो उसकी आँखो मे चमक आ गयी मैं उसकी आँखो मे देखते हुये उसके पैर को चूस रहा था रीमा ने अपनी उंगलियाँ मे अपना थूक लगा कर अपनी उंगलियाँ अपनी घुंडियो पर फिराने लगी उसकी घुंडियाँ मस्ती में तन कर एक दम कडी और लम्बी हो गयी थी। रीमा के अंदर मुझे इस रूप मे उसके पैर को चूसता हुया देख कर एक अलग ही भावना जाग उठी थी उसे लग रहा था जैस उसने मुझे अपने कंट्रोल मे ले लिया हो और कितने ही गंदे से गंदे काम वह मुझसे करवा सकती थी जो कि उसको यकिन था मैं बिना किसी विरोध के पूरा करूंगा ये बात उसकी आँखो मे साफ झलक रही थी। और ये बात गलत भी नंही थी मैंने रीमा ने चाट करते वक्त क्यी बार अपनी इस इच्छा को उजागर किया था।

फिर रीमा ने और जोर लगा कर और ज्यादा पैर मेरे मुँह मे घुसेड दिया जितना अधिक से अधिक पैर वह मेरे मुँह मे घुसा सकती थी उस सीमा तक उसने अपना पैर मेरे मुँह मे घुसा दिया। मेरा मुँह भी उसके पैर की वजह से पूरा चौडा हो गया और अब तो मुझे दर्द भी होने लगा था और वह दर्द मेरी आँखो से झलक रहा था। अब तो मैं ठंग से उसका पैर चूस भी नंही पा रहा था मेरे मुँह से लार निकल पर रीमा के पैरो और तलवो पर बहने लगी थी रीमा को भी इस बात का अहसास था वह मेरी लार को अपने पैर पर महसूस कर रही थी ओह बेटा रूक क्यों गया चूस बेटा चूस मेरे पैर देख कैसा सारा रस बर्बाद जा रहा है। ये कह कर रीमा ने अपने पैर को मेरे मुँह में अंदर बाहर करने लगी या यूं कहें की अपने पैर से मेरे मुँह को चोदने लगी जैसे मेरा मुँह चूत हो और उसका पैर लंड। आह बेटा मजा आ गया चूस न मेरे लाल चूसता क्यो नंही मैंने भी कोशिश करके जब रीमा बाहर पैर निकालती तो उसके पैर पर लगे रस को चूसने की कोशिश करता। रीमा थोडी देर तक इसी तरह मेरे मुँह को अपने पैर से चोदती रही और फिर रूक गयी बोली ले बेटा देख कितना रस जमा हो गया है मेरे पैर पर ले चाट कर पी ले अपनी घुंडियो पर अपनी उंगलियाँ फेरते हुये रीमा ने कहा। मैं पहले रीमा की उंगलियो पर लगी लार और थूक को पीया और फिर थोडा बहुत रस जो बह कर रीमा के तलवे पर चला गया था उसको भी चाट कर साफ किया। लो माँ मैंने तुम्हारे पैर पर लगा पसीना साफ कर दिया अरे मेरे बच्चे अभी कंहाँ अभी तो तूने मेरे तलवे ही चाटे है अभी पैरो के उपर का हिस्सा तो बाकि है उसको भी तो चाट देख मेरी टाँगो से बह कर सारा पसीना पैरो के उपरी हिस्से पर ही तो जा रहा है उसे भी तो पी ले मेरे लाल क्या तू ऐसे ही इस नशीले पसीने को बर्बाद होने देगा।

नंही माँ कभी भी नंही कह कर मैंने रीमा के पैर के उपरी हिस्से को भी चाटना शुरू कर दिया। मैंने तस्वीरो मे कई बार मर्दो को औरतो के पैर चाटते हुये देखा था उन तस्वीरो के देख कर मेरा लंड मस्त टन्ना जाता था और मन करता था काश मे होता उन मर्दो की जगह। और आज मेरा सपना पूरा हो रहा था। मैंने रीमा के पैर के उपरी हिस्से को भी चाट कर उसका पसीना पी लिया एक आध बूंद उसकी टाँग से फिसल कर पैर तक आयी जिसे मैं पी गया। रीमा ने अपना दूसरा पैर अभी मेरी जाँघ पर रखा था और समय समय पर मेरे लंड को अपने पैर से सहला रही थी और कभी जोर से मसल देती। जब मैंने उसका एक पैर पूरी तरह से साफ कर दिया तो बोली बडा प्यार करता है मेरा बेटा अपनी माँ को पसीने की एक भी बूंद नंही छोडी तूने अपनी माँ के चरण पर ले अब इस पैर को छोड और दूसरा पैर चाट अपना दूसरा पैर मेरे चेहरे के सामने करती हुयी रीमा ने कहा। मैंने झट से रीमा के पैर को अपने चेहरे पर रखा और उसको पहले सूघने लगा और फिर उस पैर के साथ भी वही किया जो पहले पैर के साथ किया था यहाँ तक रीमा ने भी इस पैर से मेरा मुँह चोदा और चोदते हुये बोली दोनो पैर को बराबर प्यार कर नंही तो एक पैर नाराज हो जायेगा समझा। मैंने भी दर्द सहते हुये दुसरे पैर को भी उतना ही प्यार किया रीमा की आँखो के चमक बता रही थी कि उसके दिमाग मैं न जाने और भी कितने विकृत खयाल चल रहे थे जिनको वह मेरे जैसे जवान मर्द के साथ पूरा करना चाहाती थी। मैंने दूसरे पैर की उंगलियो के बीच भी जीभ घुसा घुसा कर पसीना चाटा।

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