8 years ago#51
फिर अंकल ने देखते देखते, मेरी मम्मी की टॉप निकाल के ज़मीन पर गिरा दी.
मेरी मम्मी ने उस समय गुलाबी ही ब्रा पहन रखी थी.
उनकी ब्रा पारदर्शी थी और उनके निप्पल, लगभग 4-5 मीटर दूर से भी बिल्कुल खड़े दिख रहे थे.
मेरी मम्मी की ब्रा, बहुत टाइट थी.
अंकल ने हाथ पीछे करके, सबसे पहली मेरी मम्मी की ब्रा निकाल के उन्हें ऊपर से नंगा कर दिया.
अंकल ने तुरंत मेरी मम्मी को अपने सीने से चिपका लिया और और उनके माथे पर चूमा.
उसके बाद, कमर पर हाथ देके मेरी मम्मी को उठा के दीवार के पास ले गये और मम्मी के दोनों हाथ ऊपर करके पकड़ लिए और मेरी मम्मी के पहले होंठ पर चूमा.
फिर उनकी छाती के उभार चाटने लगे और मम्मी के निप्पल मुंह मे ले के चूसने लगे.
फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच की आवाज़ कमरे मे आने लगीं और साथ मे मेरी मम्मी की आ आहह आ आ अहह आ आहह आ अहह… की आवाज़ आने लगी.
मम्मी को अंकल से चुदे हुए, 3 4 दिन हो चुके थे शायद वो इसी लिए बेताब हो रही थीं और इस वासना मे अंकल का पूरा साथ रही थीं.
अंकल बारी बारी से, मेरी मम्मी के चुचे के दोनों निप्पल चूस रहे थे.
अंकल ने अब अपना मुंह ऊपर कर लिया और मेरी मम्मी के होंठ चूसते हुए कहा – महक, तुझे देख के मैं पागल हो जाता हूँ… अब मत तडपा और कुछ बोल ना, उस दिन की तरह…
मम्मी ने कहा – नहीं, अभी नहीं… तब तो बड़ा अपनी पत्नी से प्यार दिखा रहे थे, आप… उसी के पास जाइए ना…
अंकल ने कहा – मैं समझा नहीं… तू क्या कह रही है…
मम्मी ने कहा – मैंने देखा, आज जो प्यार आप अपनी बीवी से करते हैं…
अंकल तुरंत हट गये और उन्होंने कहा – देख, अब ये शुरू मत कर…
मम्मी ने कहा – क्या हुआ… ?? कुछ ग़लत कहा क्या, मैंने… ??
अंकल ने कहा – मैंने भी तुझसे कहा था ना, अपने बेटे से बता दे… तुमने बताया… ??
मम्मी ने कहा – नहीं…
अब अंकल ने कहा – क्यूँ… ?? मैं बताता हूँ क्यूंकि तुम भी नहीं चाहती, मैं और तुम अलग हो… तुम्हें डर है की तुम्हारा बेटा, कहीं तुम्हारे लीचड़ पति से ना बोल दे और हमारा ये खेल ख़तम हो जाए… फिर, तुझे साल मे कभी कभी, वो बोरियत भरी चुदाई करने का मौका ही मिले… है ना… ?? क्या तुम्हें कभी ऐसा लगा है की मैं तुमसे प्यार नहीं करता हूँ… ??
मम्मी ने कहा – मैंने ऐसा नहीं कहा है… जो आप, ये सब बातें कर रहे हैं…
अंकल बोले – तुमने ही मूड खराब कर दिया… मैंने तो जाने, क्या क्या सोचा था…
मेरी मम्मी, उनके सीने से जा के चिपक गई और कहा – अरे बाबा, आइ एम सॉरी… मेरा, वो मतलब नहीं था… मैं बस मज़ाक कर रही थी… चलिए, मैं आप को बताती हूँ… किस किस से और कैसे कैसे चुदी…
अंकल ने कहा – चल, ठीक है… छोड़ सब…
फिर कुछ देर वो अपने सीने से मम्मी को चिपकाए हुए, उन्हें प्यार करते रहे.
उसके बाद, उन्होंने मेरी मम्मी का स्कर्ट के बटन खोल दिया.
मेरी मम्मी की स्कर्ट नीचे गिर गई और मेरी मम्मी अब सिर्फ़ पैंटी मे थीं.
अंकल ने मेरी मम्मी को पीछे घुमा दिया और पीछे से पकड़ के उठा के दीवार के पास ले गये और और मेरी मम्मी की पैंटी जांघें तक खिसखा दी और गाण्ड पर हाथ रख के सहलाया और पीछे से उनके फुददी में अपनी उंगली घुसा दी और रगड़ने लगे.
मम्मी के मुंह से – आ आहह आ आहह आ आहह आ आहह… निकलने लगा.
अब अंकल ने पूछा – हाँ, मेरी जानू… अब बता, तेरी इस चुड़दकड़ चूत ने कितने बड़े, मोटे, लंबे लंड खाए हैं…
मम्मी सिसकारी भरती हुईं बोलीं – उनमह… 4…
ना जाने अंकल को क्या हुआ, उन्होंने बाल पकड़ के मम्मी को सीधा किया और खींच के एक तमाचा दिया.
मम्मी गिरते गिरते बची और हैरानी से, अंकल को देखने लगीं.
इससे पहले, मम्मी कुछ बोलती अंकल ने कहा – मुझे अपना लीचड़ पति, समझने की ग़लती मत करना छीनाल… बहन की लौड़ी, कभी कहती है 4 कभी 8 कभी 16… साली कुतिया, अपनी जिंदगी को खुली किताब की तरह तेरे सामने खोल के रख दिया, मैंने… ये भी बता दिया की अपनी ही माँ को चोद के मैंने अपनी नथ उतारी और तू साली, मुझे चूतिया समझती है… तेरा लोडू पति नहीं हूँ मैं समझी, माँ की लौड़ी… अगर सच बोलता हूँ तो सच ही सुनना पसंद करता हूँ…
मम्मी रोने लगी और बोलीं – ऐसा नहीं है… सच तो ये है की मैंने इनके और आपके सिवा, किसी से नहीं किया… वो तो आप एंजाय करें इसलिए मैं कुछ भी बोल रही थी…
अंकल ने खींच के एक और तमाचा दिया और मम्मी के बैग से उनका मोबाइल निकाल लिया.
8 years ago#52
फिर बोले – बहन की लौड़ी… ये सावित्री वाला नाटक तो करना मत… बड़ी भोली है तू, जो सिर्फ़ मेरे मज़े के लिए ये सब बोल रही थी… लगाऊँ अभी फोन, तेरे भाई को… (कुछ देर रुक के) चल उठ… चल अभी चल, डॉक्टर के पास… तेरे सारे टेस्ट करवाता हूँ… बस एक बात याद रखना, अगर तेरी बात झूठ हुई की तूने मेरे और अपने पति से सिवा किसी के साथ नहीं किया और सिर्फ़ मेरे एंजाय के लिए ये किया तो माँ चोद के रख दूँगा, तेरी… अगर, मैं तेरे प्यार में जान दे सकता हूँ तो तेरी जान ले भी सकता हूँ… चल उठ, अभी के अभी…
अंकल मम्मी का हाथ खींच के उन्हें उठाने लगे.
अब मम्मी, थोड़ी घबराई सी लगीं और रोते रोते बोलने लगीं – नहीं मुझे माफ़ कर दीजिए… ग़लती हो गई… आइ एम सॉरी…
अंकल ने उन्हें छोड़ दिया और थोड़ी देर, दूसरी तरफ मुँह करके खड़े हो गये.
फिर कुछ देर बाद, अंकल बोले – महक, मुझे माफ़ कर दे… पर क्या करूँ, मैंने अपनी जिंदगी को खुली किताब की तरह तेरे सामने रख दिया… तू ही सोच कोई बताएगा की उसने अपनी माँ को ही चोदा है… फिर तू क्यूँ मुझसे झूठ बोलती है… मुझे धोखा देती है…
अंकल ने मम्मी के आँसू पोछे और उन्हें गले से लगाया.
फिर कुछ देर बाद, वो बोले – चल, तू मुँह हाथ धो ले… मैं अपनी वाइफ को और लड़कों को देख के आता हूँ… क्या कर रहे हैं…
इधर मैं फ़ौरन दौड़ के गया और आंटी के रूम में घुस गया.
किस्मत से दरवाज़ा खुला हुआ था.
श्लोक मम्मी के बगल में ही सो गया था तभी अंकल अंदर घुसे.
मुझे खड़ा देख और श्लोक और आंटी को सोता देख वो बोले – तुम भी कुछ देर आराम कर लो, प्रणव… सो जाओ… फ्रेश हो जाओगे तो ज़्यादा मज़ा आएगा…
मैंने कहा – जी अंकल… मैं भी यही सोच रहा था…
अंकल – चलो, तुम लोग आराम करो… मैं थोड़े काम ख़तम करके आता हूँ…
और, वो चले गये.
जैसे ही, अंकल निकले मैं भी चुपके से निकल लिया.
जब मैं पहुँचा तो सब सामान्य हो चुका था.
अंकल और मम्मी (नंगी बैठ कर) बातें कर रहे थे.
मम्मी ने पूछा – प्रोटेक्शन है ना…
तो अंकल ने कहा – नहीं…
मम्मी ने कहा – साथ क्यों नहीं रखा…
अंकल ने कहा – तू कोई रंडी है क्या… ?? मेरी ही है ना… फिर क्यों रखू… और, फिर से मेरी मम्मी की फुददी रगड़ने लगे.
मम्मी – आ आहह आ आहह आ आहह… करने लगीं.
थोड़ी देर में ही, मेरी मम्मी की फुददी ने पानी छोड़ दिया.
अंकल की हथेली, मेरी मम्मी के पानी से गीली हो गई थी.
मुझे लगा, अभी कुछ देर पहले ही मम्मी अंकल से पीटी थीं और अब उनकी चूत ने, अंकल के लिए पानी छोड़ दिया था.
8 years ago#53
मम्मी अंकल के हाथ पर, अपना पानी निकाल चुकीं थीं। पीटने के सिर्फ़ 10 15 मिनिट बाद और अंकल ने उसी हाथ से मेरी मम्मी के नंगे चुत्तड़ पर खींच के पूरी ताक़त से 2 चाटें और मारे.
इस बार गुस्से में या चुदाई के जोश में, मुझे नहीं पता.
फिर वो सीधे हो के अपनी जीन्स निकालने लगे.
मम्मी ने तब तक अपनी पैंटी निकाल ली और अंकल के सामने, पूरी नंगी हो गई.
अंकल ने तब तक अपना जीन्स निकाल लिया था और अंडर वियर में और टी शर्ट में थे.
अंकल का लण्ड टन के खड़ा हो चुका था और मम्मी घुटनों के बल, ज़मीन पर बैठ गई और अंकल का अंडर वियर खींच के उनकी जांघों तक कर दिया.
अंकल का लण्ड, तन के खड़ा था.
मम्मी ने अपने हाथ मे, अंकल का लण्ड पकड़ा और सहलाने लगीं.
अब मेरी मम्मी ने अपनी जीभ बाहर निकाली और अंकल के लण्ड को नीचे से ऊपर तक, एक बार चाटा और धीरे धीरे अंकल का लण्ड चूसने लगीं.
मेरी मम्मी अपने एक हाथ से अंकल का लण्ड पकड़े हुए, उनका लण्ड मुंह मे ले के चूस रही थीं.
फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच की आवाज़ आने लगी.
मैंने देखा अंकल ने अपनी आँखें बंद कर ली थीं और आ अहह आ अहह आ आहह आ आहह आ अहह आ अहह… की सिसकारियाँ ले रहे थे.
मेरी मम्मी, एक हाथ अपनी फुददी पर रख के रगड़ने लगीं.
मेरी मम्मी की वासना भी इस समय, चरम पर थी.
अपने हाथ से अपनी फुददी रगडे जा रही थीं और अंकल का लण्ड, चूसे जा रही थीं.
अंकल लगातार, अपनी आँखें बंद किए हुए थे.
उन्हें मेरी मम्मी का लण्ड चूसना, बहुत पसंद था.
कुछ देर के बाद, मेरी मम्मी ने अपना मुंह उनके लण्ड से बाहर निकाल दिया.
वो पूरा थूक से भरा हुआ था और अंकल का लण्ड, मेरी मम्मी के थूक से पूरा गीला हो चुका था.
अंकल ने अब मेरी मम्मी के कंधे को पकड़ के खड़ा कर दिया और उनके होंठ चूमने लगे.
देखते देखते, उन्होंने मेरी मम्मी को घुमा दिया और पीछे खड़े हो गये और मेरी मम्मी को झुका के खड़ा करते हुए, उनकी फुददी मे अपना लण्ड घुसा दिया और कमर पकड़ते हुए, मेरी मम्मी को चोदने लगे.
अंकल अपना पूरा लण्ड, मेरी मम्मी के फुददी मे घुसा के अंदर बाहर कर रहे थे.
मेरी मम्मी आ आ आ आहह आ आहह आ आहह आ आ अहह… कर रही थीं.
अंकल ने कहा – धीरे आवाज़ कर… सब सुन लेंगे…
मम्मी ने कहा – साफ कहिए, आपको डर लग रहा है… आपकी वाइफ देख लेंगी…
अंकल ने कहा – हाँ, तू यही समझ… और कस कस के मेरी मम्मी को चोदने लगे.
मम्मी ने दर्द से हाथ पीछे किया और गाण्ड पर रख दिया.
अंकल ने मेरी मम्मी के दोनों हाथ पीछे कर के पकड़ा और कस कस के, धक्का मारते हुए मेरी मम्मी के फुददी मे अपना लण्ड डालने लगे.
मेरी मम्मी की सिसकारियों की चीख कमरे मे गूँज रही थी.
मेरी मम्मी के चुत्तड़, अंकल के धक्के से हिल रहे थे.
अब मम्मी बोली – आज कोई बात नहीं करनी…
अंकल – नहीं यार… आज थोड़ा मूड अलग हो गया… वैसे भी जल्दी जल्दी में, ऐसी चुदाई करने में मज़ा नहीं आएगा… फ़ुर्सत वाली चुदाई में, मज़े करेंगें…
मैंने जब सुबह, अंकल को मेरी मम्मी को ऊपर से नीचे देखते हुए देखा था तब ही मेरे मन में ये आ गया था की आज अंकल मेरी मम्मी पर फिर से अपना हवस निकालेंगे और यही हो रहा था.
8 years ago#54
अंकल लगातार, मेरी मम्मी को कुत्ते की तरह चोदे जा रहे थे.
बस आज उस दिन, जैसे बातें नहीं हो रही थीं.
ना अंकल की मम्मी की ना, मम्मी के चुदाई की.
कुछ देर बाद, अंकल रुक गये और उन्होंने मेरी मम्मी को चोदना बंद कर दिया.
मेरी मम्मी की चीखें भी बंद हो गई.
अंकल ने लण्ड, मेरी मम्मी के फुददी से बाहर निकाला और मेरी मम्मी के चुत्तड़ पर तमाचे बरसाने लगे.
मुझे ऐसा पता नहीं क्यूँ लग रहा था की आज अंकल, मम्मी को ज़्यादा और बहुत तेज़ पीट रहे थे.
तमाचे मारने के अंदाज़ से सॉफ था की वो वासना की जगह, गुस्से में मारे जा रहे हैं.
मुझे बाहर तक तमचो की गूँज सुनाई दे रही थी.
खैर, अपने दोनों हाथ से वो मेरी मम्मी की गाण्ड पर थप्पड़ मारते रहे.
जब तक की मेरी मम्मी के चुत्तड़, अंकल के हथेली के निशान से लाल नहीं हो गये.
मम्मी, कोई प्रतिरोध नहीं कर रही थीं.
बस उनकी – आ आ आ आ अहह… की आवाज़ें आती रही.
अंकल ने अब मम्मी को अपनी तरफ घुमाया.
मैने देखा, मेरी मम्मी की आँखों में अब आँसू थे.
अंकल ने कहा – क्या हुआ… ??
मम्मी ने कहा – कुछ नहीं… शायद, मुझे दर्द में देख के आपको आज खुशी मिल रही है…
अंकल ने कहा – नहीं… ऐसा कुछ नहीं… ज़्यादा तेज़ लगी क्या… और ये कह के मेरी मम्मी को अपने सीने से लगा लिया और माथे पर चूमने लगे.
मेरी मम्मी ने अपना हाथ, अंकल की गरदन पर पकड़ लिया.
अंकल ने मेरी मम्मी के होंठ चूमते हुए, मम्मी के चुत्तड़ को पकड़ के उठा लिया और अपने लण्ड के ऊपर नीचे करते हुए, मेरी मम्मी को फिर से चोदने लगे.
मेरी मम्मी लगातार, अंकल को चूमे जा रही थी और अंकल से चुदवा रही थीं.
मेरी मम्मी ने अपना पूरा जिस्म, अंकल के हवाले कर दिया था.
ठीक वैसे ही, जैसे एक रंडी हर हाल में अपने ग्राहक को खुश करती है.
जिसे अंकल, जिस तरह चाह रहे थे वैसे कर रहे थे.
अंकल लगातार, मेरी मम्मी को अपने लण्ड के ऊपर नीचे कर रहे थे.
मेरी मम्मी के चुचे, ऊपर नीचे हो रहे थे.
अंकल मे ताक़त बहुत थी.
वो बड़े आराम से, मेरी मम्मी को उठा लेते थे और उनकी चुदाई करते थे और शायद अंकल की इसी ताक़त भरी चुदाई की मेरी छीनाल मम्मी दीवानी हो गई थीं.
ठप ठप ठप ठप ठप ठप की आवाज़ से कमरा गूँज रहा था तभी एक आ आ अहह… की आवाज़ के साथ, अंकल शांत पड़ गये.
अभी अंकल ने मेरी मम्मी को नीचे नहीं उतारा था.
मैंने देखा, अंकल का वीर्य उनके लण्ड से होते हुए नीचे ज़मीन पर गिरने लगा.
अब अंकल, मेरी मम्मी के होंठ चूसने लगे.
अब उन्होंने मेरी मम्मी के चुत्तड़ से अपनी पकड़ ढीली कर दी और मेरी मम्मी नीचे उतर गई.
मेरी मम्मी और अंकल, दोनों के शरीर से पसीना निकल रहा था और साँसें तेज़ तेज़ चल रही थीं.
मम्मी झुक के नीचे बैठ गई और अपनी जीभ से अंकल के लण्ड पर लगे वीर्य को चाट के साफ किया और अपनी पैंटी उठा के अंकल का लण्ड साफ कर दिया और ज़मीन पर गिरा पूरा वीर्य पोंछ दिया.
उसके बाद, अंकल ने अपने कपड़े पहन लिए और जाने लगे.
मम्मी ने अंकल से कहा – बस हो गया… मेरी वैल्यू, बस इतनी है ना…
अंकल ने कहा – मतलब… ??
मम्मी चुप हो के दूसरे साइड जा के अपनी स्कर्ट पहनने लगी और बिना ब्रा पहने टॉप डाल लिया.
अंकल उनके पास गये और कहा – क्या बात है… ??
मम्मी ने कहा – आप भी जानते हैं, क्या बात है…
अंकल ने कहा – देखो, सीधे सीधे कहो… पता नहीं, आज तुम्हें हुआ क्या है… ??
मम्मी ने कहा – मेरी वैल्यू बस इतनी है… आप आए, मेरे साथ मज़े लिए, मेरी चूत चोदि और चले गये…
पहली बार, मैंने आम समय यानी जब चुदाई ना हो रही हो तब चूत सुना.
अंकल ने कहा – ऐसा क्यों कह रही हो… आख़िर बात क्या है, महक… ??
मम्मी ने कहा – और क्या… ?? मैं देख नहीं रही हूँ क्या… ?? जल्दी से किया और अपनी बीवी के पास जाने के लिए, बेताब हो गये…
अंकल ने कहा – ये सब तुम्हारी बकवास है, समझी… उसकी तबीयत खराब है…
मम्मी ने कहा – मैं सब जानती हूँ, बहाना है सब…
अंकल ने कहा – तुम अब बहुत ज़्यादा बोल रही हो… इंसानियत के नाते ही सोचो यार, उसकी तबीयत खराब है… अरे हाँ, लेकिन जो अपने ही भाई से अपने पति के घर में रहते हुए चुदती हो, उसमें इंसानियत कहाँ से होगी… लगता है, तुम्हारी तो आत्मा भी मर गई है… सॉफ सॉफ सुन लो, वो मेरी बीवी है और तुम… …
मम्मी की आँख से आँसू आ गये.
उन्होंने अंकल से कहा – हाँ, मैं समझ गई आप क्या कहना चाहते हैं… मैं दूसरी औरत… रखेल… हे ना…
अंकल ने कहा – जो सोचना है, सोचो… रो बैठ के… तुम जैसी औरतों का मैं क्या, कोई कुछ नहीं कर सकता… और अंकल निकल गये.
8 years ago#55
उस रूम में, मेरी मम्मी कुछ देर वही बैठ के रोती रही.
अंकल सीधा, आंटी के रूम में चले गये.
फिर मैं, वहां से चला गया.
शायद अंकल ने, श्लोक को जगा दिया था.
श्लोक बाहर आ गया, उसने मुझे देखा और बोला – कहाँ चला गया था… ??
मैंने कहा – नहीं, कहीं नहीं… यहीं था… तू तो सो गया था तो मैं इधर उधर घूम रहा था…
करीबन 1 घंटा, हम लोग बाहर थे.
फिर अंकल ने आवाज़ दी – बच्चों तैयार हो जाओ… हम लोग निकलेंगे, बाहर के लिए…
आंटी नहा के रेडी हो चुकी थीं और अब पहले से ठीक लग रही थीं.
मैंने दरवाज़े खटखटाया.
मम्मी ने दरवाज़ा खोला.
उन्होंने भी नहा के साड़ी पहन ली थीं.
फिर हम रिज़ॉर्ट से घूमने निकले.
मेरी मम्मी एकदम चुप थीं.
वो ऐसी लग रही थीं जैसे ज़बरदस्ती कोई उन्हें साथ लेके आया हो अपने साथ.
उसके बाद, हम लोग शाम को वापस अपने शहर के लिए लौट गये.
अंकल ने सबसे पहले, गाड़ी हमारे घर के सामने रोकी और हम लोग, गाड़ी से उतर गये.
जाते ही, मम्मी सो गई.
मम्मी का मूड, बहुत ऑफ था.
सुबह, मेरी मम्मी 7 बजे चाय लेके आई और मुझे उठाया.
मेरी मम्मी का मूड, अभी भी खराब था।
मैं चाह रहा था, इसी बहाने अंकल अब मेरे घर ना आए.
पूरे दिन ना अंकल का फोन आया, ना मेरी मम्मी ने उन्हें फोन किया.
रात मे, जब हम लोग खाना खा रहे थे, उस समय मम्मी के सेल पर रिंग बजने लगा.
मैंने देख लिया था, अंकल का फोन था क्यूंकि फोन मेरे सामने रखा हुआ था लेकिन मम्मी ने फोन साइलेंट कर के रख दिया.
उस समय उठाया नहीं, लेकिन अंकल बार बार फोन कर रहे थे.
खाना खाने के बाद, मेरी मम्मी अपने कमरे मे चली गई.
मैं जान रहा था, मेरी मम्मी अंकल का साथ छोड़ेगी नहीं क्यूंकि मेरी मम्मी अंकल के लिए, बेताब हो रही थीं.
आप जानते हैं की अंकल कितनी भी नौटंकी क्यूँ ना कर लें, मुझे ये डर था की अंकल के लिए मेरी मम्मी सिर्फ़ एक औरत थीं. जिनको वो सिर्फ़ चोद रहे थे और मुझे अब ये लग रहा था की अंकल भी मेरी मम्मी का वो हाल ना कर दे की मेरी मम्मी को अंकल के सब दोस्त मिल के खाए.
जो लोग, शुरू से ये कहानी पढ़ रहे हैं उन्हें ये पता होगा की कहानी की शुरूवात में अंकल के दोस्तों ने उनसे मेरी मम्मी को चोदने के लिए कहा था और अंकल ने थोड़ा वक़्त माँगा था.
खैर, मेरी मम्मी पूरी रांड़ थीं. एक दो का क्या, वो तो आधे शहर का खा जाएँ.
इधर, मैं दरवाज़े के पास जा के सुन रहा था.
फोन पर बात करने की तो आवाज़ आ रही थीं लेकिन, मुझे कुछ सुनाई नहीं दे रहा था इसीलिए मैंने वहां खड़ा रह के टाइम वेस्ट ना करने का सोचा और चुप चाप जाके सो गया.
अगले दिन, आम दिन का रुटीन चलता रहा.
उस दिन भी अंकल आए नहीं, मिलने के लिए.
ऐसे दो दिन बीत गये थे, इसका रीज़न एक ये भी था की मेरे स्कूल की छुट्टियाँ चल रही थीं शायद अंकल ये सोच के नहीं आ रहे होंगे.
बुधवार की रात में, मैंने मम्मी के मोबाइल पर अंकल का मैसेज देखा.
“कल 11 बजे…”
मैं जान रहा था, अंकल मेरी मम्मी को कहीं ले जाने का सोच रहे हैं और कसम से दोस्तो, मेरा सोचना बिल्कुल सही था.
मेरी मम्मी ने मुझे सुबह कहा – प्रणव, आज मैं सोनाली आंटी के साथ शॉपिंग करने जा रही हूँ… शाम तक वापस आ जाउंगी…
मैं क्या कहता.
मैंने कहा – हाँ, मम्मी ठीक है…
लेकिन मैं जानता था, मेरी मम्मी अंकल के साथ अपनी प्यास बुझाने जा रही थीं.
“छीनाल की चूत” इतनी बेइज़्ज़ती के बाद भी मचल रही थी.
अरे, मैं तो भूल ही गया छीनाल की इज़्ज़त होती कहाँ है.
मम्मी ने उस दिन, लाल रंग की साड़ी और ब्लाउज पहना था.
वो एक दम, मस्त लग रही थीं.
उनके उभार की गहराई, साफ झलक रही थीं.
ठीक 10:50 पर, मम्मी नीचे उतर गई.
मैंने दबे पाँव, नीचे तक गया.
वहां देखा, कुछ दूर पर अंकल ने अपनी कार खड़ी रखी थी.
मम्मी धीरे धीरे चलते हुए, जा के अंकल की कार मे बैठ गई और वो चले गये.
मैं ऊपर गया और जितनी जल्दी हो सकता था, स्कूटी की चाबी ले के नीचे आया.
मैं जानता था की मैं अंकल की कार की स्पीड को कभी मैच नहीं कर पाऊँगा.
लेकिन कहते है ना, जो लिखा रहता है वो हो ही जाता है.
शायद मैं गवाह बनने वाला था, मम्मी की पाप की आदलत में.
8 years ago#56
अंकल की गाड़ी मैंने ट्रॅफिक में देखी.
मैं धीरे धीरे, साथ चलता रहा.
पता नहीं क्या बात थी, जो उस दिन सड़कों पर इतनी भीड़ थी.
अंकल वहीं चले गये, जहाँ उन्होंने पहली बार मेरी मम्मी को पार्टी के बाद लेके गये थे.
वो उनके दोस्त का घर था.
अंकल ने गाड़ी रोकी और मेरी मम्मी को ले के घर मे चले गये.
अंकल के पास, पहले से उस घर की चाबी थी.
मुझे मालूम चल गया की उनके दोस्त ने, अंकल को चाभी दी है. उसी दिन की तरह.
अंकल ने दरवाज़ा बंद कर दिया.
मैं चुप चाप, पीछे से जा के देखने लगा.
मेरी मम्मी ने जाते ही, पहले अपना पर्स टेबल पर रख दिया.
अंकल ने पहले बेड रूम का दरवाज़ा बंद कर दिया और फिर अपना पर्स निकाल के टेबल पर मम्मी के पर्स के बगल मे रख दिया.
मम्मी जा के बिस्तर पर बैठ गई.
मम्मी ने अंकल से पूछा, उनके दोस्त के बारे में वो कहाँ है.
अंकल ने हंसते हुए कहा – क्या बात है… वो तुझे पसंद है क्या… जो उसके बारे में पूछ रही है… ??
मुझे कुछ अजीब लगा.
क्या मम्मी, अंकल के दोस्त से पहले भी मिल चुकी थीं.
वैसे ना जाने क्यूँ, मुझे लग रहा था की अब अंकल मम्मी को अपने दोस्त से भी चुदवाने वाले थे.
मम्मी ने, हंसते हुए कहा – नहीं, ऐसा नहीं है… घर मे कोई नहीं था और चाभी आपके पास थी इसी लिए पूछा…
अंकल ने कहा – आख़िर, दोस्त ही काम आते हैं, इन सब चीज़ो मे…
अंकल आ कर, बिस्तर पर बैठ गये.
वो मेरी मम्मी को, घूर घूर के देख रहे थे.
अंकल जा के मम्मी की गोद मे लेट गये और मेरी मम्मी बैठीं हुई थीं और अंकल के बाल सहला रही थीं.
अंकल ने कहा – महक, तुम जब भी कहती हो की मैं तुमसे प्यार नहीं करता हूँ… मुझे बहुत बुरा लगता है…
मम्मी ने कहा – मैंने उस दिन गुस्से में कह दिया था… मुझे नहीं कहना चाहिए था…
उसके बाद, वो झुक के अंकल का सिर चूमने लगीं.
चूमते चूमते, वो अंकल के लिप्स पे आ गई और धीरे धीरे अंकल के साथ लिप किस करने लगीं.
मम्मी को देख के लग रहा था की आज, उनमें “काम वासना” बहुत ज्यादा है.
अंकल ने अपना हाथ ऊपर करके मेरी मम्मी की गरदन को पकड़ लिया और दोनों एक दूसरे को लिप किस करने लगे.
फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच की आवाज़ आने लगीं.
मैं जान चुका था की मम्मी ने क्यों कहा की वो शाम को आएँगी क्यूंकि आज अंकल दिन भर, मेरी मम्मी के कमसिन और छीनाल बदन को मसलने वाले थे.
अंकल और मेरी मम्मी लगातार एक दूसरे के होंठ से चिपके, अपनी आग बुझा रहे थे.
अंकल ने, मेरी मम्मी से कहा – महक, तुझे ये बेड याद है ना… इसी बेड पर पहली बार मैंने तुझे अपना बनाया था…
मम्मी ने कहा – हाँ याद है… उस दिन आप मुझे चोदना चाहते थे और आज मैं मचल रही हूँ, आपका लंड अपनी प्यासी चूत में लेने के लिए… चोद डालिए आज मुझे, किसी बाजारू रांड़ की तरह…
अंकल ने कहा – क्या हुआ, महक… तू आम तौर पर ऐसी बात नहीं करती…
मम्मी – आपको पसंद है ना… ?? और क्या क्या पसंद है आपको, बताइए ना… ??
अंकल – तेरे मुँह से गाली सुनना और भी बहुत कुछ… …
मम्मी – अब क्यूँ कुछ सोच रहे हैं… आज आपको जो पसंद है, वही होगा… बताइए सब… क्या क्या पसंद है… ??
अंकल – देख महक, वैसे पसंद तो तेरे से, तेरी चुदाई की बातें करना भी है पर जब तू झूठ बोलती है तो उस दिन की तरह, दिमाग़ खराब हो जाता है… तू जानती है, मैंने अपनी जिंदगी खुली किताब की तरह तेरे सामने रख दी है और… …
मम्मी (बीच में ही) – उस दिन की छोड़िए… मैं उस दिन के लिए, आपसे माफी माँग तो चुकी हूँ… अब आपको जो सुनना है, आप वही सुनेंगें…
अंकल – अरे वाह!! मेरी रानी… सच बात तो ये है महक, उस रात भी इतनी ही हसीन थीं और आज भी तुम्हें जितना देखता हूँ, उतनी हसीन नज़र आती हो… बस, हर बार चुदाई में मज़ा बढ़ता गया… महक, उस दिन के लिए मैं भी तुझसे माफी माँगना चाहता हूँ… मुझे तुझ पर हाथ नहीं उठाना चाहिए था… पर ग़लती तेरी भी थी… अगर तेरी तबीयत खराब हो और मैं तुझ पर ध्यान ना दूं तो क्या तुझे बुरा नहीं लगेगा… तू मेरी जान है महक, रखेल नहीं… फिर कभी, ये बात दिल में मत लाना… और फिर उठ के बैठ गये और अपनी शर्ट निकाल के, बिस्तर के कोने पर रख दिया.
8 years ago#57
अंकल ने मेरी मम्मी के कंधे को पकड़ते हुए मेरी मम्मी को बिस्तर पर लिटा दिया और उनके बगल मे लेट गये.
फिर, वो बोले – महक, एक बात बता…
मम्मी – जी… पूछिए, आज आप को जो पूछना है…
अंकल – तूने कभी, दो के साथ किया है…
कुछ देर, मेरी मम्मी चुप रहीं और यहाँ मेरी धड़कन भी बढ़ गई.
क्या मम्मी, सच बोलेंगी और अंकल आज चुदाई के पहले ही इतने बिंदास होकर, मम्मी से ये सब क्यूँ पूछ रहे हैं.
क्या आज अंकल का विचार, उन्हें अपने दोस्त से चुदवाने का भी तो नहीं है.
कुछ सोचने के बाद, मम्मी बोलीं – हाँ…
सॉफ लगा की अंकल को एक कपकपी सी छूट गई.
वो बोले – बता ना महक कैसे, कब, कहाँ… ?? दोनों बॉय फ्रेंड तो नहीं होगे… कौन थे… बता ना, महक… ??
अंकल, बहुत बेसब्र लग रहे थे.
उन्होंने अपने लंड को एक हाथ से पकड़ लिया था और पैंट के उपर से, बहुत ज़ोर ज़ोर से दबा रहे थे.
मम्मी ने कहा – सब बता दूँगी, आज… पहले चोदिये तो…
अंकल – नहीं ना, महक… चोदते वक़्त, ऐसी बात करने से बहुत जल्दी निकल जाता है… बता ना महक, तुझे मेरी कसम, तेरे पिल्ले की कसम… तूने मुझसे वादा किया है…
मम्मी चाहती तो झूठ बोल सकती थीं.
भले ही अंकल, मम्मी को दुबारा डॉक्टर के पास ले जाने की धमकी देते पर कोई टेस्ट, ये नहीं बता सकता की एक साथ कितने लंड लिए थे.
पर मम्मी ने झूठ नहीं बोला.
उनमें सच बोलने की हिम्मत थी पर अंकल के लिए.
खैर…
मम्मी बोलीं – शादी से पहले, एक बार थोड़ी सी शोपिंग के लिए…
अंकल – आह माह… महक… तूने धंधा किया था… बता ना, महक… कहाँ चुदि थी… कार में या किसी होटेल में गयी थी या क्लाइंट के घर…
मम्मी – अपने घर में…
अंकल ने बहुत ज़ोर से अपने लंड को भींच लिया.
मुझे ऐसा महसूस हुआ की अंकल का इतने में ही निकल गया है.
फिर अंकल थोड़े शांत हो गये.
मम्मी ने पूछा – क्या हुआ… ??
अंकल – कुछ नहीं रे… तू तो मुझे मार ही डालेगी…
मुझे अंकल पर थोड़ा गुस्सा आया, इतनी जल्दी निकालने पर.
फिर अंकल ने मेरी मम्मी के सिर के नीचे तकिया रख दिया और मेरी मम्मी के चेहरे पर जो लट थी, उसे पीछे करते हुए उनके गाल सहलाने लगे और माथे पर चूमा.
फिर धीरे धीरे, मेरी मम्मी के होंठों को चूसने लगे.
मेरी मम्मी ने अपना हाथ आगे कर के, अंकल के सिर को पकड़ लिया और अंकल का साथ देने लगीं.
अंकल फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच करके मेरी मम्मी के होंठ चूसने लगे.
अंकल ने धीरे से, एक हाथ नीचे करके ब्लाउज के ऊपर से मेरी मम्मी का चुचे पकड़ लिया और मम्मी के होंठ चूसते हुए मम्मी के स्तन को मसलने लगे.
मम्मी धीरे धीरे बेताब हो के, अपनी टांगें इधर उधर फेंकने लगीं.
अंकल बीच बीच मे, मेरी मम्मी के पेट को अपने हाथ से सहला रहे थे और उनकी नाभियों मे हरकत कर रहे थे.
मुझे यकीन था, उनका अभी दुबारा खड़ा नहीं हुआ था.
क्यूंकी मम्मी पर वासना और बेताबी सॉफ दिख रही थी पर अंकल ने अभी बात करना शुरू नहीं किया था.
सच बात तो ये है दोस्तो, ये जानने के बाद भी की मेरी मम्मी एक छीनाल भी थीं और पैसे के लिए भी धंधा कर चुकीं थी, वो भी अपने मायके में, मेरा लंड भी तन गया था.
खैर, अंकल ने देखते देखते, मेरी मम्मी के ब्लाउज के सारे बटन को खोल दिया और उनके चुचे ब्रा के ऊपर से दिखने लगे.
आज पहली बार, मेरा मन हुआ की उन्हें मसल डालूं, बुरी तरह से नोच डालूं, मुँह में डाल के काट लूँ…
अपनी मां की मां चोद डालूं पर…
8 years ago#58
अंकल ने मम्मी को चूमते हुए उनके गले को चूमने लगे और बीच बीच मे अपना मुंह मेरी मम्मी के छाती के ऊपर रख के रगड़ दे रहे रहे थे.
मेरी मम्मी की धीमी धीमी – आ आ आहह… आ आ आहह… ओफ फ फ फफ्फ़… आ आ आहह… की सिसकारियाँ, मेरे कानों मे आ रही थी.
अंकल ने अब मेरी मम्मी का ब्लाउज निकाल के बिस्तर के नीचे फेंक दिया और उसके बाद हाथ पीछे करके, मेरी मम्मी के ब्रा के हुक खोल के आगे से खींच के निकाल के ऊपर से मेरी मम्मी को नंगा कर दिया.
मेरी मम्मी के मम्मे पर, ब्रा के दाग छपे हुए थे.
अब शायद अंकल का, दुबारा तन चुका था.
अंकल ने मेरी मम्मी के एक चुचे को पकड़ा और निप्पल को अपने मुंह मे ले लिया और मेरी मम्मी के निप्पल, धीरे धीरे चूसने लगे.
मेरी मम्मी लगातार – आ अहह आ अहह आ अहह आह ह आ अहह आ अहह आ आहह ऊऊ ओफ फ्फ़ ऊओफ फ फफ्फ़ ओफ फफ्फ़… की सिसकारियाँ ले रही थीं.
मम्मी बोलीं – अब क्या हुआ, आपको… आज करिए ना, जो बात करनी है… पूछिए, जो पूछना है… सब बताती हूँ…
अंकल – लगता है, मेरे पूछने से ज़्यादा तुझे बताने में मज़ा आ रहा था, मेरी जान…
मम्मी – हाँ आ ह ह ह ह ह हह…
अंकल – महक, क्या मैं जो चाहूं बोल सकता हूँ… तू सच में, किसी बात से नाराज़ नहीं होगी…
मम्मी – इयाः आ ह आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ… बोल ना मा दार चोद स स स स स स स स स स…
अंकल – मैं तुझे अपने सामने चुदते हुए, देखना चाहता हूँ…
मम्मी – आँह स स स स स… बहन के लौड़े, तो चुदवा ना, अपनी छीनाल को… तेरी मां का भोसड़ा… गाली दे मुझे… बोल मुझे रंडी… ला मेरे लिए, लंड… मां की चूत ह ह ह ह ह स स स स स… बोल ना गान्डू… और गंदा बोल…
मुझे समझ आ गया की आज मम्मी, अपना “कंट्रोल” खो चुकी हैं.
अंकल – तो सुन साली, छीनाल… तेरी मां की चूत, बहन की लौड़ी… मैं तुझे किसी और के सामने, नंगा करना चाहता हूँ… तेरी चूत के अंदर, लंड जाते हुए देखना चाहता हूँ… बोल ना, अपने भाई से अपने साथ करने के लिए… मैं तुझे उसके सामने नंगा करूँगा… वो तेरी चूत चोदेगा… मैं तेरी गांड चोदुगा…
मम्मी ने अब ज़ोर की सिसकारी भरी और अपनी कमर उठा के, अपनी चूत को पकड़ लिया.
कुछ देर, उनकी टाँगें हिली और वो शांत हो गयीं.
अंकल और मैं समझ गये, मम्मी झड़ चुकीं हैं.
अब अंकल, मेरी मम्मी को दुबारा गरम करने के लिए अपनी जीभ मेरी मम्मी के निप्पल के गोल गोल घुमाने लगे.
मेरी मम्मी ने तुरंत उनके बाल पकड़ लिए और लगभग तुरंत ही, अंकल के साथ वासना का मज़ा ले रही थीं.
शायद, औरत और मर्द में यही फ़र्क है.
अंकल ने अब, मेरी मम्मी की बाई चुचे को पकड़ा और चूसने लगे.
बातें अब फिर से, रुक चुकी थीं.
लेकिन, कभी दाएँ कभी बाएं अंकल लगातार, मेरी मम्मी के चुचे को चूस रहे थे.
कमरे मे ह्म्म्म्म मम ह्म्म्म्म म ह्म ह्म फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच और मेरी मम्मी के आ आह ह आ आ अहह की आवाज़े आने लगीं थीं.
बिना नीचे से नंगे तक हुए, आज शायद पहली बार दोनों ने छोड़ा था.
खैर, अंकल इस दौरान मेरी मम्मी के पेट को सहला रहे थे.
उन्होंने हाथ नीचे करते हुए, मेरी मम्मी के साड़ी का जोड़ खोल दिया.
मेरी मम्मी ने थोड़ा कमर को उठाया और अंकल ने, मेरी मम्मी की साड़ी निकाल के बिस्तर के नीचे फेंक दी.
अब मेरी मम्मी, पेटीकोट मे थीं.
अंकल ने देर ना करते हुए, मेरी मम्मी के पेटीकोट का नाडा खोल दिया और अपना हाथ मेरी मम्मी की पैंटी के अंदर घुसा के, अंदर हरकत करने लगे.
मैं जान रहा था, अंकल मेरी मम्मी की फुददी मे हलचल कर रहे है क्यूंकि मेरी मम्मी बीच बीच मे, अपना चुत्तड़ ऊपर कर ले रही थीं.
अंकल लगातार, अपना हाथ नीचे ज़ोर ज़ोर से हिला रहे थे और ऊपर मेरी मम्मी के मम्मे चूस रहे थे.
वासना और बेशर्मी, फिर से अपना नंगा नाच खेलने को तैयार थी.
मुझे पूरी उम्मीद थी, जल्दी ही मम्मी अपने रंडीपने के किस्से सुनाने को तैयार थीं.
8 years ago#59
अंकल अब, मेरी मम्मी के अंगों के साथ खेल रहे थे और इस खेल मे, मेरी मम्मी अंकल का बराबर साथ दे रही थीं.
अंकल अब, उठ के बैठ गये.
उन्होंने मेरी मम्मी की पेटीकोट को खींच के, उनके बदन से निकाल दिया और साड़ी के बगल मे गिरा दिया और मेरी मम्मी के जांघों को पकड़ के फैला दिया.
मैंने देखा, मेरी मम्मी ने लाल जालीदार पैंटी पहन रखी थीं और चूत के हिस्से पर पानी लगा हुआ था.
पैंटी इतनी गीली थी की चूत के हिस्से से, पूरी अंदर घुसी हुई थी.
इतना असर था, “अश्लील बातों” का की बिना कपड़े उतारे, दोनों की रस धार बह रही थी.
अंकल मेरी मम्मी की फुददी को पैंटी के ऊपर से ठीक वैसे ही देख रहे थे, जैसे एक जानवर, अपने शिकार को देखता है.
कुछ देर देखने के बाद, वो लेट के अपनी जीभ से मेरी मम्मी की पैंटी को फुददी के ऊपर से चाटने लगे.
अंकल की आँखों से, हरकत से, सब से वासना सॉफ झलक रही थी.
कुछ देर चूत चाटने के बाद, उसे रगड़ते हुए अंकल बोले – महक, तूने तो दो से चुदवाने के नाम से ही छोड़ दिया था… सही में चुदि थी, तब क्या हुआ था… बता ना, महक…
मम्मी तो आज थी ही बिंदास, पहले की ही तरह गाली निकालते हुए बोली – माँ के लौड़े, तेरी अम्मा का भोसड़ा… गाण्ड फटी हुई थी, जब पहली बार दो से चुदि थी… दोनों ने, कुतिया की तरह चोदा… तू रहम करता है, क्या मुझ पर अकेला… दो लंड फिर क्या लौड़ा, रहम करेगें… गान्डू… एक ने नीचे लेट कर चूत में पेल दिया था और दूसरा ऊपर चढ़ कर, गाण्ड चोद रहा था… मां चुद रही थी, मेरी…
अंकल का हाथ, इस दौरान मम्मी की चूत को ऐसे रगड़ रहा था जैसे उनके हाथ में कोई मशीन लगी हो और वो तेज़ी से, आगे पीछे हो रही हो…
अंकल भी ज़ोर ज़ोर की सिसकारियाँ भर रहे थे और फिर, वो बोले – माँ की चूत तेरी, महक… तेरी बहन का भोसड़ा…. रंडी बनने के लिए ही पैदा हुई है तू… साली मां की लौड़ी, तू तो कह रही थी तूने अपने घर में ही चुदवाया था… तेरे घर वाले, कहाँ मां चुदा रहे थे तब…
मम्मी – गान्डू, तेरी गाण्ड में दम नहीं होगा सुनने का…
अंकल – माँ की चूत तेरी, छीनाल… मैं जानता हूँ, तू कितनी बड़ी रंडी है… अपने बाप से चुदि है अगर ये भी बोले तो भी मैं मान लूँ…
मम्मी – गाण्ड के छेद, तू भी तो अपनी मां चोद के बैठा है… सुन सकता है तो सुन मेरी माँ लेकर आई थी, मेरे ग्राहक…
अंकल – महक, तेरी मां की चूत… ये तो सच नहीं हो सकता…
मम्मी ने ज़ोर की सिसकारी भरी और अंकल के हाथ को अपनी चूत पर भींच लिया…
मम्मी – सच है… खूब चुदवाया मेरी माँ ने मुझे, मेरे बाप के बिस्तर पकड़ने के बाद… आ आ ह ह ह ह ह…
और मम्मी ने बहुत ज़ोर से पानी छोड दिया…
उनका इतना पानी निकला की मैंने उनकी जांघों तक पर बहते देखा.
इसके बाद भी, मम्मी से काबू नहीं हुआ.
वो उठी, अंकल को पटका और अपनी पैंटी किनारे करके, अंकल के मुँह में बेहद तेज़ धार मारने लगी.
पहले अंकल ने थोड़ा मुँह इधर उधर किया, फिर वो भी बड़े मज़े से मम्मी का “मूत पान” करने लगे.
मम्मी की मूत की गंध उस दिन इतनी तेज़ थी की मुझे बाहर तक जली जली सी, गंध आ रही थी.
8 years ago#60
अंकल ने अब मेरी मम्मी की जांघों को कस के पकड़ लिया था और फैलाए हुए थे.
मम्मी अपने दाँत से, अपने होंठ दबाए हुए अंकल के बाल नोचने लगीं.
अंकल जिस तरह से, मेरी मम्मी की पैंटी को फुददी के ऊपर से चाट रहे थे, ऐसा लगा रहा था जैसे, आज अंकल मेरी मम्मी की फुददी और उनकी जालीदार पैंटी खा जाएँगे.
मम्मी ने पैंटी साइड में करके मुता था तो उनकी जांघों में और पैंटी में मूत लगी थी.
मेरी मम्मी की पैंटी को, अंकल ने और गीला कर दिया था.
अंकल, मम्मी की मूत वाली चूत चाट रहे थे.
मम्मी ने कहा – अब बर्दाशत नहीं हो रहा है, मुझसे… बहुत ज़्यादा आग लगा दी, आपने… मुझसे तो मेरे रंडीपने के किस्से बहुत सुन लिए… लेकिन आपके और आपकी माँ की चुदाई की कहानी, अभी भी अधूरी है… आग लगी हुई है, मेरी चूत में… चोदिये ना, अब प्लीज़…
अंकल ने कहा – जानू, इसी लिए तो तुझे यहाँ लाया हूँ, आज तेरी आग को शांत करूँगा… पूरी चुदाई सुनाता हूँ, जानू… लेकिन पहले ज़रा एक मिनिट, मेरी जान…
अंकल उठे और मम्मी के चेहरे के पीछे खड़े हो गये और अपने लंड को पकड़ लिया.
कुछ देर में, उनके लंड से मूत की धार निकल पड़ी.
मम्मी ने भी तुरंत मुँह खोल लिया और गटा गट अंकल की मूत पीने लगी.
उफ्फ !! नंगा नाच हो रहा था “अश्लीलता और वासना” का.. ..
अंकल ने पूरी धार मारी और फिर एक ही झटके मे, मेरी मम्मी की पैंटी खींच के निकाल दिया और अपनी पैंट निकाल के अंडर वियर उतार के नंगे हो गये.
अब अंकल और मेरी मम्मी, पूरी तरह नंगे थे.
बिस्तर पर, अंकल का लण्ड पूरा खड़ा हुआ था.
“एक दम टाइट.”
मम्मी बिस्तर पर बैठ गई और अंकल आगे होकर, घुटनों के बल आ गये.
अंकल का लण्ड, मेरी मम्मी के मुंह के सामने था.
अंकल ने, मेरी मम्मी के मुंह पर उनके बाल पकड़ते हुए अपना पूरा लण्ड मेरी मम्मी के मुंह में घुसा दिया और उनसे अपना लण्ड चुसवाने लगे.
मम्मी फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच करके अंकल का पूरा लण्ड अपने मुंह के अंदर बाहर करने लगीं.
अंकल ने, अपनी आँखें बंद कर ली थीं.
वो बड़े इत्मीनान से, मेरी मम्मी से अपना पूरा लण्ड चूसवाते थे.
अंकल ने कहा – एक मिनट रुक…
मम्मी ने मुंह से, अंकल का लण्ड निकाल लिया.
अंकल उतर के गये और अपने पर्स में से कॉन्डम ले के आए और साथ मे अपना मोबाइल भी और फिर से, मेरी मम्मी के मुंह मे लण्ड घुसा दिया.
मैंने देखा, अंकल ने बड़ी चालाकी से अपने मोबाइल को उस तरफ कर लिया था.
मेरी मम्मी, लण्ड चूसने मे मस्त थीं.
तभी अचनाक, मेरी मम्मी ने ऊपर देखा और कहा – ये क्या कर रहे है, आप… ??
अंकल ने कहा – क्या हुआ, महक… ??
मम्मी ने कहा – आप वीडियो बना रहे हैं…
अंकल ने कहा – तो क्या हुआ… ??
मम्मी ने कहा – ये ग़लत है…
अंकल ने कहा – तुम्हें क्या लगता है… मैं किसी को दिखा दूँगा… अरे, ये मैं अपने लिए ले रहा हूँ… तेरी याद जब आएगी, इसे देख लूँगा ना… कुछ नहीं तो मूठ ही मार लूँगा…
मम्मी, अब बहुत नाराज़ सी लगने लगी थीं.
अंकल ने कहा – मुझ पर विश्वास रख, महक…
अंकल ने फिर, मेरी मम्मी के बाल पकड़े और अपना लण्ड मेरी मम्मी के मुंह मे घुसा दिया और अंदर बाहर करने लगे.
कुछ देर तक, ऐसा ही चलता रहा.
सॉफ दिख रहा था की मम्मी को, अब उतना मज़ा नहीं आ रहा.
उसके बाद, अंकल ने मोबाइल को टेबल पर रख दिया लेकिन मैंने देखा अंकल के मोबाइल का कैमरा इसी तरफ था.
मेरी मम्मी, टांग फैला के बिस्तर पर लेट गई.
अंकल आए और उन्होंने एक तकिया लिया और मेरी मम्मी के कमर के नीचे रख दिया और अपने हाथों से मेरी मम्मी की जांघें फैला के, अपने लण्ड का टोपा मेरी मम्मी के फुददी के ऊपर रख दिया.
उनका लण्ड, नीचे सरक के आ गया.
मम्मी ने, अपना हाथ आगे किया और अंकल का लण्ड पकड़ के अपनी फुददी मे घुसा लिया.
अंकल का टोपा, मेरी मम्मी की फुददी के अंदर था.
अंकल ने कमर आगे की और मेरी मम्मी के मुंह से – आ आ आ अहह निकल गई.
मैंने देखा, अंकल का आधा लण्ड मेरी मम्मी के फुददी मे चला गया था.
अब अंकल बोले – साली रांड़, किससे चुदवा रही है…
मम्मी ने एकदम से उचक के बोला – क्या बक रहे हैं, आप… ??
अंकल – साली छीनाल, चूतिया नहीं हूँ मैं… अच्छे से जानता हूँ, तेरी चूत कितने दिन में कितनी कसाती है… फट से, घुस गया लंड अंदर… तेरा पति तो है नहीं और मैंने तो उस दिन से तुझे चोदा नहीं…
मम्मी – आप मुझ पर, शक कर रहे हैं…
अंकल – नहीं, यकीन से कह रहा हूँ… घाट घाट का पानी पिया है, मैंने… औरत के बदन को, उससे ज़्यादा जानता हूँ… समझी… अब बता किससे चुदि…
मम्मी – यकीन कीजिए, किसी से नहीं…